G.NEWS 24 : ताजमहल या तेजोमहालय की याचिका पर हुई सुनवाई !

मोहब्बत की निशानी एक बार फिर चर्चा में है...

ताजमहल या तेजोमहालय की याचिका पर हुई सुनवाई !

आगरा। मोहब्बत की निशानी ताजमहल एक बार फिर चर्चा में है. ताजमहल या तेजोमहालय का मामला एक बार फिर कोर्ट तक पहुंच गया है. योगी यूथ ब्रिगेड ने महाशिवरात्रि के अवसर पर ताजमहल में शिवरात्रि पर गंगाजल चढ़ाने और दुग्धाभिषेक करने की मांग को लेकर सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय एक वाद दायर किया गया है. जिसके बाद योगी यूथ ब्रिगेड की ओर से सिविल जज के आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण याचिका जिला जज जज विवेक संगल की आदालत में दायर की थी. जिस पर गुरुवार को अपर जिला जज रविकांत की अदालत में सुनवाई हुई. अपर जिला जज रविकांत ने पुनरीक्षण याचिका को लेकर आदेश सुरक्षित कर लिया है. जिसका शुक्रवार को कोर्ट से आदेश होने की संभावना है. 

वादी के अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि ताजमहल में जब तक दुग्धाभिषेक और पूजा अर्चना का अधिकार नहीं मिल जाता, तब तक यह लड़ाई जारी रहेगी. इस मामले में यदि स्थानीय अदालत से सकारात्मक परिणाम नहीं मिलते तो हम इलाहाबाद हाई कोर्ट भी जाएंगे. दरअसल, योगी यूथ ब्रिगेड के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर अजय तोमर ने 6 मार्च को अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी के जरिए सिविल जज सीनियर डिवीजन न्यायालय में वाद दायर किया है. जिसमें ताजमहल को तेजोमहालय शिव मंदिर बताकर चार पदाधिकारियों के साथ शिवरात्रि पर दुग्धाभिषेक, गंगाजल से अभिषेक करने की भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण एएसआई से अनुमति मांगी है. 

वाद दायर करने वाले कुंवर अजय तोमर का कहना है कि मुगल काल में हजारों मंदिरों को ध्वस्त करके उनके ऊपर मकबरे और मस्जिदें बनाई गई थीं. अयोध्या, मथुरा और काशी में इसके सबसे बड़े उदाहरण है. मुगलों ने भारत में शासन के दौरान हिंदू मंदिरों को तोड़कर उन पर अपने नाम मकबरे और मस्जिद बनवाई थीं. किसी दूसरे के घर पर अपने नाम की नेम प्लेट लगाने से वो खुद का घर नहीं हो जाता है. ऐसे ही ताजमहल से पहले तेजोमहालय शिव मंदिर था. अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर और अधिवक्ता झम्मन सिंह रघुवंशी ने बताया कि न्यायालय में तेजोमहालय के हिंदू मंदिर होने संबंधी तमाम सबूत भी दिए हैं. जिसके आधार पर महाशिवरात्रि पर तेजोमहालय तेजोमहल में जलाभिषेक करने की एएसआई से न्यायालय के जरिए अनुमति मांगी है. 

अनुमति मिलने पर वादी और उसके साथी पदाधिकारी तेजोमहालय में जलाभिषेक करेंगे. हिंदू राजा परम द्रविदेव ने बनवाया था तेजोमहालयः अधिवक्ता शिव आधार सिंह तोमर ने बताया कि सन् 1212 में राजा परम देव द्रविदेव ने आगरा में एक शिव मंदिर बनवाया था. जिसे तेजोमहालय तेजोमहल नाम दिया गया था. यहीं पर ताजमहल का निर्माण 1653 में पूरा हुआ था. जबकि, शाहजहां के बेटे औरंगजेब ने अपने पिता को 1652 में ही खत लिखा था कि इमारत में दरारें आ गई हैं. यह कभी भी गिर सकती है. इसकी मरम्मत की जाए. इससे यह भी साफ होता है कि कहीं ना कहीं पुराने ही किसी चिन्ह पर इसको मॉडिफाई किया गया है. मुख्य गुम्बद पर जो कलश हैं, वो हिन्दू मंदिरों की तरह हैं. आज भी हिन्दू मंदिरों पर स्वर्ण कलश स्थापित करने की परंपरा है. कलश पर चंद्रमा बना है. अपने नियोजन के कारण चन्द्रमा एवं कलश की नोक मिलकर एक त्रिशूल का आकार बनाती है. जो, भगवान शिव का चिह्न है.

बता दें कि इतिहास में पढ़ाया जाता है कि ताजमहल का निर्माण कार्य 1632 में शुरू और लगभग 1653 में ये बनकर तैयार हुआ था. जबकि शाहजहां की बेगम मुमताज का निधन 1631 में हुआ था. मुमताज को बुरहानपुर के ताप्ती नदी के किनारे एक बाग में दफनाया गया था. बाद में जब उसे ताज महल में लाकर दफनाया गया.

G News 24 : विश्व पटल पर शक्तिशाली भारत की छवि दिखाने वाले पोखरण की विजिट पर हैं पीएम मोदी !

 तब वाजपेयी के ऐलान से हिल गया था अमेरिका...

विश्व पटल पर शक्तिशाली भारत की छवि दिखाने वाले पोखरण की विजिट पर हैं पीएम मोदी !

पोखरण का नाम जेहन में आते ही शक्तिशाली भारत की छवि उभरती है. आज 40-50 साल के हो चुके लोगों को याद होगा उनकी जवानी के दिनों में अटल बिहारी वाजपेयी ने एक घोषणा की थी. भारत ने पोखरण में परमाणु परीक्षण किए थे. राजस्थान के उसी पोखरण में भारतीय सेनाओं का पराक्रम देखने पीएम मोदी आज मौजूद होंगे. 

आज 15.45 बजे भारत ने पोखरण रेंज में तीन अंडरग्राउंड न्यूक्लियर टेस्ट किए...' करीब 28 साल पहले यह घोषणा सुनते ही दुनिया का सबसे ताकतवर मुल्क अमेरिका हिल गया था. उसने पोखरण के ऊपर सैटलाइट लगा रखे थे लेकिन अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने उसकी आंखों में धूल झोंककर यह कमाल कर दिखाया. तब पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी थी. आज एक बार फिर वह भारतीय सेनाओं का पराक्रम देखेगी. जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पोखरण जा रहे हैं तो लोगों को वो कहानी फिर याद आ रही होगी. भारत के दूसरे परमाणु परीक्षण की ये कहानी दिलचस्प और थोड़ी फिल्मी है.

नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात कर कहा था कि सामग्री तैयार है

1998 में एनडीए सरकार के सत्ता में आने के कुछ दिनों के अंदर ही पूर्व पीएम नरसिम्हा राव ने प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मुलाकात कर कहा था कि सामग्री तैयार है, आप आगे बढ़ सकते हैं. संसद में विश्वास मत हासिल करने के 15 दिन के भीतर ही अटल ने एपीजे अब्दुल कलाम को मिशन पर आगे बढ़ने की हरी झंडी दे दी. राष्ट्रपति के. आर. नारायणन लैटिन अमेरिकी देश की यात्रा पर जाने वाले थे. उनसे यात्रा स्थगित करने को कहा गया. चीफ साइंटिस्ट डॉ. चिदंबरम की बेटी की शादी टाली गई क्योंकि शादी में वह नहीं दिखते तो लोगों (जासूस, दुश्मन देश) को शक हो जाता कि कुछ बड़ा होने वाला है. 

वैज्ञानिक नाम बदलकर कई जगहों से घूमकर पोखरण पहुंचे थे 

कलाम की सलाह पर बुध पूर्णिमा के दिन 11 मई 1998 को विस्फोट की योजना बनी. परमाणु शोध केंद्र के वैज्ञानिकों को करीब 20 अप्रैल तक जानकारी दे दी गई थी. उन लोगों ने छोटे-छोटे समूह में पोखरण जाना शुरू कर दिया. कुछ लोगों ने पत्नियों को दिल्ली जाना बताया तो कुछ ने सम्मेलन में जाने की बात कही जहां 20 दिन तक फोन पर बात नहीं हो सकेगी. वैज्ञानिक नाम बदलकर कई जगहों से घूमकर पोखरण पहुंचने लगे. पोखरण पहुंचते ही उन्हें सेना की वर्दी पहना दी जाती, जिससे सैटलाइट की तस्वीरों में हलचल न दिखे.  

 अमेरिका को उपग्रहों को ताजा बिछाए गए तारों से भारत के इरादों के बारे में पता चल गया था

दरअसल, 1995 में जब नरसिम्हा राव ने परमाणु विस्फोट का फैसला किया था तो अमेरिकी उपग्रहों को ताजा बिछाए गए तारों से भारत के इरादों के बारे में पता चल गया था. उस समय गाड़ियों की काफी मूवमेंट ने भी अमेरिका को सतर्क कर दिया था. वैसे, 1998 में भी सीआईए ने पोखरण के ऊपर चार सैटलाइट लगा रखे थे लेकिन टेस्ट से कुछ समय पहले केवल एक सैटलाइट उस क्षेत्र पर नजर रखे हुए था. वह भी सुबह 8 बजे से 11 बजे के बीच उस क्षेत्र से गुजरता था. 11 मई को परीक्षण वाले दिन मौसम ठीक था. शाम ठीक 3.45 बजे धरती के अंदर का तापमान लाखों डिग्री सेंटीग्रेट तक पहुंच गया. हॉकी के मैदान के बराबर बालू हवा में उठी. कई जगहों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. कलाम के मुंह से निकला- हमने दुनिया की परमाणु शक्तियों का प्रभुत्व समाप्त कर दिया है. 1 अरब वाला हमारा देश खुद तय करेगा, हमें क्या करना है. 

