सौ लोगों की इस सूची में…
पावरफुल लोगों की नयी फेहरिस्त
हिंदुस्तान सही मायने में हिन्दुस्तान है। यहां ठकुरसुहाती करने में कोई किसी से पीछे नहीं रहना चाहता। एक जमाने में सत्ता प्रतिष्ठान की आँख की किरकिरी माने जाने वाला इंडियन एक्सप्रेस भी अब सत्ता प्रतिष्ठान की आँखों के लिए सुरमा बन गया है। अखबार द्वारा वर्ष 2022 के अत्याधिक शक्तिशाली 100 व्यक्तियों की सूची बनाई गयी है। इस सूची में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नंबर एक पर रखा गया है, और इसमें कुछ भी गलत नहीं है। नंबर दो पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह हैं, उन्हें यहां होना ही चाहिए लेकिन नंबर तीन पर सबसे ज्यादा ताकतवर लोगों की सूची में माननीय मोहन भागवत को देखकर मै हतप्रभ हूँ। सौ लोगों की इस सूची में छठे नंबर पर भाजपा के अध्यक्ष माननीय जेपी नड्ढा साहब हैं। पांचवें पर मुकेश भाई अम्बानी और छठे पर उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रखा गया है। सातवें स्थान पर गौतम अडानी आठवें पर अजित डोभाल हैं। नौवें पर अरविंद केजरीवाल और दसवें नंबर पर केंद्रीय वित्तमंत्री श्रीमती सीतारमण हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ग्यारहवें स्थान पर और भारत के मुख्य न्यायाधीश रामना बारहवें स्थान पर है।
राजनाथ सिंह को देश का तेरहवां सबसे पावरफुल आदमी माना गया है। भाजपा के संगठन मंत्री बीएल संतोष चौदहवें स्थान पर, विदेश राज्य मंत्री जयशंकर पन्द्रहवें और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे सोलहवें स्थान पर खड़े है। सत्रहवां स्थान एनसीपी के शरद पवार के पास है अठारहवें पर केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान हैं उन्नीसवें स्थान पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश डीवाय चंदचूड को रखा गया है। बीसवें स्थान पर केंद्रीय शर्म मंत्री भूपेंद्र यादव, इक्कीसवें पर भरतीय रिजर्ब बैंक के गवर्नर शशिकांत दास हैं। टाटा संस के ऍन चंद्रशेखरन बाइसवें नंबर पर हैं। तेईस पर स्टालिन, चौबीस पर विजयन और पच्चीस पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मंडाविया हैं। नितिन गडकरी को 26, सोनिया गाँधी को 27 और महेंद्र कोडक को 28 वां नंबर मिला है। केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल 29, सेना प्रमुख नरवाने 30 और आरएसएस के दत्त्री होसबोले 31 वे स्थान पर पावरफुल माने गए हैं। असम के मुख्यमंत्री हेंमत विस्वाल 32, ओडिसा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक 33 और राजस्थान वाले अशोक गहलोत 34 वे स्थान पर जगह पा सके हैं।
छग के भूपेश बघेल को 35, मनीष सिसौदिया 36 और सामाजिक कार्यकर्ता तुषार मेहता 37 वे स्थान पर आये हैं, तेलंगाना के चंद्रशेखर राव 38, आंध्रा के वी एस जगनमोहन 39 और मध्यप्रदेश के मामा मुख्यमंत्री 40 वे स्थान पर पावरफुल माने गए हैं। और तो और अमित शाह के बेटे जय शाह को 47 वे और नीता अम्बानी को 48 वां स्थान मिला गया, लेकिन 51 साल के राहुल गांधी 51 वे नंबर पहुंचा दिए गया। गरीब पप्पू इसके खिलाफ कहीं अपील भी नहीं कर सकता, क्योंकि ये सूची इंडियन एक्सप्रेस की अपनी सूची है, कोई भारत सरकार की सूची नहीं है। भारत सरकार तो आज भी राष्ट्रपति को नंबर एक, उप राष्ट्रपति को नंबर दो और प्रधानमंत्री को नंबर तीन का आदमी मानती है। भारत सरकार की पावरफुल लोगों की सूची में राजयपाल चौथे स्थान पर और पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल को पांचवें स्थान पर रखा गया है। मुख्य न्यायाधीश और लोकसभा अध्यक्ष बराबरी से छठवें स्थान पर हैं। सरकार की सूची में केवल 26 प्रकार के पावरफुल लोग होते हैं लेकिन इंडियन एक्सप्रेस वाले राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति को कहीं गिनते ही नही। अखबार की नजर में जो रबर स्टाम्प है उसे कैसे पावरफुल माना जा सकता है ?
अखबार की सूची में तीसरे स्थान पर भागवत साहब विराजते हैं, जबकि सरकारी सूची में ये स्थान प्रधानमंत्री के लिए आरक्षित है। हम या आप इंडियन एक्सप्रेस द्वारा बनाई गयी पावरफुल लोगों की सूची को कहीं चुनौती नहीं दे सकते। सबसे बड़ी अदालत में भी नहीं, क्योंकि इस सूची में तो मुख्यन्यायाधीश को ही बहुत पीछे खिसका दिया गया है। इस सूची में सौवें नंबर पर इतिहासकार रामचंद्र गुहा हैं, लेकिन इस सूची में विवेक अग्निहोत्री को न देख मुझे क्या पूरे देश को भयानक निराशा हुई। मेरे हिसाब से अब भारत सरकार को भी पावरफुल लोगों की अपनी वर्षों पुरानी सूची, में सुधार कर लेना चाहिए। क्योंकि अब पावरफुल होने के पैमाने बदल गए हैं जो सरकारें बनाता, बिगाड़ता है वो आम आदमी तो कहीं है ही नहीं, उसे कोई पावरफुल नहीं मानता, न भारत सरकार और न इंडियन एक्सप्रेस अखबार। आम आदमी तो कबका इस सूची से बेदखल कर दिया गया है। जिस देश में सरकारों से ज्यादा स्वयं सेवक पावरफुल हो जायेंगे उस देश का कायाकल्प होने से कोई किसी को नहीं रोक सकता।
- राकेश अचल
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