G News 24 : इमरान के 39 सांसदों को मिली मान्यता तो शरीफ को सताने लगा डर !

 पाकिस्तान में इमरान की पार्टी हुई बैक...

इमरान के 39 सांसदों को मिली मान्यता तो शरीफ को सताने लगा डर !

पाकिस्तान की राजनीति में नया भूचाल आने वाला है. इमरान खान की जिस पीटीआई को पाकिस्तान में खत्म मान लिया गया था, उसके 39 सांसदों को मान्यता मिल गई है. सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग ने सांसदों को मान्यता दी है. पाकिस्तान की संसद में अब इमरान खान के सांसद दहाड़ते नजर आएंगे. ऐसी स्थिति में नवाज शरीफ को डर सताने लगा है, क्योंकि एक बार फिर पाकिस्तान में इमरान की पॉपुलैरिटी बढ़ने वाली है. 

पाकिस्तान में हुए चुनाव के दौरान इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ को सस्पेंड कर दिया गया था. इसके बाद इमरान ने अपने नेताओं को निर्दलीय मैदान में उतार दिया था, 80 उम्मीदवारों ने जीत भी दर्ज की थी, लेकिन ये सांसद कभी पीटीआई के बैनर तले नहीं दिखे. अब सुप्रीम कोर्ट ऐसा फैसला सुनाया है, जिसके बाद इमरान के सांसद और विधायकों को सदनों में पार्टी का नाम इस्तेमाल करने की छूट मिल गई है. 

सभी पीटीआई सांसदों को मिलेगी मान्यता

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गुरुवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग ने 39 सांसदों को पीटीआई सांसद के तौर पर मान्यता दे दी है. पाकिस्तान के डॉन न्यूज के मुताबिक, ये सभी सांसद पाकिस्तान नेशनल असेंबली के लिए रिजर्व सीटों पर जीतकर आए थे. इस फैसले के बाद पाकिस्तान की संसद में अब पीटीआई को संसदीय दल के रूप में मान्यता मिल गई है. रिपोर्ट के मुताबिक, 80 में से बचे सांसदों को भी अगले 15 दिनों के भीतर पीटीआई सांसद के तौर पर मान्यता दे दी जाएगी. 

इमरान को सता रहा हत्या का डर

दूसरी तरफ इमरान खान को अपनी हत्या होने का डर सता रहा है. इमरान ने लाहौर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा है कि 'बंदियों को नागरिक अदालतों के अधिकार क्षेत्र में रहना चाहिए. लेकिन 9 मई की हिंसा के बाद ऐसा लगता है कि मुझे सेना को सौंपने की तैयारी थी.' इमरान खान ने कहा कि जनरल हेडक्वार्टर पर विरोध प्रदर्शन भड़काने का उन पर झूठा आरोप साजिश के तहत लगाया गया है. इमरान ने 9 मई की हिंसा को झूठा 'दुष्प्रचार अभियान' बताया है. उन्होंने कहा कि इसके असली अपराधी वे हैं, जिन्होंने घटना की सीसीटीवी फुटेज चुराई है. 

G News 24 : बांग्लादेश को लेकर दिए गए अपने बयान को लेकर घिरीं ममता बनर्जी !

 बयान पर बांग्लादेश सरकार ने कड़ी आपत्ति जताई है और उसने भारत सरकार को नोटिस भेजा है...

बांग्लादेश को लेकर दिए गए अपने बयान को लेकर घिरीं ममता बनर्जी !

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। दरअसल, ममता बनर्जी ने बांग्लादेश के शरणार्थियों को बंगाल में आश्रय देने की पेशकश की थी। उनके इस बयान को लेकर बांग्लादेश सरकार ने भारतीय उच्चायोग के समक्ष ममता बनर्जी की टिप्पणियों पर कड़ी आपत्ति जताई है। उसने कहा है कि ममता बनर्जी का ट्वीट भड़काऊ था और इसमें बांग्लादेश के आंतरिक मामलों को लेकर गलत बातें कही गई थीं। 

बांग्लादेश सरकार ने बताया कि वह अपने देश में सामान्य स्थिति बनाने की कोशिश कर रही है, विशेषकर छात्रों की मौत पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की ऐसी टिप्पणी भ्रामक है। इस तरह की टिप्पणी, विशेष रूप से लोगों को शरण देने का आश्वासन, कई लोगों को खासकर आतंकवादियों और शरारती तत्वों को घोषणा का फायदा उठाने के लिए उकसा सकती है।

ये  था सीएम ममता का बयान !

ममता बनर्जी ने 21 जुलाई को टीएमसी की शहीद दिवस रैली में कहा था कि पड़ोसी देश से आए संकटग्रस्ट लोगों के लिए बंगाल अपने दरवाजे खुले रखेगा और उन्हें आश्रय देगा। उन्होंने कहा था कि अलग असहाय लोग पश्चिम बंगाल के दरवाजे खटखटाते हैं, तो हम निश्चित रूप से उन्हें आश्रय देंगे। मुख्यमंत्री ने कहा था कि बंगाल ऐसा इसलिए करेगा, क्योंकि अशांति वाले क्षेत्रों के आस-पास के क्षेत्रों में शरणार्थियों को समायोजित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र का प्रस्ताव है।

टीएमसी सुप्रीमो ने बाद में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' पर पोस्ट करते हुए भी यह वादा दोहराया। उन्होंने कहा था, "सैकड़ों छात्र और अन्य लोग संकटग्रस्त बांग्लादेश से पश्चिम बंगाल या भारत लौट रहे हैं। मैंने अपने राज्य प्रशासन से लौटने वालों को सभी सहायता और सहायता प्रदान करने के लिए कहा है। उदाहरण के लिए, लगभग 300 छात्र हिली सीमा पर पहुंचे और अधिकांश सुरक्षित रूप से अपने-अपने गंतव्यों के लिए रवाना हो गए। हालांकि, उनमें से 35 को मदद की जरूरत थी और हमने उन्हें बुनियादी सुविधाएं और सुविधा सहायता प्रदान की।

भारत सरकार को नोटिस भेजा

इसके बाद मामले में बांग्लादेश ने भारत सरकार को एक आधिकारिक नोट भेजा है। बांग्लादेश के विदेश मंत्री हसन महमूद ने कहा कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के प्रति सम्मान के साथ यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनकी टिप्पणियों में भ्रम की बहुत गुंजाइश है, इसलिए हमने भारत सरकार को एक नोट दिया है।

गौरतलब है कि बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों में आरक्षण खत्म करने की मांग को लेकर हिंसकर प्रदर्शन कर रहे हैं, जिसमें 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हिंसा को देखते हुए पिछले सप्ताह से राष्ट्रव्यापी इंटरनेट ब्लैकआउट रहा। मंगलवार रात सीमित कनेक्टिविटी बहाल की गई, जिसमें बैंकों, प्रौद्योगिकी फर्मों और मीडिया आउटलेट्स जैसी कंपनियों को प्राथमिकता दी गई है।

G News 24 : काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रैश हुआ विमान !

 प्लेन में सवार 19 में से 18 की मौत !

काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर क्रैश हुआ विमान !

काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर बुधवार सुबह उड़ान भरने के दौरान एक निजी एयरलाइन कंपनी का विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 19 लोग सवार थे। इनमें 18 लोगों की मौत की बात सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विमान पोखरा जा रहा था और सुबह करीब 11 बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हवाई अड्डे पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि विमान के पायलट को अस्पताल ले जाया गया है। उन्होंने बताया कि विमान में लगी आग को बुझा दिया गया है। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटनास्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं। यात्रियों की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी नहीं मिल पाई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पोखरा जाने वाले विमान के उड़ान भरने के दौरान रनवे से बाहर निकल जाने के कारण यह दुर्घटना हुई। विमान में चालक दल के सदस्यों सहित 19 लोग सवार थे। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, दुर्घटनास्थल से पांच शव बरामद किए गए हैं। जहाज के कैप्टन एमआर शाक्य को अस्पताल ले जाया गया है। हवाई अड्डे पर धुएं का घना गुबार देखा गया। पुलिस और दमकलकर्मी दुर्घटना स्थल पर बचाव अभियान चला रहे हैं। हादसे के बाद काठमांडू के त्रिभुवन इंटरनेशनल एयरपोर्ट को एहतियातन बंद कर दिया गया है।

G News 24 : चीन समर्थक ओली ने भारत के इन इलाकों पर जताया अपना दावा !

 ओली ने कहा है कि उनकी सरकार अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को लेकर दृढ़ है...  

चीन समर्थक ओली ने भारत के इन इलाकों पर जताया अपना दावा !