 सैटलाइट तस्वीरों में पोखरण क्षेत्र में एक बड़ा गड्ढा देखा गया था

हां, अटल बिहारी अपने तीन मंत्रियों के साथ इंतजार कर रहे थे. जैसे ही खबर मिली उनकी आंखों में आंसू आ गए थे. कुछ देर बाद उन्होंने जोर का ठहाका भी लगाया था. घर से बाहर निकले वाजपेयी तो मंच पर तिरंगा झंडा लगा था. प्रेस रिलीज पहले से तैयार थी और घोषणा हो गई. बाद में अटल बिहारी वाजपेयी ने कहा था कि अभिनंदन होना चाहिए उन वैज्ञानिकों का, उन इंजीनियरों का जिन्होंने पोखरण में जो कुछ हुआ, उसे सफलतापूर्वक करके दिखाया है. सैटलाइट तस्वीरों में पोखरण क्षेत्र में एक बड़ा गड्ढा देखा गया. अटल बिहारी वाजपेयी मजबूत डेटरेंस के साथ देश को ताकतवर देखना चाहते थे. जब 13 दिन के लिए उनकी सरकार बनी थी तब उन्हें महसूस हुआ था कि ऐसे महत्वपूर्ण टेस्ट के लिए समय पर्याप्त नहीं है. 

तब भारत पर काफी जियो-पॉलिटिकल प्रेशर था 

पूर्व राष्ट्रपति और पोखरण टेस्ट में शामिल रहे वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम ने बताया था कि काफी जियो-पॉलिटिकल प्रेशर था लेकिन अटल जी ने फैसला लिया कि भारत टेस्ट करेगा. अटल के कुछ करीबी मंत्रियों को ही भारत के इस प्लान के बारे में पता था. प्रोजेक्ट का नाम रखा गया- ऑपरेशन शक्ति. अमेरिकी सैटलाइट की नजर में ना आएं इसलिए कंस्ट्रक्शन का काम रात में किया गया. कलाम का कोडनेम मेजर जनरल पृथ्वीराज था. सेना के इंजीनियरों ने वैज्ञानिकों को पूरा सपोर्ट दिया. शाम 3.45 बजे पहला बम धमाका हुआ और धरती कांप गई.वाजपेयी ने पहले परमाणु बम इस्तेमाल न करने का ऐलान किया. बाद में वह पोखरण भी गए और वैज्ञानिकों के साथ उस जगह को देखा जहां टेस्ट किए गए थे.

आज मोदी पोखरण क्षेत्र में तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास देखेंगे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज राजस्थान के उसी पोखरण क्षेत्र में तीनों सेनाओं का संयुक्त युद्धाभ्यास देखेंगे. सेनाओं के लाइव फायर और अभ्यास के दौरान स्वदेशी रक्षा क्षमताओं का प्रदर्शन होगा, जिसे 'भारत शक्ति' नाम दिया गया है. करीब 50 मिनट के दौरान इंडियन आर्मी, नेवी और एयरफोर्स भारत में बने हथियारों का प्रदर्शन करेंगी.

G News 24 : कोलकाता में पीएम मोदी ने किया देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन

 पीएम मोदी आज बंगाल और बिहार दौरे पर...

कोलकाता में पीएम मोदी ने किया देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन

बुधवार को प्रधानमंत्री ने देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो ट्रेन का कोलकाता में उद्घाटन किया. इसके बाद उन्होंने अंडरवाटर मेट्रो की बच्चों के साथ सवारी भी की. बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने उनके इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया. इसके बाद वो बारासात में रैली करने के लिए रवाना हुए. माना जा रहा है कि बारासात में उनके मंच पर संदेशखाली की पीड़िताओं को जगह मिल सकती है. पीएम मोदी सुबह 11:30 बजे नारी शक्ति वंदन अभिनंदन कार्यक्रम के तहत बारासात पहुंचेगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज पश्चिम बंगाल और बिहार दौरे पर हैं.

 रैली को संबोधित करने के लिए जाएंगे बारासात 

दोपहर बाद वह एक सार्वजनिक रैली को संबोधित करने के लिए बारासात जाएंगे. प्रधानमंत्री की रैली अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से दो दिन पहले होगी. वहां पीएम मोदी संदेशखाली की घटना को लेकर ममता सरकार को घेर सकते हैं. पश्चिम बंगाल राज्य बीजेपी के प्रवक्ता समिक भट्टाचार्य ने कहा कि संदेशखली की कई प्रताड़ित महिलाएं, जो टीएमसी नेताओं द्वारा महिलाओं के यौन शोषण के आरोपों पर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं, रैली स्थल पर मौजूद रहेंगी. हालांकि उन्होंने ये भी कहा था कि अभी यह साफ नहीं है कि संदेशखाली के पीड़ितों उनकी मुलाकात होगी या नहीं. पिछले हफ्ते, बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा था कि अगर संदेशखाली की पीड़िताएं प्रधान मंत्री से मिलने की इच्छा व्यक्त करती हैं, तो पार्टी मुलाकात की व्यवस्था करेगी. गौरतलब है कि इससे पहले की बंगाल रैली में भी मोदी संदेशखाली में हुए महिला अत्याचार को लेकर आगामी लोकसभा चुनावों में TMC को सबक सिखाने का आह्वान कर चुके हैं.

पीएम मोदी का बिहार दौरा

पीएम मोदी बेतिया में दोपहर पौने तीन बजे से विकसित भारत-विकसित बिहार कार्यक्रम में शामिल होंगे. पीएम मोदी अन्य परियोजनाओं के अलावा कवि सुभाष-हेमंत मुखोपाध्याय और तारातला-माजेरहाट मेट्रो खंड का भी उद्घाटन करेंगे. इसके बाद पीएम मोदी बिहार रवाना होंगे. पीएम मोदी 5 दिन के भीतर आज दूसरी बार बिहार आ रहे हैं. आज वो बुधवार को पश्चिमी चंपारण के बेतिया में रहेंगे. इस दौरान प्रधानमंत्री 8700 करोड़ से अधिक की रेल, सड़क और पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस से संबंधित विभिन्न बुनियादी ढांचा संबंधी परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे.

G.NEWS 24 : जब सीएम ने भोपाल जाने के लिए पिता से मांगे पैसे !

जिम्मेदारियां कितनी भी बढ़ जाएं, लेकिन हर इंसान की एक निजता होती है...

जब सीएम ने भोपाल जाने के लिए पिता से मांगे पैसे !

पद, प्रतिष्ठा, कद, सामाजिक दायरा और जिम्मेदारियां कितनी भी बदल जाएं, बढ़ जाएं, लेकिन हर इंसान की एक निजता होती है। इस अध्याय से जुड़े कई पन्ने ऐसे भी होते भी होते हैं, जिन्हें एक स्वच्छ मन का व्यक्ति न तो बदलना चाहता है और न ही बदल पाता है। मप्र के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के अपने पिता पूनमचंद यादव के साथ ऐसे ही खूबसूरत रिश्ते हैं। शिक्षा, सियासत, मंत्रित्व काल से लेकर अब वर्तमान में मुख्यमंत्री रहते हुए भी इस रिश्ते की मिठास ऐसे ही बनी हुई है। 

बल्कि पहले से कुछ ज्यादा निखरी दिखाई देने लगी है। इसकी बानगी शनिवार को उस समय नजर आई, जब मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने व्यस्त कार्यक्रमों से समय निकालकर अपने पिताश्री से मिलने और उज्जैन से भोपाल जाने की इजाजत लेने पहुंचे। प्रदेश मुखिया का मुकुट किनारे रखकर मोहन ने पिता पूनमचंद से भोपाल जाने का कहते हुए उनसे पैसे मांगे। पिता ने भी स्नेहपूर्वक अपनी पैसों की पोटली निकाली और उसमें से एक नोट निकलकर मोहन के हाथों में थमा दिया। 

इस लेन-देन के बीच बाप-बेटे में हल्की फुल्की ठिठोली भी होती दिखाई पड़ी। पिता पुत्र के बीच की इस नोंक झोंक और आपसी प्रेम को देखकर साथ मौजूद सीएम मोहन के समर्थक प्रफुल्लित भी हुए और इस जगह से एक सबक लेकर उठे कि कोई व्यक्ति पद, कद, प्रतिष्ठा में कितना भी ऊंचा उठ जाए, लेकिन वह अपने पिता से न ऊंचा हो सकता और न उनसे आगे निकल सकता। इस दौरान मौजूद कुछ लोगों ने इन खूबसूरत लम्हों को अपने मोबाइल कैमरे में कैद भी कर लिया। इन्हीं में शामिल उज्जैन जिला भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा अध्यक्ष और मप्र वक्फ बोर्ड के मेंबर फैजान खान भी इन लम्हों के गवाह बने और इन पलों को कैद किया हुआ वीडियो हमें उपलब्ध कराया।

डॉ. मोहन यादव उज्जैन के एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। परिवार के पुश्तैनी कामों में वे अपने पिता पूनमचंद यादव का हाथ बंटाते रहे हैं। सिलसिला उनके पर्यटन विकास निगम अध्यक्ष, विधायक और फिर मंत्री बनने तक भी जारी रहा। प्रदेश का मुखिया बनने के बाद पहली बार अपने शहर उज्जैन पहुंचने पर भी उन्होंने अपनी इस क्रिया को दोहराया था, जिनकी तस्वीरें मीडिया में खूब प्रचारित और प्रसारित हुईं थीं।

उज्जैन में दो दिवसीय इन्वेस्टर्स समिट और विक्रमादित्य व्यापार मेले के आयोजन के अलावा अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव उज्जैन पहुंचे थे। लगातार कार्यक्रमों, बैठकों, मुलाकातों के बीच समय निकालकर वे अपने पिता से मिलने पहुंचे थे। गोरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपनी माता के साथ इसी तरह का स्नेह भरा व्यवहार भी हमेशा सुर्खियों में बना रहा है।

G.NEWS 24 : अयोध्या में भगवान राम को समर्पित होगा विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा

वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम...

