G NEWS 24 : वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है कोरोना का नया वेरिएंट !

सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस बन चुका है...

वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है कोरोना का नया वेरिएंट !

भोपाल। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल ने कोविड-19 के नए वेरिएंट की पुष्टि की है। एक्सएफजी नाम का यह वेरिएंट कोरोना का टीका लगवा चुके लोगों को भी संक्रमित कर रहा है। हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि इससे संक्रमित लोगों में बीमारी के बेहद हल्के लक्षण हैं, जो खतरनाक नहीं हैं। एम्स भोपाल की क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला (वायरोलाजी लैब) ने मई के आखिरी सप्ताह से जून के तीसरे सप्ताह के बीच कोरोना संक्रमित 44 नमूनों का जीनोम सीक्वेंसिंग तैयार किया। 

इस अध्ययन में पाया गया है कि एक्सएफजी नाम का नया वेरिएंट अब सबसे तेजी से फैलने वाला वायरस बन चुका है। कुल 44 नमूनों में से 28 नमूनों यानी 63.6 प्रतिशत में एक्सएफजी वेरिएंट ही मौजूद था। यह नया वेरिएंट पहले से फैल रहे एलएफ.7 वेरिएंट से ही बना है। बताया गया कि एक्सएफजी और एलएफ.7 वेरिएंट्स में कुछ ऐसे उत्परिवर्तन मौजूद हैं, जो कोविड-19 का टीका लगवा चुके व्यक्तियों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इन प्रकारों से अब तक केवल हल्के या लक्षणरहित संक्रमण ही सामने आए हैं। 

इसी वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन्हें निगरानी की श्रेणी में नहीं रखा है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निगरानी के प्रकार के रूप में सूचीबद्ध किया गया एनबी.1 (निम्बस वेरिएंट) एम्स भोपाल द्वारा जांचे गए किसी भी नमूने में नहीं पाया गया। जांच में सामने आया कि एलएफ.7 वेरिएंट, जो मई के अंतिम सप्ताह में 50 प्रतिशत नमूनों में मौजूद था, जून के दौरान धीरे-धीरे कमज़ोर होता गया और जून के तीसरे सप्ताह तक पूरी तरह समाप्त हो गया।

हमारी क्षेत्रीय विषाणु विज्ञान प्रयोगशाला वैज्ञानिक समर्पण के साथ यह सुनिश्चित कर रही है कि वायरस का कोई भी नया वेरिएंट हमारी निगरानी से न छूटे। एक्सएफजी जैसे वेरिएंट्स और उनके उप-प्रकारों की समय पर पहचान से हम वायरस के व्यवहार को समझ सकते हैं और समय रहते लोक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक एहतियाती कदम उठा सकते हैं - प्रो. अजय सिंह, कार्यपालक निदेशक एम्स भोपाल

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