रिफ्लेक्टर टेप व रियर मार्किंग प्लेट होंगी अनिवार्य एवं प्रक्रिया होगी computerized

सड़क सुरक्षा के लिए परिवहन विभाग की बड़ी पहल…

रिफ्लेक्टर टेप व रियर मार्किंग प्लेट होंगी अनिवार्य एवं प्रक्रिया होगी कम्प्यूटरीकृत

भारत में प्रतिवर्ष लगभग 4.5 लाख सड़क दुर्घटनाओं में लगभग 1.5 लाख व्यक्तियों की मृत्यु हो जाती है। रात्रि में या सर्दियों के मौसम में कोहरे के समय सड़क दुर्घटनाओं का मुख्य कारण दूर खडे़ या दूर से आ रहे वाहन का नहीं दिखाई पड़ना होता है। परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने समस्त क्षेत्रीय परिवहन अधिकारियों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि बिना मानक गुणवत्ता के रिफ्लेक्टर टेप (परावर्ती पट्टिकाओं) के कामर्शियल वाहनों को फिटनेस जारी न की जावे। मोटरयान अधिनियम 1989 के नियम 104 के अनुसार 01 अप्रैल 2006 के बाद निर्मित समस्त वाहन, दोपहिया एवं त्रिपहिया वाहनों को छोडकर के पृष्ठ भाग पर दो लाल रिफ्लेक्टर लगाना आवश्यक है।

मोटर वाहन अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों के अनुसार N1 तथा N2 श्रेणी के वाहनों में अग्र भाग पर सफेद परावर्ती टेप तथा पृष्ठ भाग पर लाल रंग की परावर्ती टेप लगाना आवश्यक है। इसी तरह M2 तथा M3 श्रेणी के वाहन जिनमें यात्री बसें आती है को, अग्रिम भाग में सफेद तथा पिछले भाग में सम्पूर्ण चौडाई की परावर्ती टेप के अतिरिक्त पीले रंग की कम से कम 5 सें.मी. चौडाई की परावर्ती टेप पूरी लम्बाई में लगाने के निर्देश हैं। निर्माण कार्य में प्रयुक्त होने वाले वाहनों में आगे, पीछें, साइड में AIS मापदण्डों के अनुरूप परवर्ती टेप या पैंट लगाने के निर्देश हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए कि वाहनों पर लगाई जाने वाली रिफ्लेक्टर टेप AIS मापदण्डों के अनुरूप है, परिवहन विभाग मध्यप्रदेश द्वारा इस संबंध में एक SOP जारी कर इस प्रक्रिया को पूर्णतया कम्प्यूटीकृत किया जा रहा है।

निर्माताओ के अधिकृत डीलरों द्वारा वाहन पर लगाये गए रिफ्लेक्टर टेप का सर्टिफिकेट पोर्टल के माध्यम से ही जनरेट होकर प्रिंट हो सकेगा, सर्टिफिकेट पर वाहन पर लगाये गए रिफ्लेक्टर टेप की विस्तृत जानकारी जैसे लम्बाई, चौडाई, रंग, टेप का निर्माण वर्ष, कोड, निर्माता का नाम तथा वाहन की जानकारी जैसे वाहन पंजीयन क्रमांक, चैसिंस नम्बर, इंजन नम्बर, वाहन श्रेणी, वाहन की बॉडी का प्रकार आदि अंकित रहेगा। उक्त सर्टिफिकेट पोर्टल पर सदैव उपलब्ध रहेंगा जिसका सत्यापन किसी भी समय किया जा सकता है, सर्टिफिकेट पर QR भी अंकित रहेगा जिसे स्कैन कर सत्यापित किया जा सकता है। वाहन का फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करने के पूर्व सम्बधित RTO को पोर्टल के माध्यम से, रिफ्लेक्टर टेप/रियर मार्किंग प्लेट फिक्सेशन सर्टिफिकेट की जाँच करना अनिवार्य होगा इसके उपरांत ही फिटनेस सर्टिफिकेट जारी किया जा सकेगा। 

वाहन जाँच के समय प्रर्वतन अमला/पुलिस सर्टिफिकेट पर अंकित QR कोड व पोर्टल के माध्यम से सर्टिफिकेट की जाँच कर सर्टिफिकेट की सत्यता जाँच कर सकेगे, इस प्रक्रिया से किसी भी वाहन पर अमानक स्तर के रिफ्लेक्टर/रेफ्लेक्टिव टेप/रियर मार्किंग प्लेट लगाया जाना संभव नहीं होगा जिससे निश्चित रूप से वाहन दुर्घटनाओं में कमी आएगी। इस हेतु केन्द्रीय मोटरयान नियम 1989 के नियम 126 के अंतर्गत अधिकृत एजेंसी द्वारा अनुमोदित रिफ्लेक्टर/रेफ्लेक्टिव टेप/रियर मार्किंग प्लेट के अनुभवी विनिर्माताओं का ही परिवहन विभाग द्वारा पंजीयन किया जायेगा।

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