अयोध्या में भगवान राम को समर्पित होगा विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा

अगामी 8 मार्च को महाशिवरात्रि पर्व को समूचा देश बड़ी ही धूम धाम से मनाता है, क्योंकि यह पर्व भगवान शिव और मां पार्वती के विवाह उत्सव के रूप में मनाया जाता है। रीवा शिव बारात आयोजन समिति पिछले 40 सालों से भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर रही है। इस बार भी कुछ खास करने के इरादे से समिति ने विशाल नगाड़े का निर्माण कराया है, जो रीवा से चलकर अयोध्या राम दरबार पहुंचेगा। ये नगाड़ा विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा है। 12 मार्च को 101 चार पहिया वाहनों के काफिले के साथ विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा अयोध्या के लिए रवाना होगा। 108 स्थानों में पर श्रद्धालु इसका स्वागत करेंगे। मनगवां चाकघाट होते हुए यह यात्रा इलाहाबाद पहुंचेगी। 13 मार्च को अयोध्या धाम पहुंचकर पूजा अर्चना के बाद विशालकाय विश्व के सबसे बड़े नगाड़े को भगवान राम के चरणों में समर्पित किया जाएगा। 

अयोध्या में भगवान राम को समर्पित होने जा रहा विश्व के सबसे  बड़े नगाड़ा बहुत जल्द ही बनकर तैयार होने वाला है, जिसका 70 फीसदी काम भी पूरा हो चुका है। इस नगाड़े का वजन लगभग 1 टन है और इसकी ऊंचाई 6 फीट है, जबकि इसकी चौड़ाई 11×11 फीट है। इसके साथ ही अयोध्या में विराजे भगवान राम को समर्पित होने जा रहा विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा बड़ा रिकॉर्ड दर्ज करेगा, जिसके लिए गिनीज बुक, एशिया बुक, और लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की टीम रीवा आएगी। पिछले वर्ष अयोजित किए गए महाशिवरात्रि में भी एक रिकॉर्ड दर्ज हुआ था, जिसमें 1100 किलो की कढ़ाई में 5100 किलो का महाप्रसाद बनकर तैयार हुआ था, जिसे एशिया का सबसे बड़ा रिकॉर्ड माना गया था। इस बार 8 मार्च को रीवा में होंने जा रहा महाशिवरात्री का पर्व बेहद खास होने वाला है क्योंकि इस दिन यहां पचमठा नाथ आश्रम में भव्य भंडारा का आयोजन होगा जिसमे लाखों भक्त प्रसाद ग्रहण करेंगे. शिव बरात आयोजन समिति के द्वारा पचमठा नाथ आश्रम से सुंदर झांकी निकाली जाएगी. 

इसमें धर्म ध्वजा, शहनाई, नगड़िया, घोड़ा, बग्घी बाबा महाकाल की पालकी बाहुबली हनुमान की झांकी चलित आर्केस्ट्रा सहित अन्य झाकियों के अलावा विश्व का सबसे बडा नगाड़ा भी झांकी में शामिल होगा जो शहर के विभिन्न मार्गो से होकर वापस पचमठा नाथ आश्रम पहुंचेगी। इसके साथ ही पचमठा नाथ आश्रम में भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा. कार्यक्रम की प्रस्तुति इलाहाबाद के तरुण चौपड़ा ग्रुप द्वारा दी जाएगी. साथ ही लखनऊ और बनारस के भी शमिल होंगे. शिव बरात आयोजन में सारेगामापा और इंडियन आइडल के  कलाकार अपनी मनमोहक प्रस्तुति देंगे. रीवा में अयोजित इस महाशिवरात्री का महापर्व सबसे खास होने वाला क्युकी 8 मार्च को को भव्य आयोजन होने के बाद 12 मार्च को विश्व का सबसे बड़ा नगाड़ा अयोध्या के लिए रवाना किया जाएगा जो भगवान राम को समर्पित होगा. 

G News 24 : गोवा के वैज्ञानिकों ने जंगली मशरूम से मशरूम से तैयार किया सोना !

 गोवा के वैज्ञानिकों का दावा है कि मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स बनाए जा सकते हैं...

गोवा के वैज्ञानिकों ने जंगली मशरूम से मशरूम से तैयार किया सोना ! 

मशरूम भले ही आपको खाने में पसंद न हो, लेकिन अगर कोई ये कहे कि मशरूम से सोना बन सकता है तो यकीनन विश्वास करना मुश्किल होगा. और यदि आपको पता चले कि वैज्ञानिकों ने जंगली मशरूम से मशरूम से तैयार कर लिया है तो फिर ये आपकी पहली पसंद बन जाएगा। गोवा के रिसचर्सर ने दावा किया है. कि उन्होंने मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स बनाए हैं. उनका कहना है कि उन्होंने ये करके दिखा दिया है. गोवा के वैज्ञानिकों ने जंगली मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिक्ल्स तैयार किया है.

रिसचर्सर की माने तो गोवा में मिलने वाले जंगली मशरूम जो कि टर्मिटोमाइसेस प्रजाति का होता है, वैज्ञानिकों ने उससे गोल्ड नैनोपार्टिक्ल्स तैयार कर लिया है. दीमक की पहाड़ियों पर उगने वाले इस मशरूम को गोवा के लोकल लोग 'रोन ओलमी' के नाम से जानते हैं. वैज्ञानिकों ने इस मशरूम से गोल्ड तैयार कर लिया है.  

 मशरूम से गोल्ड नैनो पार्टिकल्स तैयार किया  

टेलर और फ्रांसिस द्वारा प्रकाशित जर्नल ऑफ जियोमाइक्रोबायोलॉजी में प्रकाशित शोध के मुताबिक डॉ सुजाता दाबोलकर और डॉ नंद कुमार कामत के नेतृत्व में ये प्रयोग किया गया. तीन सालों तक उनकी टीम ने मशरूम की इस प्रजाति पर रिसर्च किया.   इस रिसर्च में वैज्ञानिकों ने रोन ओलमी मशरूम से गोल्ड के नैनोकण तैयार किए. उन्होंने गोवा सरकार के सामने भी अपने इस शोध को रखा है.  

 मशरूम से बने गोल्ड का क्या फायदा  

वैज्ञानिकों का दावा है कि मशरूम से बने गोल्ड से गोवा की आर्थिक स्थिति को और सुधारा जा सकता है. इस रिसर्च से गोवा की प्राकृतिक संसाधनों को उपयोग नई तकनीक में किया जा सकता है. बीते कुछ समय से नैनो पार्टिकल की डिमांड बढ़ी है. बायोमेडिकल और बायोटेक्नोलॉजिकल साइंस में इसका इस्तेमाल बढ़ा है. इन नैनो गोल्ड पार्टिकिल्स का इस्तेमाल मेडिकल साइंस में किया जा सकता है. इसके इस्तेमाल से टार्गेटेड ड्रग डिलीवरी, मेडिकल इमेजिंग और इलेक्ट्रॉनिक्ल मैन्युफैक्चरिंग में बड़ा बदलाव आएगा.   

 सोने के नैनो पार्टिकल की कीमत 

सोने के नैनो पार्टिकल की वैश्विक बाजार में काफी कीमत है. फरवरी 2016 में एक मिलीग्राम सोने के नैनोपार्टिकल की कीमत करीब 80 डॉलर यानी 80000 रुपये प्रति ग्राम के बराबर है. सोने की कीमत पर नजर डाले तो बुधवार को 5 अप्रैल 2024 की डिलीवरी वाला सोना गिरकर 62,095 रुपये प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड कर रहा है. 

G News 24 : गगन यान मिशन के हीरोज को आज पीएम मोदी दुनिया के सामने लाएंगे !

तिरुवनंतपुरम में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र में चारों को लाया जायेगा दुनिया के सामने ...

गगन यान मिशन के  हीरोज को आज पीएम मोदी दुनिया के सामने लाएंगे !

