कहां-कहां होगा अभ्यास -मॉक ड्रिल में क्या होगा...
पाकिस्तान सीमा के पास हवाई अभ्यास करेगी भारतीय वायु सेना
भारतीय वायु सेना 7 मई से भारत-पाकिस्तान सीमा पर रेगिस्तानी क्षेत्र और आस-पास के इलाकों में अभ्यास करेगी। इस अभ्यास में राफेल, मिराज 2000 और सुखोई-30 सहित सभी अग्रणी विमान भाग लेंगे। इसको लेकर भारत की ओर नोटम जारी किया गया है।केंद्र के गृह मंत्रालय ने सोमवार को सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पत्र भेजा। जिसमें कहा गया कि वे 7 मई को मॉक ड्रिल (अभ्यास) करें, ताकि किसी भी दुश्मन देश के हमले की स्थिति में तैयारी पूरी रहे। यह कदम पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को देखते हुए उठाया गया है।
हवाई हमले की चेतावनी देने वाले सायरन का अभ्यास
- - नागरिकों को सिविल डिफेंस (आत्म-सुरक्षा) का प्रशिक्षण
- - ब्लैकआउट (बिजली बंद करने) की व्यवस्था
- - महत्वपूर्ण ठिकानों को छिपाने (कैमोफ्लाज) की तैयारी
- - बचाव योजना को अपडेट करना और उसका अभ्यास
कहां-कहां होगा अभ्यास ?
गृह मंत्रालय के मुताबिक, देश के 244 सिविल डिफेंस जिलों में यह अभ्यास किया जाएगा। पत्र में कहा गया है कि यह अभ्यास गांव स्तर तक किया जाएगा। इसका उद्देश्य सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सिविल डिफेंस (नागरिक सुरक्षा) व्यवस्था की तैयारी की जांच करना और उसे बेहतर बनाना है।
अभ्यास में कौन-कौन भाग लेंगे
पत्र में यह भी कहा गया है कि इस अभ्यास में जिला अधिकारी, सिविल डिफेंस वॉर्डन और स्वयंसेवक, होम गार्ड (सक्रिय और आरक्षित), एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस के सदस्य और स्कूल-कॉलेज के छात्र-छात्राएं सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
लगातार उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे पीएम मोदी
पत्र में कहा गया है कि यह सिविल डिफेंस अभ्यास विभिन्न नागरिक सुरक्षा उपायों की प्रभावशीलता और आपसी तालमेल की जांच करने के लिए किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 22 अप्रैल के आतंकी हमले के बाद लगातार उच्च स्तरीय बैठकें कर रहे हैं। इस हमले में 26 लोगों की नृशंस तरीके से हत्या कर दी गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। अब भारत इस हमले के जवाब में जवाबी कदम उठाने के विकल्पों पर विचार कर रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा है कि हमले के दोषियों को कल्पना से भी परे सजा दी जाएगी और धरती के आखिरी छोर तक उनका पीछा किया जाएगा।
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