G News 24 : भारत की एकजुटता के लिए एक देश-एक संविधान जरूरी : CJI गवई !

 डॉ अंबेडकर की विचारधारा के खिलाफ थी धारा-370...

भारत की एकजुटता के लिए एक देश-एक संविधान जरूरी : CJI गवई !

चीफ जस्टिस BR गवई ने नागपुर में एक प्रोग्राम के दौरान कहा कि देश को एकजुट रखने के लिए एक संविधान का होना जरूरी है. देश के चीफ जस्टिस (CJI) बीआर गवई ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर का ख्वाब था कि देश के लिए एक ही संविधान हो, जिससे भारत एकजुट बना रहे, उन्होंने कभी भी किसी राज्य के लिए अलग संविधान की हिमायत नहीं की. नागपुर में संविधान की प्रस्तावना पार्क (Preamble Park) के उद्घाटन के मौके पर बोलते हुए बीआर गवई ने यह बात कही. इस दौरान उन्होंने धारा 370 से जुड़े फैसले का भी जिक्र किया.

चीफ जस्टिस ने कहा,'जब धारा-370 को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी तब बेंच ने अंबेडकर के विचारों से ही प्रेरणा ली थी और एकमत से केंद्र सरकार के जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा खत्म करने के फैसले को सही ठहराया था.' CJI खुद भी उस 5 जजों की बेंच का हिस्सा थे, जिसकी अध्यक्षता उस समय के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने की थी. इस बैंच ने 2019 में केंद्र सरकार के जरिए जम्मू-कश्मीर से370 हटाए जाने को सही करार दिया था.

एक ही संविधान जरूरी

5 अगस्त 2019 को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेकर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था. केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. इसी को लेकर गवई ने कहा,'जब धारा-370 का मामला हमारे सामने आया, तब मैंने डॉ अंबेडकर के शब्दों को याद किया कि देश को एक रखने के लिए एक ही संविधान जरूरी है.'

पड़ोसी देशों की दी मिसाल

चीफ जस्टिर ने कहा कि अंबेडकर पर यह आलोचना हुई थी कि उन्होंने संविधान में बहुत ज्यादा संघवाद (फेडरलिज्म) दिया है और जंग जैसे हालात में देश एक नहीं रह पाएगा. हालांकि अंबेडकर ने जवाब में कहा था कि संविधान हर चुनौती का सामना कर सकता है और देश को एकजुट रखेगा. गवई ने कहा,'आज पाकिस्तान, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे पड़ोसी देशों की हालत देखिए लेकिन जब-जब भारत पर संकट आया हमने एकता बनाए रखी है.'

गडकरी-फडणवीस भी रहे मौजूद

इस प्रोग्राम में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के अलावा मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी मौजूद थे. प्रोग्राम को संबोधित करते हुए नितिन गडकरी ने कहा,'स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा, डॉ. अंबेडकर की भारत को संविधान के ज़रिए दी गई सबसे बड़ी देन हैं.' इसके अलावा देवेंद्र फडणवीस ने कहा,'अगर हम संविधान की प्रस्तावना के मूल्यों को स्वीकार कर लें, तो देश की 90 फीसद समस्याएं अपने आप खत्म हो जाएंगी.

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