नेपाल में चीन समर्थक ओली की सरकार बनते ही एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा विवाद का मुद्दा गरम हो गया है. नेपाल के नए प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने लिम्पियाधुरा, लिपुलेख, कालापानी सहित महाकाली नदी के पूर्व के इलाके को अपना बताया है. उन्होंने कहा कि भारत-नेपाल सीमा विवाद को कूटनीतिक तंत्र के माध्यम से हल किया जाएगा. ओली ने कहा कि काठमांडू अपनी अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को लेकर स्पष्ट और दृढ़ है. 

प्रतिनिधि सभा में विश्वास मत हासिल करने के एक दिन बाद सोमवार को केपी शर्मा ओली सांसदों के सवालों का जवाब दे रहे थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर दृढ़ और स्पष्ट है कि साल '1816 में हुई सुगौली संधि के मुताबिक, लिम्पियाधुरा, कालापानी, लिपुलेख और महाकाली नदी के पूर्व के इलाके नेपाल के हैं.' ओली ने कहा कि संघीय संसद और सरकार देश की अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को लेकर स्पष्ट और दृढ़ है. 

कूटनीतिक तरीके से सीमा विवाद हल करेंगे ओली

ओली ने बताया कि साल 2017 में हुए संविधान के दूसरे संसोधन के माध्यम से नेपाल ने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को लेकर एक नया मानचित्र अपनाया है. उन्होंने कहा कि इसके अनुलग्नक तीन में इस बात का उल्लेख किया गया है, साथ अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को लेकर हमारे देश में अभूतपूर्व सहमति बनी है. ओली ने बताया कि दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की मुलाकातों के दौरान सीमा विवाद को कूटनीतिक तरीके से हल करने पर सहमति बनी है. केपी शर्मा ओली ने बताया कि '4 जनवरी को नेपाल-भारत विदेश मंत्री स्तर की संयुक्त आयोग की सातवीं बैठक हुई थी. इस दौरान नेपाल-भारत सीमा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई और नेपाल-भारत सीमा के शेष हिस्सों पर लंबित कार्यों को जल्द पूरा करने की बात कही गई.

साल 2020 में नेपाल ने जारी किया नया मानचित्र

दरअसल, साल 2020 में काठमांडू की तरफ से अंतरराष्ट्रीय सीमाओं के लेकर जारी किए गए नए मानचित्र के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था. इस मानचित्र में तीन भारतीय क्षेत्र- लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दिखाया गया था. नेपाल के इस मानचित्र को उस समय भारत ने खारिज कर दिया था. साथ ही भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा कि 'नेपाल के दावे ऐतिहासित तथ्यों और साक्ष्यों पर आधारित नहीं हैं.

G News 24 : वाईडेन के पीछे हटने के ऐलान से 'कमला हैरिस का राजयोग शुरू !

 बाइडेन के ऐलान से घंटों पहले भारतीय ज्योतिषी ने कर दी थी भविष्यवाणी...

वाईडेन के पीछे हटने के ऐलान से 'कमला हैरिस का राजयोग शुरू !

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को ऐलान कर दिया कि वे राष्ट्रपति पद का आगामी चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए उपराष्ट्रपति कमला हैरिस का नाम आगे बढ़ाया है. भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैर‍िस की उम्मीदवारी पर हालांकि आखिर मुहर डेमोक्रेटिक पार्टी के अधिवेशन में लगेगी, लेकिन उन्हें रेस में सबसे आगे माना जा रहा है.   

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में आए इस नाटकीय मोड़ से देश के जाने-माने ज्योतिषी राजीव नारायण शर्मा की भविष्यवाणी की चर्चा होने लगी है. उन्होंने बाइडन के ऐलान से घंटों पहले ही रविवार दोपहर पौने तीन बजे भविष्यवाणी कर दी थी कि कमला हैरिस का राजयोग शुरू होने जा रहा है. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उन्होंने कमला हैरिस को लेकर लिखा था- उनकी अभी राहु, शुक्र दशा चल रही है. 27.07.24 से उनका राजयोग प्रारंभ हो रहा है. यह समय उनके जीवन का स्वर्णिम दौर होगा. 

ट्वीट देखें

Kamla Devi Harris(20.10.64), has Gemini Lagna, Aries sign. Dasha running Rahu, Venus. From 27.07.24 her Rajyog is starting. This period will be a golden phase of her life.@ANI @DainikBhaskar @aajtak @BJP4India @INCIndia @the_hindu @NewYorkTimes_es @washingtonpost @timesofindia — Rajeev Narain Sharma (@AstroGuru_Rjv) July 21, 2024

इसके बाद बाइडन के ऐलान से करीब एक घंटे पहले भी उन्होंने एक ट्वीट किया. उन्होंने एक्स पर लिखा है- जो बाइडन का जन्म 20.11.1942 में हुआ था.उनकी वृश्चिक लग्न, मेष राशि है. दशा शनि है. उनकी कुंडली में मंगल, बुध 12वें घर में एक साथ हैं. ऐसे में दिमाग पर असर पड़ने का योग है. वह 23 जुलाई के बाद चुनाव छोड़ सकते हैं. उनकी यह भविष्यवाणी भी रविवार 11 बजकर 16 मिनट पर सच साबित हुई, जब बाइडन ने राष्ट्रपति पद की रेस से हटने का ऐलान किया. बता दें कि बाइडन के इस फैसले की खबर सिर्फ उनके करीबी लोगों को ही थी. 

बाइडन का ट्वीट

Joe Biden(20.11.42) has Scorpio lagna, Aries sign. Dasha Sat, Sat, Moon. In his chart Mars, Mercury are together in 12H. A perfect case of Brain disorder. He may quit the election after 23rd July@ANI @NewYorkTimes_es @washingtonpost @timesofindia @the_hindu @INCIndia @BJP4India— Rajeev Narain Sharma (@AstroGuru_Rjv) July 21, 2024— Joe Biden (@JoeBiden) July 21, 2024

इन दोनों ट्वीट्स की खूब चर्चा हो रही है. अब देखना होगा कि क्या हैरिस के राजयोग वाली उनकी बात कितनी सच साबित होती है. बाइडन ने भारतीय-अफ्रीकी मूल की कमला हैरिस के नाम की सिफारिश की है, लेकिन उनकी असली परीक्षा अभी बाकी है. डेमोक्रेट्स के अधिवेशन में अगर वह राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी पाने में सफल भी रहती हैं, तो अपने रिपब्लिकन प्रतिद्वंद्वी पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से उन्हे कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है.  

G News 24 : चीनी हैकरों की कैद में 3000 भारतीय,नौकरी का झाँसा देकर बंधक बनाया !

 नौकरी के नाम पर फँसाकर महिलाओं से करवाते हैं न्यूड वीडियो कॉल...

चीनी  हैकरों की कैद में 3000 भारतीय,नौकरी का झाँसा देकर बंधक बनाया !

तेलंगाना। चीन के साइबर अपराधियों के चक्कर में कई भारतीय कम्बोडिया में गुलाम बना कर रखे गए हैं। इन पीड़ितों की तादाद लगभग 3000 के आसपास बताई गई है जिसमें कई महिलाएँ शामिल हैं। इन महिलाओं का प्रयोग हनीट्रैप जैसी घटनाओं में न्यूड कॉल तक के लिए किया जा रहा है। गुलाम बनाए गए लोगों में ज्यादातर तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के बताए जा रहे हैं। अधिकतर लोगों को नौकरी दिलाने का झाँसा दे कर बुलाया गया था। ये दावा खुद को भुक्तभोगी बताते हुए तेलंगाना के एक युवक ने  किया है। 

रिपोर्ट्स के अनुसार मिली जानकारी एवं सूत्रों के मुताबिक, तेलंगाना का रहने वाला मुंशी प्रकाश नाम का मीडिया के युवक सामने आया है। मुंशी प्रकाश ने आपबीती का दावा करते हुए कहा कि उन्होंने सिविल इंजीनियरिंग में B.Tech तक पढ़ाई की है। JT हैदराबाद में नौकरी करते हुए मुंशी प्रकाश ने अपना बायोडाटा इंटरनेट पर अपलोड किया था। इसी बायोडाटा को देख कर कम्बोडिया से विजय नाम के व्यक्ति ने प्रकाश को कॉल कर के ऑस्ट्रेलिया में नौकरी का ऑफर दिया। ट्रेवल हिस्ट्री बनाने के लिए मुंशी प्रकाश को पहले मलेशिया का टिकट दिया गया।

