महाकाल की नगरी में नहीं होता किसी भी ग्रहण का असर !

महाकाल स्वयं काल के नियंत्रक हैं उनके आगे किसी का भी बस नहीं…

महाकाल की नगरी में नहीं होता किसी भी ग्रहण का असर !

8 नवंबर को वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण कुछ ही देर में लगने वाला है। हालांकि बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में किसी भी आदमी पर ग्रहण का असर नहीं होता। यहां केवल सूतक की ख़ास परंपरा निभाई जाती है और इसका कारण है कि मान्यता के मुताबिक ग्रहण के दिन भगवान कष्ट में रहते हैं और मनुष्यों की वजह से उन्हें कोई तकलीफ न हो इसलिए सूतक की परंपरा निभाई जाती है। दरअसल, विश्व मशहूर ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन सप्तपुरि‍यों में से एक तीर्थ नगरी कहलाती है। जहां हर रोज बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। आज वर्ष का अंतिम चंद्रग्रहण है जो कि आंशिक रूप से हिंदुस्तान के पूर्वी भाग को छोड़कर पूरे हिंदुस्तान में दिखाई देगा। 

बता दें कि मान्यता है कि ग्रहण को लेकर बाबा महाकाल की नगरी में कोई खास असर इसलिए नहीं देखा जाता क्योंकि बाबा महाकाल स्वयं काल के नियंत्रक हैं और उनके आगे किसी का भी बस नहीं है। इसी क्रम में मंदिरों में दर्शन की प्रक्रिया जारी रहती है।सिर्फ सूतक की परंपरा का निर्वहन प्रत्येक मंदिर में किया जाता है।इस दौरान महाकाल मंदिर सहित अनेक मंदिरों के गर्भगृह में प्रवेश प्रतिबंध रहता है। देर शाम ग्रहण समापन के बाद ही मंदिरों के जल से शुद्धिकरण के बाद गर्भगृह में प्रवेश का क्रम जारी रहता है और संध्या पूजन किया जाता है। पूरे ग्रहण के दौरान भगवान का एक ही श्रृंगार रहता है और गर्भगृह में पुजारी पुरोहित मंत्रोच्चार करते रहते हैं। गर्भ ग्रह में प्रतिमा को शिवलिंग को स्पर्श नहीं किया जाता है।

मंदिर के पुजारियों का बोलना है कि ग्रहण के दिन भगवान स्वयं कष्ट में रहते हैं। उनके कष्ट में रहते हुए उन्हें भगवान से कोई तकलीफ ना हो।इसके चलते अनेक मंदिरों के गर्व ग्रहण में सूतक। जिसे धर्म की दृष्टि से वेद शब्द दिया गया है और उसी परंपरा को निभाया जाता है। इस दौरान गर्भ गृह में शिवलिंग प्रतिमाओं को छुआ नहीं जाता।सिर्फ पुजारी गर्भ में रहकर में बैठकर मंत्रोच्चार करते हैं और भगवान के इस कष्ट से बाहर आने तक प्रार्थना की जाती है। भारत में चंद्रग्रहण भिन्न-भिन्न शहरों में भिन्न-भिन्न समय पर प्रारम्भ होगा। प्रदेश की बात करें तो भोपाल- 5.36, उज्जैन-5.35 और इंदौर में 5.43 बजे पर दिखाई देगा। वहीं वाराणसी-5.19, लखनऊ-5.16, जयपुर- 5.36, रायपुर-5.21,  गांधीनगर- 5.55, देहरादून-5.22, शिमला-5.20 और  कोलकाता में चंद्रग्रहण का समय 4.52 बजे है।

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