2001 के संसद पर हमले की बरसी के दिन किया गया था प्रदर्शन ...
क्या संसद के अंदर धुएं का कनस्तर ले-जाना यूएपीए के तहत आ सकता है,एएसजी जबाव दें :दिल्ली HC
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने संसद सुरक्षा चूक की आरोपी नीलम आजाद की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस से पूछा कि संसद में अनाधिकृत रूप से प्रवेश करना यूएपीए के तहत आता है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि निसंदेह संसद में प्रवेश करना मजाक नहीं है लेकिन इससे आरोपियों के खिलाफ यूएपीए कैसे लगाया जा सकता है. नीलम आजाद की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 19 मई को होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की ओर से पेश एएसजी चेतन शर्मा से पूछा कि क्या संसद के अंदर धुएं का कनस्तर लेकर जाना यूएपीए के तहत आ सकता है. कोर्ट ने कहा कि दूसरे कानूनी प्रावधान भी हैं जो लगाए जा सकते थे, लेकिन दिल्ली पुलिस ने यूएपीए लगाया है. ऐसे में कोर्ट को सारी चीजों पर ध्यान देना होगा. इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
सुनवाई के दौरान चेतन शर्मा ने कहा कि ये घटना 2001 के संसद पर हमले की बरसी के दिन घटी है. तब कोर्ट ने पूछा कि धुएं का कनस्तर को सुरक्षा जांच और मेटल डिटेक्टर से गुजरा होगा. मतलब कि उसमें मेटल नहीं था. ये एक सामान्य कनस्तर था, जैसे ही होली और आईपीएल मैच के दौरान होता है, ये कहीं से भी हानिकारक नहीं था. तब चेतन शर्मा ने कहा कि सांसदों का बयान था कि वे डर गए थे. उन्होंने कहा कि इस घटना को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए न कि केवल सांकेतिक तौर पर.
बता दें कि नीलम आजाद ने ट्रायल कोर्ट की ओर से जमानत याचिका खारिज करने के आदेश को चुनौती दी है. पटियाला हाउस कोर्ट ने 13 सितंबर 2024 को नीलम आजाद की जमानत याचिका खारिज कर दिया था. पटियाला हाउस कोर्ट ने 24 दिसंबर 2024 और 28 अप्रैल को इस मामले के एक और आरोपी मनोरंजन डी की जमानत याचिका खारिज कर दिया था। पटियाला हाउस कोर्ट ने 22 नवंबर 2024 को सह-आरोपी महेश कुमावत की भी जमानत याचिका खारिज कर दिया था.
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि आरोपी संसद भवन को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करना चाहते थे. चार्जशीट में कहा गया है कि संसद पर हमले के लिए आरोपी दो साल से योजना बना रहे थे. करीब एक हजार पेजों के चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने कहा है कि आरोपी एक-दूसरे से सोशल मीडिया पर मिले थे. आरोपियों ने मैसूर, गुरुग्राम और दिल्ली में कुल पांच बैठकें की थी. उनकी पहली मुलाकात फरवरी 2022 में मैसूर में हुई थी. दिल्ली पुलिस के इस चार्जशीट पर कोर्ट ने 3 अगस्त को संज्ञान लिया था.
दिल्ली पुलिस का चार्जशीट: दिल्ली पुलिस ने 15 जुलाई 2024 को इस मामले में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा मामले में 186, 353, 153, 452, 201, 34, 120बी और यूएपीए की धारा 13, 16, 18 के तहत चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने 7 जून 2024 को पहली चार्जशीट दाखिल किया था. दिल्ली पुलिस ने जिन आरोपियों के खिलाफ यूएपीए की धाराओं के तहत चार्जशीट दाखिल किया है, उनमें मनोरंजन डी, ललित झा, अमोल शिंदे, महेश कुमावत, सागर शर्मा और नीलम आजाद शामिल हैं. दिल्ली पुलिस की ओर से दाखिल पहली चार्जशीट करीब एक हजार पन्नों की है.
क्या है पूरा मामला: बता दें कि 13 दिसंबर 2023 को संसद की विजिटर गैलरी से दो आरोपी चैंबर में कूदे. कुछ ही देर में एक आरोपी ने डेस्क के ऊपर चलते हुए अपने जुतों से कुछ निकाला और अचानक पीले रंग का धुआं निकलने लगा. इस घटना के बाद सदन में अफरातफरी मच गई. हंगामे और धुएं के बीच कुछ सांसदों ने इन युवकों को पकड़ लिया और इनकी पिटाई भी की. कुछ देर के बाद संसद के सुरक्षाकर्मियों ने दोनों युवकों को कब्जे में ले लिया. संसद के बाहर भी दो लोग पकड़े गए जो नारेबाजी कर रहे थे और पीले रंग का धुआं छोड़ रहे थे.
0 Comments