Solar Energy पर निर्भर होगा Railway, 1320 एकड़ में पटरियों के किनारे लगेंगी सोलर पैनल

बिजली का खर्चा बचाने के लिए अब…

सौर ऊर्जा पर निर्भर होगा रेलवे, 1320 एकड़ में पटरियों के किनारे लगेंगी सोलर पैनल 

ग्वालियर। बिजली का खर्चा बचाने के लिए अब रेलवे सौर ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ा रहा है। अभी तक तो रेलवे अपने कार्यालयों और स्टेशनों को सौर ऊर्जा से संचालित कर रहा था, लेकिन आने वाले दिनों में पटरियों के आस-पास खाली पड़ी जमीन पर सोलर पैनल लगे नजर आएंगे। सौर ऊर्जा उत्पादन की दिशा में रेलवे तेजी से काम कर रहा है। अब ट्रेनों को भी सौर ऊर्जा से चलाने की तैयारी है। रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) द्वारा इसका खाका तैयार किया जा रहा है। उत्तर मध्य रेलवे में रेलवे 1320 एकड़ जमीन पर सोलर पैनल लगाएगा। 

वर्ष 2030 तक उत्तर मध्य रेलवे में ट्रेनों का शत-प्रतिशत संचालन सौर ऊर्जा से करने का लक्ष्य है। रेलवे ने बिजली पर निर्भरता काफी कम कर दी है। अब सौर ऊर्जा से ट्रेनों के संचालन की दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। रेलवे की कंपनी आरईएमसीएल द्वारा इसका खाका तैयार किया जा रहा है। अभी तक बनाए गए प्लान के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे में पटरियों के किनारे पड़ी 1320 एकड़ जमीन पर रेलवे द्वारा सोलर पैनल लगाए जाएंगे। इनके माध्यम से 249 मेगावाट बिजली पैदा की जाएगी। इस बिजली का इस्तेमाल ट्रेनों के संचालन में होगा। एनसीआर में वित्तीय वर्ष 2022-23 के पहले तीन महीने में सोलर एनर्जी से 38.4 लाख यूनिट बिजली बनाई गई। इससे 1.56 करोड़ राजस्व की बचत हुई है। 

अनुमान है कि कार्बन उत्सर्जन में लगभग 3200 मीट्रिक टन की कमी भी आई है। झांसी रेल मंडल की बात करें तो अभी 13 जगह पर सौर ऊर्जा प्लांट लगे हैं। इससे हर महीने औसतन 1.25 लाख यूनिट सोलर एनर्जी पैदा हो रही है। अब झांसी, उरई और ललितपुर स्टेशन या आस-पास की 5 जगहों पर नए प्लांट लगाने की तैयारी है। उत्तर मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी डा. शिवम शर्मा का कहना है कि अभी तक स्टेशन भवन और प्रशासनिक भवनों की छतों पर सोलर प्लांट लगाए गए हैं। पहली बार रेल पटरियों के किनारे सौर उर्जा संयंत्र लगेंगे।

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