सभी प्राइवेट और सरकारी college-university में जारी रहेगी पढ़ाई

मंत्री ने जारी किया बयान, MP के कॉलेज में ऑफलाइन क्लास ही…

सभी प्राइवेट और सरकारी कॉलेज-यूनिवर्सिटी में जारी रहेगी पढ़ाई

मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बड़ा निर्णय किया है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी प्राइवेट और सरकारी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में छात्रों को आकर ही पढ़ाई करना होगा। ऑफलाइन क्लास जारी रखने के निर्देश दिए हैं। हालांकि पैरेंट्स की अनुमति आवश्यक होगी। परिसर में मास्क अनिवार्य होगा। सभी कॉलेज और यूनिवर्सिटी में कोविड गाइडलाइन का पालन कराया जाएगा। कॉलेज और यूनिवर्सिटी के सभी स्टॉफ को दोनों डोज लगाना अनिवार्य होगा। इसी तरह 18 साल की आयु पूरी कर चुके स्टूडेंट्स को भी दोनों डोज लगवाना जरूरी होगा। हालांकि, प्रदेश में स्कूल 50% क्षमता के साथ ही खुल रहे हैं। इधर, प्रदेशभर के कॉलेज छात्रों ने ऑफलाइन एग्जाम तक लिए जाने का विरोध शुरू कर दिया है।

ऑफलाइन क्लास चालू है। देखने में आया है कि कोरोना का नया वैरिएंट आया है। मामले में ज्यादा सावधानी बरतने के निर्देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दिए हैं। इसके बाद विभाग को नए निर्देश जारी किए हैं। उच्च शिक्षा विभाग कोरोना गाइडलाइन का कड़ाई से पालन करेगा। यह एक कठिन समय है। ऐसे में अगर घर से पढ़ाई होती है, तो उस पर प्रभाव पड़ता है। अभी तक की स्थिति को देखते हुए ऑफलाइन क्लास को ही जारी रखा जाएगा।

ऑफलाइन एग्जाम लेने का प्रदेश में विरोध शुरू हो गया है। राजीव गांधी प्रौद्योगिकी यूनिवर्सिटी में सोमवार को छात्रों ने हंगामा करते हुए प्रदर्शन किया था। छात्रों ने कुलपति के ऑफिस का घेराव किया था। उन्होंने तत्काल ऑफलाइन एग्जाम की जगह ऑनलाइन एग्जाम लिए जाने की मांग की। इस संबंध में यूनिवर्सिटी ने भी एक प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है। बरकतउल्ला विश्वविद्यालय समेत अन्य कॉलेज में भी ऑफलाइन एग्जाम का विरोध हुआ।

इंदौर में NSUI अध्यक्ष बोले- ऑनलाइन क्लासेस ही लगना चाहिए

एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अमित पटेल का कहना है कि कोविड की स्थिति को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेस लगाई जाना चाहिए। हालांकि इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता है कि ऑनलाइन के कारण क्वालिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रहा है, लेकिन जान से बढ़कर कुछ नहीं है। कोविड एक-दूसरे के संपर्क में रहने से ही बढ़ता है। ऐसे में अगर स्टूडेंट्स को कुछ परेशानी होगी तो इसकी जिम्मेदारी किसकी रहगी। जरूरत पड़ी तो ऑफलाइन क्लास को लेकर विरोध भी किया जाएगा।

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