अब बैंक बंद होने पर 90 दिन के भीतर मिलेगी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि : सरकार

डीआईसीजीसी कानून में संशोधन के प्रस्ताव को मिली मंजूरी…

अब बैंक बंद होने पर 90 दिन के भीतर मिलेगी 5 लाख रुपये तक की जमा राशि : सरकार

नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें बैंक खाता धारकों के लिए बड़ा फैसला लिया गया. कैबिनेट ने आज डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन बिल, 2021 को मंजूरी दी. इस बिल को मॉनसून सत्र में ही संदन में पेश किया जायेगा. इस संशोधन से खाताधारकों और निवेशकों को पैसे की सुरक्षा मिलेगी. कैबिनेट के फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, डिपॉजिट इंश्योरेंश क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन का गठन इसलिए किया गया था कि बैंक डिपॉजिटर्स को अगर किसी समय आरबीआई मोरेटोरियम लगाती है तो उस समय उनका पैसा बैंकों से निकालने पर जो रोक लगती थी उससे उनको दिक्कत आती थी. 

पिछले वर्ष वित्तमंत्री ने इसकी सीमा 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख कर दी थी आज की कैबिनेट में निर्णय लिया गया है कि 90 दिन के अंदर ही जमाकर्ताओं को 5 लाख रुपये तक का भुगतान कर दिया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर और मल्टीलेटरल एजेंसी, इंटरनेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ सेक्योरिटी कमीशन और इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ इश्योरेंश सुपरवाइजर्स के बीच एक MoU साइन किया गया है. DICGC बिल 2021 के तहत, सभी जमाओं का 98.3% कवर किया जाएगा और जमा मूल्य के संदर्भ में, 50.9% डिपॉजिट को कवर किया जाएगा. वैश्विक जमा मूल्य सभी जमा खातों का केवल 80% है. इसमें जमा मूल्य का केवल 20-30% शामिल होता है. इसके अलावा कैबिनेट ने Limited Liability Partnership (amendment) Bill 2021 को भी मंजूरी दी है. 

ये बिल संसद में पेश किया जायेगा. इससे व्यापार में छोटी-छोटी गलतियों की वजह से होने वाली परेशानियों को दूर किया जाएगा. इससे ईमानदार व्यपारियों को अनावश्यक परेशानी नहीं झेलनी पड़ेगी. कैबिनेट ने सहकारिता मंत्रालय में जॉइंट सेक्रेटरी और ऊपर के अधिकारियों के लिए पद सृजित करने को मंजूरी दी. वित्त मंत्री ने निर्मला सीतारमण ने कहा, हम छोटे एलएलपी के दायरे का विस्तार कर रहे हैं. 25 लाख रुपये से कम या उसके बराबर योगदान वाले एलएलपी और 40 लाख रुपये से कम टर्नओवर वाले एलएलपी को छोटे एलएलपी के रूप में माना जाता है. अब, 25 लाख रुपये से लेकर 5 करोड़ रुपये तक दायरा होगा. कारोबार का आकार 50 करोड़ रुपये माना जाएगा.

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