ढोल-ताशों के साथ भक्तों संग होली खेलने निकले अचलनाथ

रंगपंचमी पर मंदिरों में भजन कीर्तन किए गए तो वहीं…

ढोल-ताशों के साथ भक्तों संग होली खेलने निकले अचलनाथ

ग्वालियर। भगवान अचलनाथ भक्तों के साथ फूलों और अबीर के साथ होली खेलते हुए आगे बढ़े तो भक्तों ने भी उत्साह के साथ जगह-जगह फूलों और अबीर से स्वागत किया। मंगलवार को रंगपंचमी पर शहर के मंदिरों में रंग और अबीर सुबह से ही उड़ रहा है। भगवान अचलनाथ भक्तों के साथ होली खेलने के लिए ढोल-ताशों के साथ निकले। मंगलवार की सुबह से अचलनाथ मंदिर में फूल और अबीर उड़ा और भक्तों ने भोलेनाथ से फूल से होली खेली। सुबह से शिवालयों सहित सभी मंदिरों में भक्तों की अपार भीड़ लगी और भक्तों ने भगवान की पूजा अर्चना करते हुए गुलाल लगाकर रंगपंचमी का पर्व मनयाा। अचलेश्वर महादेव पर फूलों का विशेष इंतजाम किया गया था, और रंग से दूरी बनाई गई थी। तलघर में कोर्ट की सील होने से इस साल भगवान अचलनाथ का स्वर्ण विग्रह नहीं निकाला जा सका। वहीं भगवान अचलनाथ के चल समारोह के लिए स्टील का नया डोला तैयार किया गया है। 

बाबा अचलनाथ पालकी में सवार होकर ढोल ताशों के साथ जैसे ही शहर भ्रमण कर भक्तों से होली खेलने निकले तो बम-बम भोले के जयकारों से रास्ते गूंजने लगे। मंगलवार को रंगपंचमी पर सुबह से भक्तों के बीच उत्साह नजर आ रहा था। अचलेश्वर महादेव मंदिर पर पहुंचकर भक्तों ने पूजा अर्चना करते हुए मनोकामनाएं मांगीं। भगवान अचलनाथ ढोल-ताशों के साथ होली खेलने के लिए जैसे ही निकले तो भक्तों ने फूल उड़ाना शुरू कर दिया। भक्त रास्ते भर एक- दूसरे पर गुलाल और फूल बरसा रहे थे। रथों में भगवान का स्वरूप रखकर विराजमान बच्चे सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हुए सभी का मन मोह रहे थे। 

भगवान अचलनाथ दाल बाजार पहुंचे तो व्यापारियों ने फूलों की वर्षा की तो कई भक्तों ने गुलाल उड़ाते हुए पूजा अर्चना कर मनोकामनाएं मांगी। अचलनाथ की विशाल यात्रा दाल बाजार से होते हुए नया बाजार, लोहिया बाजार होते हुए ऊंट पुल पहुंची। शोभायात्रा ऊंट पुल से होते हुए दौलतगंज, महाराज बाड़ा होते हुए सराफा बाजार पहुंची जहां रास्ते भर शीतल जल व फूल मालाओं से भक्तों ने स्वागत किया। यह शोभायात्रा सराफा बाजार होते हुए राम मंदिर पहुंची जहां भगवान श्रीराम से अचलनाथ ने होली खेली और इसके बाद यह यात्रा वापस अचलधाम पहुंची। उससे पहले सनातन धर्म मंदिर में भगवान चक्रधर से भी होली खेली। 

लौटते समय बाबा का चल समारोह फालका बाजार स्थित श्रीराम मंदिर और जिला न्यायालय के पास स्थित गिर्राज जी के मंदिर पहुंचा। यहां पर बाबा अचलनाथ ने भगवान श्रीराम और गिर्राज जी के साथ होली खेली। इसके बाद चल समारोह सनातन धर्म मंदिर पहुंचा। सभी मंदिरों में भगवान को मिठाई, ड्राइफ्रूट और नमकीन वितरित किए गए। मिठाई के साथ थाल में 501 रुपए भी रखे गए। मंगलवार रंगपंचमी पर मंदिरों में भजन कीर्तन किए गए तो वहीं रासलीला के आयोजन हुए। अचलनाथ धाम से निकली शोभा यात्रा में कलाकार रास करते हुए चल रहे थे। भगवान कृष्ण का रूप रखकर मोर-मोरनी नृत्य जब कलाकारों ने किया तो सभी आश्चर्यचकित रह गए और इन कलाकारों का उत्साह बढ़ा रहे थे। स्थानीय कलाकारों ने भी अपनी रंगारंग प्रस्तुतियां दी। तो वही भक्त भी बम-बम भोले की गूंज के साथ झूमते हुए नजर आ रहे थे।

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