किसान आय बढ़ाने के लिये उद्यानिकी फसलों को दें प्राथमिकता : श्री कुशवाह

20 विकासखण्डों को उद्यानिकी के क्षेत्र में विकसित करने...

किसान आय बढ़ाने द्यानिकी फसलों को दें प्राथमिकता : श्री कुशवाह

ग्वालियर। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिये खेती के साथ-साथ उद्यानिकी को भी अपनाना होगा। किसान की आय दोगुनी करने में उद्यानिकी फसलें मददगार बनेंगीं। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा कारगर प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने रविवार को मुरार विकासखण्ड के कृषक प्रशिक्षण शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में यह बात कही। विक्रांत कॉलेज के सभागार में आयोजित किसान प्रशिक्षण शिविर में कार्यक्रम की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने की। उद्यानिकी राज्यमंत्री श्री कुशवाह ने कहा कि प्रदेश में 20 विकासखण्डों को उद्यानिकी के क्षेत्र में मॉडल विकासखण्ड बनाने का निर्णय लिया गया है। इसमें मुरार विकासखण्ड भी शामिल है। चयनित सभी विकासखण्डों में उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिये विशेष प्रयास किए जायेंगे। उन्होंने कहा कि खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिये किसानों के हित में सरकार ने अनेक निर्णय लिए हैं। 

मध्यप्रदेश में कृषि उपज का रिकॉर्ड भी प्रदेश सरकार ने बनाया है। अब हमें उद्यानिकी के रकबे को भी बढ़ाने के प्रयास करने होंगे। उद्यानिकी फसलों के माध्यम से ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी। मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि किसान भाई अपने व्यवहारिक ज्ञान के साथ अगर विज्ञान को जोडकर उद्यानिकी फसलें करें तो उन्हें और अधिक लाभ मिल सकता है। प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में किए जा रहे कार्यों से किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के रास्ते आसान हुए हैं। अब किसानों को अपने कोल्ड स्टोरेज निर्माण के लिये भी 50 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये खेती के साथ-साथ उद्यानिकी फसलों को भी किसान लें, इसके लिये किसानों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि ग्वालियर के किसान भाईयों के लिये यह एक सुनहरा अवसर है जब प्रदेश का उद्यानिकी राज्यमंत्री और देश का कृषि मंत्री दोनों ही ग्वालियर के हैं। 

किसान भाई केन्द्र सरकार एवं प्रदेश सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेकर ग्वालियर को कृषि के क्षेत्र में एक मॉडल जिला बनाएँ। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में जब सभी व्यवसाय पूरी तरह से ध्वस्त हो गए थे तब भी किसान भाईयों ने अपनी मेहनत से खेतों में खाद्यान्न उत्पादन किया। श्री शेजवलकर ने कहा कि कोरोना काल में किसान न केवल अन्नदाता बना बल्कि अभयदाता भी सिद्ध हुआ है। सांसद श्री शेजवलकर ने कहा कि हमारे देश में जितना विकास औद्योगिक क्षेत्र में हुआ है उतना विकास कृषि के क्षेत्र में नहीं हो पाया है। हमें कृषि को लाभ का धंधा बनाना होगा और किसानों को आत्मनिर्भर बनाना होगा। जब हमारा किसान आत्मनिर्भर होगा तब हमारा प्रदेश और देश आत्मनिर्भर होगा। उन्होंने कहा कि किसानों के हित में प्रदेश व देश की सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि देश की सरकार ने किसानों के हित में जो कानून बनाए हैं उससे किसानों को बहुत लाभ होने वाला है। कार्यक्रम में भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि किसानों की उन्नति के लिये प्रदेश सरकार द्वारा जो कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं उससे किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी मिलेगी और उनकी खेती में बढ़ोत्तरी होगी। 

आधुनिक तरीके से किस प्रकार खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सकता है। इसके लिये प्रशिक्षण ले रहे सभी किसानों को बधाई। कार्यक्रम के प्रारंभ में संयुक्त संचालक उद्यानिकी राजेन्द्र राजौरिया ने प्रशिक्षण शिविर के उद्देश्य पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमें केवल उत्पादन ही नहीं बढ़ाना है बल्कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन पर विशेष ध्यान देना है। प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में 20 विकासखण्डों को मॉडल विकासखण्ड के रूप में विकसित करने का जो निर्णय लिया गया है उसके लिये विभागीय स्तर पर विस्तृत प्लान तैयार किया जा रहा है। आने वाले दिनों में मॉडल विकासखण्डों में उद्यानिकी की उपज गुणवत्ता के साथ किसान ले सकेंगे, इसके लिये कार्य किया जायेगा। प्रशिक्षण कार्यक्रम में कृषि अनुसंधान केन्द्र एवं कृषि महाविद्यालय के विषय विशेषज्ञों ने किसानों को विस्तार से प्रशिक्षण दिया। किसानों द्वारा भी पूछे गए प्रश्नों का विशेषज्ञों ने समाधानपूर्वक जवाब दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्ज्वलन एवं बालिका पूजन के साथ हुआ।

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