G NEWS 24 : रिटायर हो चुके शिक्षक का कर दिया तबादला !

एक ही टीचर की दो-दो स्कूलों में नियुक्ति...

रिटायर हो चुके शिक्षक का कर दिया तबादला !

मध्यप्रदेश में सरकारी तंत्र की कार्यशैली आए दिन सवालों के घेरे में रहती है, लेकिन इस बार डिंडोरी जिले से जो मामला सामने आया है, उसने पूरे सिस्टम की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। यहां न केवल एक रिटायर हो चुके शिक्षक का तबादला कर दिया गया है, बल्कि एक ही शिक्षक का दो अलग-अलग स्कूलों में ट्रांसफर कर दिया गया है। यह मामला जनजातीय कार्य विभाग के अधीन कार्यरत शिक्षकों के स्थानांतरण से जुड़ा है। दरअसल, तीन जुलाई को सहायक आयुक्त, जनजातीय कार्य विभाग, डिंडोरी द्वारा जिले के 463 शिक्षकों का तबादला आदेश जारी किया गया। 

इस सूची में कई ऐसे नाम भी शामिल हैं जो या तो सेवानिवृत्त हो चुके हैं या जिनका पहले ही ट्रांसफर हो चुका है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तबादला सूची में आठवें क्रमांक पर दर्ज श्याम कुमार गवले नामक शिक्षक को प्राथमिक शाला किवाड़ में स्थानांतरित किया गया है, जबकि वह 30 जून को ही सेवानिवृत्त हो चुके हैं। यानी जिस शिक्षक ने विभाग से विदाई ले ली, उसी का तबादला कर दिया गया। यह लापरवाही विभागीय कार्यप्रणाली पर गहरे सवाल खड़े करती है। इतना ही नहीं, कई शिक्षकों का नाम दो अलग-अलग स्थानांतरण आदेशों में अलग-अलग स्कूलों में दर्ज है।

उदाहरण के लिए शिक्षिका संगीता साहू का पहले 17 मई 2024 को हुए आदेश में तबादला प्राथमिक शाला चंदना से प्राथमिक शाला खरगहना किया गया था। लेकिन 3 जुलाई को जारी दूसरी सूची में उनका तबादला प्राथमिक शाला चंदना से प्राथमिक शाला डोंगरी टोला कर दिया गया है। अब संगीता साहू उलझन में हैं कि आखिर उन्हें किस स्कूल में जॉइन करना चाहिए? ऐसे दोहराव सिर्फ संगीता साहू के मामले में नहीं हैं। कई अन्य शिक्षक भी दो अलग-अलग आदेशों की वजह से भ्रम की स्थिति में हैं। शिक्षकों में नाराजगी का माहौल है, उनका कहना है कि यदि एक तबादला आदेश पहले ही जारी किया गया था, तो उसे निरस्त किए बिना दूसरा आदेश जारी करना तर्कसंगत नहीं है।

शिक्षकों का आरोप है कि बिना समुचित समीक्षा और सत्यापन के स्थानांतरण सूची जारी की गई है, जिससे न केवल उनकी कार्यस्थल को लेकर भ्रम की स्थिति बनी है बल्कि मानसिक तनाव भी उत्पन्न हो रहा है। मामला मीडिया की सुर्खियों में आने के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष ने शिक्षकों से संवाद किया और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही दुर्भाग्यपूर्ण है और वह स्वयं विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर मामले की जांच कराएंगे। वहीं विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह तकनीकी त्रुटि हो सकती है। जल्द ही संशोधित सूची जारी की जाएगी और जिन शिक्षकों को दो स्कूलों में भेजा गया है, उनके लिए स्पष्ट आदेश जारी होंगे।

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