केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने रेलमंत्री को लिखा पत्र

लगातार अंचल के विकास के लिए सिंधिया कर रहे हैं प्रयास…

केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने रेलमंत्री को लिखा पत्र

ग्वालियर। केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अब ग्वालियर-गुना और मक्सी रेलवे मार्ग के विकास के लिए रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र लिखकर रेल मंत्री को बताया है कि यह ग्वालियर से गुना और मक्सी के बीच करीब 400 किलोमीटर का रेलमार्ग सिंगल ट्रैक है। जिस कारण यहां ट्रेनों का आवागमन कम हो रहा है। इससे क्षेत्र का विकास नहीं हो पा रहा। लम्बी दूरी की ट्रेनों के इस ट्रैक पर न आ पाने के कारण यहां के स्टेशनों पर भी विकास नहीं हो पा रहा है। यदि इस सिंगल मार्ग को डबल कर दिया जाए तो न केवल विकास के द्वार खुलेंगे बल्कि लम्बी दूरी की ट्रेने इस रूट पर दौड़ने से यहां के लोगों को फायदा मिलेगा। 

राज्यसभा सांसद व भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया जब से केन्द्रीय नागर विमानन मंत्री बने हैं वह हवाई सेवाओं का लगातार विकास कर रहे हैं। प्रदेश के साथ ही ग्वालियर-चंबल संभाग में हाल ही में कई बड़े शहरों और स्टेट के लिए सीधे हवाई सेवा शुरू की गई है। इसके साथ-साथ वह अन्य सेवाओं पर भी पूरी नजर बनाए हुए हैं। अब उनका ध्यान अपने गढ़ ग्वालियर-गुना के बीच रेल मार्ग पर है। ग्वालियर से गुना और मक्सी के बीच करीब 400 किलोमीटर का रेलवे ट्रैक सिंगल है। यहां डबल ट्रैक न होने के कारण ज्यादा ट्रेनों का आवागमन नहीं हो पाता है। ऐसे में इन क्षेत्रों में विकास की संभावनाएं भी सीमित हो जाती हैं। इसलिए केन्द्रीयमंत्री सिंधिया ने रेलमंत्री अश्वनी वैष्णव को पत्र लिखकर इस 400 किलोमीटर के सिंगल ट्रैक को डबल ट्रैक करने की मांग की है। 

पत्र में केन्द्रीयमंत्री सिंधिया ने कहा है कि यदि यह ट्रैक डबल ट्रैक हो जाता है तो ग्वालियर-मुम्बई रेलमार्ग की कुछ बड़ी ट्रेनों को इस ट्रैक पर डाला जा सकता है। जिससे मुख्य ट्रैक पर ट्रैफिक लोड कम होगा। साथ ही यहां के लोगों को भी नई ट्रेन मिल जाएंगी। पत्र में केन्द्रीय मंत्री सिंधिया ने लिखा है कि इस ट्रैक को डबलिंग और इलेक्ट्रीफिकेशन कराने के लिए मैं काफी समय से प्रयास कर रहा हूं। इलेक्ट्रीफिकेशन कार्य पूरा हो चुका है। डबलिंग के कार्य को जल्द शुरू कराने की जरूरत है। वर्ष 2012-13 में मेरे प्रयासों से इसका सर्वे कार्य मंजूर हुआ था जो वर्ष 2017 में पूरा होकर सर्वे रिपोर्ट रेलवे बोर्ड की मंजूरी के लिए पेंडिंग है।इस सर्वे कार्य में इस काम की अनुमानित लागत 2822 करोड़ रुपए हैं।

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