मां जग की शक्ति है सर्व बलिदानों से भरपूर है इसलिए…
जिस घर में मां खुश है वही घर सर्व प्राप्तिओं से संपन्न है : BK रेखा दीदी
विदिशा। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा मातृ दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया ब्रम्हाकुमारी रेखा दीदी ने मां की महिमा करते हुए कहा कि मां को घर परिवार में प्रथम गुरु माना गया है। क्योंकि बाल्यावस्था में हर एक उसकी पालना में ही पलते हैं। अतः हम सब का यह परम कर्तव्य है कि हम अपने प्रथम गुरु का उचित सम्मान करें और उसके सम्मान की रक्षा करें। संस्कार तो मां से ही मिलते हैं मां जग की शक्ति है सर्व बलिदानों से भरपूर है इसलिए ही तो मनुष्य विद्या अर्जन के लिए मां सरस्वती को पूजते है, धन अर्जन के लिए लक्ष्मी को पूजते है, और शक्ति अर्जन के लिए मां दुर्गा को पूजते है, मां है तो हम हैं अगर मां ना होती तो हम इस सुंदर संसार को देख नहीं रहे होते।
इस खूबसूरत संसार का हम आनंद नहीं ले रहे होते लेकिन आजकल देखा गया है कि बचपन में हम कहते थे मेरी मां है मेरी मां है जब हम बड़े हो जाते हैं और मां बूढ़ी हो जाती है तो कहते हैं तेरी मां है तेरी मां है जब कोई नहीं रखता है तो वृद्ध आश्रम में छोड़ देते हैं। हमें अपने जीवन से बुराइयां बाहर निकालना है ना कि मां को घर से बाहर निकालना है जिस घर में मां खुश रहती है वह घर सर्व खुशी व सुविधाओं से संपन्न रहता है आज हम दृढ़ संकल्प करें हमारे मां-बाप कैसे भी हो हमें उनकी पालना का रिटर्न जरूर देना है कहां जाता है ईश्वर हर जगह उपस्थित नहीं हो सकता इसलिए उसने अपने रूप में मां का स्वरूप बनाया इसलिए हर समय मनुष्य को ईश्वर का सानिध्य प्राप्त हो।
ईश्वर की प्रार्थना में भी हम यही कहते हैं तुम मात-पिता हम बालक तेरे इसलिए हर एक घर में मां को अपने स्वरूप में बनाया है जो भीतर से बहुत शक्तिशाली है मजबूत है हृदय उनका कोमल है आंखें उसकी गीली है सारे अपने गुण ईश्वर ने मां के अंदर समाहित कर दिए हैं सहनशक्ति की मूर्ति है हर बात को संभाल लेती है बच्चे के लिए छत्रछाया बनकर हिफाजत करती है हर समय उसके प्रति दुआएं करती रहती है। ब्रम्हाकुमारी रुकमणी दीदी ने सभी माताओं का सम्मान किया कार्यक्रम में सोनू बहन, निर्मला शर्मा, लक्ष्मी लोधी, नीता वर्मा, सुमन भदोरिया, सौम्या दांगी, शंभवी त्रिपाठी, नारायण भाई, अमित, नीरज श्रीवास्तव, बी एस चौहान, डॉ रमेश सोनकर आदि अधिक संख्या में भाई बहनों की उपस्थिति रहीं।
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