बेरोजगार युवको को जापान में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना 2022

पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवकों से आवेदन 31 जनवरी तक आमंत्रित...

बेरोजगार युवको को जापान में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना 2022

शिवपुरी l  पिछडा वर्ग के बेरोजगार युवको को जापान में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना 2022 अन्तर्गत शिवपुरी जिले के निवासरत पिछडा वर्ग के आई.टी.आई. एवं पॉलिटेक्निक डिप्लोमा उत्तीर्ण बेरोजगार युवाओं से आवेदन आमंत्रित किये जाते है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी निर्धारित की गई है।

पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के सहायक संचालक ने बताया कि पिछडा वर्ग के बेरोजगार युवको को जापान में रोजगार उपलब्ध कराने की योजना 2022 की विस्तृत जानकारी एवं आवेदन विभाग की वेवसाईट www.bcwelfare.mp.nic.in पर उपलब्ध भी। योजना की अधिक जानकारी के लिये कार्यालय कलेक्टर (पिछडा वर्ग अल्पसंख्यक कल्याण विभाग) कलेक्ट्रेट परिसर में सम्पर्क किया जा सकता है।

पटवारी समेत समूह-2 एवं उप समूह-4 के 9073 पदों पर होगी भर्ती

मप्र कर्मचारी चयन मंडल ने फिर से ग्रुप 2 (सब ग्रुप 4) में 2,318 पदों की...

पटवारी समेत समूह-2 एवं उप समूह-4 के 9073 पदों पर होगी भर्ती

भोपाल। मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल की पटवारी एवं ग्रुप-2 सब ग्रुप -4 के 9073 पदों पर भर्ती के लिए आवेदन प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है।इसमें पटवारी के 6755 पद हैं। पटवारी के रिक्त पदों में 2113 पद अनारक्षित हैं। 569 ईडब्ल्यूएस, 868 एससी, 1738 एसटी और 1518 ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित हैं।इसमेें उपसमूह-4 सहायक अग्निशमन अधिकारी एवं समकक्ष पदों की सीधी एवं बैकलाग भर्ती और भू-अभिलेख, राजस्व विभाग के अंतर्गत पटवारी पद के लिए संयुक्त परीक्षा आयोजित की जाएगी। 

इससे पहले अभी तक पटवारी समेत कुल 7983 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। फिर से 2,318 पदों पर वृद्धि की गई है। यह भर्ती ग्रुप 2(सब ग्रुप 4) के तहत निकाली गई है।इसकी अंतिम तिथि 19 जनवरी निर्धारित की गई है। परीक्षा 15 मार्च से शुरू होगी। अभ्यर्थी ध्यान रखें कि वे अलग-अलग पदों के लिए एक ही आवेदन करें। उन्हें विभिन्न पदों के लिए अलग-अलग आवेदन करने की जरूरत नहीं है। आवदेन पत्र में उन्हें पदों को वरीयता देनी होगी।उम्मीदवार 19 जनवरी तक आनलाइन आवेदन कर सकते हैं। 24 जनवरी तक आवेदन में त्रुटि सुधार कर सकते हैं।यह परीक्षा 15 मार्च से दो पाली में आयोजित की जाएगी।

पटवारी पद के लिए योग्यता

किसी भी विषय में ग्रेजुएशन पटवारी चयन के लिए सीपीसीटी स्कोर कार्ड व हिंदी टाइपिंग एवं कंप्यूटर दक्षता सहित पास होना अनिवार्य है। हालांकि ष्टक्कष्टT पास न होने पर चयनित अभ्यर्थी को सीपीसीटी परीक्षा नियुक्ति के बाद प्रोबेशन पीरियड तीन वर्ष के अंदर पास करना अनिवार्य होगा वरना नियुक्ति रद कर दी जाएगी

दो चरणों में परीक्षा होगी

यह परीक्षा दो चरणों में होगी पहला चरण का समय सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक रहेगा। दूसरे चरण का समय दोपहर 2.30 से शाम 5.30 बजे तक रहेगा। यह परीक्षा भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, उज्जैन, रतलाम, सतना, खंडवा, नीमच, मंदसौर, सीधी, रीवा, सागर में आयोजित की जाएगी ।

परीक्षा का सिलेबस

लिखित परीक्षा 200 अंकों की होगी। 100 अंकों के पेपर में सामान्य विज्ञान, सामान्य हिन्दी, सामान्य अंग्रेजी, सामान्य गणित के प्रश्न पूछे जाएंगे। दूसरे 100 अंक के पेपर में सामान्य ज्ञान और अभिरूचि, सामान्य कंप्यूटर ज्ञान, सामान्य तार्किक योग्यता और सामान्य प्रबंधन से प्रश्न पूछे जाएंगे।

यह होगी पात्रता

  • परीक्षा के लिए आयु 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए। वहीं एससी, एसटी, ओबीसी को अधिकतम आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट मिलेगी।
  • कोविड के कारण दिसंबर 2023 तक अधिकतम आयु सीमा में अभ्यर्थियों को तीन वर्ष की छूट दी गई है।
  • आयु की गणना 1 जनवरी 2023 से की जाएगी

शिवराज सरकार की इस योजना से मिलेंगे 50 लाख

शुरू करना चाहते हैं खुद का बिजनेस तो...

शिवराज सरकार की इस योजना से मिलेंगे 50 लाख

यदि आप अपना खुद का व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं, तो आपको शिवराज सरकार की संत रविदास स्वराज रोजगार योजना से लोग मिल जाएगा.जिसकी मदद से आप अपना खुद का बिजनेस शुरू कर सकते हैं आप जानते हैं कि भारत की जनसंख्या कितनी ज्यादा है और इसी के चलते पिछले कुछ सालों में देश में बेरोजगारी बढ़ रही है. जाहिर सी बात है कि इतनी जनसंख्या वाले देश में सबको सरकारी नौकरी और यहां तक की प्राइवेट नौकरी भी नहीं मिल सकती ,लेकिन नौकरी के अलावा भी जिंदगी का गुजारा हो सकता है. 

आप खुद का काम करके भी अपना जीवन चला सकते हैं. इसके लिए देश की सभी सरकारें नागरिकों की मदद करती हैं. मध्य प्रदेश की सरकार भी इसी कड़ी में कई योजनाएं बनाईं हैं और उनमें से एक संत रविदास स्वरोजगार योजना है. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की इस योजना के तहत प्रदेश के युवाओं को बिजनेस करने के लिए लोन दिया जाता है.

रविदास स्वरोजगार योजना का उद्देश्य 

इसी साल मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने संत रविदास जयंती के अवसर पर संत रविदास स्वरोजगार योजना की शुरुआत की थी. बता दें कि मध्य प्रदेश सरकार की संत रविदास स्वरोजगार योजना का उद्देश्य अनुसूचित जाति वर्ग के युवाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराना है और इसी के चलते अनुसूचित जाति के लोगों को मध्यप्रदेश सरकार द्वारा कम ब्याज दर में लोन उपलब्ध कराया जाता है. ताकि वह खुद का व्यवसाय शुरू कर सके और नौकरी मांगने के बजाय दूसरों को भी नौकरी दे सके.

संत रविदास स्वरोजगार योजना की पात्रता Eligibility for Scheme

योजना का क्रियान्वयन पूरे मध्यप्रदेश में है, अर्थात योजना का लाभ उन्हीं उद्यमों को मिलेगा, जो मध्यप्रदेश में स्थापित होने जा रहे हैं.

