प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में 30 जून तक जारी रहेगी 5 डे वर्किंग

सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आदेश जारी…

प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में 30 जून तक जारी रहेगी 5 डे वर्किंग

कोरोना संक्रमण के चलते मध्य प्रदेश के शासकीय कार्यालयों में 30 जून 2022 तक सोमवार से शुक्रवार 5 डे वर्किंग जारी रहेगी। इस संबंध में सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से आदेश जारी किए गए। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. श्रीनिवास शर्मा की तरफ से जारी आदेश के अनुसार  राज्य शासन द्वारा कोविड-19 महामारी की रोकथाम एवं बचाव के संबंध में सम्पूर्ण प्रदेश के शासकीय कार्यालयों के कार्य-दिवस सप्ताह में पांच दिवस निर्धारित किए गये थे. यह आदेश 31 मार्च तक प्रभावशील था, जिसे 30 जून 2022 तक बढ़ाया गया है। बता दें कोरोना संक्रमण के चलते सरकार ने सभी शासकीय कार्यालयों में 5 दिवस वर्किंग शुरू की थी। जिसे 31 मार्च तक बढ़ाया गया था। अब इसे 30 जून तक बढ़ा दिया।

ग्वालियर सहित 5 जिलों को मिली 14 PG डिप्लोमा सीट की मान्यता

नेशनल बॉर्ड ऑफ एक्जामिनेशन द्वारा…

ग्वालियर सहित 5 जिलों को मिली  14 PG डिप्लोमा सीट की मान्यता

ग्वालियर के लिए अच्छी खबर है। प्रदेश के जबलपुर, सतना, विदिश, सागर के साथ ही ग्वालियर के जिला अस्पतालों को चौदह पीजी डिप्लोमा सीट की मान्यता मिल गई है। यह मान्यता नेशनल बॉर्ड ऑफ एक्जामिनेशन द्वारा दी गई है। इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा और आम लोगों को सुविधा मिलेगी। यह एक्रीडिएशन दिसम्बर 2026 तक के लिए किया गया है।

स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े ने बताया कि NBE (नेशनल बॉर्ड ऑफ एक्जामिनेशन) ने ग्वालियर जिला अस्पताल में डीजीओ की दो सीट, सागर जिला अस्पताल में फेमिली मेडीसिन, ऑप्थेलमालॉजी और पीडियाट्रिक्स में दो- दो सीट्स की मान्यता दी गई है। जबलपुर जिला अस्पताल में पीडियाट्रिक्स और ऑप्थेलमालॉजी की एक-एक सीट, सतना जिला अस्पताल में डीजीओ की 2 सीट और विदिशा जिला अस्पताल में डीजीओ की 2 सीट की मान्यता दी गई है। NBE के द्वारा प्रदेश के 5 जिला अस्पताल को 14 पीजी डिप्लोमा सीट्स का एक्रीडिएशन दिसम्बर 2026 तक के लिए किया गया है।

NBE द्वारा प्रदेश के पांच शहरों के जिला अस्पतालांे में 14 पीजी सीट डिप्लोमा को मान्यता देने से आम लोगों को इसका फायदा होगा। इन शहरों में स्वास्थ्य सेवाआंे में सुधार होगा। जिसका फायदा सीधे तौर पर वहां की जनता को होगा। जब वह जिला अस्पताल में दाखिल होंगे तो पहले से ज्यादा स्टाफ उनके देखने के लिए होगा। जल्दी इलाज मिलने से लोगों की जान बचाई जा सकेगी।

MP TET पास करने वाले OBC भ्यर्थियों ने 27% आरक्षण की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

कुछ शिक्षकों ने अपना मुंडन भी कराया, समर्थन में उतरे कमलनाथ...

