ओंकारेश्वर में साध्वी ऋतंभरा के आश्रम की 4 बालिकाओं की नहर में डूबने से मौत

2 बालिकाओ को सही सलामत नहर से निकाला…

ओंकारेश्वर में साध्वी ऋतंभरा के आश्रम की चार बालिकाओं की नहर में डूबने से मौत

खंडवा। ओंकारेश्वर क्षेत्र स्थित ग्राम कोठी में साध्वी ऋतंभरा का पिताम्बरेश्वर आश्रम है। आश्रम के निकट से ओंकारेश्वर डेम की नहर गुजर रही। नहर किनारे घाट बना हुआ है। यहां बुधवार सुबह 6 बजे 6 बालिकाएं नहाने गई थीं। ये सभी रेलिंग से बंधी सांकल पकड़कर नहा रही थीं। तभी एक बालिका के हाथ से सांकल छूट गई। वह नहर के तेज बहाव में बहने लगी। उसे नहर में डूबता देख एक बालिका नहर में कूदी। बचाने के प्रयास में वह भी डूबने लगी। उसे देखकर घाट पर नहा रहीं चार बालिकाएं भी दोनों को बचाने के लिए नहर में कूद गईं। इस तरह से एक के बाद एक 6 बालिकाएं नहर में डूबने लगीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 

नहर में डूबती बालिकाओं की चीत्कार सुनकर आश्रम के लोग उन्हें बचाने दौड़े, उन्होंने पुलिस को भी घटना की जानकारी दी। इसके बाद मांधाता और मोरटक्का चौकी से पुलिस अधिकारी गोताखोर लेकर बालिकाओं को बचाने के लिए आए। ग्रामीण और गोताखोरों की मदत से एक घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन में 2 बालिकाओ को सही सलामत नहर से निकाल लिया गया, लेकिन शेष चार बालिकाओं की नहीं बचाया जा सका। उनकी नहर में डूबने से मौत हो गई। 1. वैशाली पिता नवल (12) ग्राम बड़िया, भीकनगांव 2. कंचन रमेश (11) ग्राम सोमवाडा, भीकनगांव 3. प्रतीक्षा छनिया (12) ग्राम दाभड़, सनावद 4. दिव्यांसी चेतक (10) ग्राम इंद्रपुर रहतिया, बड़वानी। शवों को ओंकारेश्वर अस्पताल भेजा गया है। 

एसडीओपी राकेश पेन्द्रों ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है। इस हादसे के बाद आश्रम में मातम पसर गया। साध्वी ऋतंभरा एक साध्वी, राजनीतिज्ञ और धार्मिक कथा वाचक हैं। इन्हें लोग 1992 में बाबरी मस्जिद के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भाग लेने के कारण अच्छे से जानने लगे थे। ये विश्व हिन्दू परिषद् और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सदस्य भी हैं। ये अपनी कथाओं में राम कथा और कुछ धार्मिक कहानियों का व्याख्यान करती हैं। ये केवल भारत में ही नहीं, बल्कि बाहर के देशों में भी हिन्दू धर्म का प्रचार प्रसार कर रही हैं। इनके देश में कई स्थानों पर आश्रम हैं, जहां कई प्रकार के सामाजिक व धार्मिक कार्य होते हैं। साध्वी ऋतंभरा का खंडवा के पास ओंकारेश्वर में भी आश्रम है। 

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