आम के साथ शख्ती खास को रियायत !

दो यात्री निकले कोरोना पॉजिटिव...

आम के साथ शख्ती खास को रियायत !

ग्वालियर । पुणे से पहली बार ग्वालियर पहुंची स्पाइसजेट फ्लाइट में दो मरीजों के कोरोना पॉजीटिव पाए जाने और एयरपोर्ट पहुंचकर इस कोरोना कॉल मे सांसद विवेक शेजवलकर द्वारा उनका स्वागत करने पर कई सवाल खड़े हो गये हैं। एक तरफ तो मध्यप्रदेश शासन ने महाराष्ट्र से आने वाली बसों पर रोक लगा रखी है वही दूसरी ओर पुणे से आई फ्लाइट के यात्रियों का स्वागत सत्कार कोरोना पॉजीटिव यात्रियों से मुलाकात और उनका स्वागत सत्कार करने के बाद सांसद शेजवलकर ने शाम तक खेली कार्यकर्ताओं से होली खेली। इससे क्या कहें क्या यह प्रशासन की दोहरी नीति नहीं है, कि आम जन के साथ शख्ती और और खास लोगों को रियायत, जो भी हो लेकिन सवाल तो आखिर सवाल ही हैं। 

राजमाता विजयाराजे सिंधिया एयरपोर्ट पर फ्लाइट पहली बार आई हो, यह भी नहीं है। हां, पुणे सेवा जरूर पहली बार शुरू हुई, लेकिन कोविड गाइड लाइऩ में यह प्रावधान तो है ही नहीं कि टेस्ट कराए बिना यात्रियों का स्वागत किया जाये। सांसद शेजवलकर के साथ भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी भी एयरपोर्ट पहुंचे। दोनों नेताओं ने 39 यात्रियों की आवभगत की। प्रशासन ने आवभगत से पहले न तो नेताओं और न यात्रियों से कोरोना टेस्ट रिपोर्ट ली। जब ऐसा नहीं किया तो फिर विमान के लैंडिंग स्थल तक सांसद और जिलाध्यक्ष को जाने की छूट कैसे दे दी। 

पुणे से फ्लाइट 29 मार्च यानी होली के दिन दोपहर ढाई बजे ग्वालियर आई थी। यात्रियों का स्वागत करने के बाद सांसद शेजवलकर तथा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी उसी रोज देर शाम तक कार्यकर्ताओं से मिलते और होली खेलते रहे। ऐसे में कितने लोगों में यह संक्रमण फैला होगा, यह तो जांच के बाद ही पता चलेगा लेकिन प्रशासन क्या सांसद व जिलाध्यक्ष को 14 दिन के लिए होम क्वारंटाइन करेगा, सवाल तो यही है। कोविड गाइड लाइन सख्त है। इसका उल्लंघन करने पर जुर्माने का प्रावधान है। प्रतिबंध में संस्थान खोलने, बिना मास्क घूमने पर आए दिन जुर्माने ठोके जा रहे हैं। 

जब गाइड लाइन सख्त है तो कुछ वीआईपी को इसमें राहत क्यों। क्या लोगों के जीवन से ज्यादा महत्वपूर्ण वीआईपी को छूट देना माना जा सकता ह। पूर्व में इस तरह की कई घटनाएं शहर में चर्चा का विषय रही हैं, और अब फूल से स्वागत के बाद फिर चर्चा चल निकली है। वह इसलिए क्योंकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कोरोना वायरस के बढ़ते कहर से चिंतित हैं। कहीं नाइट कर्फ्यू तो कहीं लॉकडाउन का सिलसिला फिर शुरू हो गया है। रोजगार छिनते जा रहे हैं और कुछ लोग इस खतरनाक बीमारी के कारण जान गंवा रहे हैं।

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