नाम बदलकर पण्डिताई कर रहे ठग को पुलिस ने यजमान बनकर पकड़ा

 पूजा पाठ कराने के लिए यजमान बनकर पहुंची टीम…

नाम बदलकर पण्डिताई कर रहे ठग को पुलिस ने यजमान बनकर पकड़ा


ग्वालियर। लोगों को कारोबार मेंफायदा दिलाने का झांसा देकर लाखों समेट कर फरार हुए ठग को क्राइम ब्रांच ने आगरा से दबोचा है। यहां पर ठग नाम बदलकर पण्डिताई कर रहा था और आरोपी को पकडऩे के लिए क्राइम ब्रांच की टीम पूजा पाठ कराने के लिए यजमान बनकर पहुंची थी। क्राइम ब्रांच ने आरोपी को दबोचा और पकड़कर ग्वालियर ले आई है। क्राइम ब्रांच की टीम उससे पूछताछ में लगी है। एएसपी राजेश डंडोतिया ने बताया कि ठेके में पार्टनर बनाकर दस लोगों को ठगने वाले आरोपी ठग कुलदीप उर्फ अनिल शर्मा पुत्र पूरन प्रसाद शर्मा निवासी गौतम नगर थाना थाटीपुर को क्राइम ब्रांच की टीम ने आगरा में गोवर्धन रोड से दबोचा है। आरोपी के खिलाफ मुरार में चार और थाटीपुर में चेक बाउंस के छह मामले दर्ज है। आरोपी मामले दर्ज होने के बाद से ही फरार चल रहा था।

आरोपी की तलाश में थाटीपुर के साथ ही मुरार पुलिस लगी थी, लेकिन आरोपी हाथ नहीं आ रहा था तो आरोपी को पकडऩे का टॉस्क क्राइम ब्रांच को दिया। दो माह पूर्व आरोपी के आगरा में होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद से ही क्राइम ब्रांच की टीम आरोपी को आगरा में तलाश कर रही थी। पिछले डेढ़ माह से छह क्राइम ब्रांच के जवान अलग-अलग इलाकों में उसकी तलाश में जुटे हुए थे। बीते रोज ही उसकी सटीक सूचना मिली थी। आरोपी को पकडऩे के लिए पिछले डेढ़ माह से क्राइम ब्रांच की टीम टीआई दामोदर गुप्ता, एएसआई दिनेश सिंह तोमर, प्रधान आरक्षक मनोज, मुकेश चौहान, राजेश सिकरवार, अजय शर्मा और आरक्षक विकास सिंह लगे हुए हैं। क्राइम ब्रांच के पास सिर्फ इतनी सूचना थी कि आरोपी आगरा में है, लेकिन आगरा में कहां है, इसका पता नहीं चल रहा था। 

बीते रोज क्राइम ब्रांच को सुराग मिला था कि आरोपी पण्डिताई कर रहा है तो क्राइम ब्रांच ने भी अपने गृह दोष निवारण के लिए संपर्क किया और यजमान बनकर आरोपी के घर जा पहुंची, आरोपी के सामने आते ही क्राइम ब्रांच उसे पूजा का सामान खरीदने की कहकर बातों में उलझाकर बाहर लाई और कार स्टार्ट की। एक बार स्टार्ट हुई कार सीधे ग्वालियर आकर रुकी, इस बीच आरोपी ने शोर मचाने का प्रयास किया तो उसे तरीके से समझा दिया कि वह क्राइम ब्रांच की हिरासत में है। पकड़े गए आरोपी ने पुलिस अफसरों को बताया कि वह कंपनी के माल की सप्लाई का काम करता था और उसका करीब सत्तर से अस्सी लाख रुपए कंपनियों में फंस गया तो उसने छोटे-छोटे कारोबारियों को 30 लाख रुपए के चेक थमा दिए जो कि बाउंस हो गए। जब मामला दर्ज हुआ तो वह भाग कर यूपी चला गया था और आश्रमों में रह कर पूजा पाठ कराना सीख गया था और आगरा में रह रहा था।

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