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान की घोषणा की थी. इसके बाद से संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के नाम गोपनीयता बरती गई है. हालांकि टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से इस मिशन पर जाने वाले एस्ट्रोनॉट्स के नामों का खुलासा किया है. रिपोर्ट के मुताबिक गगनयान मिशन के लिए चुने गए अंतरिक्ष यात्रियों में प्रशांत नायर, अंगद प्रताप, अजीत कृष्णन और चौहान (पूरा नाम तत्काल उपलब्ध नहीं) हैं. ये सभी या तो विंग कमांडर हैं या फिर ग्रुप कैप्टन. ये चारों, बेंगलुरु में अंतरिक्ष यात्री ट्रेनिंग फैसिलिटी में ट्रेनिंग ले रहे हैं. ये सभी मंगलवार (27 फरवरी) को तिरुवनंतपुरम में इसरो के विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र  में होंगे जहां पीएम मोदी उनका परिचय दुनिया से कराएंगे. 

12 में से 4 का कई टेस्ट के बाद हुआ सलेक्शन

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक अंतरिक्ष यात्री बनने के लिए नामांकित कई टेस्ट पायलटों में से 12 ने बेंगलुरु में सितंबर 2019 में चयन के पहले स्तर को पार कर लिया। चयन भारतीय वायु सेना के अंतर्गत आने वाले संस्थान इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM) द्वारा किया गया था. 2020 की शुरुआत में, इसरो ने चारों को शुरुआती ट्रेनिंग के लिए रूस भेजा, जो कि कोविड-19 के कारण हुई कुछ देरी के बाद 2021 में पूरा हुई.

गगनयान मिशन के लिए ‘क्रायोजेनिक इंजन’ परीक्षण में रहा सफल 

बता दें इसरो ने 21 फरवरी को जानकारी दी थी कि ‘सीई-20 क्रायोजेनिक इंजन’ अंतरिक्षयात्री वाले गगनयान मिशन के लिए अंतिम परीक्षणों में सफल साबित हुआ है. क्रायोजेनिक इंजन, गगनयान मानव अंतरिक्ष मिशन के लिए एलवीएम प्रक्षेपणयान के ‘क्रायोजेनिक चरण’ को शक्ति प्रदान करता है.  इसरो ने यह भी कहा कि गगनयान अभियान के लिए सीई20 इंजन के सभी जमीनी परीक्षण सफलतापूर्वक पूरे कर लिए गए हैं.

G News 24 : बेशर्म नेता, कानून एवं उसकी एजेंसियों और संविधान का उड़ा रहे हैं मजाक !

 नेता  पद और पावर  के लिए कुछ भी करने से नहीं चूक रहे हैं...

बेशर्म नेता, कानून एवं उसकी एजेंसियों और संविधान का उड़ा रहे हैं मजाक !

ग्वालियर। हमारे देश में एक बहुत ही प्रसिद्ध कहावत है कि चोर चोर मौसेरे भाई यहां चोर चोर शब्द कुछ भ्रष्ट दूर और मक्कार नेताओं के लिए जो अपने आप को समाज से भी कहते हैं जब यह अपने आप को समाजसेवी कहते हैं तो ऐसा लगता है कि समाज सेवी शब्द की व्याख्या ही नेताओं की वजह से बदल गई है। मुझे यह कहते हुए कटाई गुरेज नहीं है की पार्टी कोई भी हो इस हमाम में लगभग ये सभी नंगे हैं। सत्ता पाने के लिए यह कितना नीचे गिर सकते हैं देश का कानून का संविधान का अपमान करने में इन्हें कोई झिझक नहीं है।

वैसे तो सभी पार्टियां अपनी-अपनी विचारधारा और सिद्धांतों का ढिंढोरा पीटती हैं और जनता को भ्रमित करते हुए या यूं कहें कि उसे मूर्ख बनाकर जब सत्ता में बैठ जाती हैं तो फिर यह अपनी मनमर्जी पर उत्तर आतीं है। यह धूर्त मक्कार नेता पहले तो भ्रष्टाचार करते हैं और जब भ्रष्टाचार की कलई खुलने लगते हैं तो फिर एक दूसरे पर बेमतलब के इल्जाम और आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए गाल बजाने के अलावा कुछ नहीं करते हैं। देश में इन दिनों ऐसे ही तमाशे चल रहे है।

ये मक्कार नेता जब जनता के सामने होते हैं तो अपने आप को बड़ा ही पाक-साफ, ईमानदार बताने का प्रयास करते हैं और जनता भी इनकी मक्कारी में फंसकर इन्हें सट्टा की चाबी सौंप देती है, लेकिन जब इनकी पोल खुलती है उनकी बेईमानी की पोल खुलती है तो जनता अपने आप को ठगा सा महसूस करने के अलावा और कुछ नहीं कर पाती है। उधर ये मक्कार नेता उन आरोपों को सिरे से नकारने का प्रयास करते हैं और कानून से खिलवाड़ करने,जांच एजेंटीयों पर सवाल उठाने बिल्कुल भी नहीं चूकते हैं। यह देखकर तो ऐसा लगता है कि का मानो इन्हें यह सब करने का खुला लाइसेंस मिला हुआ है।

अभी वर्तमान में एक ताजा मामला बड़ा ही सुर्खियों में बना हुआ है वह है, अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी के नेताओं का। यह वही अरविंद केजरीवाल हैं जिन्होंने कभी अन्ना आंदोलन के दौरान देश को भ्रष्टाचार मुक्त होने का सपना दिखाया था। और यही सपना दिखाकर इन्होंने अपनी एक राजनीतिक पार्टी खड़ी की। जनता ने ये समझ कर दिल्ली की सत्ता इन्हें सौंप दी यह लोग दिल्ली को भ्रष्टाचार मुक्त करके एक आदर्श राज्य बनाएंगे। किसे पता था कि यह देश की सबसे भ्रष्टतम सरकारों में से एक होने वाली है। यह हम इस यूं ही नहीं कह रहे हैं ये हम सब के सामने है कि यह देश के इतिहास में शायद पहले पार्टी है जिसके सत्ता में रहने के बावजूद सबसे ज्यादा मंत्री और विधायक आज जेल में है। 

इतना ही नहीं एक बहुत बड़े भ्रष्टाचार के मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी जेल जाने वाले हैं। इससे बचने के लिए ये भागे-भागे फिर रहे हैं। यही कारण है कि ये किसी भी तरह से ईडी और क्राइम ब्रांच के सामने जाने से बच रहे हैं। वैसे तो अरविंद केजरीवाल दावा करते हैं कि उनसे ही ज्यादा ईमानदार देश में कोई नहीं है। देश की जनता उनसे जानना चाह रही है कि अगर वे इतने ही ईमानदार हैं तो सच का सामना करने से क्यों भाग रहे हैं ? क्यों देश की जिम्मेदार एजेंटीयों का मजाक बना रखा है ?  5-5 सम्मन जारी होने के बाद भी आप क्यों नहीं प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के सामने पेश हो रहे हैं ? क्यों नहीं उनके सवालों के जवाब दे रहे हैं ? क्राइम ब्रांच भी आपके द्वारा लगाए गए जनता पार्टी के ऊपर इल्जामों की जांच करने के लिए आपसे पूछताछ करने आती है तो आप उसके सामने भी नहीं आते हैं ।

अधिकारियों को सम्मन/नोटिस देने के लिए आपके दरवाजे पर 5-5 घंटे खड़ा रहना पड़ता है इसके बावजूद भी आपके द्वारा सम्मन /नोटिस नहीं लिया जाता है अधिकारी बेइज्जत होकर वापस लौट जाते हैं । ये सब करके आखिर आप क्या सिद्ध करना चाहते हैं ? क्या आप एक नया ट्रेंड चालू नहीं करने जा रहे हैं कि कानून के लूप पोल का फायदा उठाकर राजनीतिक लोग कैसे जांच एजेंसियों को या जिम्मेदार एजेंसियों को परेशान कर सकते हैं ? वैकेंसियों का यह संविधान का किस प्रकार से मजाक उड़ाना क्या देश हित में है ? क्योंकि एक चुनाव हुआ नेता जनता का प्रतिनिधि होता है और जब उनका ये प्रतिनिधि ही देश की जांच एजेंसियों और संविधान का सम्मान नहीं करेगा तो फिर जानता कैसे इन एजेंसियों और देश के संविधान का सम्मान कैसे करेगी ? 

सवाल इन एजेंसियों पर भी उठते हैं की क्या अगर केजरीवाल या हेमंत सोरेन जैसे व्यक्ति चुने हुए प्रतिनिधि ना होते और एक आमजन होते तब भी एजेंसियां उन्हें इतने मौके देती ? उन्हें यह मौका बिल्कुल नहीं मिलता क्योंकि एक आम आदमी का यदि एक सम्मन चूक जाता है तो उसे तत्काल बलपूर्वक हिरासत में ले लिया जाता है। 

कानून की नजर में अगर सभी समान हैं तो फिर आम और खास के लिए न्यायिक प्रक्रिया में यह अंतर क्यों ? आमजन को तो आप बिल्कुल मोहलत नहीं देंगे और अगर खास है तो एजेंसियों का मजाक बनने देंगे। क्यों नहीं सुप्रीम कोर्ट इस पर स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई पूरी करने के आदेश देता है ? आम आदमी के लिए कोर्ट की कार्रवाई ठीक समय 5:00 बजे बंद हो जाती है लेकिन अगर खास है तो कोर्ट रात के 12:00 बजे 2:00 बजे 3:00 बजे भी खुल जाती है यह भेदभाव क्यों ? विश्व संगति का बदलाव भी जरूरी है नियम कायदे सभी के लिए समान होने चाहिए। 

अगर इतने पर भी सुप्रीम कोर्ट मौन है तो फिर इससे तो यही सिद्ध होता है कि आप खास हैं इसलिए आपको देश के संविधान का उसके लिए काम करने वाली एजेंसियों का खुला लाइसेंस मिल जाता है-रामवीर यादव

G News 24 : इसरो ने जारी कीं अंतरिक्ष से अयोध्या राम मंदिर की आश्चर्यजनक तस्वीरें

 कोहरा होने की वजह से सैटेलाइट दोबारा तस्वीर नहीं ले पाई...

