MP में गणेशोत्सव और ताजियों के लिए नई गाइडलाइन जारी

उल्लंघन होने पर कलेक्टर करेंगे कार्रवाई…

MP में गणेशोत्सव और ताजियों के लिए नई गाइडलाइन जारी

गणेशोत्सव और ताजियों को देखते हुए गृह विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत 30 बाय 45 फीट के पंडाल ही बनाए जा सकेंगे, लेकिन ऐसी जगह बनाने की अनुमति नहीं रहेगी, जहां कम जगह या सड़क संकरी हो। गणेश मूर्ति और ताजियों (चेहल्लुम) के विसर्जन में अधिकतम 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे। इसके अलावा, नाइट कर्फ्यू समेत अन्य प्रतिबंध भी जारी रहेंगे। धार्मिक व सामाजिक जुलूस या चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे। प्रदेश के कलेक्टरों को गाइडलाइन का सख्ती से पालन करवाने के लिए कहा है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने आदेश जारी किए हैं। 

गृह विभाग ने कोरोना गाइडलाइन के संबंध में 14 जुलाई व 19 जुलाई को कुछ छूट दी थी। नाइट कर्फ्यू में भी ढिलाई दी गई थी। इसके बाद 31 जुलाई, 10 अगस्त, 20 अगस्त और 1 सितंबर को प्रतिबंध जारी रखे गए हैं। रात 11 से सुबह 6 बजे तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। हालांकि, सख्ती नहीं होने के कारण देर रात तक बाजार खुल रहे हैं। लोग बेवजह घूमते नजर आ सकते हैं। सिनेमाघर-जिम भी क्षमता से आधी संख्या के साथ ही खोले जा सकेंगे। गृह विभाग द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का उल्लंघन होने पर संबंधित जिले के कलेक्टर कार्रवाई करेंगे। वे धारा 144 के तहत कार्रवाई कर सकेंगे। साथ ही जुलूस, पंडाल आदि के संबंध में अलग से परमिशन देंगे

गाइडलाइन -

  • गणेश मूर्तियां एवं ताजिए (चेहल्लुम) के लिए पंडाल का आकार अधिकतम 30 बाय 45 फीट रहेगा। ऐसी जगह झांकियां नहीं बनेंगी, जहां की सड़कें या जगह संकरी हो, या सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न हो।
  • झांकी स्थल पर भीड़ नहीं होगी। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं हुआ तो आयोजक जिम्मेदार होंगे।
  • मूर्ति और ताजियों का विसर्जन संबंधित आयोजन समिति करेगी। इसमें अधिकतम 10 लोग ही शामिल हो सकेंगे। जिला प्रशासन से परमिशन लेनी जरूरी।
  • जिला प्रशासन द्वारा चयनित स्थान पर ही मूर्ति एवं ताजियों का विसर्जन हो सकेगा। मौके पर भीड़ कम रखी जाएगी।
  • धार्मिक या सामाजिक आयोजन के लिए चल समारोह नहीं निकाले जाएंगे। विसर्जन के लिए भी जुलूस नहीं निकाला जा सकेगा।
  • लाउड स्पीकर बजाने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन जरूरी होगा।
  • झांकियों, पंडालों और विसर्जन स्थल पर श्रद्धालु और आयोजक फेस कवर पहनकर आएंगे। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा। साथ ही, सैनिटाइजर का उपयोग भी करना जरूरी रहेगा।

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