आज गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ से श्री अकाल तख्त साहिब के लिए निकलेगा नगर कीर्तन

3 नवंबर की शाम को पहुंचेगा अमृतसर…

आज गुरुद्वारा दाताबंदी छोड़ से श्री अकाल तख्त साहिब के लिए निकलेगा नगर कीर्तन

ग्वालियर। दाता बंदी छोड़ दिवस के 400 वे शताब्दी समागम के बाद ऐतिहासिक नगर कीर्तन 27 अक्टूबर को  गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ से श्री अकाल तख्त साहिब के लिए विशाल जत्था रवाना होगा। किला ग्वालियर से प्रातः यह नगर कीर्तन रवाना होकर फूलबाग गुरुद्वारा एवं पुरानी छावनी होते हुए अमृतसर के लिए रवाना होगा जो विभिन्न पड़ाव से होते हुए 3 नवंबर को अमृतसर साहिब पहुंचेगा। 

ग्वालियर गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ के मीडिया प्रभारी बाबा देवेंद्र सिंह ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि मीरी पीरी के मालिक छठवें पातशाह श्री गुरु हरगोविंद शाहिब जी ग्वालियर के किले में जहांगीर द्वारा बंदी बनाए गए 52 हिंदू राजाओं को रिहा करवा कर एक महीने बाद दीपावली के अवसर पर श्री अकाल तख्त साहिब श्री अमृतसर साहिब पहुंचे थे संगत ने अकाल पुरख का आभार जताया और देसी घी के दीपक जला कर खुशी जाहिर की थी उसी याद को ताजा करते हुए बंदी छोड़ दिवस की 400 वर्ष की शताब्दी के उपलक्ष में ग्वालियर से नगर कीर्तन सजाया जा रहा है जो 3 नवंबर की शाम को श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर पहुंचेगा। 

इस नगर कीर्तन के ग्वालियर से चलकर रास्ते में आगरा, फरीदाबाद, दिल्ली, करनाल,फतेहगढ़ साहिब, लुधियाना, और करतारपुर में पड़ाव होंगे। यह नगर कीर्तन 3 नवंबर की संध्या को श्री अकाल तख्त साहिब अमृतसर पहुंचेगा। स्मरण रहे कि 4 से 6 अक्टूबर तक तीन दिवसीय ग्वालियर किला स्थित गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ पर बंदी छोड़ दिवस की 400 वर्ष पर शताब्दी समागम धूमधाम से मनाया गया था जिसमें देशभर के विभिन्न राज्यों से सिख समाज सहित अन्य समाजों के लाखों लोग मत्था टेकने गुरुद्वारा दाता बंदी छोड़ किला ग्वालियर आए थे।

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