इसरो ने जारी कीं अंतरिक्ष से अयोध्या राम मंदिर की आश्चर्यजनक तस्वीरें

इसरो ने जारी कीं अंतरिक्ष से अयोध्या राम मंदिर की आश्चर्यजनक तस्वीरें, ISRO यानी भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने अंतरिक्ष से करवा दिया राम मंदिर का भव्य दर्शन.

इसरों ने अंतरिक्ष से पहली बार श्रीराम मंदिर और अयोध्या की तस्वीर ली.

बता दें कि इसरो के भारतीय रिमोट सेंसिंग सीरीज़ के सैटेलाइट के जरिये ली गई इन तस्वीरों में 2.7 एकड़ में फैले राम-जन्मभूमि स्थल को देखा जा सकता है। यह तस्वीर एक महीने पहले यानी 16 दिसंबर 2023 को ली गई थी. उसके बाद से अयोध्या का मौसम बदलता चला गया है. काफी ज्यादा कोहरा होने की वजह से सैटेलाइट दोबारा तस्वीर नहीं ले पाई.

G.News 24 : देखिए राम भक्तों द्वारा किया गया कला का शानदार प्रदर्शन

 


G News 24 : आगरा में बन रही है 3000 KG की सबसे बड़ी स्टील की रामायण

 जीवन भर खराब नहीं होगी और ना ही उसमें जंग लगेगी ...

आगरा में बन रही है 3000 KG की सबसे बड़ी स्टील की रामायण

आगरा में बन रही स्टील की रामायणकी भी खूब चर्चा हो रही है. इसे बनाने में इस तरह की स्टील का इस्तेमाल किया जा रहा है जो जीवन भर खराब नहीं होगी और ना ही उसमें जंग लगेगी. बता दें कि स्टील की इस रामायण को अयोध्या में राम मंदिर के बाहर भक्तों के लिए रखा जाएगा. राम मंदिर आने वाले सभी भक्तों के लिए स्टील की रामायण आकर्षण का केंद्र होगी. 22 जनवरी को भगवान श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में विराजमान होने जा रहे हैं. इस पल का साक्षी हर कोई बनना चाहता है. देश के अलग-अलग कोनों से पावन नगरी अयोध्या धाम को प्रभु श्री राम से जुड़ी कई प्रकार की चीजें भेजी जा रही हैं. इसी कड़ी में आगरा की एक अनोखी रामायण की इन दिनों खूब चर्चा में है. ये अनोखी रामायण इसलिए चर्चा में है क्योंकि इसे स्टील से बनाया जा रहा है. स्टील के पन्नों पर चौपाई उकेरी जा रही हैं. अभी इसका मॉडल बनकर तैयार हुआ है, जिसकी तस्वीरें सामने आई हैं.

खास बात इस रामायण का साइज और वजन है. पूरी दुनिया में इतने बड़े साइज और वजन की रामायण अभी तक नहीं बनाई गई है. दावा किया जा रहा है कि इस रामायण का कुल वजन 3000 किलो होगा. लंबाई 9.5 फीट, चौड़ाई 5 फीट और मोटाई की बात की जाए तो ढाई फीट होगी. इस रामायण में 30 से 35 पन्ने होंगे.इस अनोखी रामायण को भगवान प्रभु श्री राम के मंदिर की वर्षगांठ पर अयोध्या भेजा जाएगा जो कि रामलला मंदिर की शोभा बढ़ाएगी. श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान की अध्यक्ष आराध्या सैनी ने बताया कि 2021 में उन्होंने श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान की स्थापना की. इस संस्थान का उद्देश्य है कि हिंदू धर्म के सभी ग्रंथ स्टील पर उकेरे जाएं ताकि वह हमेशा के लिए सुरक्षित रहें. इसकी शुरुआत हमने महर्षि वाल्मीकि के रामायण से की है.

आराध्या सैनी ने कहा कि हमने तय किया है कि विश्व की सबसे बड़ी और वजन वाली स्टील की रामायण अयोध्या धाम पहुंचाई जाए. इसके लिए हमने मॉडल बना दिया है. डेढ़ महीने की लगातार मेहनत के बाद छोटा मॉडल बनकर तैयार हुआ है. जिसका वजन अभी 100 किलो है.


श्री कृष्णा ग्रंथालय धरोहर संस्थान की अध्यक्ष आराध्या सैनी ने बताया कि स्टील की रामायण के छोटे मॉडल को प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ को भेंट स्वरूप दिया जाएगा और बड़े मॉडल को अयोध्या धाम स्थापित किया जाएगा. यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हमारे हाथों की बनी विराट रामायण महाकाव्य ग्रंथ अयोध्या धाम भगवान प्रभु श्री राम के मंदिर में रखा जाएगा. जिससे देश दुनिया में राम नाम का संदेश पूरे विश्व में गूंजेगा। 

G.NEWS 24 : PM मोदी के खिलाफ टिप्पणी के बाद मालदीव ने तीन मंत्रियों को किया सस्पेंड

भारत में लोगों ने किया था कड़ा विरोध...

PM मोदी के खिलाफ टिप्पणी के बाद मालदीव ने तीन मंत्रियों को किया सस्पेंड

नई दिल्ली। लक्षद्वीप में पर्यटन के मुद्दे पर भारत और मालदीव के बीच टकराव के बाद अब मालदीव ने अपने मंत्रियों पर कार्रवाई की है. गौरतलब है कि पीएम मोदी के लक्षद्वीप यात्रा के बाद से सोशल मीडिया पर दोनों ही देशों के लोगों में विवाद देखने को मिला था. इस टकराव में तेजी मालदीव के मंत्री अब्दुल्ला महज़ूम माजिद के एक्स पर किए गए पोस्ट के बाद आयी थी. हालांकि अब इस मामले में मालदीव की सरकार के तरफ से बयान जारी कर सफाई दी गयी है. मालदीव सरकार ने कहा है कि मंत्री द्वारा की गयी टिप्पणी उनकी व्यक्तिगत टिप्पणी है. इस तरह की भाषा सरकार की नहीं है. विदेशी नेताओं के खिलाफ टिप्पणियां मंत्री की अपनी टिप्पणी है. मालदीव की मीडिया के खबरों के अनुसार मालदीव सरकार ने तीन मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई भी की है. तीन मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया गया है. 

दरअसल PM मोदी ने अपने लक्ष्यद्वीप दौरे के अनुभव को एक्स पर साझा किया था. जिसमें पीएम ने लिखा था,  ‘‘जो लोग रोमांचकारी अनुभव लेना चाहते हैं, लक्षद्वीप उनकी सूची में जरूर होना चाहिए. मैंने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की. यह कितना उत्साहजनक अनुभव था!''पीएम मोदी का ये पोस्ट काफी वायरल हुआ था और कई सोशल मीडिया यूजर्स ने लक्षद्वीप को मालदीव का वैकल्पिक पर्यटन स्थल कहा था. जिसके बाद से मालदीव सरकार के नेताओं की ओर से आपत्तिजनक टिप्पणियां आ रही हैं. लक्षद्वीप की तुलना मालदीव से होने पर नाराज मालदीव की सत्तारूढ़ पार्टी प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (पीपीएम) के नेता जाहिद रमीज ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा था कि अच्छा कदम है. हालांकि, हमसे कॉम्पिटीशन करने का विचार भ्रामक है. वो हमारे द्वारा प्रदान की जाने वाली सर्विस कैसे प्रदान कर सकते हैं? वो इतने साफ कैसे हो सकते हैं. कमरों में आने वाली गंध सबसे बड़ी..

मंत्री के बयान पर भारत में इसका कड़ा विरोध देखने को मिला था. कई फिल्म स्टार और क्रिकेटरों ने ट्वीट कर बयान की निंदा की थी. फिल्म स्टार अक्षय कुमार ने एक्स पर लिखा है कि मालदीव की प्रमुख हस्तियों द्वारा भारतीयों पर घृणित और नस्लवादी टिप्पणियाँ की गईं है. आश्चर्य है कि वे ऐसा उस देश के लिए कर रहे हैं जो उन्हें सबसे अधिक संख्या में पर्यटक भेजता है. हम अपने पड़ोसियों के प्रति अच्छे हैं लेकिन हमें ऐसी अकारण नफरत क्यों बर्दाश्त करनी चाहिए? मैंने कई बार मालदीव का दौरा किया है और हमेशा इसकी प्रशंसा की है, लेकिन गरिमा पहले है. आइए हम भारतीय द्वीपों खोजे और अपने देश के पर्यटन को बढ़ावा दें.

G News 24 : भारत के आदित्य एल-1 ने किया सूर्य नमस्कार !

 ISRO के पहले सौर मिशन  ने रचा इतिहास...

भारत के आदित्य एल-1 ने किया सूर्य नमस्कार ! 