12 मार्च, 2024 को को मुंशी प्रकाश मलेशिया की राजधानी क्वालालम्पुर पहुँचे। यहाँ से उन्हें विजय का एक स्थानीय प्रतिनिधि मिला जिसने मुंशी प्रकाश से 85,000 डॉलर ले लिए। इसी दौरान एक चीनी व्यक्ति ने मुंशी प्रकाश का पासपोर्ट ले लिया और उन्हें अपने साथ ले कर कम्बोडिया के क्रांग बावेत ले गया। यहाँ मुंशी प्रकाश को एक टॉवर में ले जाया गया जहाँ कई अन्य भारतीय पहले से मौजूद थे। इस टॉवर में मुंशी प्रकाश को 10 दिनों तक फेसबुक पर लड़कियों की फर्जी ID बनाने की ट्रेनिंग दिलाई गई।

मुंशी प्रकाश ने बताया कि फेसबुक की ये ID तमिल और तेलगु सहित कई अन्य भाषाओं में बनवाई जा रही थी। काम के बाद पीड़ित को एक अँधेरे कमरे में बंद रखा जाता था। इनकार करने पर उसकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी और खाना-पीना भी ठीक से नहीं दिया जाता था। फोटो आदि खींचने पर भी पाबंदी लगा दी गई थी। एक दिन मौका पाकर मुंशी प्रकाश ने अपनी बहन को ईमल कर के सारी समस्या बताई। तब मुंशी प्रकाश की बहन से तेलंगाना के प्रशासन को इस मामले से अवगत करवाया था।

स्थानीय स्तर पर समस्या का हल न निकलने पर मुंशी प्रकाश के परिजनों ने भारतीय दूतावास से मदद की गुहार लगाई। दूतावास की पहल पर कम्बोडिया की पुलिस एक्टिव हुई और मुंशी प्रकाश को बरामद कर लिया। इस बीच चीनी गिरोह ने मुंशी प्रकाश के खिलाफ तहरीर दे कर उन्हें गिरफ्तार करवा दिया। इस वजह पीड़ित को 12 दिनों तक जेल काटनी पड़ी थी। अंत में 9 अन्य भारतीयों के साथ मुंशी प्रकाश 5 जुलाई, 2024 को कम्बोडिया से भारत वापस भेज दिए गए। भारत आ कर मुंशी प्रकाश ने बताया कि उनकी ही तरह लगभग 3000 भारतीय कम्बोडिया में चीनी जालसाजों की वजह से फँसे हुए हैं।

मुंशी प्रकाश का दावा है कि 3000 बंधकों में कई महिलाएँ भी शामिल हैं। इन महिलाओं से हनीट्रैप का काम करवाया जा रहा है। लड़कियों को नग्न होकर वीडियो कॉल करने पर मजबूर किया जाता है। मुंशी ने बताया कि उन्हें कम्बोडिया में चीनी जालसाजों के जाल में फँसे केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, मुंबई और दिल्ली के लोग मिले। इन सभी को विदेश में नौकरी का झाँसा दे कर कम्बोडिया बुलाया गया था। जालसाजी के जुटाया गया ये पैसा पहले क्रिप्टो करेंसी में बदला जाता है। बाद में इसे अमेरिकी डॉलर और अंत में चीनी मुद्रा युवान में बदलवा ली जाती है।

G News 24 : माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने का असर इंडियन रेलवे पर नहीं पड़ा,ये है असली वजह !

 इस सब से बचने के लिए 1999 में ही CRIS पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम पर डेवलप कर लिया था ...

माइक्रोसॉफ्ट सर्वर डाउन होने का असर इंडियन रेलवे पर नहीं पड़ा,ये है असली वजह !

नई दिल्ली। माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर फेल होने के कारण पूरी दुनिया में कोहराम मच गया. इस वजह से हवाई सेवा, दूरसंचार सेवाओं, बैंक और मीडिया संस्थानों पर सबसे अधिक पड़ा. इस दौरान खास बात यह रही कि इसका लेकिन इसका असर भारतीय रेलवे पर नहीं पड़ा. सबसे हैरानी वाली बात ये रही है कि रेलवे की सभी सुविधाएं आसानी से चलती रहीं. रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक आउटेज का भारतीय रेलवे की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ा. रेलवे बुकिंग काउंटरों पर उपनगरीय और एक्सप्रेस ट्रेनों की यात्रा के लिए टिकट जारी करने पर कोई असर नहीं पड़ा. वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "ये सभी सेवाएं Y2K समस्याओं के कारण 1999 में ही CRIS पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम पर डेवलप कर ली गई थी. जिस वजह से माइक्रोसॉफ्ट के ठप होने के बावजूद भी सभी सेवाएं सुचारु रूप से चलती रहीं.

CRIS (रेलवे सूचना प्रणाली केंद्र) रेल मंत्रालय के अधीन एक संगठन है. सीआरआईएस सक्षम आईटी पेशेवरों और अनुभवी रेलवे कर्मियों का एक अनूठा संयोजन है जो इसे मुख्य क्षेत्रों में जटिल रेलवे आईटी सिस्टम को सफलतापूर्वक वितरित करने में सक्षम बनाता है. अपनी स्थापना के बाद से, CRIS भारतीय रेलवे के निम्नलिखित प्रमुख कार्यात्मक क्षेत्रों के लिए सॉफ्टवेयर विकसित/रखरखाव कर रहा है.

माइक्रोसॉफ्ट एक क्लाउड कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म है. आपके गैजेट्स जिन एप्लिकेशन से चलते हैं, उन्हें बनाने और मैनेज करने का काम इसके जरिये होता है. शुक्रवार को माइक्रोसॉफ्ट की क्लाउड सर्विस में दिक्कत आ गई थी. एक एंटी-वायरस 'क्राउडस्ट्राइक' के अपडेट के चलते ऐसा हुआ. माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के यूजर्स को स्क्रीन अपने डेस्कटाप या लैपटाप की स्क्रीन नीली दिख रही थी. इसे ब्लू स्क्रीन ऑफ डेथ कहा जाता है. सर्वर डाउन होने से लैपटॉप या कंप्यूटर या तो रीस्टार्ट होने लगे या शटडाउन हो गए.

सर्वर डाउन के दौरान CrowdSrike का बार-बार जिक्र हुआ. क्राउड-स्ट्राइक साइबर सिक्योरिटी मुहैया कराने वाला एक प्लेटफ़ॉर्म है. इसका फाल्कन सेंसर अपडेट करने के दौरान एक बग आ गया, जिससे इतनी दिक्कत हुई. माइक्रोसॉफ्ट और क्राउड-स्ट्राइक की टीमें बग को फिक्स करने में जुटी हैं.

साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी सवाल उठाए जाते हैं. हाल में नीति आयोग ने एक रिपोर्ट दायर की है, जिसमे में चिंता जताई है कि wind एनर्जी सेक्टर में इस्तेमाल होने वाले कॉम्पोनेंट्स खासकर चीन से आने वाले कॉम्पोनेंट्स साइबर सिक्योरिटी के मामले में हमारे लिए खतरा साबित हो सकते हैं. 

माइक्रोसॉफ्ट के सिस्टम के ठप पड़ने से एयरपोर्ट, हॉस्पिटल, बैंक और शेयर मार्केट में काम रुक गया. अमेरिका में सभी प्रमुख एयरलाइंस ने अपनी उड़ानें कुछ समय के लिए रद्द कर दीं. बैंक और वित्तीय संस्थान भी प्रभावित हुए. इसके अलावा असोसिएटेड प्रेस AP जैसी समाचार एजेंसियां भी कुछ समय के लिए बंद हो गईं. ब्रिटेन में एयरपोर्ट पर असर पड़ा. वहां का स्काई न्यूज बंद हो गया. ट्रेन और फ्लाइट सर्विस पर असर पड़ा. शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं हो पाई. इससे कारोबार में अच्छा-खासा नुकसान हो गया.

जर्मनी में बर्लिन जैसे एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द करनी पड़ीं. हॉस्पिटल में ऑपरेशन टालने पड़े. फ्रांस में 26 जुलाई से ओलिंपिक खेलों की शुरुआत हो रही है, लेकिन माइक्रोसॉफ्ट में गड़बड़ी की वजह से वहां के भी कंप्यूटर बंद हो गए. इससे ओलिंपिक की तैयारियों पर पर असर पड़ा.

भारत में भी उड़ानों पर असर पड़ा. सर्वर डाउन होने से स्पाइस जेट, अकासा एयर जैसी एयरलाइंस की उड़ानें कुछ समय के लिए रोक दी गईं. कई यात्रियों को हाथ से लिखकर बोर्डिंग पास दिए गए. ऑस्ट्रेलिया में भी माइक्रोसॉफ़्ट के बिगड़ने से उड़ानें रद्द करनी पड़ीं.