  • आवेदन के समय आवेदक की आयु 18 से 40 वर्ष (Ravidas Swarozgar Yojan Age)  के बीच होनी चाहिए.
  • इस योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को मध्य प्रदेश का मूल निवासी होना चाहिए.
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आवेदक अनुसूचित जाति वर्ग से संबंधित होना चाहिए.
  • आवेदक को डाक्यूमेंट्स के साथ कम्पीटेंट अथॉरिटी द्वारा जारी प्रमाण पत्र संलग्न करना होगा.
  • आवेदक किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक/वित्तीय संस्थान/सहकारी बैंक का डिफॉल्टर/बैड डिफॉल्टर नहीं होना चाहिए.
  • संत रविदास स्वरोजगार योजनान्तर्गत आवेदक को एक बार ही सहायता राशि प्राप्त होगी.
  • इस स्थिति में आवेदक इस योजना के लिए पात्र नहीं होगा. यदि वह व्यक्ति किसी सरकारी उद्यमी/स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सहायता प्राप्त कर रहा है.
  • संत रविदास स्वरोजगार योजना उद्योग/सेवा व्यवसाय क्षेत्र के लिए है.

जीवन में नशे को न कहें और सफलता पाने के लिए शोर्टकट न मारें : उप्पल



जीवन में नशे को न कहें और सफलता पाने के लिए शोर्टकट न मारें : उप्पल 



 

निजी स्कूलों को नहीं मिलेगी 90000 छात्रों की फीस

मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े 

निजी स्कूलों को नहीं मिलेगी 90000 छात्रों की फीस

भोपाल । मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल से जुड़े निजी स्कूलों के लगभग 90000 छात्रों की फीस को रोक लिया गया है। इसको लेकर मध्यप्रदेश के निजी स्कूल संचालकों में व्यापक असंतोष देखने को मिल रहा है। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि आरटीई के तहत किए गए एडमिशन, जिनके थंब इंप्रेशन भी करवा लिया गये है। संपूर्ण जांच के बाद भी शिक्षा केंद्र द्वारा छात्रों की फीस का भुगतान नहीं किया गया है। इसको लेकर राज्य शिक्षा केंद्र और एसोसिएशन आमने सामने आ गए हैं। 

एसोसिएशन के अध्यक्ष अजित सिंह ने मांग की है कि वेरिफिकेशन एवं पेमेंट वर्ष के अंत में अनिवार्य रूप से किए जाने की व्यवस्था की जानी चाहिए। राज्य शिक्षा केंद्र आरटीई तहत अध्ययनरत छात्रों की सूची पोर्टल पर प्रकाशित करें। ताकि शासन और स्कूल संचालकों के बीच कोई गतिरोध ना हो। छात्रों के माता-पिता को भी यह पता हो कि वह इस योजना में है या नहीं।

डॉ. मनीषा गिरी को पीएचडी की उपाधि

"स्त्री अस्मिता के सरोकार एवं 21वीं सदी का हिंदी सिनेमा" शीर्षक पर...

डॉ. मनीषा गिरी को पीएचडी की उपाधि

जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) द्वारा कला संकाय के हिन्दी विषय में मनीषा गिरी को "स्त्री अस्मिता के सरोकार एवं 21वीं सदी का हिंदी सिनेमा" शीर्षक पर किए गए उनके शोध कार्य के लिए पीएचडी की उपाधि प्रदान की गई है। मनीषा गिरी ने अपना शोध कार्य डॉ. शशि प्रभा पौराणिक (प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष हिन्दी विभाग), शासकीय एम.एल.बी उत्कृष्ट महाविद्यालय, ग्वालियर (मध्यप्रदेश) के मार्गदर्शन में किया है। उपाधि मिलने पर शिक्षकों व मित्रों ने उन्हें बधाई दी।

कंप्यूटर साइंस की वजह से IIT छोड़ रहे हैं भारतीय छात्र !

जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथारिटी द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार… 

कंप्यूटर साइंस की वजह से IIT छोड़ रहे हैं भारतीय छात्र !

JEE एडवांस में टॉप करने वाले ज्यादातर छात्र कंप्यूटर साइंस और इससे संबंधित इंजीनियरिंग कोर्स में ही दाखिला ले रहे हैं। कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग का क्रेज इतना ज्यादा है कि कई छात्र इसकी वजह से IIT तक में दाखिला तक नहीं ले रहे हैं। दरअसल, IIT का विकल्प छोड़ने वाले इन छात्रों को JEE एडवांस रैंक के आधार पर IIT मे कंप्यूटर साइंस के कोर्सेज में दाखिला नहीं मिल सकता। ऐसे में ये छात्र IIT को छोड़कर IIIT, NIT और BITS जैसे अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन ले लेते हैं। इसका मूल कारण यही है कि इन संस्थानों में इन छात्रों को कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग में दाखिला आसानी से मिल जाता है।

जॉइंट सीट एलोकेशन ऑथारिटी द्वारा शेयर किए गए आंकड़ों के अनुसार JEE एडवांस में टॉप 100 रैंक लाने वाले में से 97 छात्रों ने कंप्यूटर साइंस (Computer Science) के कोर्स को चुना है। जो छात्र कोर इंजीनियरिंग ब्रांच में रजिस्टर्ड हैं, वे भी अब आईटी नौकरी लेने की चाहत रखते हैं, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि आईटी सेक्टर में शुरूआत से ही ज्यादा सैलरी मिलती है।

हालांकि शिक्षाविद इस ट्रेंड को पूरी तरह से गलत मानते हैं, उनका कहना है कि दुर्भाग्य की बात यह है कि यह बढ़ता हुआ ट्रेंड कोर इंजीनियरिंग भूमिकाओं की अहमियत को कम कर रहा है। दरअसल, आजकल बहुत बड़ी संख्या में छात्र और अभिभावक इस संबंध में बिना-सोचे समझे निर्णय ले रहे हैं। कई प्राइवेट कॉलेज भी हजारों छात्रों को बिना सोचे-समझे कंप्यूटर साइंस इंजीनियरिंग' के विभिन्न वेरियंट में एडमिशन दे रहे हैं। इस संबंध में कानून बनाने वालों और रेगुलेटरी बॉडी के साथ-साथ इंडस्ट्री की भूमिका भी असंतोषजनक है। सबसे बड़ी बात कि इस पर कोई कार्रवाई नही हो रही है।

कंप्यूटर साइंस वालों को मिल रही है ज्यादा सैलरी

वहीं अगर कंप्यूटर साइंस करने वाले फ्रेश इंजीनियरियर्स की सैलरी की बात की जाए तो IIT मद्रास और देश के अन्य IIT संस्थानों में कंप्यूटर साइंस के छात्रों को 40 लाख प्रति वर्ष तक का पैकेज ऑफर किया गया है। इसके अलावा कई संस्थानों ने इस इंजीनियरिंग के लिए इंटर्नशिप ऑफर में 32 फीसदी तक की वृद्धि दर्ज की गई है। बिट्स पिलानी ने 2023 बै
च के प्लेसमेंट ड्राइव के दौरान औसत वेतन में 32.62 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। 2023 बैच के लिए प्लेसमेंट के दौरान पेश किया गया औसत पैकेज 30 लाख रुपए सालाना तक है। जेके लक्ष्मीपंत यूनिवर्सिटी जैसे निजी संस्थान के सामान्य इंजीनियरिंग छात्रों को 7 लाख और कंप्यूटर साइंस में ग्रेजुएट्स के लिए 16 लाख रुपए तक के सालाना ऑफर दिए गए हैं।

पीडित के यहां आने मात्र से ही सांप के जहर से पीडित मिल जाता है छुटकारा

 बहन से इतना प्यार की बहन की समाधी के नजदीक स्वयं भी ले ली समाधि...