सोलर मिशन आदित्य-L1 लैग्रेंज पॉइंट पर पहुंचा:126 दिन चला सफर, अब पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर; यह 5 साल सूर्य की स्टडी करेगा .इसरो का आदित्य-एल1 स्पेसक्राफ्ट 126 दिनों में 15 लाख किमी की दूरी तय करने के बाद आज सन-अर्थ लैग्रेंज पॉइंट 1 (एल1) पर पहुंच गया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने आदित्य-एल1 के हेलो ऑर्बिट में एंट्री करने की देशवासियों को बधाई देते हुए एक्स पर पोस्ट शेयर की है। ये मिशन 5 साल का होगा।

स्पेसक्राफ्ट में 440एन लिक्विड अपोजी मोटर लगी है, जिसकी मदद से आदित्य-एल1 को हेलो ऑर्बिट में पहुंचाया गया। यह मोटर इसरो के मार्स ऑर्बिटर मिशन में इस्तेमाल की गई मोटर के समान है। इसके अलावा आदित्य-रु1 में आठ 22एन थ्रस्टर और चार 10एन थ्रस्टर हैं, जो इसके ओरिएंटेशन और ऑर्बिट को कंट्रोल करने के लिए जरूरी हैं। एल1 अंतरिक्ष में ऐसा स्थान है, जहां पृथ्वी और सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्तियां संतुलित होती हैं। हालांकि एल1 तक पहुंचना और स्पेसक्राफ्ट को इस ऑर्बिट में बनाए रखना कठिन टास्क है। ल1 का ऑर्बिटल पीरियड करीब 177.86 दिन है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने एक्स पर लिखा, 'भारत ने एक और लैंडमार्क कायम किया है।Ó सूर्य का अध्ययन करने वाला भारत का स्पेसक्राफ्ट आदित्य एल1 अपने डेस्टिनेशन पर पहुंच गया है। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक परिश्रम का प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ शामिल हूं। हम मानवता को फायदा पहुंचाने के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी ISRO की इस सफलता पर बधाई दी है, उन्होंने X पर लिखा है कि इस महान उपलब्धि के लिए पूरे भारतीय वैज्ञानिक समुदाय को बधाई! यह मिशन सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बारे में हमारे ज्ञान को बढ़ाएगा और पूरी मानवता को लाभान्वित करेगा.

ISRO ने इस मिशन को लेकर कहा है कि हेलो (Halo) कक्षा में आदित्य-L1 का प्रवेश करना एक बहुत क्रिटिकल मिशन चरण है, जिसके लिए सटीक नेविगेशन और नियंत्रण की जरूरत होती है. ऑनबोर्ड थ्रस्टर्स का इस्तेमाल करके अंतरिक्ष यान की गति और स्थिति के एडजस्टमेंट के साथ-साथ निरंतर निगरानी भी शामिल थी. ऑर्बिट में स्थापित होने की सफलता न केवल इस तरह के जटिल कक्षीय युद्धाभ्यास में ISRO की क्षमताओं को दर्शाती है, बल्कि ये भविष्य के इंटरप्लेनेटरी मिशनों को संभालने का आत्मविश्वास भी देती है.

अंतरिक्ष यान आदित्य L1 पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के ‘लैग्रेंज प्वाइंट 1’ (L 1) के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में पहुंचा है. ‘L1 प्वाइंट’ पृथ्वी और सूर्य के बीच की कुल दूरी का लगभग 1% है. ‘L1 प्वाइंट’ के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में उपग्रह से सूर्य को लगातार देखा जा सकता है. इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके असर का निरीक्षण करने में अधिक फायदा मिलेगा.

G News 24 : जब समुद्री डकैतों को घेरा भारतीय मार्कोस कमांडोज ने तो दुम दबाकर भाग गए

 हाईजैक किये गए जहाज में 15 भारतीयों भी थे, इन्हें बचाने इंडियन नेवी  ने दिखाया दम !

जब समुद्री डकैतों को घेरा भारतीय मार्कोस कमांडोज ने तो दुम दबाकर भाग गए 

नई दिल्ली।  इंडियन नेवी ने उत्तरी अरब सागर में लाइबेरिया के ध्वज वाले वाणिज्यिक जहाज के अपहरण के प्रयास पर बड़ी कार्रवाई की. भारतीय नौसेना के मार्कोस कमांडोज ने शुक्रवार को 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को रेस्क्यू कर लिया है. अब रेस्क्यू किए गए भारतीयों का पहला वीडियो सामने आया है. भारतीय नौसेना ने इन भारतीयों का एक वीडियो जारी किया है, जिसमें सभी के चेहरे पर मुस्कान देखा जा सकता है.

वीडियो में क्रू मेंबर को उत्साही सदस्यों को ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाते और भारतीय नौसेना को धन्यवाद देते हुए देखा जा सकता है. बता दें कि लगभग पांच से छह सशस्त्र समुद्री डाकुओं द्वारा लाइबेरिया के झंडे वाले जहाज को अपहरण करने का प्रयास करने के बाद किए गए त्वरित ऑपरेशन में मार्कोस कमांडो ने युद्धपोत INS चेन्नई से जहाज पर चढ़ने के बाद 15 भारतीयों सहित क्रू मेंबर के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया.

यूके मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशंस पोर्टल पर एक संदेश भेजने के बाद नौसेना ने जहाज एमवी लीला नोरफोक की सहायता के लिए एक युद्धपोत, समुद्री गश्ती विमान पी -8 आई, हेलीकॉप्टर और एमक्यू 9 बी प्रीडेटर ड्रोन तैनात किए गए. कहा गया कि हथियार लिए अज्ञात लोग गुरुवार शाम को इसमें सवार हुए थे.

भारतीय नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा कि अग्रिम पंक्ति के युद्धपोत INS चेन्नई ने दोपहर 3:15 बजे मालवाहक जहाज को रोका और मार्कोस कमांडो ने इस पर ऑपरेशन चलाया. न्यूज एजेंसी PTI की रिपोर्ट के अनुसार, कल शाम जब समुद्री डाकू मालवाहक जहाज पर चढ़े, तब से चालक दल के सभी सदस्य जहाज पर एक सुरक्षित कमरे में छिपे हुए थे.

G News 24 : केपटाउन में भारत ने 31 साल के इतिहास में पहली बार जीत दर्ज कराई !

 भारत सात विकेट से जीतकर 92 साल पुराना रिकॉर्ड धवस्त किया 

केपटाउन में भारत ने 31 साल के इतिहास में पहली बार जीत दर्ज कराई !

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज का दूसरा मैच टीम इंडिया ने सात विकेट से अपने नाम किया। इस मैच में जीत के साथ ही टीम इंडिया ने सीरीज 1-1 से ड्रॉ करा ली। सीरीज का पहला मैच दक्षिण अफ्रीका ने पारी और 32 रन से जीता था। इस मैच में जीत के साथ ही रोहित शर्मा दक्षिण अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ कराने वाले दूसरे भारतीय कप्तान बन गए। इससे पहले 2011 में महेंद्र सिंह धोनी ने अफ्रीका में सीरीज ड्रॉ कराई थी। भारत ने 31 साल के इतिहास में पहली बार केपटाउन में कोई टेस्ट मैच जीता है।यह टेस्ट क्रिकेट के इतिहास का सबसे छोटा मैच रहा, जिसमें कोई टीम विजेता साबित हुई। यह मुकाबला सिर्फ 107 ओवर में खत्म हो गया। इसका मतलब है कि इस मुकाबले में सिर्फ 642 मान्य गेंदें (नो और वाइड बॉल को छोड़कर) की गईं। इससे पहले 1932 में ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मैच 109.2 ओवर में खत्म हो गया था। यह मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता था।

अपना अंतिम टेस्ट मैच खेल रहे डीन एल्गर ने जब टॉस जीतकर बल्लेबाजी को चुना तो उन्हें भी नहीं मालूम था कि यहां की पिच बल्लेबाजों के लिए बड़ी मुसीबत बनने जा रहा है। यहां तक भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने भी कहा कि अगर वह टॉस जीतते तो पहले बल्लेबाजी को चुनते। सिराज ने अपने दूसरे ओवर की दूसरी ही गेंद पर मार्करम (2) को स्लिप में कैच कराया। अगले ओवर में उन्होंने एल्गर (4) को बोल्ड कर दिया। 15 रन के अंदर द. अफ्रीका ने 4 विकेट खो दिए। बेडिंघम (12) और वेरेने (15) ने 19 रन जोड़े, लेकिन सिराज ने इन दोनों को भी आउट कर दिया। शार्दुल की जगह खेलने आए मुकेश कुमार और बुमराह ने लंच से पहले ही प्रथम टेस्ट में पारी और 32 रन से जीतने वाली अफ्रीकी पारी 55 पर समाप्त कर दी।

सिराज ने तीसरी बार टेस्ट क्रिकेट में पारी में पांच या उससे अधिक विकेट लिए। द. अफ्रीका तीसरी बार भारत के खिलाफ सौ से कम स्कोर पर आउट हुआ। 2015 में नागपुर में 79 और 2006 में जोहानिसबर्ग में यह टीम 84 रन पर आउट हुई। यह टेस्ट इतिहास में 11वां मौका था जब कोई टीम भारत के खिलाफ 100 से कम स्कोर पर आउट हुई। भारत ने अफ्रीकी टीम को 23.2 ओवर में समेटा, यह सबसे कम गेंदों में उसने किसी टीम को समेटने का अपना रिकॉर्ड तोड़ा। इससे पहले उसने द. अफ्रीका को ही जोहानिसबर्ग में 2006 में 25.1 ओवर में समेटा था। द. अफ्रीकी पारी में सिर्फ दो बल्लेबाज दोहरे अंकों में पहुंच सके।9.4 ओवर में द. अफ्रीकी स्कोर पार किया