माइक्रोसॉफ्ट में आज जो हुआ, उससे साइबर सिक्योरिटी पर गंभीर सवाल उठे हैं. कई लोगों में पूरे मामले को लेकर कंफ्यूजन भी है. ऐसे में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने आसान शब्दों में इसकी बारीकियां समझाई हैं.

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट प्रशांत माली ने NDTV से कहा, "माइक्रोसॉफ्ट में जो भी हुआ, उसकी वजह एंटी वायरस अपडेशन ही था. क्राउडस्ट्राइक नाम की एक कंपनी है. ये दुनिया की सबसे बड़ी साइबर सिक्योरिटी कंपनी है. क्राउडस्ट्राइक का फाल्कन सेंसर नाम से एक क्लाइंट है. इसी में एक एरर आ गया था. चूंकि माइक्रोसॉफ्ट भी इसे यूज करता है, लिहाजा एंटी वायरस अपडेशन से बग आ गया. जिससे सर्वर डाउन हो गया.

G News 24 : बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन: अब तक 105 की मौत, सेना के हाथ कमान !

 405 भारतीय छात्र स्वदेश लौटे...

बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन: अब तक 105 की मौत, सेना के हाथ कमान !

ढाका। बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में आरक्षण को लेकर हिंसा तेज होने के बाद शुक्रवार को देशभर में कर्फ्यू लगा दिया और सेना तैनात कर दी गई। प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रेस सचिव नईमुल इस्लाम खान ने कहा कि देश में किसी तरह की रैली, जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। बांग्लादेश में हिंसक प्रदर्शन के कारण स्थिति बहुत नाजुक है। अब तक 105 लोगों की मौत हो चुकी है। बेहद संवेदनशील हालात में सरकार ने कानून व्यवस्था संभालने के लिए अब कमान सेना के हाथ सौंप दी है। देशभर में कर्फ्यू लागू किया गया है।

छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 52 मौतें केवल राजधानी ढाका में शुक्रवार को हुईं। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग की और आंसुगैस के गोले भी दागे। देश में इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं। हालात पर काबू पाने के लिए 15 वर्षों से सत्ता में बनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है। कई दिनों से जारी हिंसा को रोकने में पुलिस के विफल रहने के बाद सेना को तैनात करना पड़ा है।

दरअसल पुलिस कई दिनों से देश भर में जारी हिंसा को रोकने में विफल रही। छात्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़प में अब तक 105 लोग मारे जा चुके हैं। इसमें 52 मौतें केवल राजधानी ढाका में शुक्रवार को हुई हैं। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं बंद हैं। नईमुल इस्लाम ने बताया कि सरकार ने लोगों की सहायता के लिए सेना तैनात करने और कर्फ्यू लगाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। स्थित पर काबू पाने के लिए 15 वर्षों से सत्ता में बनी प्रधानमंत्री शेख हसीना की सरकार के लिए यह एक बड़ी चुनौती है।

405 भारतीय छात्र स्वदेश लौटे

बांग्लादेश की हालत पर भारत की भी करीबी नजर है। भारत ने कहा कि हिंसक प्रदर्शन पड़ोसी देश का आंतरिक मामला है। 8,000 छात्रों समेत करीब 15 हजार भारतीय बांग्लादेश में हैं। सभी सुरक्षित हैं। अब तक 405 छात्र स्वदेश लौट आए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर हालात पर नजर रखे हुए हैं। प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, हमने वहां भारतीयों को सुरक्षा सहायता के लिए परामर्श जारी किया है।

G News 24 : प्रकृति का अद्भुत करिश्मा यहां 24 घंटे में हो गई पूरे साल की बारिश !

 संकट में चीन, देश में चारों तरफ भरा है पानी...

प्रकृति का अद्भुत करिश्मा यहां  24 घंटे में हो गई पूरे साल की बारिश !

चीन में बाढ़ से हालत खराब हो गई है. वहां पिछले 24 घंटे में ही एक साल की जितनी बारिश हो गई है, जिससे चीन की 31 नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं. खराब मौसम को देखते हुए हाई अलर्ट जारी किया गया है. सबसे ज्यादा दिक्कत मध्य चीन के हेनान प्रांत के शहरों में है. अचानक आई बाढ़ ने काफी मुश्किलें पैदा कर दी हैं. मौसम विभाग के मुताबिक, नानयांग शहर की सीमा के भीतर दाफेंगयिंग में एक ही दिन में 606.7 मिमी (24 इंच) की बारिश दर्ज की गई. यह मात्रा क्षेत्र की औसत वार्षिक वर्षा 800 मिमी के लगभग बराबर है. वहीं, हेनान प्रांत के अधिकारियों ने खराब मौसम को देखते हुए हाई अलर्ट जारी कर दिया. मंगलवार देर रात तक भारी बारिश ने हेनान, शेडोंग और अनहुई प्रांत में बाढ़ के हालात पैदा कर दिए. 

घरों में फंसे लोगों को निकाला जा रहा है

चीन के मीडिया नेटवर्क CGTN की रिपोर्ट में बताया गया कि मंगलवार की सुबह हेनान प्रांत के नानयांग के डेंगझोउ शहर में पानी खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था. पानी बढ़ने के कारण भारी बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया. ऊफान आईं नदियों ने कुछ इलाकों में घरों को भी डुबो दिया. बचाव दल ने घरों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया. रिपोर्ट में बताया गया कि यह मौसम हेनान तक ही सीमित नहीं है. तूफान और अचानक बाढ़ की चेतावनी के बाद बीजिंग ने कई नगरों में ट्रेन लाइनों को बंद कर दिया है. उत्तर-पश्चिमी प्रांत गांसु के कांग काउंटी ने बारिश के लिए रेड अलर्ट जारी किया.

चीन ही नहीं, कई और देश भी हैं परेशान

विभिन्न हिस्सों में बारिश के बाद एशिया काफी संकट में है. सबसे ज्यादा प्रभावित देशों में चीन है. चीन को बरसात के मौसम में बड़ी तबाही का सामना करना पड़ रहा है, जहां चीन की 31 नदियां खतरे के निशान से ऊपर हैं. हालात को देखते हुए चीन ने कई बांधों के लबालब होने के बाद अपने सबसे बड़े बांध थ्री गॉर्जेस डैम भी को खोल दिया है. चीन के बाद नेपाल दूसरा देश है, जो बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हो रहा है. इसके बाद अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भारत में भी बाढ़ देखी गई है.  15 और 16 जुलाई को भारी बारिश के कारण अफगानिस्तान में बाढ़ देखी गई.

G News 24 : ओमान तट पर डूबे 13 भारतीयों में से 8 को जिंदा बचा लाई भारतीय नौसेना !

 भारतीय नौसेना का INS-तेग बना समुद्र का शहंशाह...

ओमान तट पर डूबे 13 भारतीयों में से 8 को सकुशल बचा लाई भारतीय नौसेना !

नई दिल्ली। ओमान तट के नजदीक डूबे 13 भारतीयों समेत 16 लोगों को बचाने के मिशन पर निकला भारतीय नौसेना के आइएनएस-तेग ने समुद्र में झंडा गाड़ दिया है। तेजी से चलाए गए रेस्क्यू मिशन में आइएनएस तेग ने 13 भारतीयों में से 8 को जिंदा बचा लिया है। बता दें कि ओमान तट पर एक दिन पहले डूबे कोमोरोस के ध्वज वाले मालवाहक जहाज पर सवार चालक दल के सदस्यों का पता लगाने के लिए संचालित बचाव अभियान में भारत के युद्धपोत आइएनएस तेग को भेजा गया था, जिसने 8 भारतीयों और 1 श्रीलंकाई नागरिक को जिंदा बचा लिया है।

भारतीय नौसेना ने बुधवार रात को यह जानकारी दी। नौसेना ने बताया कि जहाज 15 जुलाई को ओमान में रास मदराख से दक्षिण पूर्व में करीब 25 समुद्री मील दूर समुद्र में डूब गया था और ओमान के अधिकारियेां के साथ मिलकर बचाव तथा तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। ओमान के समुद्री सुरक्षा केंद्र (एमएससी) ने कहा कि मालवाहक पोत एमटी फाल्कन प्रेस्टीज पर सवार चालक दल के सदस्यों की संख्या 16 थी जिनमें 13 भारतीय और तीन श्रीलंकाई थे। उसने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि एक सदस्य मृत पाया गया। हालांकि उसकी नागरिकता का अभी तक पता नहीं चला है। उसने कहा कि प्रेस्टीज फाल्कन पर सवार चालक दल के 10 सदस्यों का पता चल गया है जिनमें नौ जीवित मिले हैं और एक सदस्य मृत मिला।

6 सदस्य अभी भी लापता

भारतीय नौसेना ने कहा कि उसके युद्धपोत आईएनएस तेग ने बचाव और तलाशी अभियान में सहायता करते हुए आठ भारतीयों और एक श्रीलंकाई नागरिक को बचाया। जबकि एक शव बरामद किया। वहीं 6 लोग अभी भी लापता हैं। सूत्रों ने बताया कि ओमान स्थित भारतीय दूतावास खाड़ी देश के संबंधित अधिकारियों के संपर्क में है। इससे पहले भारत सरकार के सूत्रों ने बताया था कि जहाज एमटी फाल्कन प्रेस्टीज ने 14 जुलाई को रात लगभग 10 बजे ओमान के तट पर आपात संदेश भेजा था। एक सूत्र ने बताया, ‘‘ओमान स्थित हमारा दूतावास ओमान के अधिकारियों के लगातार संपर्क में है। ओमान समुद्री सुरक्षा केंद्र (एमएससी) द्वारा समन्वित नाविकों के लिए खोज और बचाव अभियान जारी है।

G News 24 : मोहर्रम पर खून बहाना, छाती पीटना बैन !

