ग्रामीण परिवेश का सटीक चित्रण है ’’बुआ का गाँव’’ : मनोज श्रीवास्तव

उपन्यास के विमोचन अवसर पर बाल भवन सभागार में…

ग्रामीण परिवेश का सटीक चित्रण है ’’बुआ का गाँव’’ : मनोज श्रीवास्तव

ग्वालियर। बुआ का गॉंव उपन्यास ग्रामीण परिवेश को समेटे हुए उसका सटीक चित्रण है। इस उपन्यास से तीन सिक्वल बन सकते हैं। उक्त विचार पूर्व अति. मुख्य सचिव म.प्र. शासन एवं सुप्रसिद्ध लेखक मनोज श्रीवास्तव ने ’’बुआ का गॉंव’’ उपन्यास के विमोचन अवसर पर बाल भवन सभागार में व्यक्त किए। सुरेन्द्र पाल सिंह कुशवाह द्वारा लिखित उनके प्रथम उपन्यास की प्रशंसा करते हुए बधाई दी और अग्रिम लेखन हेतु शुभकामनाऐं दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ लेखक, कहानीकार श्री महेश कटारे ने की। 

कार्यक्रम में उद्भव संस्था के अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय, सचिव दीपक तोमर, पूर्व कलेक्टर विनोद शर्मा, श्रीमती किरण भदौरिया आदि मंचासीन थे। अध्यक्षता करते हुये महेश कटारे ने कहा कि गद्य, उपन्यास लिखना बहुत कठिन है क्योंकि वह सच्चाई पर आधारित होता है वो सच्चाई भले ही मेरे लिए अलग और अन्यों के लिए अलग हो सकती है। उपन्यास में ग्रामीण परिवेश के पात्र कहानियॉं, त्यौहार आदि के माध्यम से बहुत खूबसूरती से प्रस्तुत किए गये हैं। 

कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्जवलन किया। कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन के उपरान्त, जगदीश गुप्त, अरविन्द जादौन, सुरेन्द्र सिंह परिहार, सुरेन्द्र पाल सिंह कुशवाह ने अपने विचार रखे। स्वागत भाषण उद्भव संस्था के अध्यक्ष डॉ. केशव पाण्डेय ने, संस्था की गतिविधियों की जानकारी सचिव दीपक तोमर ने दी। कार्यक्रम का आभार अमर सिंह परिहार ने एवं कार्यक्रम का संचालन प्रो. विनिता जैन ने किया। 

अतिथियों का स्वागत राजेन्द्र मुदगल, मनोज अग्रवाल, प्रवीण शर्मा, आलोक द्विवेदी, प्रदीप बिसारिया, ब्रजेन्द्र गुप्ता आदि ने किया। कार्यक्रम में विशेष रूप से अशोक शर्मा ने मुख्य अतिथि का मातृभूमि सेवा ट्रस्ट द्वारा स्वागत किया गया। कार्यक्रम में राजेश अवस्थी लावा, डॉ. सुरेश सम्राट, राकेश अचल, मुरैना से अखिलेष शर्मा, अम्बाह डॉ. सुधीर आचार्य आदि लेखक व कवि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। नगर निगम की ओर से मधु सोलापुरकर ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह भेंट किया।

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