काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया : PM मोदी

अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे प्रधानमंत्री…

काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया : PM मोदी


यूपी में 5वें फेज की वोटिंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। यहां उन्होंने संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान में 20 हजार बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। वे यहां गोल्फ कार्ट में सवार होकर पहुंचे थे। PM मोदी ने अखिलेश यादव का नाम लिए बगैर उन पर बड़ा हमला किया। उन्होंने कहा, 'हम सभी ने देखा कि भारत की राजनीति में कुछ लोग किस हद तक नीचे गिर गए हैं। मैं किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना पसंद नहीं करता और ना ही किसी की आलोचना करना चाहता हूं। लेकिन जब सार्वजनिक रूप से काशी में मेरी मृत्यु की कामना की गई, तो वाकई मुझे बहुत आनंद आया, मेरे मन को बहुत सुकून मिला। हमें लगा कि मेरे घोर विरोधी भी देख रहे हैं कि काशी के लोगों का मुझ पर कितना स्नेह है। मैं यह जान गया कि मेरी मृत्यु तक काशी के लोग मुझे छोड़ेंगे और मैं उनकी सेवा करना छोड़ूंगा। बाबा विश्वनाथ के भक्तों की सेवा करते-करते अगर मैं चला जाऊं, तो इससे बड़ा सुख और क्या होगा? उन घोर परिवारवादियों को क्या पता कि यह जिंदा शहर बनारस है। यह शहर मुक्ति के रास्ते खोलता है। बनारस अब देश के लिए गरीबी और अपराध से मुक्ति के द्वार खोलेगा'

दरअसल, प्रधानमंत्री मोदी दिसंबर महीने में श्री काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के लिए वाराणसी आए थे। वे 2 दिन वहां रुके थे। तब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि प्रधानमंत्री वहां दो-तीन महीने रहें, अच्छी बात है। वह जगह रहने वाली है। आखिरी समय पर वहीं रहा जाता है, बनारस में। बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करने के बाद PM मोदी गोदौलिया गेट से बाबा धाम में पहुंचे। गर्भगृह में षोडशोपचार विधि से बाबा विश्वनाथ की अर्चना की। 20 मिनट के बाद प्रधानमंत्री धाम परिसर से बाहर निकले। इस दौरान सड़क के दोनों तरफ उमड़े हुजूम को नियंत्रित करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। PM के काफिला को देख लोग हर-हर महादेव का उद्घोष कर रहे थे और वह भी अभिवादन करते हुए आगे बढ़ रहे थे। अर्चक नीरज पांडे ने प्रधानमंत्री की पूजा-पाठ संपन्न कराई। प्रधानमंत्री ने कहा, 'काशी में घाटों पर, मंदिरों पर बम विस्फोट होते थे। आतंकवादी बेखौफ थे, क्योंकि तब की समाजवादी सरकार उनके साथ थी। सरकार आतंकियों से खुलेआम मुकदमे वापस ले रही थी।

लेकिन, काशी कोतवाल बाबा कालभैरव के आगे इनकी चलने वाली थी क्या? त्रिशूल के आगे कोई माफिया, कोई आतंकी कभी टिक सकता है क्या? आज सब अपने ठिकाने पर है और कालजयी काशी देश को दिशा दिखा रही है। मैंने इस बार लाल किले से कहा है कि 100% लाभार्थियों तक जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचना चाहिए। जब ऐसा होगा तो तुष्टिकरण की कोई संभावना होगी, किसी भेदभाव की... इस काम में भाजपा कार्यकर्ताओं की बहुत बड़ी भूमिका है' प्रधानमंत्री ने कहा, 'मुझ जैसे कार्यकर्ता को पार्टी ने बनारस भेजा। बनारस मुझे मिल गया और मैं बनारस का ही होकर रह गया। महादेव और मां गंगा के चरणों में बैठने के साथ काशी की सेवा का पुण्य लाभ पार्टी ने ही दिया है। आज हमें काशी के स्वर्गीय डोम राजा जगदीश चौधरी की कमी महसूस हो रही है। उनका स्नेह ऐसा रहता था कि मैं अभिभूत हो जाता था। घोर परिवारवादी लोग हमारा मुकाबला नहीं कर सकते हैं। भाजपा संगठन शक्ति और कार्यकर्ताओं के बल पर चलने वाला दल है'

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले की सरकारों के कार्यकाल में महादेव की काशी को भूमाफिया के हवाले कर यहां लूटपाट की जाती थी। मंदिरों से मूर्तियां चोरी होती थीं। आज कालजयी काशी देश को दिशा दे रही है। कुछ ही दिन पहले मां अन्नूपर्णा की प्रतिमा काशी को आशीर्वाद देने के लिए फिर से स्थापित हो गई है। हमारे लिए बनारस, अयोध्या और प्रयागराज जैसे तीर्थ स्थलों का शीर्ष प्राथमिकता है। विकास होगा तो रोजगार के अवसर पैदा होंगे। लेकिन, जिन्हें माफियावाद अच्छा लगता है वह विकास नहीं होने देना चाहते हैं। आप सभी कार्यकर्ता काशी के एक-एक घर जाकर मेरा प्रणाम पहुंचाइए। सबको कहिएगा कि मोदीजी तो नहीं पाए लेकिन उनका प्रणाम पहुंचाने आया हूं। खुद के साथ ही अन्य लोगों को भी संकल्प दिलाना है कि पहले मतदान और फिर जलपान। 2017 के चुनाव में वाराणसी की 8 सीटों में से छह विधानसभा पर भाजपा और दो सीट पर उसके गठबंधन के सहयोगी अपना दल (एस) और सुभासपा के प्रत्याशी ने जीत दर्ज की थी। इस बार 8 में से 7 सीट पर भाजपा के प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि एक सीट गठबंधन के अपना दल (एस) को दी गई है।

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