श्री सिंह ने गुरूवार को सामरोह आयोजन स्थल पहुँचकर लिया जायजा…
तानसेन समारोह की सभी व्यवस्थायें उच्च कोटि की हों : संभागायुक्त
जिससे संगीत रसिकों की संख्या बढ़ने पर स्क्रीन के माध्यम से भी रसिक तानसेन समारोह की सभाओं का आनंद ले सकें। इस अवसर पर संभाग आयुक्त एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने यह भी निर्देश दिए कि मुख्य समारोह आयोजन स्थल तानसेन समाधि परिसर एवं इंटक मैदान पर आयोजित होने वाले उप शास्त्रीय संगीत सभा “गमक” में आने वाले संगीत रसिकों के लिये पार्किंग की बेहतर से बेहतर व्यवस्था करें। पार्किंग व्यवस्था ऐसी हो, जिससे रसिक कम से कम दूरी तय कर समारोह स्थल पर पहुँच सकें। साथ ही शहर का यातायात भी बाधित न हो। संभाग आयुक्त ने आयोजन स्थल पर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिये कार्यपालिक दण्डाधिकारियों की ड्यूटी लगाने के निर्देश भी दिए।श्री सिंह ने नगर निगम आयुक्त से कहा कि आयोजन स्थल पर साफ-सफाई की विशेष व्यवस्था की जाए।
भारतीय शास्त्रीय संगीत के क्षेत्र में देश व दुनिया का सर्वाधिक प्रतिष्ठित महोत्सव “तानसेन समारोह” संगीतधानी ग्वालियर में 18 से 23 दिसम्बर तक आयोजित होगा। 18 दिसम्बर को सायंकाल 7 बजे इंटक मैदान में समारोह के तहत पूर्वरंग “गमक” का आयोजन होगा। जिसमें सुविख्यात सूफी गायक हंसराज हंस की प्रस्तुति होगी। “गमक” से पहले सायंकाल 5 बजे से गूजरी महल किलागेट से भव्य लोक कला यात्रा निकलेगी। जो अपनी कला का प्रदर्शन करते हुए गमक आयोजन स्थल इंटक मैदान पहुँचेगी। 19 दिसम्बर को प्रात:काल तानसेन समाधि पर परंपरागत ढंग से शहनाई वादन, हरिकथा एवं मिलाद गायन होगा। इस दिन सायंकाल औपचारिक रूप से समारोह का शुभारंभ एवं अलंकरण समारोह आयोजित होगा। शताब्दी समारोह के मद्देनजर इस साल के तानसेन समारोह का विस्तार किया गया है।
समारोह के तहत ग्वालियर के अलावा शिवपुरी व दतिया में भी गमक की सभायें होंगीं। गमक की पहली सभा 16 दिसम्बर को शिवपुरी में, दूसरी सभा 17 दिसंबर को दतिया में एवं तीसरी सभा ग्वालियर में आयोजित होगी। समारोह के तहत 22 दिसंबर को एक सभा मुरैना जिले के अंतर्गत ग्राम पड़ावली के समीप स्थित ऐतिहासिक स्थल बटेश्वर मंदिर प्रांगण में सजेगी। यह सभा शास्त्रीय संगीत की रहेगी। मुख्य समारोह तानसेन समाधि स्थल पर 19 दिसम्बर की शाम पहली सभा होगी। इसके बाद हर दिन प्रात:काल 10 बजे प्रात:कालीन सभा एवं सायंकाल 6 बजे से सायंकालीन सभा होगी। तानसेन समाधि परिसर में 7 संगीत सभायें और समारोह के आखिरी दिन यानि 23 दिसम्बर को प्रात:कालीन सभा सुर सम्राट की जन्मस्थली बेहट में और अंतिम सभा सायंकाल ग्वालियर दुर्ग स्थित गूजरी महल परिसर में सजेगी।
0 Comments