G News 24 : CM ने जिस घाट को पर्यटन केंद्र बताया, घड़ियाल छोड़े, वहां अब रेत (पेट) माफिया का कब्जा !

 सरकार में शामिल मंत्री जी के अनुसार, ये रेत माफिया है ही नहीं, ये तो पेट माफिया है ...

CM ने जिस घाट को पर्यटन केंद्र बताया, घड़ियाल छोड़े, वहां अब रेत (पेट) माफिया का कब्जा !

चंबल के राजघाट से सामने अब चौंकाने वाला नजारा नजर आ रहा है।  इस स्थान पर वन विभाग ने पर्यटन केंद्र बनाया हुआ है। ढाई महीने पहले मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने इस स्थान को खूब सराहा था । अब  इसी राजघाट पर रेत माफिया का कब्जा हो गया है। सैलानी यहां जाने से डरते हैं, क्योंकि रेत माफिया और उनके लोग यहां लोगों को फोटो-सेल्फी तक नहीं लेने देते। वन विभाग के आला अफसर खुलकर कह रहे हैं, कि राजनीतिक संरक्षण में धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, जिसे रोकना असंभव होता जा रहा है। चंबल क्षेत्र में मुरैना एक के मंत्री के अनुसार ये बेलगाम रेत माफिया नहीं है बल्कि उनकी नजरों में ये पेट माफिया है और ये माफिया इतना  बेखौफ हैं कि वन विभाग और पुलिस की टीमों पर आए दिन हमला करता रहता हैं।

मप्र के मुरैना और राजस्थान के धौलपुर के बीच चंबल नदी का जो हिस्सा है, वही राजघाट के नाम से जाना जाता है। यहां वन विभाग पर्यटन केंद्र चलाता है, जिसमें मोटरवोटों से सैलानियों को चंबल में जलविहार करवाया जाता है। राजघाट पर 17 फरवरी को मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कृषि मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना, वन राज्यमंत्री दिलीप अहिरवार ने जलविहार किया। चंबल घड़ियाल सेंचुरी का भ्रमण करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा था, कि चंबल के इस घाट पर वन विभाग ने शानदार पर्यटन केंद्र बनाया है, जहां दूर-दूर के पर्यटक आते हैं। अब इसी राजघाट पर रेत माफिया द्वारा बेखौफ लोडर मशीन (जेसीबी) से रेत का उत्खनन किया जा रहा है। पूरा घाट छोटी-छोटी खाईयों में बदल गया है। दिन की तुलना में रात के समय यहां जमकर अवैध उत्खनन होता है और हर रोज एक हजार ट्राली से ज्यादा रेत निकाला जा रहा है। यह तब हो रहा है, जब राजघाट पर वन विभाग का भरा-पूरा अमला और एसएएफ के एक दर्जन से ज्यादा जवान सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।

SDO वन विभाग श्याम सिंह चौहान ने कहा कि राजघाट पर रेत उत्खनन के रोकथाम के लिए विभाग द्वारा लगातार गश्ती की जा रही है। संगठित तरीके से खनन के कारण, माफियाओं को रोक पाना थोड़ा असंभव सा हो रहा है। लेकिन पुलिस विभाग और अन्य विभाग से चर्चा करके एक बार फिर से रोकथाम करने के प्रयास किए जाएंगे। SDO ने कहा कि पूरा प्रयास किया जाएगा कि यहां से अवैध रेत का खनन न हो। क्योंकि पर्यटन की दृष्टि से भी यह जगह काफी महत्वपूर्ण है। राष्ट्रीय चंबल अभ्यारण्य अधीक्षक भूरा गायकवाड़ ने कहा कि यह बात सही है कि काफी समय से यहां अवैध रेत उत्खनन हो रहा था। लेकिन काफी समय से हम सतत गश्ती कर रहे हैं। अगर कहीं इस तरह के मामले है तो अवश्य वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी।


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