शुरुआत भारत की भी अच्छी नहीं रही। यशस्वी (0) को रबादा ने बोल्ड किया, लेकिन रोहित ने तेजी से रन बनाए। भारत ने सिर्फ 9.4 ओवर में द. अफ्रीकी स्कोर को पार कर लिया। उन्होंने गिल के साथ 55 रन की साझेदारी निभाई। यहां रोहित 39 रन बनाकर बर्गर का शिकार बने। गिल ने विराट के साथ 33 रन की साझेदारी, लेकिन बर्गर ने उन्हें भी 36 रन पर आउट किया। बर्गर ने इसके बाद श्रेयस (0) को भी आउट कर दिया। बावजूद इसके चायकाल तक भारत चार विकेट पर 111 रन बनाकर मजबूत स्थिति में था। कोहली 20 और राहुल 0 पर थे।

चायकाल के बाद वह घटा तो भारत के साथ कभी नहीं हुआ। कोहली और राहुल स्कोर 153 रन तक ले गए। पहले नगीदी ने राहुल (8) को आउट किया। उसके बाद उन्होंने इसी ओवर में अश्विन की जगह खेल रहे रविंद्र जडेजा (0), जसप्रीत बुमराह (0) को आउट किया। रबादा ने अगले ओवर में कोहली (46) को आउट किया। इसके बाद सिराज रन आउट हो गए। अगली ही गेंद पर उन्होंने प्रसिद्ध कृष्णा को आउट कर पारी 153 रन पर समेट दी। रबादा, नगीदी, बर्गर ने तीन-तीन विकेट लिए।भारतीय बल्लेबाजों ने नहीं की देरी

मैच की चौथी पारी दूसरे दिन दूसरे सत्र के साथ शुरू हुई। भारत के सामने जीत के लिए 79 रन का लक्ष्य था और भारतीय बल्लेबाजों ने ज्यादा समय नहीं लिया। रोहित और यशस्वी ने पहली गेंद से ही आक्रामक बल्लेबाजी की। दोनों ने पहले विकेट के लिए 34 गेंद में 44 रन की साझेदारी की। यशस्वी 23 गेंद में 28 रन बनाकर आउट हो गए, लेकिन तब तक आधा काम हो चुका था। इसके बाद शुभमन गिल भी आउट हुए, लेकिन रोहित और कोहली भारत को जीत के करीब ले गए। अंत में विराट कोहली भी आउट हो गए, लेकिन श्रेयस ने विजयी रन बनाकर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।

G.NEWS 24 : राम मंदिर के खिलाफ षडयंत्र है ट्रांसपोर्ट हड़ताल !

प्राण प्रतिष्ठा के यज्ञ में आसुरी शक्तियों ने हड्डी डालना शुरू कर दिया है...

राम मंदिर के खिलाफ षडयंत्र है ट्रांसपोर्ट हड़ताल !

राम मंदिर के खिलाफ षडयंत्र है ट्रांसपोर्ट हड़ताल, मैंने आपसे पहले ही कहा था सावधान रहने की और षडयंत्र समझने की आवश्यकता है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के यज्ञ में आसुरी शक्तियों ने हड्डी डालना शुरू कर दिया है। अब इसी से जुड़ी ट्रांसपोर्ट हड़ताल की "हड्डी प्लानिंग" को समझिए - 

  1. ट्रांसपोटर्स हड़ताल करेंगे तो आम जनता को हर वस्तु की तंगी होगी। पेट्रोल पंप पर लाइन लगेगी आदि इत्यादि। जनता परेशान होगी। यानी राम मंदिर की खुशियों में खलल पड़ेगा।
  2. इस देश की ट्रांसपोर्ट यूनियन पर किनका कब्ज़ा है? ये वही लोग हैं जो किसान आंदोलन के दौरान देश में अराजकता फैला रहे थे। सबसे ज़्यादा ट्रांसपोर्ट के व्यपार से कौन जुड़ा है? 
  3. देखिएगा, इस आंदोलन को सबसे ज़्यादा हवा कौन देंगे, वही दल जिनके रामद्रोही होने का पुराना रिकॉर्ड है। 
  4. अब पूरा टूलकिट गैंग ट्रक ड्राइवर की मजबूरी बताएगा। लेकिन वो ये नहीं बताएंगे कि सड़क पर वाहन चलाने वाले हम और आप जैसे 95% लोग हैं। नया कानून सब पर लागू होगा, फिर सिर्फ 5% को ही क्यों भड़काया जा रहा है ?
  5. ये टूलकिट गैंग ट्रक ड्राइवर्स का रोना बतायेगा, लेकिन ये उन लोगों का दर्द नहीं बाटेंगे जिनके अपने ट्रकों के पहिये के नीचे रौंदे गए हैं। 
  6. नए कानून करीब 10 दिन पहले पास हुए। हड़ताल अब क्यों ? राम मंदिर का डर इन असुर शक्तियों को भयभीत कर रहा है।
  7. आप खुद सोचिए, जब आप हाइवे पर वाहन चलाते हैं तो क्या ये ट्रक सबसे ज़्यादा कानून नहीं तोड़ते ? अपने अनुभव के आधार पर सोचिए। क्या इन पर लगाम नहीं लगाया जाना चाहिए ?

जान लीजिए, ये सब राम मंदिर के खिलाफ देश विरोधी और सनातन के दुश्मनों का षड्यंत्र है। अब आप वही गलती मत करना, जो आपने CAA विरोधी आंदोलन, किसान आंदोलन और पहलवान आंदोलन में की थी।

G.NEWS 24 : दूल्हा-दुल्हन ने मेहमानों से मांगा शादी का खर्च !

वेडिंग कार्ड पर तीन दिए विकल्प...

दूल्हा-दुल्हन ने मेहमानों से मांगा शादी का खर्च !

शादियां खुशियों से भरा पल होती हैं. ये न सिर्फ दूल्हा-दुल्हन के लिए खुशियां लेकर आती है बल्कि उनके परिवार वालों और रिश्तेदारों के लिए भी ये पल सबसे खास होता है, जिसमें वो भी खूब झूमते हैं, नाचते-गाते हैं. हालांकि शादियों में खर्चे भी बहुत होते हैं, ये तो आप भी जानते ही होंगे. आमतौर पर तो शादियों में होने वाले खर्चे लड़का और लड़की के घरवाले ही उठाते हैं, पर क्या हो अगर वो खर्चे मेहमानों से ही मांग लिए जाएं? जी हां, आजकल ऐसा ही एक मामला काफी चर्चा में है, जिसने लोगों को भी हैरान कर दिया है. आमतौर पर शादियों में आने के लिए मेहमानों को वेडिंग कार्ड के जरिए न्यौता भेजा जाता है, पर एक कपल ऐसा भी है. 

जिसने 300 पाउंड यानी 31 हजार रुपये से अधिक की कीमत का टैग लगाकर मेहमानों को निमंत्रण पत्र भेजा, जिसे देखते ही मेहमान भड़क गए. लोगों ने दूल्हा-दुल्हन को लालची करार दिया है और साथ ही उन्होंने शादी में आने से इनकार भी कर दिया. मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, ये मामला तब चर्चा में आया जब एक महिला को ये अजीबोगरीब निमंत्रण पत्र मिला, जिसके बाद उसने उसे सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. पोस्ट में उसने लिखा, ‘मेरे सबसे करीबी दोस्तों में से एक की शादी हो रही है और वह अपने मेहमानों से शादी में शामिल होने के लिए चार्ज ले रही है. मैं हमेशा से जानती थी कि वह थोड़ी चीप है, इसलिए मुझे उतना आश्चर्य नहीं हुआ, लेकिन ये सही तरीका नहीं है. 

हालांकि ऐसा लगता है कि मेरे जैसे 90 के दशक के लड़के-लड़कियों ने अपनी शादियों के लिए मेहमानों से अधिक से अधिक चार्ज लेना शुरू कर दिया है जो कि शर्मनाक है’. महिला ने बताया कि वेडिंग कार्ड पर तीन विकल्प दिए गए थे, जिसमें से पहला ये था कि ‘मैं शादी में शामिल होऊंगा’ और इसके लिए लिफाफा चार्ज करीब 5,400 रुपये लिखा हुआ था. इसके अलावा दूसरा विकल्प था कि ‘मैं सिर्फ समारोह में भाग लूंगा’ और तीसरा विकल्प था 'मैं शामिल नहीं हो पाऊंगा'.  महिला ने फिर आगे बताया कि असल में दूल्हा-दुल्हन मेहमानों से खाने से लेकर संगीत और सजावट सभी चीजों का चार्ज जोड़कर ले रहे थे. 

