“हर घर तिरंगा” अभियान 11 से 17 अगस्त तक

कलेक्टर ने की अभियान की समीक्षा…

“हर घर तिरंगा” अभियान 11 से 17 अगस्त तक

ग्वालियर। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने 11 से 17 अगस्त 2022 तक चलाए जाने वाले “हर घर तिरंगा” अभियान की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि अभियान के लिये जिले की रणनीति तैयार की जाए। ग्वालियर जिले में 4 लाख झण्डे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए एडीएम इच्छित गढ़पाले की अध्यक्षता में तथा ग्रामीण क्षेत्र में अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये सीईओ जिला पंचायत आशीष तिवारी की अध्यक्षता में कोर कमेटी गठित करने का निर्णय लिया गया है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा है कि “हर घर तिरंगा” अभियान का मूल उद्देश्य नागरिकों में देशभक्ति की भावना को जागृत करना है। यह अभियान केवल शासकीय अभियान नहीं बल्कि जन – जन का अभियान बने, ऐसे प्रयास किए जायेंगे । अभियान के तहत जिले के हर घर, हर व्यवसायिक प्रतिष्ठान, हर शासकीय एवं अशासकीय कार्यालयों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाए, इसकी व्यवस्था और प्रबंध के निर्देश अधिकारियों को कलेक्टर श्री सिंह ने दिए हैं। 

उन्होंने कहा कि अभियान के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये जन जागरूकता पर विशेष ध्यान दिया जाए। कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी निर्देश दिए कि झण्डों का निर्माण ग्रामीण क्षेत्र और नगर निगम ग्वालियर को छोड़कर शेष नगरीय निकायों के लिये ग्रामीण विकास के स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराया जाए। नगर निगम ग्वालियर क्षेत्र के लिये शहरी क्षेत्र में स्व-सहायता समूहों के माध्यम से झण्डों के निर्माण का कार्य कराएँ। कलेक्टर श्री सिंह ने यह भी कहा कि इस अभियान में अधिक से अधिक जन भागीदारी हो यह भी सुनिश्चित किया जाए। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में हर पंचायत स्तर पर तथा शहरी क्षेत्र में 25 जोन कार्यालय, 25 थ्री आर मार्ट, विभिन्न मॉल तथा स्टेशनरी की दुकानों के माध्यम से आम जनों को झण्डा मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने यह भी कहा है कि हर घर तिरंगा अभियान के तहत झण्डा संहिता का पालन भी हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा। 

झण्डा संहिता -

  • भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे तिरंगा भी कहते हैं, तीन रंग की क्षैतिज पट्टियों के बीच नीले रंग के अशोक चक्र द्वारा सुशोभित ध्वज है। 
  • राष्ट्रीय ध्वज खादी, कॉटन, रेशम या पॉलिस्टर से ही निर्मित हो। इसकी लंबाई एवं चौड़ाई का अनुपात 2 : 3 होना चाहिए। 
  • राष्ट्रीय ध्वज इस तरह से लगाया जाना चाहिए कि केसरिया रंग सबसे ऊपर हो। बीच में श्वेत, नीचे हरा रंग होना चाहिए। सफेद पट्टी में अशोक चक्र अंकित होना चाहिए। जिसमें 24 तीलियाँ होनी चाहिए। 
  • राष्ट्रीय ध्वज को हाफ मास्ट (आधे डण्डे) पर नहीं फहराया जाना चाहिए। 
  • ध्वज पर कुछ भी लिखा या छपा नहीं होना चाहिए। 
  • फटा हुआ या क्षतिग्रस्त ध्वज नहीं फहराना चाहिए।  
  • किसी भी स्थिति में राष्ट्रीय ध्वज जमीन पर टच नहीं होना चाहिए। 
  • किसी भी दूसरे झंडे को राष्ट्रीय झंडे के समीप ऊँचा नहीं रख सकते, न लगा सकते हैं। 
  • राष्ट्रीय ध्वज को क्षतिग्रस्त होने, गंदा होने या अभियान समाप्ति उपरांत सार्वजनिक स्थल पर या ऐसे स्थान पर नहीं फेंका जाना चाहिए, जिससे ध्वज के सम्मान को ठेस पहुँचे। 
  • राष्ट्रीय ध्वज को हर घर तिरंगा अभियान की समाप्ति पर निजी तौर पर धोकर तथा तदुपरांत सहेजकर घर में ही सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए।

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