Covid से पीड़ित बच्चों की मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे : ऊर्जा मंत्री

जिले में 121 बच्चों के खाते में 6 – 6 हजार रूपए की राशि भेजी…

कोविड से पीड़ित बच्चों की मदद में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे : ऊर्जा मंत्री

ग्वालियर। कोविड-19 की महामारी से पीड़ित परिवारों की सहायता के लिये प्रदेश सरकार पूरी तरह से कटिबद्ध है। सरकार के साथ-साथ समाज भी पीड़ितों की मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगा। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बुधवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय के सभाकक्ष में कोविड-19 से पीड़ित परिवार के बच्चों के खाते में 6 हजार रूपए की राशि स्थानांतरित किए जाने के कार्यक्रम में यह बात कही। कोविड पीड़ित ऐसे परिवार जिनके परिवार से ऐसे व्यक्ति की मृत्यु हो गई जो परिवार की आर्थिक मजबूती का मुख्य था। ग्वालियर जिले में लगभग 500 ऐसे परिवार चिन्हित किए हैं, जिनके परिवार का मुखिया कोरोना के कारण हम सबसे बिछड़ गया। ऐसे परिवारों की मदद के लिये आयोजित समारोह की अध्यक्षता क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने की। 

ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने कहा कि ग्वालियर जिले में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह के मार्गदर्शन में महिला-बाल विकास विभाग की ओर से कोविड-19 से प्रभावित परिवार के बच्चों को मदद करने का जो अभियान प्रारंभ किया है उसकी जितनी सराहना की जाए, उतनी कम है। इस पुनीत कार्य में सरकार के साथ-साथ समाज के सभी वर्गों का महत्वपूर्ण सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने कहा कि इसके लिये ग्वालियर शहर में शीघ्र ही एक कार्यक्रम कर शहर के प्रबुद्ध लोगों से चर्चा की जायेगी। पीड़ित परिवारों की मदद के लिये अधिक से अधिक धन एकत्र कर हर बच्चे के जीवन में कोई परेशानी न आए, इसका प्रबंध किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने कार्यक्रम में घोषित किया कि वे पीड़ित ऐसे 11 बच्चों की जवाबदारी उठायेंगे, जिन्हें तीन वर्ष तक प्रतिमाह 2 हजार रूपए की धनराशि उपलब्ध होती रहे। 

मंत्री स्वेच्छानिधि से 10 बच्चों को राशि उपलब्ध कराई जायेगी। इसके साथ ही एक बच्चे की जवाबदारी वे व्यक्तिगत रूप से भी उठायेंगे। मंत्री श्री तोमर ने यह भी कहा कि इस पुनीत कार्य में समाज के सभी वर्गों को आगे आकर मदद करना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए क्षेत्रीय सांसद विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा कोविड-19 की महामारी में ऐसे परिवार जिनमें माता-पिता दोनों की मृत्यु हो गई है उनके बच्चों को पेंशन के रूप में सहायता राशि मुहैया कराई जा रही है। लेकिन ऐसे भी पीड़ित परिवार हैं जिनमें परिवार के एक मुखिया की मृत्यु हो जाने से आर्थिक परेशानियां सामने आ रही हैं। 

कलेक्टर ग्वालियर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने पहल कर जिले में ऐसे परिवारों का सर्वेक्षण कराया और उन्हें समाज के सहयोग से मदद करने का जो कार्यक्रम हाथ में लिया है वह अनुकरणीय पहल है। हम सबको इस अनुकरणीय पहल में अपनी सक्रिय भागीदारी और सहयोग अवश्य देना चाहिए। सांसद श्री शेजवलकर ने भी एक पीड़ित परिवार के बच्चे की जवाबदारी लेने की घोषणा की। उन्होंने आश्वस्त किया कि वे जनप्रतिनिधियों और सामाज के प्रबुद्ध नागरिकों से भी इस पुनीत अभियान में अपनी मदद करने का आग्रह करेंगे। पीड़ित परिवारों की मदद में कोई कोर कसर नहीं रहने दी जायेगी। भाजपा जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी ने कहा कि सम्पूर्ण प्रदेश में ग्वालियर जिले में कोविड-19 के पीड़ितों की मदद के लिये जो अभियान प्रारंभ किया गया है, उससे ऐसे परिवार जो शासकीय योजना में शामिल नहीं हो पा रहे हैं उन्हें भी लाभ उपलब्ध होगा। 

श्री माखीजानी ने पाँच बच्चों की जवाबदारी उठाने की घोषणा की। कार्यक्रम के प्रारंभ में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले में कोविड-19 की महामारी से अनेक परिवार प्रभावित हुए हैं। लगभग 500 परिवार ऐसे हैं जिनके परिवार में माता-पिता में से एक व्यक्ति की कोविड के कारण मृत्यु हो गई है। महिला बाल विकास विभाग के माध्यम से सर्वेक्षण के दौरान 187 परिवार ऐसे भी हैं जिनके परिवार में एक व्यक्ति की मृत्यु होने से आर्थिक संकट खड़ा हो गया है और बच्चों के लालन-पालन में भी परेशानी आ रही है। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बताया कि अटल बाल मित्र योजना के माध्यम से पीड़ित परिवारों को मदद के लिये अभियान प्रारंभ किया गया है। प्रथम चरण में 121 बच्चों के खाते में तीन माह की 6 हजार रूपए की राशि डाली गई है। यह राशि कुल 7 लाख 60 हजार रूपए है। इन बच्चों के अतिरिक्त जो बच्चे शेष रह गए हैं उनके खाते में भी 2 हजार रूपए प्रतिमाह के मान से 6 हजार रूपए की राशि डाली जायेगी। 

कलेक्टर ने भी एक बच्चे की लालन-पालन की जवाबदारी लेने की घोषणा की। इसके साथ ही जिला पंचायत प्रशासकीय समिति की अध्यक्ष मनीषा यादव ने भी एक बच्चे की जवाबदारी उठायी है और एडीएम इच्छित गढ़पाले और महिला-बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह ने भी एक-एक बच्चे की जिम्मेदारी लेने की स्वीकृति प्रदान की। कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास अधिकारी राजीव सिंह ने योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अटल बाल मित्र योजना के माध्यम से ग्वालियर जिले में कोविड-19 से पीड़ित ऐसे बच्चों को सहायता उपलब्ध कराई जा रही है जिन्हें शासन की योजना में लाभ नहीं मिल पा रहा है। समाज का कोई भी व्यक्ति ऐसे बच्चों की जवाबदारी लेना चाहता है तो महिला एवं बाल विकास विभाग में संपर्क कर उनकी मदद कर सकता है।

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