चीन-PAK के सूखने लगे हैं हलक...
अगस्त में भारत आ रहे हैं पुतिन,साथ में ला रहे हैं एक 'फौलादी योद्धा !
भारत और रूस की बरसों पुरानी परखी हुई दोस्ती किसी से छिपी हुई नहीं है. इस दोस्ती की मिसाल एक बार फिर सामने आने वाली है. अगले महीने अगस्त में पुतिन भारत का दौरा करने वाले हैं. इस दौरान वे भारत के लिए अपने साथ 'फौलादी योद्धा' भी ला रहे हैं. जी हां. रूसी राष्ट्रपति अपना सबसे ताकतवर टैंक T14 अर्माटा भारत को देना चाहते हैं. .ये ख़बर जब से पाकिस्तानियों को लगी है, उनके मुल्क को तो मानों सांप सूंघ गया है. दावा किया जा रहा है कि अगर ये डील हो गई तो रशियन अर्माटा LoC पर पाकिस्तानी फौज के लिए कहर ढा देगा.
पुतिन भारत को ऑफर देने वाले हैं...
कल तक जो पाकिस्तान इजरायल-इजरायल चिल्ला रहा था. अब अचानक वो रशिया-रशिया की रट लगा रहा है. रूस को हिंदुस्तान का जिगरी बता रहा है. जानते हैं क्योंकि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत आने वाले हैं. मगर अपने साथ क्या लाने वाले हैं. उसे सुन-सुनकर पाकिस्तानियों का कलेजा जले जा रहा है.जिगरे और हौसले की बात करने वाले पाकिस्तानी तब अपने मुंह छिपाकर बैठ गए थे. जब भारत की मिसाइलें पाकिस्तान पर बरस रही थी. अब LoC पर भी इन्हें चैन नहीं मिलने वाला हैं. भारत-रूस की दोस्ती ने पाकिस्तान के लिए बड़ा ख़तरा पैदा कर दिया है, जिसका नाम है T-14 अर्माटा.
दुनिया का सबसे ताकतवर टैंक है...
जो सिर्फ एक टैंक नहीं है बल्कि दुनिया का सबसे ताकतवर टैंक है. जिस पर ना न्यूक्लियर हमले का असर होता है और ना केमिकल वेपन का...बताया जा रहा है कि पुतिन की भारतीय यात्रा के दौरान भारत और रुस के बीच T-14 अर्माटा टैंक को लेकर डील हो सकती है. जिसके तहत रूस भारत को अपने सबसे आधुनिक टैंक, टी-14 अर्माटा को भारतीय जमीं पर बनाने का प्रस्ताव दे सकता है. रूस भारतीय सेना को ध्यान में रखकर टी-14 टैंक का स्पेशल वेरिएंट देने के लिए तैयार है. इस टैंक को बनाने वाली रूसी कंपनी भारतीय कंपनी के साथ ज्वाइंट वेंचर के तहत टी-14 टैंक को बनाना चाहती है.
भारत के पास फिलहाल टैंक हैं...
भारत के पास अभी टी-72 और टी-90 जैसे टैंक हैं, जो अब समय के साथ तकनीकी दृष्टि से पिछड़ते जा रहे हैं. इसके अलावा, चीन और पाकिस्तान की अपनी सैन्य ताकत बढ़ाए जाने के कारण भारत को नई पीढ़ी के टैंकों की जरूरत है. ऐसे में ये टैंक भारत के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है. पाकिस्तानी इससे बेहद सदमे में हैं और अब अपनी फॉरेन पॉलिसी को कोस रहे हैं.
टी-14 अर्माटा टैंक कितना खतरनाक उसका अंदाजा इसी बात से लगाइए कि रूस दावा करता है कि अमेरिका का नंबर-1 टैंक अबराम भी इसके सामने ठहर नहीं सकता है. दुनिया के किसी मुल्क के पास ऐसी कोई एंटी टैंक तकनीक नहीं है. जो इस टैंक के आर्मर को तबाह कर सके. T14 अर्माटा दुनिया का पहला पूरी तरह स्वचालित टर्रेट है और इसमें एक बख्तरबंद कैप्सूल लगा है.
T14 अर्माटा टैंक की खासियतें हैं...
भारत की पाकिस्तान के साथ लगने वाली सीमा में जम्मू, पंजाब और राजस्थान के खुले मैदानों में लड़ाई का दारोमदार खासतौर पर टैंकों पर होता है. इसलिए भारतीय सेना अपने टैंकों की ताक़त को लगातार बढ़ा रही है. ऐसे में अगर T14 अर्माटा भारत में बनता है तो ना सिर्फ मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिलेगा बल्कि भारत के पास लद्दाख से लेकर लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के ठंडे इलाके में आसानी से काम करने वाला टैंक मिल पाएगा. जो कि चीन के लिए बड़ा खतरा हो सकता है.
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