लड़ी और अन्य banned crackers को न तो बिकने दें और न चलने दें : श्री सिंह

ग्रीन केकर्स और गैर प्रतिबंधित पटाखे चलाने पर कोई रोक नहीं…

लड़ी और अन्य प्रतिबंधित पटाखों को न तो बिकने दें और न चलने दें : श्री सिंह

ग्वालियर। पटाखों के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए आदेश का कड़ाई से पालन कराएँ। लड़ी (जुड़े हुए पटाखे) सहित अन्य प्रतिबंधित पटाखों को न तो बिकने दें और न ही चलाने दिए जाएँ। इस आशय के निर्देश कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने अंतरविभागीय समन्वय बैठक में अनुविभागीय दण्डाधिकारियों सहित अन्य संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा जिस क्षेत्र में प्रतिबंधित पटाखे चलते पाए गए वहां के थाना प्रभारी भी इसके लिये जवाबदेह होंगे। श्री सिंह ने यह भी स्पष्ट किया कि दीपावली के दौरान ग्रीन क्रेकर्स पटाखों सहित अन्य गैर प्रतिबंधित पटाखे व फुलझड़ी इत्यादि चलाए जाने पर कोई रोक नहीं है। सोमवार को यहाँ कलेक्ट्रेट के सभागार में आयोजित हुई अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि आतिशबाजी विक्रेताओं को साफतौर पर बता दें कि वे लड़ी सहित अन्य प्रतिबंधित पटाखों को जमा करा दें अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

उन्होंने आतिशबाजी की दुकानों से पटाखों के सेम्पल लेकर दीनदयालनगर स्थित मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की प्रयोगशाला में जांच कराएं। उन्होंने जमा कराए गए प्रतिबंधित पटाखों को पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की निगरानी में नष्ट कराने के निर्देश भी दिए। साथ ही कहा कि थोक आतिशबाजी दुकानों को बस्तियों से दूर शिफ्ट करायें। जिन पटाखों की तीव्रता विस्फोट स्थल से 4 मीटर की दूरी पर 125 डेसीमल से अधिक होगी, उन्हें चलाने पर प्रतिबंध है। इसी तरह जिन पटाखों के निर्माण में बेरियम साल्ट सहित अन्य हानिकारक विस्फोटक व रसायनों का उपयोग होता है उनके चलाने पर रोक है। घोषित शांति क्षेत्र मसलन अस्पताल व स्कूल इत्यादि के 100 मीटर के दायरे में पटाखे नहीं चलाए जा सकते। रात्रि 8 बजे से पहले तथा रात्रि 10 बजे के बाद पटाखे चलाने पर प्रतिबंध है। 

कलेक्टर ने इन सभी निर्देशों का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश सभी अनुविभागीय दण्डाधिकारियों को दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आशीष तिवारी, अपर जिला दण्डाधिकारी इच्छित गढपाले व एच बी शर्मा सहित जिले के सभी एसडीएम व विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे। कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने बैठक में निर्देश दिए कि विशेष रणनीति बनाकर कोरोना टीकाकरण अभियान को अंजाम दें। उन्होंने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि पुख्ता प्लान के तहत घर-घर जाकर लोगों को कोरोना के टीके लगाए जाएं। साथ ही फोन के जरिए लोगो को बुलाकर स्थायी केन्द्रों पर भी टीकाकरण जारी रखें। उन्होंने द्वितीय डोज के टीकाकरण पर विशेष जोर देते हुए कहा कि जिले में तीन लाख से अधिक लोगों के द्वितीय डोज के टीके ड्यू हो गए हैं। 

इन सभी पर विशेष फोकस कर टीकाकरण का काम किया जाए। अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने कहा कि देश के कई राज्यों और प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोरोना संक्रमितो की संख्या बढ़ रही है। इस बात को ध्यान में रखकर ग्वालियर जिले में भी सभी एहतियाती उपाय करें। उन्होंने कहा सभी इंसीडेंट कमाण्डर अपनी टीमों को सक्रिय करें। साथ ही कोरोना गाइडलाइन का भी पालन कराएं। कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देश दिए कि ऑक्सीजन आपूर्ति की व्यवस्था सहित सभी सरकारी अस्पतालों व नर्सिंग कॉलेजों में कोरोना के इलाज के लिये पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित करें। साथ ही कोरोना के लिये स्थापित कंट्रोल एवं कमाण्ड सेंटर को भी फिर से सक्रिय करें।

निर्देश -

  • भू-माफिया, खाद्यान्न माफिया एवं खनिज माफियाओं के खिलाफ कराएँ एफआईआर और वाहन भी राजसात किए जाएं।
  • राजस्व अभिलेख वितरण पखवाड़ा को प्रभावी ढंग से अंजाम दें।
  • डबरा व भितरवार क्षेत्र में खाद का पर्याप्त भण्डारण करें, जिससे धान की कटाई के बाद किसानों को बोनी के लिए खाद की कमी न रहे।
  • प्रधानमंत्री पथ विक्रेता योजना के प्रकरणों की मंजूरी व ऋण वितरण कराने के लिये बैंकों के सतत संपर्क में रहें।
  • प्रतिबंधित पटाखों से बचने के लिये लोगों को पेम्प्लेट, एनाउंसमेंट और होर्डिंग इत्यादि के जरिए जागरूक करें।
  • सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण में तेजी लाएँ।

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