भारत जैसे देशों को बड़ा झटका...
यूरोपीय संघ ने रूस पर अपने 18वें चरण के आर्थिक प्रतिबंधों का किया ऐलान !
भारत के लिए बुरी खबर आ सकती है. यूरोपीय संघ (EU) ने रूस पर अपने 18वें चरण के आर्थिक प्रतिबंधों का ऐलान किया है, जिसमें एक अहम प्रावधान भारत जैसे देशों को बड़ा झटका दे सकता है. यूरोपीय संघ अब उन पेट्रोलियम उत्पादों के आयात पर रोक लगाने जा रहा है, जो रूसी कच्चे तेल से बने हों और किसी तीसरे देश (जैसे भारत, तुर्की या UAE) से आ रहे हों. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) के मुताबिक, यह नया नियम भारत के लिए खासतौर पर चिंता का विषय है क्योंकि भारत यूरोप को बड़ी मात्रा में पेट्रोल, डीजल और जेट फ्यूल बेचता है और इनमें से कई प्रोडक्ट्स रूसी क्रूड ऑयल से बनाए जाते हैं.
GTRI के को-फाउंडर अजय श्रीवास्तव के अनुसार, “भारत की यूरोप को पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की 5 अरब डॉलर (करीब ₹41,500 करोड़) की सालाना निर्यात कमाई खतरे में है. EU ने ऐसे प्रोडक्ट्स पर बैन लगा दिया है, जो रूसी तेल से बनकर भारत जैसे देशों से आ रहे हों. आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने वित्त वर्ष 2023-24 में यूरोप को कुल 19.2 अरब डॉलर (करीब ₹1.6 लाख करोड़) मूल्य के पेट्रोलियम प्रोडक्ट निर्यात किए थे. हालांकि, वित्त वर्ष 2024-25 में यह घटकर 15 अरब डॉलर (करीब ₹1.29 लाख करोड़) रह गया, जो 27.1% की गिरावट है. इसी दौरान भारत ने रूस से 50.3 अरब डॉलर (करीब ₹4.3 लाख करोड़) का कच्चा तेल आयात किया, जो कि भारत के कुल क्रूड आयात बिल का लगभग एक-तिहाई है. यूरोपीय संघ का यह कदम रूस की ऊर्जा आय पर चोट पहुंचाने के मकसद से उठाया गया है. यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों ने रूस पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध लगाए हैं.
अब वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि रूस का कच्चा तेल किसी अन्य देश के माध्यम से यूरोपीय बाजारों में न पहुंचे, जिससे रूस को अप्रत्यक्ष रूप से लाभ हो रहा है. भारत रूस से सस्ते दामों पर कच्चा तेल खरीदकर उसे रिफाइन कर यूरोप जैसे बाजारों में बेचता है, जिससे उसे अच्छी-खासी कमाई होती है. लेकिन अब यूरोपीय संघ के नए प्रतिबंधों से यह व्यापार मॉडल प्रभावित होगा. अजय श्रीवास्तव का कहना है कि भारत को अब कूटनीतिक संतुलन साधना होगा. भारत रूस से वैध व्यापार कर रहा है, लेकिन पश्चिमी देशों में इसका राजनीतिक असर अलग दिख रहा है. ऐसे में भारत को आर्थिक व्यावहारिकता और भू-राजनीतिक दबाव के बीच बैलेंस बनाना होगा.
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