महिला ने खुलासा किया कि अगर मेहमान कार्यक्रम स्थल पर रुकना चाहते हैं तो उन्हें प्रति रात लगभग 8 हजार रुपये से अधिक का भुगतान करना होगा और ये चार्ज रात के खाने से पहले और शादी के दिन के बीच की रात और शादी के बाद की रात दोनों पर लागू होता है यानी कुल मिलाकर शादी में शामिल होने के लिए मेहमानों को करीब साढ़े 16 हजार रुपये से लेकर 31 हजार रुपये का भुगतान करना होगा. महिला ने बताया कि दूल्हा-दुल्हन के साथ उसकी 12 साल से दोस्ती है, लेकिन इसके बावजूद वह शादी में शामिल नहीं होगी, क्योंकि उसे लगता है कि मेहमानों से शादी का खर्च लेने का आइडिया बहुत ही घटिया है.

G.NEWS 24 : नए साल पर ISRO लॉन्च करेगा पहला पोलरिमेट्री मिशन !

नए साल पर मिलेगा बड़ा तोहफा...

नए साल पर ISRO लॉन्च करेगा पहला पोलरिमेट्री मिशन !

नए साल के मौके पर ISRO अपना नया मिशन X-ray Polarimeter Satellite, XPoSat को लांच करने जा रहा है. यह मिशन सिर्फ भारत का पहला डेडिकेटिज पोलारिमेट्री मिशन ही नहीं, बल्कि 2021 में लॉन्च किए गए नासा के इमेजिंग एक्स-रे पोलारिमेट्री एक्सप्लोरर (IXPE) के बाद दुनिया का दूसरा है. इस मिशन के जरिए isro अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के तीव्र ध्रुवीकरण की जांच करेगा. 1 जनवरी को इसरो बड़ा तोहफा देने जा रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने घोषणा की है कि एक्सपोसैट (XPoSat) मिशन पोलर सैटेलाइट लॉ़न्च व्हीकल (पीएसएलवी) का उपयोग करके सुबह 9:10 बजे लॉन्च होगा. 

XPoSat, 1 जनवरी 2014 को लॉन्च होगा और ये भारत का पहला polarimetry mission होगा. यह मिशन एक्स किरणों का डेटा कलेक्ट करके ब्लैक होल और न्यूट्रॉन तारों की स्टडी करेगा. XPoSat सेटेलाइट का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है, जिसमें पल्सर, ब्लैक होल एक्स-रे बायनेरिज़, सक्रिय गैलेक्टिक नाभिक, न्यूट्रॉन सितारे और गैर-थर्मल सुपरनोवा अवशेष शामिल हैं. यह स्पेक्ट्रोस्कोपिक और टाइमिंग डेटा को ध्रुवीकरण की डिग्री और कोणसे जोड़ देगा. 

XPoSAT को 500-700 किमी की गोलाकार निचली पृथ्वी कक्षा में स्थापित किया जाएगा. इसका जीवनकाल कम से कम 5 वर्ष का होगा. XPoSat सेटेलाइट का लक्ष्य ब्रह्मांड में 50 सबसे चमकीले ज्ञात स्रोतों का अध्ययन करना है. इस मिशन के जरिए isro अंतरिक्ष में एक्स-रे स्रोतों के तीव्र ध्रुवीकरण की जांच करेगा. भारत का मिशन चंद्रयान-3 23 अगस्त, 2023 को सफल लैंडिंग किया था.  23 अगस्त शाम 5.45 बजे लैंडिंग हुई थी. हालांकि लैंडिंग में कई चुनौतियां भी थी. पहली चुनौती लैंडर की रफ्तार को नियंत्रित रखना. दूसरा लैंडर उतरते समय सीधा रहे. बता दें कि विक्रम जिस समय उतरेगाउस समय उसकी गति 2 मीटर प्रति सेकेंड थी.

G.NEWS 24 : अगले 10 दिनों में डालेंगे डकैती, रोक सको तो रोक लो !

भयंकर लूटपाट की चेतावनी जारी...

अगले 10 दिनों में डालेंगे डकैती, रोक सको तो रोक लो !

यूपी के बस्ती जिले में इन दिनों शोले मूवी के गब्बर डाकू की तरह के गिरोह के खौफ से लोग डरे हुए हैं. यह गिरोह बकायदा लूट से पहले पोस्टर चस्पा कर 10 दिनों में भयानक लूटपाट की चेतावनी देता है. बस्ती जिले के रूधौली और वाल्टरगंज थाना क्षेत्र में 'डाकू गैंग' के पोस्टर से ऐसा ही हड़कंप मचा हुआ है. रूधौली थाना क्षेत्र के विशुनपुरवा गांव में कई जगह पोस्टर लगे हैं, जिनमें 10 दिनों में भयंकर लूटपाट की चेतावनी जारी की गई है.

पोस्टर में लिखा गया है, विशुनपुरवा गांव में हमारी टीम की ओर से भयानक डाका डाला जाएगा, तुम लोग कितना रात में जागोगे. यह हमारी चेतावनी है, तुम सबके अंदर जितनी ताकत है लगा लो.' वाल्टरगंज थाना क्षेत्र के कोडरी गांव में भी इसी तरह का पोस्टर 'डाकू गैंग' के नाम से चस्पा किया गया है. उस पोस्टर में लिखा है, आने वाले 10 दिनों में हमारी टीम चुनिंदा घरों में भयानक लूटपाट करेगी. तुम सबके अंदर जितनी ताकत हो लगा लो. हम सब तुम्हारे गांव को लूट कर रहेंगे. 

इस तरह के पोस्टर को देखकर गांव के लोग डरे हुए हैं. गांव वाले लूट के डर से रात- रात भर पहरा देने को मजबूर हैं. 'डाकू गैंग' के हाथों लुटने के डर से गांव के लोग ठंड के बावजूद रात में पहरा दे रहे हैं. वहीं पुलिस की इन पोस्टरों की वजह से चक्करघिन्नी बनी हुई है. वह समझ नहीं पा रही है कि ये पोस्टर क्या वाकई किसी डाकू गैंग ने लगाए हैं या फिर किसी की शरारत हैं. इस संबंध में पुलिस जांच करने में लगी है. 

जिले के एएसपी ओपी सिंह ने बताया कि यह कुछ खुराफातियों का काम हो सकता है. जिनकका मकसद अफवाह फैलाकर समाज में अफरा तफरी की स्थिति पैदा करना है. उन्होंने जिले के लोगों से अपील की कि वे डरें नहीं और इस तरह के पोस्टर लगाने वाले असामाजिक तत्वों पर कड़ी नजर रखें. अगर उन्हें कहीं भी इस तरह की कोई जानकारी मिले तो उसे पुलिस के साथ शेयर करने में देरी न करें. 

G News 24 : दिसंबर का ये सप्ताह शोक साथ -शौर्य की अनुभूति भी करता है !

 गुरु साहब का पूरा परिवार 6 पूस से 13 पूस...

दिसंबर का ये सप्ताह शोक साथ -शौर्य  की अनुभूति भी करता है !

  • पूस का 13वां दिन नवाब वजीर खां ने फिर पूछा,बोलो इस्लाम कबूल करते हो ? 
  • 6 साल के छोटे साहिबजादे, फ़तेह सिंह ने नवाब से पूछा….  
  • अगर मुसलमाँ हो गए तो फिर, कभी नहीं मरेंगे न ?

 वजीर खां अवाक रह गया….

 उसके मुँह से जवाब न फूटा, तो साहिबजादे ने जवाब दिया कि, जब मुसलमाँ हो के भी मरना ही है , तो अपने धर्म धर्म की खातिर क्यों न मरें ?  दोनों साहिबजादों को ज़िंदा दीवार, में चिनवाने का आदेश हुआ...

दीवार चिनी जाने लगी । जब दीवार 6 वर्षीय फ़तेह_सिंह की गर्दन तक आ गयी तो 8 वर्षीय साहिबजादे जोरावर_सिंह रोने लगे तो  साहिबजादे फ़तेह ने पूछा, जोरावर रोता क्यों है ? जोरावर बोला, रो इसलिए रहा हूँ कि आया मैं पहले था पर देश, धर्म के लिए बलिदान तू पहले हो रहा है .

21 दिसम्बर से 27 दिसम्बर तक,इन्हीं 7 दिनों में गुरुगोविंद सिंह जी का पूरा परिवार बलिदान हो गया था। उसी रात माता गूजरी  ने भी ठन्डे बुर्ज में प्राण त्याग दिए। 

एक सप्ताह के भीतर ही धर्म के लिए राष्ट्र के लिए गुरु साहब का पूरा परिवार बलिदान हो गया । दोनों बड़े साहिबजादों, साहिबजादे अजीत_सिंह और साहिबजादे जुझार सिंह जी का बलिदान दिवस! और स्पष्ट कर दूँ...पहले पंजाब में इस हफ्ते सब लोग ज़मीन पर सोते थे क्योंकि माता गूजरी ने 25 दिसम्बर की वो रात दोनों छोटे साहिबजादों के साथ नवाब वजीर ख़ाँ की गिरफ्त में सरहिन्द के किले में ठंडी बुर्ज़ में गुजारी थी और 26 दिसम्बर को  दोनो बच्चे बलिदान हो गये थे।  27 तारीख को माता ने भी अपने प्राण त्याग दिए थे।

हम भारतीयों ने गुरु गोविंद सिंह जी के बलिदान को  400 साल पुराने इतिहास अपने जेहन में सदा रखना चाहिए। ये कभी नहीं भूलना नहीं चाहिए उन सभी ज्ञात-अज्ञात महावीर-बलिदानियों को जिनके कारण आज सनातन संस्कृति बची हुई है,…