उड्डयन मंत्री का बड़ा फैसला, मैक्सिमम हवाई किराए पर लगी रोक हटी

 

लगभग 27 महीने के अंतराल के बाद…

उड्डयन मंत्री का बड़ा फैसला, मैक्सिमम हवाई किराए पर लगी रोक हटी


नई दिल्ली। घरेलू हवाई किराए पर लगाई गई सीमा लगभग 27 महीने के अंतराल के बाद 31 अगस्त से हटा दी जाएंगी। केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया कि हवाई किराए की सीमा को हटाने का फैसला दैनिक मांग और विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण के बाद लिया गया है। उन्होंने लिखा कि स्थिरता आने लगी है और हमें भरोसा है कि यह क्षेत्र निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है। उड्डयन मंत्रालय ने आदेश में कहा कि घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के बाद किराए की सीमा को 31 अगस्त 2022 से खत्म करने का फैसला किया गया। एक दिन पहले ही नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि सरकार विमान ईंधन के दाम के मामले में स्थिति बेहतर होने पर निश्चित रूप से घरेलू एयरलाइन के लिये किराये की सीमा का फिर से आकलन करेगी। 

उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस महामारी से देश के विमानन क्षेत्र पर प्रतिकूल असर पड़ा और यह क्षेत्र अब खासकर यात्रियों की संख्या के लिहाज से पुनरुद्धार के रास्ते पर है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय ने महामारी को देखते हुए स्थानीय एयरलाइन कंपनियों के किराये को लेकर सीमा लगायी थी। सिंधिया ने यह भी स्वीकार किया कि आज की स्थिति के अनुसार, एयरलाइन के किराये की सीमा निचले हिस्से के काफी करीब नहीं है और यह उच्च सीमा से काफी दूर है। मंत्री ने कहा था, 'मैंने चीजें स्थिर होती देखी हैं और उपयुक्त समय पर हम निश्चित रूप से इस पर गौर करेंगे। मैं विमान ईंधन यानी एटीएफ के दाम पर गौर कर रहा हूं और जैसे ही चीजें बेहतर होती हैं, हम निश्चित रूप से इसका फिर आकलन करेंगे।' सिंधिया ने मई में कहा था कि किराया सीमा ने न केवल हवाई यात्रियों के लिये बल्कि विमानन कंपनियों के लिये भी संरक्षक का काम किया है। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच हाल के महीनों में विमान ईंधन (एटीएफ) के दाम में तेजी रही है। 

हालांकि, हाल में देश में ईंधन के दाम में कुछ कमी आई है, लेकिन यह अब भी महामारी-पूर्व स्तर से ऊपर बनी हुई है। सिंधिया ने माना कि विमानन कंपनियां कई संरचनात्मक मुद्दों का सामना कर रही हैं। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण एटीएफ कीमत में तेजी आई है और यह 2019-20 में 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर पिछले सप्ताह लगभग 1,41,000 रुपये प्रति किलोलीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि कीमत में करीब 16 प्रतिशत यानी करीब 21,000 रुपये प्रति किलोलीटर की कमी आई है लेकिन यह अभी भी लगभग दोगुना है। मंत्री ने कहा, 'एक एयरलाइन की 39 प्रतिशत लागत एटीएफ की होती है। ऐसे में एटीएफ का 53,000 रुपये प्रति किलोलीटर से बढ़कर 1,20,000 रुपये प्रति किलोलीटर होने से उसके असर को समझा जा सकता है। इसीलिए, संरचनात्मक नजरिये से उनके समक्ष चुनौतियां हैं।' सिंधिया ने विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विमान ईंधन पर लगने वाले मूल्य वर्धित कर (वैट) में कमी लाने का भी आग्रह किया। 

कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैट 20 से 30 प्रतिशत है और उनमें से कइयों ने इसमें कमी की है। उन्होंने कहा, 'मेरे आग्रह और इसमें कमी के कारण होने वाले आर्थिक फायदे के बारे में बताने के बाद 26 राज्यों में से 16 राज्यों (और केंद्र शासित प्रदेश) ने वैट 20 से 30 प्रतिशत से कम कर एक से चार प्रतिशत कर दिया है।' सिंधिया ने कहा कि वह अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ काम कर रहे हैं ताकि वे भी एटीएफ पर वैट कम कर सके। हवाई यातायात के बारे में मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में यात्रियों की संख्या और बढ़ेगी। एयरलाइंस से एयरफेयर कैप हटाने के फैसले से इंडिगो, स्पाइसजेट लिमिटेड, एयर इंडिया और विस्तारा सहित कई डोमेस्टिक एयरलाइन कंपनियों को राहत मिलेगी। इस फैसले से एयरलाइंस को टिकटों की स्वतंत्र रूप से कीमत तय करने की अनुमति मिल जाएगी।

Comments