पीडित के यहां आने मात्र से ही सांप के जहर से पीडित मिल जाता है छुटकारा 


ग्वालियर l विंध्याचल पर्वत पर विराजमान माता रतनगढ़ के धाम पर दीपावली की दूज को लगने वाला लख्खी मेला शुरू हो गया है। यहां मध्यप्रदेश के साथ उत्तरप्रदेश के कई जिलों से श्रद्धालु पहुंच रहे है। ऐसी मान्यता है कि यहां आने से सांप के जहर से पीडित के यहां आने से सर्प दंश का असर जहर जाता है। इसलिये श्रद्धालु बंध कटवाने आ रहे हैं। इस बार दीपावली के अगले दिन यानी 25 अक्टूबर का सूर्यग्रहण था। ऐसे में बुधवार को भी बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। 

लगभग 7 लाख से अधिक भक्तों ने रतनगढ़ वाली माता और कुंवर महाराज के दर्शन किये। भक्त मंगलवार की शाम से ही पहुंचना शुरू हो गये थे। आपको बता दें कि यहां हर वर्ष चैत्र और शारदेय नवरात्रि में भी लाखों भक्त यहां पहुंचते हैं। लख्खी मेला में इस बार 2 दिन में लगभग 30 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है। अपनी मन्नत के लिये श्रद्धालु दूर-दूर से पैदल और पेट पलायन करते हुए (लेट-लेटकर) पहुंच रहे हैं। पहाड़ी पर एक मंदिर रतनगढ़ वाली माता और दूसरा उनके भाई कुंवर जी महाराज का है।


मान्यताओं के अनुसार कुंवर बाबा यानी कुंवर गंगा रामदेव रतनगढ़ वाली माता के भाई हैं। कुंवर बाबा अपनी बहन से बेहद स्नेह करते थे। वे जब जंगल में शिकार करने जाते थे, तब सारे जहरीले जानवर अपना विष बाहर निकाल देते थे, इसलिए जब किसी इंसान को विषैला जीव सर्प आदि काट लेता है, तो उसके घाव पर माता रतनगढ़ के नाम का बंधन लगाते हैं। यानी माता का नाम लेकर तुलसी के गमले की मिट्टी या घर के मंदिर की ही भभूत से सर्प दंश वाले स्थान के ऊपर घेरा बना देते हैं।


माता रानी के दरबार दतिया जिला मुख्यालय से लगभग 65 किमी दूर सिंध नदी के किनारे पहाड़ पर स्थित है। मंदिर के सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन डबरा का है। यहां से मंदिर की दूरी 55 किमी हैं। यहां से सड़क के रास्ते पिछोर से होकर मंदिर पहुंचा जा सकता है। दतिया जिले से रतनगढ़ माता मंदिर पहुंचकर मार्ग पर सिंध नदी पर बना पुल टूट चुका है। ऐसे में दतिया जिले के इंदरगंढ़, थरेट होते हुए नदी का रास्ता बंद हैं।

दतिया और झांसी की ओर से आने वाले श्रद्धालु डबरा से पिछोर-गिर्जारा होकर मंदिर तक पहुंचते हैं। ग्वालियर, भिण्ड और यूपी से आने वाले श्रद्धालु बेहट के रास्ते रतनगढ़ मंदिर पहुंचे हैं। सेंवढ़ा व उसके आसपास के श्रद्धालु डिरोली पार अमायन होते हुए मंदिर पर पहुंच रहे हैं। देवगढ़ किले का रास्ताव भी श्रद्धालुओं के लिये चालू है। नदी पर पुलिस विशेष सतर्कता बरत रहीं है। पुल वाले स्थान तक नदी के दोनों तटों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। नदी से आवागमन पर रोक लगा दी है।

मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी ने किया था हमला

13वीं शताब्दी में मुस्लिम शासक अलाउद्दीन खिलजी ने मेवाड़ पर आक्रमण के बाद रतनगढ़ पर हमला किया था। अलाउद्दीन खिलजी की नजर यहां की राजकुमारी पर थी। रतनगढ़ के राजा रतनसिंह के 7 राजकुमार और एक पुत्री थी। वह बहुत सुंदर थी। खिलजी और रतन सिंह के बीच घमासान युद्ध हुआ, जिसमें रतन सिंह और उनके 6 पुत्र मारे गए। राजा के 7वें पुत्र कुंवर गंगा रामदेव पर रनिवास की रक्षा का भार था। राजकुमारी मांडुला ने उन्हें तिलक कर व तलवार देकर विदा किया।

उन्होंने कहा कि युद्ध में जीत के बाद आप ध्वज फहरा देना। कुंवर महाराज ने सैकड़ों मुगल सैनिकों को ढेर किया। युद्ध में उनका हाथ कट जाने से वे ध्वज नहीं फहरा सके। शाम होने पर मांडुला को लगा कि कोई अनहोनी हो गई। उन्होंने पहाड़ी पर जीवित समाधि ले ली। युद्ध के बाद जब कुंवर गंगा रामदेव वापस आए तो बहन को नहीं पाकर उन्होंने भी कुछ दूरी पर समाधि ले ली, तभी से यह स्थान अस्तित्व में है। राजकुमारी की यहां माता के रूप में पूजा होती है।

Happy Diwali



"नृत्य नाटिका में उत्कृष्ट विद्यालय मुरार की टीम ने परचम लहराया"


संभाग स्तरीय कालिदास महोत्सव का भव्य आयोजन" 

"नृत्य नाटिका में उत्कृष्ट विद्यालय मुरार की टीम ने परचम लहराया"


ग्वालियर l  शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक -1मुरार ग्वालियर में संभाग स्तरीय कालिदास समारोह का गरिमामय आयोजन किया गया l जिसमें ग्वालियर, मुरैना, दतिया, अशोकनगर की टीमों ने भाग लिया l कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. दीपक पांडे संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग ग्वालियर ने की l 

कार्यक्रम समन्वयक अशोक पवार सहायक संचालक, राजेश श्रीवास्तव संभागीय समन्वयक जे डी ऑफिस ग्वालियर , कार्यक्रम के नोडल अशिकारी प्रबुद्ध गर्ग प्राचार्य उत्कृष्ट उ मा वि ग्वालियर नोडल अधिकारी आइ ए जैदी, जिला संस्कृत प्रभारी डॉ. नीरज शर्मा उपस्थित रहे । कार्यक्रम में निर्णायक मंडल के रूप में डॉ विकास शुक्ला माधव महाविद्यालय ग्वालियर, कमल देव आर्य हस्तिनापुर, सुमंत कुमार सांखनी, डॉ. नीरज शर्मा चीनोर, मनीष सर,  उमेंद्र सर ललित कला संस्थान ग्वालियर से उपस्थित हुए । महोत्सव का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और मंत्र उच्चारण से किया गया । 

समारोह संचालन डॉ. दीप्ति गौड़ एवं डॉ. प्रदीप शर्मा ने संयुक्त रूप से एवं आभार प्रदर्शन डी पी एस बघेल ने किया । कार्यक्रम में श्लोक पाठ, चित्रांकन, नृत्य नाटिका का आयोजन किया गया । जिसमें विद्यार्थियों ने महाकवि कालिदास के जीवन पर आधारित और उनकी कृतियों पर आधारित प्रस्तुतियां दी । प्रतियोगिता में विजेता छात्र छात्राओं को उज्जैन में दिनांक 4 और 5 नवंबर को आयोजित राज्य स्तरीय कालिदास समारोह में सहभागिता करनी होगी । चित्रांकन प्रतियोगिता में जिला स्तर पर चयनित छात्रों के चित्रों को मूल रूप से राज्य स्तर पर सम्मिलित करने हेतु भेजा जावेगा । प्रतियोगिताएं कनिष्ठ और वरिष्ठ दो समूह में आयोजित की गई । प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प्रकार रहे-

विज्ञान नाटिका वरिष्ठ वर्ग

अभिषेक शर्मा एवं समूह 

शासकीय उत्कृष्ट उ मा विद्यालय मुरार ग्वालियर - प्रथम स्थान

श्लोक पाठ (कनिष्ठ वर्ग)