 तालिबान ने लागू किए सख्त कानून… 

मोहर्रम पर खून बहाना, छाती पीटना बैन !

काबुल। इस्लामी शरिया के मुताबिक शासन करने वाले अफगानिस्तान में तालिबान ने मोहर्रम पर कड़े कानून लागू किए हैं. जिसके तहत उन्होंने आदेश दिया है, कि शोक मनाने वालों को समूहों को अब अपने आप को मारना और खून बहाना मना है और इस दौरान छाती पीटना वर्जित कर दिया गया है. हुकुम ना मानने वालों को कड़े दंड भुगतने की चेतावनी दी गई है. अफगानिस्तान में तालिबान ने मोहर्रम पर होने वाले समारोह के लिए भी नए कानून बनाए हैं.

मोहर्रम पर लागू ये नए नियम…

  • तालिबान के नए आदेश के मुताबिक शोक समारोह केवल मस्जिदों या अधिकारियों और सिया विद्वानों, दोनों, द्वारा निर्दिष्ट स्थान पर आयोजित किए जाने चाहिए.
  • सिया आबादी वाले क्षेत्रों में शोक समारोह केवल शिया मस्जिदों में आयोजित किए जाने चाहिए और झंडा फहराने के समारोह विशिष्ट परिस्थितियों में ही आयोजित किए जाने चाहिए.
  • शोक मनाने वालों को समूह में नहीं आने के लिए कहा गया है. शोक मनाने वालों को प्रवेश करने के बाद मस्जिद के दरवाजे बंद कर देने चाहिए. बंद दरवाजे के पीछे ही समारोह आयोजित करना चाहिए.
  • समारोह के दौरान सस्वरपाठ विलाप और अन्य ऑडियो आइटम नहीं बजने चाहिए. झंडे केवल मस्जिदों के पास ही लगाए जाने चाहिए.
  • झंडों और पोस्ट पर राजनीतिक नारे अनुचित शब्द चित्र या दूसरे देशों की शर्तें लिखना मना है. जिस स्थान पर ये वितरित किए जाते हैं वे तयशुदा स्थल के अंदर होना चाहिए. सुन्नी नागरिकों को आमंत्रित नहीं किया जाएगा. समारोह के दौरान छाती पीटना वर्जित है.

सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी के अनुसार पाकिस्तान में सक्रिय तालिबान ने इस दौरान बाकायदा एक बैठक बुलाई थी और बैठक के दौरान सिया विद्वानों के हस्ताक्षर भी सहमति पत्र पर लिए गए. इसमें उन्होंने तमाम शर्तों पर सहमति जताई. अफगान तालिबान ने स्पष्ट तौर पर कहा कि वह इस्लामी सरिया के तहत कानून चलाते हैं. इस कानून के तहत किसी को भी उसका मजाक बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. जो इन शर्तों को नहीं मानेगा उस पर कड़े दंड प्रावधान लागू किए जाएंगे.

G News 24 : फिलिस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए भारत ने जारी किये 2.5 मिलियन US डॉलर !

संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को  पहली किश्त जारी ...

फिलिस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए भारत ने जारी किये 2.5 मिलियन US डॉलर !

भारत सरकार फिलिस्तीन शरणार्थियों की मदद के लिए आगे आई है। सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए युद्ध की विभीषिका का प्रतिफल झेल रहे फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (UNRWA) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पहली किश्त जारी की है।  सरकार ने वर्ष 2024-25 के लिए 5 मिलियन अमेरिकी डालर के अपने वार्षिक योगदान के हिस्से के रूप में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) को 2.5 मिलियन अमेरिकी डालर की पहली किश्त जारी की है।

भारत का रुख

इससे पहले भारत ने फिलिस्तीन मुद्दे के शांतिपूर्ण समाधान के लिए अपनी ऐतिहासिक और अटूट प्रतिबद्धता को दोहराते हुए वार्ता के माध्यम से ‘‘द्वि-राष्ट्र समाधान’’ का समर्थन किया था। संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रभारी राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रवीन्द्र ने बीते शुक्रवार (12-07-2024) को फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के एक सम्मेलन में यह बयान दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘भारत ने हमेशा बातचीत के माध्यम से द्वि-राष्ट्र समाधान का समर्थन किया है, जिससे एक संप्रभु, स्वतंत्र और सक्षम फलस्तीन देश की स्थापना हो सके।’’ 

भारत का पक्ष

फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के सम्मेलन में भारत का पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा था कि भारत ने गाजा में जारी इजराइल-हमास संघर्ष पर सैद्धांतिक रुख अपनाया है और नागरिकों, विशेषकर महिलाओं और बच्चों के हताहत होने की कड़ी निंदा की है। 

भारत उपलब्ध करवा रहा है दवाइयां

भारत के प्रभारी राजदूत एवं उप स्थायी प्रतिनिधि आर.रवीन्द्र ने कहा था कि मुश्किलों को कम करने में यूएनआरडब्ल्यूए की भूमिका महत्वपूर्ण बनी हुई है। उन्होंने कहा कि भारत फिलिस्तीन के लोगों के लिए एक भरोसेमंद साझेदार रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत फिलिस्तीन के 50 छात्रों को भारत के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट की पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत यूएनआरडब्ल्यूए के विशेष अनुरोध पर उसे दवाइयां भी उपलब्ध करा रहा है।

G News 24 : रूस हो या अमेरिका, बड़ी ताकतों के दबाव नहीं आएगा भारत !

 अपने हितों के लिए प्रतिबद्ध है भारत...

रूस हो या अमेरिका, बड़ी ताकतों के दबाव नहीं आएगा भारत ! 

दुनिया के हालात फिलहाल ठीक नहीं चल रहे हैं,रूस -यूक्रेन युद्ध में भी भारत किसी के पक्ष में नहीं है. भारत ना तो रूस की ओर होकर यूक्रेन को नेस्तोनाबूद करने की बात कर रहा है और ना ही नाटो और यूक्रेन की ओर से रूस को बर्बाद करने की धमकी दे रहा है. आधी से अधिक दुनिया इस वक्त युद्ध में फंसी हुई है. चाहे वह रूस-यूक्रेन का ढाई साल से चल रहा है युद्ध हो या फिर हमास -इजरायल के बीच जारी जंग हो. इसी बीच नाटो देशों की बैठक होती है. तीन दिनों तक यह बैठक चलती है, उसके बाद  नाटो देश ये  फैसला करते हैं कि यूक्रेन को F-16 जैसे फाइटर विमान के साथ और अधिक सहायता भी दी जाएगी. यानी, कोई भी अपने कदम पीछे खींचने के लिए तैयार नहीं है. इसी बीच भारत के प्रधानमंत्री रूस की यात्रा करते हैं जिसमें अमेरिका की तल्खी भी देखने को मिली है. हालांकि, अमेरिका की चढ़ी भवों को भारत ने उतना ही भाव दिया है, जितना कोई अभिभावक किसी शोर मचाते बच्चे को देता है.    

