सरकार बड़े मेगा बैंक मर्जर की तैयारी में, SBI,PNB और बैंक ऑफ बड़ौदा में होगा विलय...
बंद हो सकते हैं ये सरकारी बैंक,इतिहास बन जाएंगे ये नाम !
देश में सरकारी बैंकों की संख्या घट सकती है. कई छोटे सरकारी बैंकों के नाम इतिहास बन सकते हैं. छोटे सरकारी बैंकों को लेकर सरकार ने बड़ा प्लान तैयार कर लिया है. दरअसल सरकार बड़े बैंक मर्जर की तैयारी कर रही है. भारत के बैंकिंग सेक्टर में फिर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है.
भारत के बैंकिंग सेक्टर में फिर से बड़ा बदलाव होने जा रहा है. एक बार फिरल से बैंकों का विलय होने जा रहा है. इस बार सरकार छोटे सरकारी बैंकों के मर्जर की दिशा में आगे कदम बढ़ा रही है. दरअसल मनीकंट्रोल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि FY27 में सरकार देश के कई छोटे बैंकों का विलय कर सकती है. इन बैंकों को एसबीआई, पीएनबी और बैंक ऑफ बड़ौदा जैसे बैंकों में विलय किया जाएगा.
बैंकों के विलय की तैयारी
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को और सुव्यवस्थित करने के लिए सरकार ने बड़ी तैयारी की है. सरकार बैंकिगं रिफॉर्म के लिए इन बैंकों विलय करने की तैयारी में है. सूत्रों की माने तो जिन बैंकों का विलय किया जाएगा, उनमें इंडियन ओवरसीज बैंक (IOB), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (CBI), बैंक ऑफ इंडिया (BOI) और बैंक ऑफ महाराष्ट्र (BOM) के नाम शामिल है.
किन बैंकों में होगा विलय
सरकार छोटे सरकारी बैंकों को देश के बड़े पब्लिक सेक्टर के बैंक में मिलाने की तैयारी कर रही है. इन बैंकों को पंजाब नेशनल बैंक (PNB), बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB) और भारतीय स्टेट बैंक (SBI) जैसे बड़े बैंकों में मिलाया जा सकता है.
दरअसल सरकार इस विलय के जरिए बैंकिंग सेक्टर को ताकत देने की तैयारी कर रही है.छोटे-छोटे बैंकों के एनपीए, उनके खर्चे और कम मुनाफे को बड़े बैंकों के साथ जोड़कर देश के बैंकिंग सेक्टर को मजबूत करने की कोशिश हो रही है. इसके अलावा मर्जर से क्रेडिट एक्सपैंशन को सपोर्ट मिलेगा. सरकार बड़े बैंकों के साथ छोटे बैंकों को मिलाकर मजबूत और बेहतर बैंकिंग इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करना चाह रही है. पहले इस प्रस्ताव को कैबिनेट स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों के पास चर्चा के लिए लाया जाएगा फिर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) में भेजा जाएगा.
पहले भी हो चुके हैं बैंकों के मर्जर
ये पहली बार नहीं हो रहा है. इससे पहले भी सरकार ने बड़े बैंकों के विलय को अंजाम दिया है . इससे पहले 2017 और 2020 के बीच, सरकार ने 10 सार्वजनिक बैंकों का विलय किया था. देश में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 हो गई थी.
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