MP TET पास करने वाले OBC भ्यर्थियों ने 27% आरक्षण की मांग को लेकर किया प्रदर्शन

भोपाल। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा (MP TET) पास करने वाले OBC के चयनित शिक्षकों सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय के बाहर 27% आरक्षण देने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। इस दौरान कुछ शिक्षकों ने अपना मुंडन भी कराया और सरकार से अपनी मांगे मानने की अपील की। इस प्रदर्शन के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी शिक्षकों के समर्थन में आ गए हैं और उन्होंने सीएम शिवराज सिंह चौहान से शिक्षकों को नियुक्ति देने की मांग की है। 

मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने शिक्षकों के प्रदर्शन को लेकर ट्वीट कर लिखा कि प्रदेश में ओबीसी वर्ग के चयनित शिक्षक अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हर जगह गुहार लगा रहे हैं। आज भी उन्होंने मुंडन कर विरोध का इजहार किया, लेकिन शिवराज सरकार उनकी सुध नहीं ले रही है। एक अन्य ट्वीट के जरिए उन्होंने सरकार से मांग की है कि ओबीसी के इन अभ्यार्थियों को तत्काल नियुक्ति पत्र देकर उनकी मांग को पूरा किया जाए। 

उन्होंने कगहा कि कांग्रेस सरकार के समय बढ़ाए गए आरक्षण का हक इनको भी मिले। बता दें शिक्षक भर्ती पात्रता परीक्षा (MP TET) में OBC के 13% आरक्षण पर होल्ड हटाने की मांग को लेकर शिक्षकों सोमवार को लोक शिक्षण संचालनालय के सामने प्रदर्शन किया। इसमें कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा और महिला कांग्रेस अध्यक्ष विभा पटेल भी शामिल हुईं। चयनित ओबीसी शिक्षकों ने मांग की है कि सरकार रोके गए नियुक्ति पत्र जल्दी जारी करें।

ड्रोन स्कूल रोजगार के नए रास्ते खोलेगा : CM शिवराज

MITS ग्वालियर में खुला प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल…

ड्रोन स्कूल रोजगार के नए रास्ते खोलेगा : CM शिवराज

 

प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल ग्वालियर में शुरू हो गया है। गुरुवार शाम को सीएम शिवराज सिंह ने केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेन्द्र सिंह तोमर के साथ ड्रोन स्कूल का शुभारंभ किया। इस मौके पर सीएम ने खुद ड्रोन भी उड़ाकर देखा। स्कूल के शुभारंभ पर सीएम शिवराज बोले हैं कि ड्रोन सिर्फ खेलने के लिए नहीं है। आने वाले समय में यह बहुत उपयोग साबित होगा। इससे कृषि का विकास होगा, स्वास्थ्य सुधार होगा। इसके साथ-साथ ड्रोन शिक्षा प्रदेश के युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराएगी। MITS के इसी मैदान पर कुछ समय पहले हमने ड्रोन मेला लगाया था उस समय प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषण की थी। पहला स्कूल प्रदेश के ग्वालियर में खुल गया है। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों की सराहना करता हूं।

ग्वालियर में तीन महीने पहले MITS संस्थान के मैदान पर केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रयासों से ड्रोन मेला लगाया गया था। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सीएम शिवराज सिंह और विशेष अतिथि के रूप मंे केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर शामिल हुए थे। जब देश की 11 कंपनियों ने 32 तरह के ड्रोन का प्रदर्शन किया था। उस समय सीएम ने घोषणा की थी कि प्रदेश में जल्द पांच ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की थी। यह ड्रोन स्कूल इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सतना में खोले जाने थे। सीएम शिवराज सिंह और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने जो संकल्प लिया था उसकी शुरुआत गुरुवार को हो गई है। प्रदेश का पहला ड्रोन स्कूल ग्वालियर के MITS मंे खुला है।

गुरुवार को ड्रोन स्कूल के शुभारंभ के लिए प्रदेश के मुखिया सीएम शिवराज सिंह ग्वालियर पहुंचे। उनके साथ में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर और केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भी थे। सीएम शिवराज सिंह MITS में ड्रोन स्कूल का शुभारंभ किया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ड्रोन का उपयोग बढ़ेगा और ड्रोन स्कूल छात्राें को रोजगार के नए रास्ते खोलेगा। कृषि मंे इसका बहुत बेहत्तर उपयोग किया जा रहा है और आगे किया जा सकता है। खेतांे में कीटनाशक उर्वरक के छिड़काव के दौरान स्वास्थ्य को तो खतरा रहता ही है साथ ही दवा के कम ज्यादा छिडकाव से फसल पर भी असर पड़ता है, लेकिन ड्रोन इसमंे काफी सहायक है। एक जैसा छिड़काव पूरे खेत में कम समय में कम कीटनाशक खर्च कर किया जा सकेगा। कृषि के विकास में यह काफी सहायक तो होगा ही साथ ही कई क्षेत्रों मंे इसके फायदे हैं।