भारत की अपनी नीति सर्वोपरि

भारतीय प्रधानमंत्री की रूस की विजिट कोई सोचा समझा प्रयोग नहीं है. ये मात्र एक संयोग है. तीसरी बार  प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी पहली विदेश यात्रा पर इटली गए थे. उसके बाद दूसरी यात्रा रूस की उन्होंने की. उसी समय नाटो देशों की मीटिंग हो रही थी. नाटो के मीटिंग में सबसे अहम मुद्दा यूक्रेन युद्ध का रहा. रूस और यूक्रेन का युद्ध चल रहा था और इसी बीच पीएम मोदी ने रूस का दौरा किया, इससे निश्चित रूप से कई देशों को असहजता हुई होगी. यह बात अलग है कि भारत के पीएम मोदी की रूस की यात्रा ना तो रूस का समर्थन करने के लिए और ना ही अमेरिका को नाराज करने के लिए थी,ये यात्रा स्ट्र्रेटजी के लिए और वैल्यू और डिप्लोमेटिक संबंध को ध्यान में रखकर की गई थी. 

भारत और रूस के संबंध आज कोई नये नहीं बल्कि कई दशक पुराने रहे हैं. रूस ने भारत की कठिन समय में सहायता की है, न्यूक्लीयर तकनीक से लेकर रक्षा प्रणाली में भारत का पार्टनर रूस रहा है. हाल के कुछ समय में रक्षा प्रणाली को लेकर अमेरिका और इजरायल सहित अन्य देश भी भारत के साथ जुड़े हैं. रूस से निर्भरता अब थोड़ी कम हुई है, इसके बावजूद भारत के लिए रूस एक अहम पार्टनर के रूप में है.

भारत किसी देश का पक्षकार नहीं

इसको लेकर यूएस की ओर से कई खबरें आ रही है. अमेरिका की ओर से कहा जा रहा है कि भारत के साथ अमेरिका का संबंध है तो वो उसका फायदा ना उठाये. अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जो भी बयान आ रहे हों लेकिन भारत अपने हितों को सर्वोपरि रखते हुए ही काम करेगा. विश्व में कई घटनाएं हो रही है्ं, किसी के यहां घरेलू विद्रोह है तो कोई दूसरे मसलों में जूझ रहा है. इसको ध्यान में रखते हुए भारत को अपने हित पर काम करना है. भारत ने अमेरिका से रिश्ते बनाए हैं इसका मतलब ये नहीं है कि वो रूस से दूरी बना ले.

अमेरिका और रूस के अपने मामले और दुश्मनी है. वो आपस में देखेंगे लेकिन भारत इन दिनों के बीच में कभी एकतरफा़ व्यवहार नहीं करेगा. रूस -यूक्रेन में भी भारत ने दोनों की ओर से शांति बहाल करने की कोशिश की है. भारत ना तो रूस की ओर होकर यूक्रेन को नेस्तोनाबूद करने की बात कर रहा है और ना ही नाटो और यूक्रेन की ओर से रूस को बर्बाद करने की सोच रहा है. मोदी ने रूस-यात्रा की तो वहां भी ये बातें कहीं कि किसी भी हाल में युद्ध किसी मामले का हल नहीं है. भारत को रूस के साथ अपने रिश्ते को देखना है ना कि ये देखा जाए कि इससे यूएस क्या सोचता है.

अमेरिका और रूस दोनों से संबंध

भारत की एक तनी हुई रस्सी पर चलने की बात सही है कि वह रूस और अमेरिका दोनों के साथ रिश्तों को रखना चाहता है. दो देशों के साथ में व्यापार करना या वार्ता करना कहीं से उसके गुट में जाने की तरह से नहीं देखना चाहिए. ऐसा तो शीत युद्ध के समय होता था, उस समय भी भारत गुट निरपेक्ष का समर्थक था. हाल फिलहाल में चीन ने भारत का बिना नाम लिए कहा कि पंचशील एशिया की पैदाईश है और इसी पद्धति पर दुनिया को चलना चाहिए. ऐसी बातें चीन बोल रहा है तो भारत की तो ये कथनी और करनी भी है.

भारत अपने डिप्लोमेसी और वैल्यू को ध्यान में रखकर दोनों देशों के साथ अच्छे संबंध बनाने की कोशिश करेगा. भारत ने ये कभी नहीं कहा कि वो अमेरिका के साथ आता है तो वो रूस के साथ रिश्तों को खत्म कर देंगे, बल्कि अमेरिका से ज्यादा पुराना भारत और रूस का संबंध रहा है. चीन पर काउंटर करने के लिए अमेरिका ने भारत से संबंध रखे हुए है इसको इस नजरिये से भी देखा जा सकता है, लेकिन रूस के साथ ऐसा नहीं है बल्कि रूस ने भारत की उस समय मदद की जब कोई साथ नहीं था. रूस के साथ भारत की सैन्य और पॉलिटिक्स के संबंध ही नहीं हैं, बल्कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अलावा अन्य चीजों को लेकर भी दोनों देश साझा कार्यक्रम करते हैं.

मोदी की रूस यात्रा को यूक्रेन युद्ध के नजरिये से नहीं,भारत के हितों को नजरिये से देखा जाना चाहिए. 

अमेरिका और चीन के बीच में काफी तनातनी है, बावजूद इसके दोनों देशों में व्यापार खूब होता है. रूस के साथ भारत की घनिष्ठता है. भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन दोनों के साथ संबंध ठीक नहीं है. ऐसे में भारत को रूस और अमेरिका दोनों की जरूरत पड़ सकती है, वो किसी एक देश के साथ रिश्तों को लेकर नहीं चल सकता है.भारत में आर्थिक क्षमताएं, तरक्की, सेना की बढ़ती ताकत आदि को ध्यान में रखकर कोई भी देश भारत से दूर जाने की कोशिश नहीं करेगा. इसलिए मोदी की यात्रा को यूक्रेन युद्ध के नजरिये से नहीं बल्कि भारत के हितों को नजरिये से देखा जाना चाहिए. 

विकास के रास्ते भारत 

यूरोप में कई जगहों पर विवाद है. पूर्वी क्षेत्रों में इजरायल और फिलिस्तीन का युद्ध चल रहा है. दक्षिण चीन सागर में भी तनाव बना हुआ है. भारत लंबे समय से युद्ध में नहीं गया है लेकिन तनाव तो चल रहा है. भारत की स्थिति आगे आने वाले दिनों में मजबूत ही होती रहेगी. भारत में आर्थिक स्थिरता, राजनीतिक स्थिरता, पॉपूलेशन आदि बनी हुई है.  भारत अभी ग्रोथ के नजरिये से आगे बढ़ रहा है. इन सब से सभी को भारत के साथ अटैचमेंट बढ़ानी ही होगी. भारत में उभरती हुई अर्थव्यवस्था , मानव संसाधन के साथ वर्किंग वैल्यू भी दिखता है.  

भारत की नीति आर्थिक, राजनीतिक और अन्य क्षेत्रों में भी किसी को धोखा देने वालों में नहीं है. अगर मंशा सही हो तो देश प्रगति की राह पर चलता ही है. चीन आजकल आर्थिक मंदी से जूझ रहा है उसकी छवि विश्व में ढलान पर है. चीन जैसी करनी वैसी भरनी की राह पर है. भारत की सफलता की दर काफी तेज है इसलिए भारत अगले दो दशक तक प्रगति की राह पर ही रहेगा. 

G News 24 : बस 1 सेंटीमीटर चूक गया हमलावर वर्ना,डोनाल्ड ट्रंप की छलनी हो जाती खोपड़ी !

 डोनाल्ड ट्रंप की रैली में ताबड़तोड़ गोली चली... 

बस 1 सेंटीमीटर चूक गया हमलावर वर्ना,डोनाल्ड ट्रंप की छलनी हो जाती खोपड़ी !

अमेरिका में इन दिनों चुनावी माहौल चल रहा है। इस बीच यहां के प्रमुख नेता अपने-अपने चुनाव प्रचार में जुटे हुए हैं। इसी क्रम में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान राष्ट्रपति चुनाव से पहले बड़ी हिंसक वारदात को अज्ञात हमलावरों ने अंजाम दिया। ये फायरिंग की घटना पेंसिल्वेनिया के बटलर में हुई है।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रैली में ताबड़तोड़ गोली चली है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि शनिवार रात को बटलर, पेनसिल्वेनिया में उनकी रैली में एक शूटर ने गोलीबारी की, जिसमें उन्हें एक गोली लगी जो दाहिने कान के ऊपरी हिस्से को चीरती हुई निकल गई. गोलीबारी के बाद शूटर और एक दर्शक की मौत हो गई, जबकि एक अन्य दर्शक की हालत गंभीर बनी हुई है.

इस हमले के बाद उनके चेहरे पर खून भी दिखाई दिया. यह घटना  भारतीय समय के अनुसार, सुबह 4 बजे हुई. जबकि अमेरिका में उस समय शनिवार की शाम के 6:30 बजे हुए थे. इस घटना को लेकर अब FBI ने बड़ा बयान दिया है. एफबीआई का कहना है कि यह हमला ट्रंप की हत्या करने के प्रयास में किया गया था. 