कीर्ति जादौन, शा. उत्कृष्ट विद्यालय मुरैना

श्लोक पाठ वरिष्ठ वर्ग 

दीपिका सेन, शासकीय कन्या उ. मा. वि. मुंगावली अशोकनगर

छटवें वेतनमान पर 174 प्रतिशत, सातवें वेतनमान पर 22 प्रतिशत वृद्धि

पेंशनरों की मंहगाई राहत में हुई बढो़त्तरी…

छटवें वेतनमान पर 174 प्रतिशत, सातवें वेतनमान पर 22 प्रतिशत वृद्धि

ग्वालियर। राज्य शासन ने पेंशनरों को पेंशन पर मंहगाई राहत स्वीकृत कर सभी विभागों को स्वीकृत महंगाई राहत का शीघ्र भुगतान करने के निर्देश दिए हैं। वर्तमान में राज्य शासन के पेंशनरों/परिवार पेंशनरों को एक अक्टूबर 2021 से छटवें वेतनमान में मूल पेंशन/परिवार पेंशन पर 164 प्रतिशत की दर से एवं सातवें वेतनमान में 17 प्रतिशत की दर से मंहगाई राहत स्वीकृत है। राज्य शासन द्वारा जारी आदेश के अनुसार पेंशनरों/ परिवार पेंशनरों को वर्तमान में देय मंहगाई राहत की दर में एक मई 2022 से वृद्धि की गई है। वर्तमान में महंगाई राहत की वृद्धि दर छठवें वेतनमान पर 10% और सातवें वेतनमान पर 5% थी। नए आदेश के अनुसार संशोधित महंगाई राहत की दर छठवें वेतनमान पर 174% और सातवें वेतनमान पर 22% हो जाएगी। 

बढ़ी दर एक मई 2022 की पेंशन जो जून 2022 में देय है, से लागू होगी। आदेश के अनुसार 80 वर्ष या उससे अधिक की आयु के पेंशनरों को देय अतिरिक्त पेंशन पर भी महंगाई राहत देय होगी। महंगाई राहत अधिवार्षिकी, सेवानिवृत्त, असमर्थता तथा क्षतिपूर्ति पेंशन पर देय होगी। सेवा से पदच्युत या सेवा से हटाए गए कर्मचारियों को स्वीकार किए गए अनुकंपा भत्ता पर भी महंगाई राहत की पात्रता होगी। परिवार पेंशन तथा असाधारण पेंशन प्राप्त करने वाले पेंशनरों को भी महंगाई राहत वित्त विभाग के प्रासंगिक आदेश अनुसार देय होगी। यदि किसी व्यक्ति को उसके पति/पत्नी की मृत्यु के कारण अनुकंपा के आधार पर सेवा में रखा गया है, तो ऐसे मामलों में परिवार पेंशन पर महंगाई राहत की पात्रता नहीं होगी। 

यदि पति/पत्नी की मृत्यु के समय वह सेवा में हैं तो पति पत्नी की मृत्यु के कारण देय परिवार पेंशन पर उसे महंगाई राहत की पात्रता होगी। ऐसे पेंशनरों जिन्होंने अपनी पेंशन का एक भाग सारांशीकृत कराया है, उन्हें महंगाई राहत उनकी मूल पेंशन पर देय होगी। यह आदेश राज्य शासन के ऐसे सेवानिवृत्त कर्मचारियों पर भी लागू होंगे, जिन्होंने उपक्रमों, स्वशासी संस्थानों, मंडलों एवं निगमों आदि में संविलियन पर एकमुश्त राशि आहरित की है और जो पेंशन के एक तिहाई हिस्से के प्रत्यावर्तन के पात्र हो गए हैं। महंगाई राहत के भुगतान पर होने वाले रूपए के अपूर्ण भाग को अगले रूपए में पूर्णांकित किया जायेगा। संचालक पेंशन को बैंक की शाखाओं में नमूना जाँच करने तथा विसंगति की स्थिति में उसका समायोजन आगामी माह के भुगतानों में करने के निर्देश दिये गये हैं।

ग्वालियर-चंबल अंचल में इजाद हुआ नकल का नया तरीका !

परीक्षार्थी एडमिट कार्ड को एडिट कर उस पर दिशा-निर्देश के पॉइंटर की जगह लिख लाया नकल मेटेरियल…

ग्वालियर-चंबल अंचल में इजाद हुआ नकल का नया तरीका !

ग्वालियर। नकल के लिए चर्चित ग्वालियर-चंबल अंचल में अब नकल का नया तरीका इजाद हुआ है। MBA दूसरे सेमेस्टर की परीक्षा में एक परीक्षार्थी एडमिट कार्ड को एडिट कर उस पर दिशा-निर्देश के पॉइंटर की जगह आंसर (नकल मेटेरियल) लिख लाया। एडमिट कार्ड के नीचे लिखे निर्देशों को इस विद्यार्थी ने एडिट कर हटा दिया और उसी फोंट में नकल का मेटेरियल पेस्ट कर दिया। पर परीक्षा भवन में ड्यूटी कर रहे शिक्षकों की नजर में यह बात तब आई जब बार-बार परीक्षार्थी एडमिट कार्ड को देख रहा था। चेक करने पर नकल के नए तरीके का खुलासा हुआ है।अभी तक ग्वालियर में एडमिट कार्ड एडिट कर नकल का कोई प्रकरण नहीं बना है। 

जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर के परीक्षा भवन में दोपहर 3 से शाम 6 बजे की पाली में MBA फुल टाइम फाइनेंसियल मैनेजमेंट दूसरे सेमेस्टर की परीक्षाएं चल रही हैं। इस परीक्षा में 300 छात्र शामिल थे। परीक्षा के दौरान एक परीक्षार्थी प्रवेश पत्र को आगे रखकर उसकी ओर देखकर प्रश्न के उत्तर लिख रहा था लेकिन प्रवेश पत्र पर पेन से कुछ नहीं लिखा था इसलिए पर्यवेक्षक का ध्यान नहीं गया। पर बार-बार प्रवेश पत्र की ओर देखकर उत्तर लिखने पर एक शिक्षक का ध्यान इस ओर गया तो शिक्षक ने प्रवेश पत्र उठाकर देखा और पहली नजर में तो कुछ समझ नहीं आया, अन्य शिक्षकों को दिखाया तो पता चला कि निर्देशों में फोंट बदला है एक निर्देश हिंदी में है तो आगे अंग्रेजी में लिखा गया है। 

इससे शंका हुई और अन्य परीक्षार्थियों के प्रवेश पत्र मिलाकर देखे गए तो पता चला कि यह प्रवेश पत्र एडिट कर नकल मेटेरियल प्रिंट किया गया है। सहायक केंद्राध्यक्ष डॉ. राम शंकर के अनुसार परीक्षार्थी प्रवेश पत्र एडिट कर नकल मेटेरियल लाया था, नकल प्रकरण बनाया गया है। पकड़े गए परीक्षार्थी अकाश (बदला हुआ नाम) ने नकल के लिए अक्ल लगाई है। उसने अपने एडमिट कार्ड को ऑनलाइन डाउनलोड किया और उसे एडिट किया। रोल नंबर के नीचे परीक्षार्थियों के लिए परीक्षा के समय कुछ दिशा-निर्देश लिखे रहत हैं। परीक्षार्थी ने उसे एडिट कर दिशा-निर्देश की जगह नकल मेटेरेयिल पेस्ट कर दिया। 

नकल मेटेरियल का फोंट व साइज वैसा ही था जैसा एडमिट कार्ड में दिशा-निर्देशों का था। पर कुछ जगह हिंदी और अंग्रेजी लिखी होने पर वह पकड़ा गया। ग्वालियर-चंबल अंचल हमेशा से नकल और परीक्षा में फर्जीवाड़ा के लिए चर्चित रहा है। व्यापमं घोटाला फर्जीवाड़ा का MBBS में एडमिशन लेना, नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़ा, मुरैना-भिंड में परीक्षाओं में खुलेआम नकल के केस सामने आने के कारण अंचल काफी बदनाम रहा है। अब यह एडमिट कार्ड एडिट कर उस पर नकल मेटेरियल पेस्ट कर लाना पहला तरीका है। एडमिट कार्ड पर पेन से लिखकर लाने के केस तो मिले हैं, लेकिन एडिट कर पहला केस सामने आया है।

स्वयं का रोजगार स्थापित करने हेतु मिलेगा 50 लाख रूपए तक का ऋण

मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना के तहत शिविरों का आयोजन…