नई शिक्षा नीति को मिली केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

10वीं बोर्ड खत्, MPhil भी होगा बंद…

नई शिक्षा नीति को मिली केन्द्रीय कैबिनेट की मंजूरी

 

शिक्षा विभाग, भारत सरकार द्वारा प्रस्तावित नई शिक्षा नीति 2020को केन्द्रीय कैबिनेट ने अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी। केन्द्रीय सरकार की कैबिनेट की स्वीकृति के बाद 36साल बाद देश में नई शिक्षा नीति लागू हो गई। कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति (New Education Policy 2020) को हरी झंडी दे दी है।  34 साल बाद शिक्षा नीति में बदलाव किया गया है।

नई शिक्षा नीति की उल्लेखनीय बातें सरल तरीके की इस प्रकार हैं -

---5 Years Fundamenta---

1.  Nursery    @4 Years

2.  Jr KG        @5 Years

3.  Sr KG        @6 Years

4.  Std 1st     @7 Years

5.  Std 2nd    @8 Years

 --- 3 Years Preparatory---

6.  Std 3rd     @9 Years

7.  Std 4th     @10 Years

8.  Std 5th     @11 Years

 ---- 3 Years Middle----

9.  Std 6th     @12 Years

10.Std 7th     @13 Years

11.Std 8th     @14 Years

---- 4 Years Secondary----

12.Std 9th     @15 Years

13.Std SSC    @16 Years

14.Std FYJC  @17Years

15.STD SYJC @18 Years

 खास बातें -

  • केवल 12वीं क्लास में होगा बोर्ड
  •  MPhil होगा बंद, कॉलेज की डिग्री 4 साल की
  • 10वीं बोर्ड खत्, MPhil भी होगा बंद
  • अब 5वीं तक के छात्रों को मातृ भाषा, स्थानीय भाषा और राष्ट्र भाषा में ही पढ़ाया जाएगा। बाकी विषय चाहे वो अंग्रेजी ही क्यों हो, एक सब्जेक्ट के तौर पर पढ़ाया जाएगा।
  • ·पहले 10वी बोर्ड की परीक्षा देना अनिवार्य होता था, जो अब नहीं होगा।
  •  9वींं से 12वींं क्लास तक सेमेस्टर में परीक्षा होगी। स्कूली शिक्षा को 5+3+3+4 फॉर्मूले के तहत पढ़ाया जाएगा।
  • वहीं कॉलेज की डिग्री 3 और 4 साल की होगी। यानि कि ग्रेजुएशन के पहले साल पर सर्टिफिकेट, दूसरे साल पर डिप्लोमा, तीसरे साल में डिग्री मिलेगी।
  •  3 साल की डिग्री उन छात्रों के लिए है जिन्हें हायर एजुकेशन नहीं लेना है। वहीं हायर एजुकेशन करने वाले छात्रों को 4 साल की डिग्री करनी होगी। 4 साल की डिग्री करने वाले स्टूडेंट्स एक साल में  MA कर सकेंगे।
  •  MA के छात्र अब सीधे PHD कर सकेंगे।
  • स्टूडेंट्स बीच में कर सकेंगे दूसरे कोर्स। हायर एजुकेशन में 2035 तक ग्रॉस एनरोलमेंट रेशियो 50 फीसदी हो जाएगा। वहीं नई शिक्षा नीति के तहत कोई छात्र एक कोर्स के बीच में अगर कोई दूसरा कोर्स करना चाहे तो पहले कोर्स से सीमित समय के लिए ब्रेक लेकर वो दूसरा कोर्स कर सकता है।
  • हायर एजुकेशन में भी कई सुधार किए गए हैं। सुधारों में ग्रेडेड अकेडमिक, ऐडमिनिस्ट्रेटिव और फाइनेंशियल ऑटोनॉमी आदि शामिल हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय भाषाओं में -कोर्स शुरू किए जाएंगे। वर्चुअल लैब्स विकसित किए जाएंगे।  एक नैशनल एजुकेशनल साइंटफिक फोरम (NETF) शुरू किया जाएगा। बता दें कि देश में 45 हजार कॉलेज हैं।
  • सरकारी, निजी, डीम् सभी संस्थानों के लिए होंगे समान नियम।