दाहिने कान पर लगी गोली

ट्रंप ने हमले के बाद बयान जारी करते हुए कहा, "मुझे एक गोली लगी जो मेरे दाहिने कान के ऊपरी हिस्से में लगी. जैसे ही गोलियां चलीं, ट्रंप ने अपने दाहिने कान को पकड़ा, फिर पोडियम के पीछे घुटनों के बल बैठने से पहले उसे देखने के लिए अपना हाथ नीचे लाया. सीक्रेट सर्विस के एजेंट जल्दी से वहां पहुंचे और उन्हें कवर किया. वे लगभग एक मिनट बाद बाहर निकले। 

 पीएम मोदी ने एक्स पर किया पोस्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट किया है। उन्होंने एक्स पर लिखा है, 'मेरे मित्र, पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हुए हमले से बेहद चिंतित हूं। घटना की कड़ी निंदा करता हूं। राजनीति और लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं मृतकों के परिवार, घायलों और अमेरिकी लोगों के साथ हैं।' 

G News 24 : भूस्खलन में दो बसें त्रिशूली नदी में बहीं, 65 लोग लापता !

 नेपाल में मौसम का कहर...

भूस्खलन में दो बसें त्रिशूली नदी में बहीं, 65 लोग लापता !

काठमांडू। नेपाल में खराब मौसम लोगों के लिए आफत बना हुआ है। बताया जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार सुबह मध्य नेपाल में मदन-आश्रित राजमार्ग पर भूस्खलन की वजह से लगभग 63 यात्रियों को ले जा रही दो बसें त्रिशूली नदी में बह गईं। दोनों चालकों समेत सभी लापता बताए जा रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि इनमें सात भारतीय भी शामिल थे।

चितवन के मुख्य जिला अधिकारी इंद्रदेव यादव ने बताया कि प्रारंभिक जानकारी के अनुसार दोनों बसों में चालकों सहित कुल 63 लोग सवार थे। हादसा सुबह करीब 3:30 बजे हुआ। हम घटनास्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है। लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश में हमें दिक्कत आ रही है। घटना चितवन जिले में नारायणघाट-मुगलिंग रोड पर सिमलताल इलाके में हुई। इस बीच मौसम खराब रहने के कारण काठमांडू से भरतपुर, चितवन तक की सभी उड़ानें आज के लिए रद्द कर दी गई हैं।

जानकारी के मुताबिक, काठमांडू जाने वाली एक बस और राजधानी से गौर जाने वाली दूसरी बस सुबह करीब साढ़े तीन बजे दुर्घटनाग्रस्त हो गईं। काठमांडू जाने वाली बस में 24 लोग और गौर जाने वाली बस में 41 लोग सवार थे। बताया यह भी जा रहा है कि दूसरी बस में सवार तीन यात्री कूदकर भागने में सफल रहे। बीरगंज से काठमांडू जा रहे 21 यात्रियों के बारे में जानकारी मिली है। हालांकि, पुलिस ने बताया है कि बस में सवार यात्रियों में 7 भारतीय नागरिक भी थे।

त्रिशूली नदी में बस के लापता होने पर दुख व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल 'प्रचंड' ने तत्काल खोज और बचाव अभियान के निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने नागरिकों से आवश्यक सावधानी बरतने का आग्रह किया। पुलिस अधीक्षक भावेश रिमल ने कहा कि नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के जवान बचाव अभियान के लिए घटनास्थल की ओर बढ़ रहे हैं। नारायणघाट-मुगलिंग सड़क खंड पर विभिन्न स्थानों पर भूस्खलन के कारण मलबा आने से यातायात बाधित हुआ है।

इस बीच एक अलग घटना में गुरुवार को कास्की जिले में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और बाढ़ में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। नेपाल में मानसून आपदाओं की वजह से एक दशक में 1,800 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस दौरान लगभग 400 लोग लापता हो गए तथा 1,500 से अधिक लोग आपदा में घायल हो गए।

 नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ने ट्वीट किया कि नारायणगढ़-मुग्लिन सड़क खंड पर भूस्खलन में बस के बह जाने से लगभग पांच दर्जन यात्रियों के लापता होने की रिपोर्ट और देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ और भूस्खलन के कारण संपत्तियों के नुकसान से मैं बहुत दुखी हूं। मैं गृह प्रशासन सहित सरकार की सभी एजेंसियों को यात्रियों की खोज और प्रभावी बचाव के निर्देश देता हूं।

खराब मौसम के कारण राहत-बचाव कार्य में अड़चन

जिलाधिकारी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन और राहत-बचाव कर्मी घटनास्थल पर हैं और तलाशी अभियान चल रहा है। लगातार बारिश के कारण लापता बसों की तलाश में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

G News 24 : शिवानी ने ब्रिटेन की संसद में ली भगवतगीता पर हाथ रख कर शपथ !

 लीसेस्टर ईस्ट सीट से कंजर्वेटिव पार्टी की सांसद हैंशिवानी राजा...

 शिवानी ने ब्रिटेन की संसद में ली भगवतगीता पर हाथ रख कर शपथ !

भारतीय मूल की 29 वर्षीय ब्रिटिश सांसद शिवानी राजा ने ब्रिटेन की संसद में श्रीमद् भगवद् गीता पर हाथ रखकर शपथ ली है. शिवानी राजा गुजराती व्यवसायी हैं. शिवानी ने लीसेस्टर ईस्ट सीट पर कंजर्वेटिव पार्टी के लिए ऐतिहासिक जीत हासिल की. इनके जीतने के बाद इस निर्वाचन क्षेत्र में लेबर पार्टी का 37 साल का वर्चस्व खत्म हो गया. वह भारतीय मूल के लेबर उम्मीदवार राजेश अग्रवाल के खिलाफ चुनाव लड़ रही थीं.

ब्रिटेन की सांसद के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद शिवानी ने एक्स हैंडल पर लिखा, 'लीसेस्टर ईस्ट का प्रतिनिधित्व करने के लिए आज संसद में शपथ लेना सम्मान की बात है. मुझे गीता पर महामहिम राजा चार्ल्स के प्रति अपनी निष्ठा की शपथ लेने पर वास्तव में गर्व है.' शिवानी की जीत को लीसेस्टर सिटी के हालिया इतिहास से जोड़कर देखा जा रहा है, जहां साल 2022 में भारत-पाकिस्तान टी-20 एशिया कप मैच के बाद भारतीय हिंदू समुदाय और मुसलमानों के बीच संघर्ष हुआ था.

37 साल बाद लीसेस्टर ईस्ट सीट पर कंजर्वेटिव पार्टी को मिली सफलता

शिवानी राजा ने 14,526 वोट पाकर लंदन के पूर्व डिप्टी मेयर राजेश अग्रवाल को हराया, जिन्हें 10,100 वोट मिले. यह जीत इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि लीसेस्टर ईस्ट 1987 से लेबर का गढ़ रहा है. शिवानी की जीत से 37 वर्षों में पहली बार ऐसा हुआ है जब इस सीट पर कंजर्वेटिव उम्मीदवार को सफलता मिली है. 

ब्रिटेन में 263 महिलाएं बनी सांसद

ब्रिटेन के चुनाव में इस बार शिवानी के अलावा, 27 अन्य भारतीय मूल के संसद सदस्य हाउस ऑफ कॉमन्स के लिए चुने गए हैं. ब्रिटेन के चुनाव में इस बार एक और रिकॉर्ड दर्ज हुआ है. हाउस ऑफ कॉमन्स में पहली बार ऐसा हुआ है जब 263 महिलाओं ने चुनाव में जीत हासिल की है, जो कुल संख्या का लगभग 40 प्रतिशत है. इनमें से सबसे अधिक 90 अश्वेत सांसद हैं.

ऋषि सुनक की पार्टी को 121 सीटों पर मिली सफलता

ब्रिटेन के चुनाव में लेबर पार्टी ने 650 सदस्यीय हाउस ऑफ कॉमन्स में 412 सीटें हासिल कीं, जो 2019 के पिछले चुनाव से 211 अधिक हैं. ऋषि सुनक की कंजर्वेटिव पार्टी को सिर्फ 121 सीटें मिलीं, जो पिछले चुनाव से 250 सीटें कम हैं. लेबर पार्टी का वोट शेयर 33.7 प्रतिशत रहा, जबकि कंजर्वेटिव पार्टी का वोट शेयर 23.7 प्रतिशत रहा.