स्वयं का रोजगार स्थापित करने मिलेगा 50 लाख रूपए तक का ऋण

ग्वालियर। युवा उद्यमियों को अपना स्वयं का रोजगार स्थापित करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना लागू की गई है। योजना के अंतर्गत कम से कम 12वीं कक्षा उत्तीर्ण 18 से 40 वर्ष तक के युवाओं को एक लाख रूपए से 50 लाख रूपए तक का ऋण सेवा व्यवसाय एवं उद्योग हेतु दिए जाने का प्रावधान है। योजना का लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिले, इसके लिये जनपद पंचायतवार शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। 

इन शिविरों में युवक-युवतियों के ऋण प्रकरण तैयार किए जायेंगे। महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र ग्वालियर से प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद पंचायत बरई में 27 जुलाई को, नगर पालिका डबरा में 28 जुलाई को, जनपद पंचायत भितरवार में 29 जुलाई को और जनपद पंचायत मुरार में 2 अगस्त को शिविर का आयोजन किया जा रहा है। जिले के ऐसे सभी युवा जो स्वयं का रोजगार स्थापित करना चाहते हैं वे शिविर में उपस्थित होकर अपने ऋण प्रकरण तैयार कराएँ, ताकि उन्हें बैंकों के माध्यम से ऋण उपलब्ध कराया जा सके।

माशिमं ने इस सत्र से 10वीं व 12वीं के कौशल आधारित पाठ्यक्रम में किया बदलाव

10वीं में 19 कौशल आधारित विषय और 12वीं में 39 विषयों को किया शामिल…

माशिमं ने इस सत्र से 10वीं व 12वीं के कौशल आधारित पाठ्यक्रम में किया बदलाव

भोपाल। माध्यमिक शिक्षा मंडल (माशिमं) ने इस सत्र से इस सत्र से दसवीं व बारहवीं में कई बदलाव किया गया है। इस सत्र से राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत क्षेत्रीय भाषाओं को शामिल किया जाएगा। इस सत्र से नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) ; को समाप्त कर 10वीं व 12वीं में कौशल आधारित पाठ्यक्रम शामिल किया जाएगा। इसके लिए पाठ्यचर्या समिति के पास प्रस्ताव भेजकर अनुमति ले ली गई है और शासन को प्रस्ताव भेज दिया गया है। शासन से अनुमति मिलते ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इसमें 10वीं में 19 कौशल आधारित विषय और 12वीं में 39 विषयों को शामिल किया जाएगा। मध्य प्रदेश बोर्ड के छात्र-छात्राओं में सर्वांगीण विकास को देखकर इन विषयों को शामिल किया जा रहा है। 

दरअसल, माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा एक बार फिर से नए सत्र 2022-23 के लिए संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। बता दें, कि मध्य प्रदेश बोर्ड 10वीं और 12वीं सहित व्यावसायिक परीक्षाओं के प्रवेश और परीक्षा को लेकर नवीन दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। माशिमं की ओर से निर्देश के अनुसार सभी संस्थानों को आदेश की कार्रवाई पूर्ण करने के विशेष निर्देश प्रदान किए गए हैं। जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा परीक्षा नियंत्रक के हस्ताक्षर से आदेश जारी किए गए हैं। इस पत्र के मुताबिक सभी छात्र-छात्राओं को भाषा विषय में हिंदी और अंग्रेजी लेना अनिवार्य किया गया है। इसके अलावा शेष भाषा में वे तृतीय भाषा के रूप में किसी एक भाषा का चयन कर सकेंगे। साथ में ही माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा जारी पत्र में कहा गया कि कौशल आधारित विषय का चयन तृतीय भाषा के स्थान पर किया जा सकेगा। 

इसके अलावा कौशल आधारित विषय का चयन करने वाले विद्यार्थियों को एक महत्वपूर्ण विषय का ध्यान रखना बेहद अनिवार्य है। माध्यमिक शिक्षा मंडल भोपाल द्वारा आदेश जारी कर सभी मान्यता प्राप्त संस्थान को उपरोक्त कार्रवाई सुनिश्चित करने सहित विशेष निर्देश का यथावत ध्यान रखने के दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। विद्यार्थियों के लिए प्रथम भाषा के लिए हिंदी और अंग्रेजी भाषा में से किसी एक विषय का चयन करना अनिवार्य रहेगा। वहीं विद्यार्थी द्वितीय भाषा के चयन के लिए शेष क्षेत्रीय भाषा में से कोई एक भाषा विषय का चयन कर सकेंगे। इस सत्र में साउथ इंडियन के तमिल, कन्नड़ व मलयालम भाषा को शामिल किया जा रहा है। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय भाषा फ्रेंच और जापान की भाषा को शामिल किया जा रहा है।

वर्दी नहीं मिली तो मर जाएंगे, पर घर नहीं जाएंगे

नागपुर से दिल्ली के लिए पैदल ही चल पड़े परीक्षा में चयनित युवा...

वर्दी नहीं मिली तो मर जाएंगे, पर घर नहीं जाएंगे

ग्वालियर। साहस और उत्साह के साथ सैनिक की वर्दी धारण करने का संकल्प लिया, अर्धसैनिक बल में भर्ती होने की परीक्षा पास की, कैरियर बनाने की उम्मीद जगी, लेकिन नियुक्ति पत्र नहीं मिला। 55 हजार में से 5210 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला। आंदोलन किया,पर किसी ने सुना नहीं। विवश होकर अपनी आवाज दिल्ली तक पहुंचाने पैदल ही दिल्ली के लिए मार्च लेकर निकल चुके हैं, हिम्मत नहीं हारी है। यही कहना है इन अभ्यर्थियों का कि वर्दी नहीं मिली तो मर जाएंगे, पर घर नहीं जाएंगे। वर्दी दो या फिर हमारी अर्थी लो। विशाल लांडगे कहते हैं 35 दिन हो गए पैदल चलते-चलते 700 किलोमीटर का सफर तय कर लिया है आगे भी पैदल यात्रा जारी रहेगी जो नागपुर से दिल्ली के लिए निकली है। ग्वालियर में युवराज खरे ने इस पैदल मार्च की अगवानी की। एसएससी यानी स्टाफ सिलेक्शन कमीशन ने 21 मई 2018 को अर्धसैनिक बल में भर्ती प्रक्रिया शुरू की।

विज्ञापन में भर्ती संख्या 54 हजार थी, जो बाद में 60210 कर दी गई। सीआरपीएफ, बीएसएफ, एनआईए और असम राइफल्स के लिए जवानों की भर्ती करनी थी। 11 फरवरी से 25 मार्च 2019 तक लिखित परीक्षा हुई, 21 जून 2019 को परिणाम जारी हुए, 13 अगस्त से 25 सितंबर 2019 तक शारीरिक दक्षता, 9 जनवरी से 13 फरवरी 2020 तक मेडिकल जांच की गई। अंतिम चयन सूची 21 जनवरी 2021 को जारी की गई। इस सूची के अनुसार 55 हजार अभ्यर्थियों को ही नियुक्तियां दी गई। 5210 को नियुक्ति पत्र नहीं मिला। जिन अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र नहीं मिला उन युवाओं ने इसके लिए कर्मचारी चयन आयोग को जिम्मेदार ठहराया। नियुक्ति पत्र से वंचित युवाओं ने पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करके अपनी पीड़ा व्यक्त की। जब किसी ने नहीं सुनी, तो वे सत्याग्रह के मार्ग पर चल पड़े।अर्द्धसैनिक बल में नियुक्ति देने की मांग को लेकर महाराष्ट्र के नागपुर से पैदल मार्च करते हुए लगभग 100 युवक युवतियों का जत्था दिल्ली जा रहा है। 

