पंचायती ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश ने बढ़ाई सरपंच पतियों की मुसीबत !

शासकीय कार्य में शामिल होना प्रतिबंधित, नहीं माने तो रद्द होगा चुनाव…

पंचायती ग्रामीण विकास मंत्रालय के आदेश ने बढ़ाई सरपंच पतियों की मुसीबत !


भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायती ग्रामीण विकास मंत्रालय के एक आदेश ने सरपंच पतियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। इस आदेश में कहा गया है कि सरपंच पति अब शासकीय कार्यों में भाग नहीं ले सकेंगे। इसके मुताबिक अगर सरपंच महिला को चुना गया तो शासकीय कार्य और कार्यक्रमों मेें महिला सरपंच की शामिल होने पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश में साफ कहा गया है कि अगर सरपंच पतियों और पुत्र की सक्रियता कम नहीं हुई तो ऐसी चुनी हुई महिला सरपंचों को उनके पद से हटा दिया जाएगा। मध्य प्रदेश शासन के पंचायती ग्रामीण विकास मंत्रालय ने ऐसा आदेश पहली बार जारी किया है।

आदेश के मुताबिक सरपंच महिला होने पर उसके पति का शासकीय कार्यक्रमों में शामिल होना पूरी तरह प्रतिबंधित होगा। बावजूद इसके यदि चुनी हुई महिला सरपंच की जगह उनके पति शासकीय कार्यालयों में जाते हैं और अनावश्यक रूप से शासकीय कार्यों में बाधा डालते हैं तो ऐसी चुनी हुई महिला सरपंच को उसके पद से हटा दिया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं को बढ़ावा देने के लिए महिला सशक्तिकरण जैसे कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। आगे भी ऐसे कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहेंगे। जिसमें मुख्यमंत्री महिलाओं की ज्यादा से ज्यादा भागीदारी चाहते हैं। 

पंचायतों में होने वाले शासकीय कार्यक्रमों में भी महिलाओं की उपस्थिति सुनिश्चित हो और उन्हें अधिक से अधिक रोजगार उपलबध हों। इसलिए महिलाओं को आगे लागे लाने की शासन स्तर से कोशिशें की जा रही हैं। प्रदेश में हाल ही में पंचायत और नगरीय निकाय के चुनावों में कई जगह महिलाएं चुनकर आई हैं। इसी दौरान कई जगहों से ऐसी तस्वीरें भी आईं थी जिनमें महिलाओं के सरपंच, पंच और जनपद सदस्य, अध्यक्ष चुने जाने के बावजूद उनके पतियों को शपथ दिलाई गई। लेकिन सरपंच पतियों की शपथ को अब नए आदेश का ग्रहण लग गया है। बुधवार को जारी राज्य शासन के इस आदेश ने सरपंच पतियों के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी कर दी है।

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