पूर्व भाजपा विधायक ने की क्रेशर संचालक के साथ धोखाधड़ी

न्याय की उम्मीद में शासन-प्रशासन का हर वह दरवाजा खटखटाया...

पूर्व भाजपा विधायक ने की क्रेशर संचालक के साथ धोखाधड़ी

ग्वालियर। भिंड के गोहद विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक और भाजपा नेता रणवीर जाटव पर ग्वालियर के एक कारोबारी ने धोखाधड़ी पूर्वक उनकी संपत्ति हथियाने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। कारोबारी का कहना है कि उन्होंने पिछले कुछ महीने से अपने साथ हो रही नाइंसाफी को लेकर मुख्यमंत्री से लेकर वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से न्याय की गुहार लगाई । लेकिन हर तरफ उनको निराशा ही हाथ लगी। लिहाजा अब उन्होंने कानून का दरवाजा खटखटाया है। साथ ही अपनी हुई इस धोखाधड़ी को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रेस का सहारा लिया है। उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट से उन्हें निश्चित तौर पर न्याय मिलेगा।

दरअसल ग्वालियर में रहने वाले क्रेशर कारोबारी प्रतीक खंडेलवाल ने यह सनसनीखेज आरोप पूर्व विधायक एवं भाजपा नेता रणवीर जाटव पर लगाया है। उनका कहना है कि जाटव और उनके परिवार ने गोहद के  पिपरसाना स्थित उनके क्रेशर प्लांट पर जबरन कब्जा कर लिया है। उन्होंने सत्तारूढ़ दल के नेता  होने का लाभ उठाते हुए विरोध करने पर उनके परिवार पर झूठा हरिजन एक्ट का मामला दर्ज करवा दिया। 

क्रेशर कारोबारी प्रतीक खंडेलवाल ने अपने परिवार के साथ ग्वालियर में एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीजी इंफ्राटेक नामक फर्म को उन्होंने 2017 में बनाया था और इसी के नाम से अपने पार्टनर चेतन प्रकाश गुप्ता के साथ क्रेशर का काम शुरू किया था लेकिन लेकिन चेतन प्रकाश से उनकी अनबन हो गई जिसके बाद चेतन प्रकाश और पूर्व विधायक रणवीर जाटव ने फर्जी दस्तावेज तैयार करके उनका क्रेशर प्लांट अपनी साली मोनिका मौर्य के नाम कर लिया और जबरन प्लांट पर कब्जा कर लिया। अब रणवीर जाटव उनके सहयोगी शैलेंद्र यादव द्वारा लगातार उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। 

ग्वालियर के श्री राम कॉलोनी स्थित उनके पुश्तैनी मकान पर भी अफसरों की मिलीभगत से तोड़ने के आदेश जारी करवा दिए गए हैं । जबकि उनका मकान श्री राम कॉलोनी में सबसे पुराना है और विधिवत अनुमति लेकर उसे बनाया गया है कारोबारी का कहना है कि क्रेशर प्लांट पर कब्जा करने के लिए विधायक पूर्व विधायक रणवीर जाटव उनके पूर्व पार्टनर चेतन प्रकाश गुप्ता ने फर्जी दस्तावेज तैयार कराए। फरवरी का कहना है कि उन्होंने भिंड प्रशासन ग्वालियर प्रशासन भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों तक अपनी आपबीती सुनाई लेकिन कोई भी उनकी सुनने वाला नहीं है। लिहाजा उनके पास परिवार सहित आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं बचा है।

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