जगह-जगह समाजसेवी संगठन मदद कर रहे हैं। पैदल चलने की वजह से कुछ युवाओं ने घबराहट होने की शिकायत की। डी हाईड्रेसन के चलते युवक-युवतियां बीमार हो रहे हैं। कई बार बीमारों को भर्ती भी करना पड़ा। देश भर से चयनित युवा पैदल यात्रा में शामिल हो रहे हैं। किसी की सांस फूल रही है तो किसी के पांव में छाले हो गए हैं। भूख-प्यास, कलेजा सुखाए जा रही है, लेकिन आर-पार की लड़ाई लड़ने की ठान ली है। जो चयनित हुए हैं उनकी ओर ध्यान देने वाला कोई नहीं है। पैदल मार्च में शामिल युवक-युवतियां महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों से हैं। नियुक्ति पत्र नहीं मिलने से खफा हैं। मार्च में शामिल रश्मि कहती हैं- इस सरकार का कुछ भी समझ में नहीं आता है एक तरफ सेना में भर्ती का ढिंढोरा पीट रही है, लेकिन जो भर्ती के लिए चुने गए हैं, उनकी तरफ देखा भी नहीं जा रहा है। फिलहाल यह पैदल मार्च मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर तक पहुंच चुका है। जहाँ देश की बात फाउंडेशन के राज्य समन्वयक युवराज खरे ने ग्वालियर में इस दल का स्वागत किया व सभी के रुकने व स्वल्पाहार की व्यवस्था कराई। देश की बात फाउंडेशन के स्टेट को-कोऑर्डिनेटर संतोष सरावगी ने दतिया में पैदल मार्च का स्वागत और अगुवाई की किया और पूरे दल की जौरासी तक लेकर आए। स्टेट को-कोऑर्डिनेटर सोमेश भेटेले, सुमित शर्मा द्वारा मुरैना में स्वागत किया जायेगा और धौलपुर तक दल की अगुवाई करेंगे। 

मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन विशाल लांडगे ने बताया आंदोलन के अलावा अभ्यर्थियों ने नेता मंत्रियों से भी मुलाकात का सिलसिला जारी रखा। केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने आश्वासन दिया कि वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से बात करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने तो अनशन स्थल पर पंहुचने के लिए समय का अभाव बताया। नागपुर के पालक मंत्री नितिन राउत ने कहा कि यह मामला केन्द्रीय गृह विभाग से जुड़ा हुआ है इसलिए अधिक मदद नहीं कर पायेंगे। केन्द्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से आश्वस्त किया कि वे गृहमंत्री शाह से चर्चा करवायेंगे। इस आश्वासन के साथ आमरण अनशन तोड़ा और 1 जून से सभी आंदोलनकारी दिल्ली के लिए पैदल निकल पड़े हैं।जिसके पास भी मदद के लिए गए, उन लोगों ने तरह तरह की बातें कर मदद करने से किनारा कर लिया। 

14 फरवरी 2022 को नागपुर के संविधान चौक पर आंदोलन की शुरुआत हुई। इन आंदोलनकारियों का कोई नेतृत्वकर्ता संगठन नहीं था। सोशल मीडिया के माध्यम से आपस में संपर्क साधा, तो आंदोलन में 40 अभ्यर्थी शामिल हुए। श्रंखलाबद्ध हड़ताल की शुरुआत हुई। नागपुर के संविधान चौक पर डॉक्टर बाबासाहेब अम्बेडकर की प्रतिमा के पास कई मोर्चे पहुंचे। वहां प्रदर्शन कर शासन-प्रशासन का ध्यान खींचा। जब कई दिन नारों और आंदोलन से काम नहीं बना, तो 4 मार्च से नागपुर में अभ्यर्थियों ने आमरण हड़ताल शुरू किया। जल्द ही आंदोलन में 235 अभ्यर्थी शामिल हो गए। उनमें 40 युवक और 195 युवतियां थीं। इनमें भी 40 ओडिशा से, 25 बिहार से, 12 झारखण्ड से, 55 पश्चिम बंगाल से, 18 असम से, 12 गुजरात से, 6 छत्तीसगढ़ से, 22 उत्तरप्रदेश से, 7 दिल्ली से, 4 उत्तराखंड से, 4 पंजाब से व 30 अभ्यर्थी महाराष्ट्र से शामिल हुए हैं।

'अग्निपथ' पर उपद्रव करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी !

अब तक 45 लोग गिरफ़्तार...

'अग्निपथ' पर उपद्रव करने वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी !

ग्वालियर। 'अग्निपथ' योजना के विरोध में रेलवे ट्रैक जलाने और तोड़फोड़ करने वाले युवाओं का फ्यूचर खतरे में पड़ सकता है। इनके लिए सेना के दरवाजे हमेशा के लिए बंद हो सकते हैं। इन युवाओं के भविष्य को लेकर मध्यप्रदेश पुलिस के रिटायर्ड स्पेशल डीजी शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसे प्रदर्शनों से युवा अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मार रहे हैं। विरोध के नाम पर रेलवे ट्रैक बाधित करना, सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, ये तो जीवन को खतरे में डालने वाले आत्मघाती कदम हैं। इससे भविष्य अंधकार में जाने वाला है। वायलेंस कभी भी सही रिजल्ट नहीं देता, इसका परिणाम हमेशा गलत ही आता है। जो लोग विरोध के नाम पर उपद्रव कर रहे हैं, वे सेना तो क्या, किसी भी सरकारी नौकरी में जाने के लायक नहीं रहेंगे। ऐसे युवाओं के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई होगी। इनकी गिरफ्तारी होगी। पुलिस इन्हें बॉन्डओवर करेगी। ऐसे में कोई भी इंटरव्यू या एग्जाम ये देकर पास भी हो जाते हैं, तो ये नौकरी करने के लिए पात्र नहीं रहेंगे। कोई भी पुलिस केस दर्ज होने के बाद भविष्य चौपट हो जाता है। सेना में फिजिकल, लिखित परीक्षा में पास कर सिलेक्ट होने के बाद जब स्थानीय थाने से पुलिस वेरिफिकेशन (चरित्र सत्यापन) कराया जाता है, तो चयन अस्वीकृत कर डिस्क्वालिफाई कर दिया जाता है। 

ग्वालियर में सेना भर्ती स्कीम 'अग्निपथ' के विरोध में हुए उपद्रव के CCTV फुटेज में उत्पात मचाने वाले तोड़फोड़ करने और लोगों को पीटने के बाद हंसते हुए नजर आ रहे हैं। उत्पात मचाने का VIDEO शूट कर रहे हैं और तबाही मचाने के बाद सेल्फी लेते नजर आ रहे हैं। यह CCTV फुटेज काफी डराने वाले हैं। इससे साफ है कि दहशत का तांडव मचाने वालों को किसी से कोई मतलब नहीं था। वह तो हिंसा फैलाकर सभी को डराने का प्रयास कर रहे थे। सड़क पर मजे कर रहे थे। पुलिस ने इस मामले में 45 लोगों को पकड़ा है। इनमें 34 आरोपी हैं और 11 संदेह के आधार पर थाने में बैठाए हैं। पुलिस ने सड़क,चौराहा पर लगे CCTV कैमरों की मदद से कुछ फुटेज निकाले हैं। जिनके आधार पर 17 और दहशतगर्दों के चेहरे चिन्हित हुए हैं। जो CCTV फुटेज में तोड़फोड़ मचाते दिख रहे हैं। सेना भर्ती स्कीम अग्निपथ के विरोध में हुए उपद्रव की असल शुरूआत सेना भर्ती की तैयारी कराने वाली अकादमियों से हुई है। वहीं पर उपद्रव की पूरी पटकथा रचि गई है। वॉटसऐप ग्रुप पर दो दिन से यह सारी प्लानिंग चल रही थी। कोचिंग सेंटर पर ही बैठकर हंगामा की रूपरेखा तैयार की गई। 