G News 24 : सैलरी नहीं मिली तो ऑफिस में घुसकर कर दिया CEO का कत्ल !

इंजीनियर ने सेलरी न मिलने से नाराज होकर उसने सीईओ पर धारदार हथियार से हमला कर दिया...

सैलरी नहीं मिली तो ऑफिस में घुसकर कर दिया CEO का कत्ल !

प्रतीकात्मक तस्वीर 

कराची। नौकरी करने के बाद भी जब कंपनी ने उसकी सैलरीनहीं दी तो उसे गुस्सा आ गया कि अपने ही बॉस को मौत के घाट उतार दिया. चौकाने वाला यह मामला  पाकिस्तान के कराची का है. जहां एक कंपनी में काम काम करने वाले एम्पलॉए ने कंपनी के कंपनी के मुख्य परिचालन अधिकारी यानीसीईओ की हत्या कर दी. इस कंपनी में आरोपी शख्स बतौर सॉफ्टवेयर इंजीनियर काम करता था. यह वारदात शहर-ए-फैसल के एक ऑफिस में हुई. जब सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने सेलरी न मिलने से नाराज होकर कंपनी के सीईओ पर हमला कर दिया. आरोपी इंजीनियर का नाम शोएब है. बताया जा रहा है कि सोमवार 8 जुलाई की शाम सॉफ्टवेयर इंजीनियर शोएब अपने ऑफिस पहुंचा. और सीधे कंपनी के सीईओ नवेद के कैबिन में चला गया. इस दौरान नवेद और शोएब की बीच सैलरी को लेकर दोनों के बीच तीखी बहस हुई और फिर बहस मारपीट में तब्दील हो गई.

मारपीट के बीच शोएब पर इतना ज्यादा आगबबुला हो गया कि उसके सिर पर खून सवार हो गया. और उसने सीईओ पर धारदार हथियार से हमला कर दिया जिससे सीईओ गंभीर रूप से जख्मी हो गया. जान बचाने के लिए सीईओ नवेद किसी तरह अपने कैबिन से निकलकर ऑफिस से भागने लगा. इस दौरान पर इमारत की बेसमेंट में गिर गया. स्थानीय लोगों ने किसी तरह उन्हें अस्पपाल पहुंचाया लेकिन उसने दम तोड़ दिया.

वहीं घटना के बाद आरोपी शोएब हथियार के साथ ही ऑफिस में ही बैठा रहा. इस बीच किसी ने घटना की जानकारी पुलिस को दी. जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शोएब को गिरफ्तार कर लिया वहीं हथियार भी जब्त कर लिया. फिलहाल पुलिस पूरे मामले की तफ्तीश में जुट गई है. वहीं बताया जा रहा है कि नवेद छह भाइयों में तीसरे नंबर का था. उसकी शादी हो चुकी थी और तीन बच्चे भी हैं. इस घटना परिवार में मातम छा गया है. उसके बीवी और बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है.

G.NEWS 24 : PM मोदी को मिला रूस का ‘सर्वोच्च सम्मान’

‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा...

PM मोदी को मिला रूस का ‘सर्वोच्च सम्मान’

मॉस्को। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मंगलवार को रूस के सबसे बड़े नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल’ से नवाजा गया है. पीएम मोदी को मिला यह पुरस्कार इस बात का प्रमाण है कि रूस और भारत के बीच एक खास रणनीतिक साझेदारी विकसित करने और दोनों देशों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में उन्होंने विशेष योगदान दिया है.

पीएम मोदी दो दिवसीय रूस दौरे पर सोमवार को मॉस्को पहुंचे थे, जहां राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ कई अहम मुद्दों पर उनकी बातचीत हुई. 1698 में ज़ार पीटर द ग्रेट द्वारा यीशु के पहले प्रेरित और रूस के संरक्षक संत, सेंट एंड्रयू के सम्मान में स्थापित, ऑर्डर ऑफ़ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सबसे उत्कृष्ट नागरिक या सैन्य योग्यता के लिए सम्मानित किया जाता है.

2019 में, भारत में रूसी दूतावास ने घोषणा की, “12 अप्रैल को नरेंद्र मोदी को रूस और भारत के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी और रूसी और भारतीय लोगों के बीच मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने में असाधारण सेवाओं के लिए ऑर्डर ऑफ सेंट एंड्रयू द एपोस्टल से सम्मानित किया गया था.” 

पीएम मोदी और पुतिन अपने-अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल हुए और द्विपक्षीय वार्ता की. पीएम मोदी ने पुतिन को खास दोस्त बताते हुए उन्हें रूस में हुए राष्ट्रपति चुनाव में पांचवीं बार जीत के लिए बधाई दी.

G News 24 : PM मोदी की अपील पर,यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे भारतीयों की होगी स्वदेश वापसी !

 राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए हैं...

PM मोदी की अपील पर,यूक्रेन में युद्ध लड़ रहे भारतीयों की होगी स्वदेश वापसी !

राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए हैं. यह मुलाकात काफी ज्यादा अहम मानी जा रही है. कोरोना के बाद पहली बार प्रधानमंत्री मोदी रूस गए हैं. PM मोदी इस समय रूस में हैं. इसी कड़ी में रूस के दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी सेना में काम कर रहे भारतीयों की स्‍वदेश वापसी का मुद्दा राष्‍ट्रपति व्‍लादिमीर पुतिन का सामने उठाया. इसके बाद प्रेसिडेंट पुतिन ने पीएम मोदी से कहा कि जल्द ही भारतीयों की देश वापसी होगी. 

जानें ये है पूरा मामला 

दरअसल, इससे पहले रिपोर्ट्स में सामने आया था कि भारतीय नागरिकों को रूसी सेना के साथ यूक्रेन के खिलाफ लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है. भारतीयों को धोखे से सुरक्षा सहायक के रूप में काम करने के लिए सीमा पर भेजा जा रहा है. द हिन्दू ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि एक एजेंट ने जानकारी देते हुए बताया था कि नवंबर 2023 से लगभग 18 भारतीय रूस-यूक्रेन सीमा पर फंसे हुए हैं. इस दौरान एक शख्स की मौत भी हो गई है. इस युद्ध में उत्तर प्रदेश, गुजरात, पंजाब और जम्मू-कश्मीर से भी कई युवक फंसे हुए हैं. 

असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा था पत्र

रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध में हैदराबाद का भी एक युवक फंस गया था. युवक ने सोशल मीडिया के माध्यम से भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी. जिसके बाद पीड़ित के परिवार ने AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी से संपर्क किया था. इसको लेकर ओवैसी ने  25 जनवरी को विदेश मंत्री एस जयशंकर और मॉस्को में भारतीय दूतावास को पत्र था. इसमें उन्होंने युवक की वापसी के लिए सरकार से हस्तक्षेप की मांग की थी. 

G News 24 : रूस यात्रा पर रवाना हुए पीएम मोदी,5 साल बाद कर रहे दौरा !

  राष्ट्रपति पुतिन के साथ करेंगे द्विपक्षीय वार्ता...

रूस यात्रा पर रवाना हुए पीएम मोदी, 5 साल बाद कर रहे दौरा !

नई दिल्ली। पीएम मोदी आज रूस के लिए रवाना हो गए हैं। वह 5 साल बाद रूस का दौरा कर रहे हैं। वह सोमवार से 10 जुलाई तक रूस और ऑस्ट्रिया के दौरे पर रहेंगे। पीएम मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निमंत्रण पर 22वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को मास्को में होंगे। मोदी सोमवार को दोपहर बाद मॉस्को पहुंचेंगे। 

पीएम मोदी मंगलवार को रूस में बसे भारतीय समुदाय से संवाद करेंगे। वह क्रेमलिन में अज्ञात सैनिक की समाधि पर पुष्पांजलि भी अर्पित करेंगे। इसके बाद वे मॉस्को में प्रदर्शनी स्थल पर रोसाटॉम मंडप का दौरा करेंगे। 

इसके बाद मोदी और पुतिन के बीच प्रतिबंधित स्तर की वार्ता होगी, जिसके बाद प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता होगी। रूसी सेना में नौकरी के नाम पर गुमराह कर भेजे गए भारतीयों की शीघ्र रिहाई का मुद्दा भी चर्चा में उठने की उम्मीद है।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, 'अगले तीन दिन रूस और ऑस्ट्रिया में रहेंगे। ये यात्राएं उन देशों के साथ संबंधों को गहरा करने का एक शानदार अवसर होंगी, जिनके साथ भारत की समय-परीक्षित मित्रता है। मैं इन देशों में रहने वाले भारतीय समुदाय के साथ बातचीत करने के लिए भी उत्सुक हूं।