इसलिए अब कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह, एसएसपी ग्वालियर अमित सांघी ने सेना की भर्ती कराने वाली अकादमियों को आड़े हाथ लिया है। सभी अकादमी, एकेडमी को तीन दिन का समय दिया गया है। तीन दिन में अपने यहां तैयारी कर रहे छात्रों के नाम फोन नंबर सहित थाने में जमा करा दें। यदि ऐसा नहीं किया तो FIR दर्ज की जाएगी। ग्वालियर में उपद्रव की शुरुआत बीते रोज सुबह 10 बजे से ही शुरू हो गई थी। 10 बजे से गोला का मंदिर चौराहा पर भीड़ जुटना शुरू हो गई थी। 12 बजे तक वहां करीब 800 से 1000 युवा एकत्रित हो गए और माहौल बिगड़ने लगा। आक्रोशित युवाओं ने ट्रैफिक को रोक दिया। गोला का मंदिर चौराहा पर पुलिस के सिटी सर्विलांस के तहत CCTV कैमरे लगे हैं। 24 घंटे यहां कैमरों से निगरानी होती है, लेकिन पुलिस की टीम यहां चूक कर गई। जब यहां उपद्रव होने लगा और आक्रोशित युवाओं ने लोगों से मारपीट व दुकान वालों से बाजार बंद करने के लिए तोड़फोड़ शुरू कर दी तो पुलिस को हरकत में आई।

अग्निपथ योजना का विरोध पूरे देश में सेना की तैयारी कर रहे युवा कर रहे हैं। मध्यप्रदेश में भी यह आग बुरी तरह फैली हुई है। ग्वालियर-चंबल अंचल के ग्वालियर, मुरैना में उपद्रव हो चुका है। शुक्रवार को इंदौर में भी प्रदर्शन किया गया है। ग्वालियर पुलिस को आशंका है कि उपद्रवी छात्र फिर ग्वालियर में हंगामा कर प्रदर्शन कर सकते हैं। इसलिए पुलिस चौकन्ना है और CCTV कैमरों की मदद से पूरे शहर में निगरानी रखे हुए हैं। पुलिस ने अभी तक कुछ 34 लोगों को गिरफ्तार किया है। पांच मामले दर्ज किए हैं। अभी तक पुलिस ने इनको पकड़ा है। थाना सिंह, मनीष शर्मा, भूरे सिंह, विश्वजीत भदौरिया, अजीत चौहान, रितिक पांडे, नीतेश कोरी, हेरी यादव, रविन्द्र राठौर, अजय शर्मा, लालू जाटव, रोहित पटेल, रवि तोमर, महेन्द्र चौहान, दीपू त्यागी, आदित्य सिकरवार, गजेन्द्र, परवेश, धर्मवीर, विकास व पवन को हिरासत में लिया है। 11 संदेही भी पकड़े हैं जो अभी थाने में हैं और उनसे पूछताछ की जा रही है। एएसपी क्राइम राजेश दंडौतिया का कहना है कि वायरल वीडियो और CCTV फुटेज के आधार पर लगातार उपद्रव मचाने वालों की पहचान की जा रही है। शहर के विभिन्न थानों में मामला दर्ज किया जा चुके हैं।

‘अग्निपथ’ योजना में बदलाव, उम्र सीमा बढ़ाकर की 23 साल

पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण...

‘अग्निपथ’ योजना में बदलाव, उम्र सीमा बढ़ाकर की 23 साल

केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना के विरोध में कई राज्यों में युवाओं ने जमकर प्रदर्शन किया। हालांकि इन तमाम विरोध प्रदर्शनों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार रात योजना में बड़ा बदलाव करते हुए युवाओं को राहत देने का प्रयास किया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अग्निपथ योजना के तहत भर्ती की अधिकतम आयु सीमा 21 से बढ़ाकर 23 साल कर दी गई है। हालांकि ये ढील केवल इसी साल यानी 2022 की भर्ती प्रक्रिया में ही लागू होगी। पिछले दो वर्षों में कोई भर्ती नहीं होने के कारण यह निर्णय लिया गया है। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, अग्निपथ योजना की शुरुआत के समय सशस्त्र बलों में सभी नए रंगरूटों के लिए प्रवेश आयु साढ़े 17 साल से 21 साल साल निर्धारित की गई है। 

मंत्रालय ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि पिछले दो वर्षों के दौरान भर्ती करना संभव नहीं हो पाया। इसलिए सरकार ने निर्णय लिया है कि 2022 के लिए प्रस्तावित भर्ती चक्र के लिए एकमुश्त छूट दी जाएगी। इसके मुताबिक, 2022 के लिए अग्निपथ योजना के लिए भर्ती प्रक्रिया के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया गया है जोकि पहले 21 साल थी। भारत सरकार ने मंगलवार को सेना, नौसेना और वायुसेना में सैनिकों की भर्ती के लिए एक नई ‘अग्निपथ योजना’ का ऐलान किया था। इसके तहत बढ़ते वेतन और पेंशन खर्च को कम करने के लिए संविदा के आधार पर अल्पकाल के लिए सैनिकों की भर्ती की जएगी, जिन्हें ‘अग्निवीर’ कहा जाएगा। 

यह भी कहा गया कि सशस्त्र बल इस साल 46,000 ‘अग्निवर’ भर्ती करेंगे और चयन के लिए पात्र आयु 17.5 वर्ष से 21 वर्ष के बीच होगी जिसे अब पहले साल (2022) के लिए बदल दिया गया है। योजना के तहत भर्ती 90 दिनों के भीतर शुरू होने वाली है। रोजगार के पहले वर्ष में एक ‘अग्निवीर’ का मासिक वेतन 30,000 रुपये होगा, लेकिन हाथ में केवल 21,000 रुपये ही आएंगे। हर महीने 9,000 रुपये सरकार के समान योगदान वाले एक कोष में जाएंगे। इसके बाद दूसरे, तीसरे और चौथे वर्ष में मासिक वेतन 33,000 रुपये, 36,500 रुपये और 40,000 रुपये होगा। प्रत्येक ‘अग्निवीर’ को ‘सेवा निधि पैकेज’ के रूप में 11.71 लाख रुपये की राशि मिलेगी और इस पर आयकर से छूट मिलेगी।

UPSC ने जारी किए सिविल सेवा परीक्षा के मार्क्स, टॉपर को मिले 54.56% अंक

परीक्षा पास करने वाले छात्रों के घोषित किए गए अंकों के मुताबिक...

UPSC ने जारी किए सिविल सेवा परीक्षा के मार्क्स, टॉपर को मिले 54.56% अंक

नई दिल्ली। देश में लोक सेवकों के चयन के लिये संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित कराई जाने वाली प्रतिष्ठित सिविल सेवा परीक्षा-2021 में शीर्ष स्थान पाने वाली श्रुति शर्मा ने 54.56 प्रतिशत अंक हासिल किए जबकि दूसरे स्थान पर रहीं अंकिता अग्रवाल को 51.85 प्रतिशत अंक मिले। आयोग द्वारा सोमवार को घोषित किए गए नतीजों के मुताबिक कुल 685 प्रतिभागियों ने परीक्षा पास की जिनमें 508 पुरुष और 177 महिलाएं शामिल हैं। 

यूपीएससी द्वारा भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय विदेश सेवा और भारतीय पुलिस सेवा समेत अन्य सेवाओं के लिये अधिकारियों के चयन के वास्ते हर वर्ष तीन चरणों- प्रारंभिक, मुख्य और साक्षात्कार- में सिविल सेवा परीक्षा आयोजित की जाती है। प्रारंभिक परीक्षा में वस्तुनिष्ठ प्रकार (बहुविकल्पीय) प्रश्नों के दो पेपर होते हैं और अधिकतम 400 अंक होते हैं। यह चरण केवल एक स्क्रीनिंग परीक्षण के रूप में कार्य करने के लिए है, और इस परीक्षा में हासिल अंकों को मुख्य परीक्षा के लिये योग्य घोषित उम्मीदवारों के अंतिम मेरिट के निर्धारण में इस्तेमाल नहीं किया जाता है। मेरिट कुल 2,025 अंकों में से निर्धारित की जाती है - लिखित या मुख्य परीक्षा 1,750 अंकों की होती है और साक्षात्कार 275 अंकों का होता है। 

यूपीएससी द्वारा परीक्षा पास करने वाले छात्रों के घोषित किए गए अंकों के मुताबिक श्रुति शर्मा को कुल 1,105 अंक मिले, जिनमें से 932 अंक लिखित (मुख्य) परीक्षा के लिए और 173 साक्षात्कार के लिए दिए गए। यूपीएससी के मुताबिक अंकिता अग्रवाल को कुल 1,050 अंक मिले, जिनमें लिखित में 871 और साक्षात्कार के 179 अंक शामिल हैं।  तीसरा स्थान पाने वाली गामिनी सिंगला को 1045 अंक मिले। लिखित में 858 और साक्षात्कार में 187। 

चौथे स्थान पर रहे ऐश्वर्य वर्मा को कुल 1,039 अंक मिले। लिखित परीक्षा में 860 और साक्षात्कार में 179 अंक उन्हें दिए गए। इस परीक्षा में पांचवां स्थान हासिल करने वाले उत्कर्ष द्विवेदी को कुल 1,036 अंक मिले। उन्हें लिखित परीक्षा में 871 और साक्षात्कार में 165 अंक हासिल हुए। 

सिविल सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा-2021, 10 अक्टूबर, 2021 को आयोजित की गई थी। इस परीक्षा के लिए कुल 10,93,984 उम्मीदवारों ने आवेदन किया था, जिसमें से 5,08,619 उम्मीदवार उपस्थित हुए। इस साल जनवरी में हुई लिखित (मुख्य) परीक्षा में 9,214 उम्मीदवारों ने हिस्सा लिया था। परीक्षा के व्यक्तित्व परीक्षण (साक्षात्कार) के लिए कुल 1,824 उम्मीदवार सफल हुए थे। कुल 685 सफल उम्मीदवारों में से 244 सामान्य वर्ग से, 73 आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से, 203 अन्य पिछड़ा वर्ग से, 105 अनुसूचित जाति से और 60 अनुसूचित जनजाति से हैं।

शिक्षा मंत्रालय ने तय की इंजीनियरिंग की नई फीस, राज्यों की सहमति बाकी

काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा…

शिक्षा मंत्रालय ने तय की इंजीनियरिंग की नई फीस, राज्यों की सहमति बाकी

नई दिल्ली। देशभर में इंजीनियरिंग कोर्स की नई फीस तय की गई है। काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन द्वारा बनाया गया यह फीस स्ट्रक्चर अब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है। विभिन्न राज्यों द्वारा इसे स्वीकृति दिया जाना अभी भी बाकी है। दरअसल विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रम की फीस निर्धारित करने के लिए देश के प्रत्येक राज्य की अपनी एक रिव्यू कमेटी है। राज्यों की रिव्यू कमिटी इस नए फीस स्ट्रक्चर की समीक्षा करेगी। शिक्षा मूलत: राज्य का विषय है। इसलिए इस फीस स्ट्रक्चर को लागू करने के लिए राज्यों की मंजूरी महत्वपूर्ण एवं आवश्यक है। खास तौर पर राज्य स्तरीय विश्वविद्यालयों, इंजीनियरिंग कॉलेजों व राज्य सरकार के नियमों के अंतर्गत कार्य करने वाले प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज, राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की गई सिफारिशों को ही लागू करते हैं। 

इसको देखते हुए एआईसीटीई का कहना है कि यदि किसी राज्य को इस नए फीस स्ट्रक्चर में कोई कमी या आपत्ति होगी, उनसे संवाद किया जाएगा एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग कोर्स के लिए न्यूनतम फीस लगभग 68,000 रुपये तय करने की सिफारिश है। शिक्षा मंत्रालय ने एआईसीटीई की इस महत्वपूर्ण सिफारिश को स्वीकार कर लिया। केंद्र सरकार की मंजूरी मिलने के उपरांत एआईसीटीई ने सभी राज्यों से इसे लागू करने के लिए कहा है। इसके लिए राज्य सरकारों को एआईसीटीई ने पत्र लिखा है। एआईसीटीई ने अपनी रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के तीन वर्षीय डिप्लोमा कार्यक्रम के लिए न्यूनतम सालाना फीस 67,900 रुपये और अधिकतम 1,40,900 रुपये रखी गई है। वहीं चार साल के डिग्री प्रोग्राम के लिए सालाना न्यूनतम फीस 79,600 रुपये और अधिकतम 1,89,800 रुपये की सिफारिश की गई है। रिपोर्ट में इंजीनियरिंग के पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम के लिए 1,41,200 से 3,04,000 रुपये बीच है। मैनेजमेंट में पीजी प्रोग्राम के लिए 85,000 रुपये से लेकर 1,95,200 रुपये फीस की सिफारिश है। गौरतलब है कि भारतीय इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए होने वाला जॉइंट एंट्रेंस एग्जाम 'जेईई' इस बार वैश्विक रूप लेने जा रहा है। 

क्वालालंपुर और लागोस जैसे विदेशी शहरों में पहले ही बीते वर्ष यह परीक्षाएं करवाई जा चुकी हैं। भारत सरकार के सहयोग से इन परीक्षाओं को 12 विदेशी सिटी में आयोजित किया गया था। हालांकि इस बार शिक्षा मंत्रालय ने भारत के बाहर पहली बार 25 देशों में एक साथ जेईई मेंस परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई है। इस बार जिन देशों में यह परीक्षा आयोजित करवाई जा रही है उनमें अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, सिंगापुर, चीन, नेपाल, इंडोनेशिया, मलेशिया बहरीन, कुवैत, कतर, यूएई समेत अन्य देश शामिल है। इस साल एनआरआई और विदेश में पढ़ रहे भारतीय एवं विदेशी नागरिकों के लिए करीब 3900 यूजी और 1300 पीजी सीटें भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। यह सीटें देश के उच्च श्रेणी के इंजीनियरिंग संस्थानों में आरक्षित की जाएंगी।

परिवार का एक सदस्य शासकीय सेवक हो तो दूसरे को नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति : HC

मध्यप्रदेश हाइकोर्ट का महत्‍वपूर्ण निर्णय…

परिवार का एक सदस्य शासकीय सेवक हो तो दूसरे को नहीं मिलेगी अनुकंपा नियुक्ति : HC

जबलपुर। हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण आदेश में साफ किया कि परिवार का एक सदस्य शासकीय सेवक है, अत: दूसरे किसी सदस्य को अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल सकती। मुख्य न्यायाधीश रवि मलिमठ व न्यायमूर्ति पुरुषेंद्र कुमार कौरव की युगलपीठ ने इस सिलसिले में हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के पूर्व निर्णयों पर भरोसा जताया। इसी के साथ अनुकंपा नियुक्ति दिलाने का आग्रह करते हुए दायर की गई अपील निरस्त कर दी। शहडोल जिला अंतर्गत गोरतरा निवासी अश्वनी कुमार पांडे की ओर से यह अपील दायर की गई। 

अधिवक्ता रजनीश गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि अपीलकर्ता के पिता पुलिसकर्मी थे। कार्यरत रहते हुए उनके निधन के उपरांत अपीलकर्ता ने अनुकम्पा नियुक्ति के लिए विभाग को आवेदन दिया, लेकिन इसे निरस्त कर दिया गया। हाइ कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की गई। यह भी कोर्ट की एकलपीठ ने पांच अप्रैल, 2022 को निरस्त कर दी। इसी आदेश को अपील के जरिए चुनौती दी गई। तर्क दिया गया कि अपीलकर्ता अपनी मां के साथ रहता है और उनके भरण पोषण, देखभाल के लिए उसे अनुकंपा नियुक्ति दी जानी चाहिए। 

सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपमहाधिवक्ता विवेक शर्मा ने कोर्ट को बताया कि अपीलकर्ता का भाई छत्तीसगढ़ सरकार के अधीन कर्मी है उन्होंने कई न्यायदृष्टांत पेश किए। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि परिवार का एक सदस्य सरकार, सरकारी निगम, बोर्ड, आयोग या परिषद में सेवारत है तो दूसरे किसी सदस्य को पात्र होने के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति नहीं दी जा सकती। बाहर रहने के बावजूद सरकारी नौकरी करने वाला सदस्य परिवार के अंतर्गत ही माना जाएगा। इस अभिमत के साथ हाइ कोर्ट ने अपील निरस्त कर दी।