सुरक्षा में अहम भूमिका निभाएंगे ये बेज़ुबान नन्हे सिपाही

 ट्रेंड होने पर आगे चलकर…

सुरक्षा  में अहम भूमिका निभाएंगे ये बेज़ुबान नन्हे सिपाही

भोपाल। पीटीएस डॉग के नवागत देसी श्वानों के प्रशिक्षण कार्यक्रम भदभदा स्थित पुलिस प्रशिक्षण स्कूल 23 वी वाहिनी वी सबल भोपाल  एडीजी एसएएफ मिलिंद कानस्कर के निर्देशन पर प्रशिक्षण का शुभारंभ किया गया । इस दौरान सेनानी 23 वी वाहिनी मो. यूसुफ कुरैशी द्वारा परिसर का भ्रमण तथा नवागत  स्वान के स्वास्थ्य व अन्य पहलुओं का जायजा भी लिया और आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने मन की बात कार्यक्रम में देसी नस्ल के  स्वानो की उपयोगिता, दक्षता व महत्वता को इंगित किया था। 

इसी तारतम्य में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विशेष सशस्त्र बल मिलिंद कानस्कर के मार्गदर्शन एवं सेनानी 23 भी वाहनी मोहम्मद यूनुस कुरेशी के नेतृत्व में पुलिस प्रशिक्षण स्कूल डॉग भोपाल द्वारा भी उन्नत देसी नस्ल के स्वान का प्रशिक्षण  प्रारंभ किया जा रहा है जिन्हें मुधोल हाउंड . रामपुर हाउंड. राजापलायम कन्नी ,कौम्बाई . चिप्पीपराई प्रजाति के लगभग डेढ़ दर्जन स्वान शामिल किए गए हैं। वेटरनरी डॉक्टर को दिए यह निर्देश,,, प्रतिदिन स्थानों के स्वास्थ्य का परीक्षण किया जाए। 

उनका तापमान व अन्य स्वास्थ्य संकेतों का ध्यान रखा जाए। पर्क्स द्वारा पोषण की उचित मात्रा ली जा रही है या नहीं। साइक्लोजिकल बिहेवियर पर नजर रखी जाए। किसी प्रकार का संक्रमण ना लगे इस हेतु आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। डॉक्टर ने बताया कि सभी स्वान के स्वास्थ्य की स्थिति ठीक है वह सभी का व्यवहार सामान्य है। पीटीएस डॉग के प्रशासनिक अधिकारियों को प्रदत्त निर्देश... केनल की समय-समय पर सफाई की जाए। केनल को वार्निंग ट्रीटमेंट, एंटी- माइट व टिक्स ट्रीटमेंट कराया जाए। प्रत्येक स्थान हेतु एक योग्य डॉग हैंडलर रखा जाए। 

प्रत्येक स्वान से व्यक्तिगत लगाओ विकसित करें। उसके स्वास्थ्य व व्यवहार पर नजर रखें ।ट्रेनिंग के प्रत्येक स्टेप को बारीकी से सिखाएं। समय पर सफाई से अच्छा खाना व पानी दें। ग्रूमिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए ।स्वान बच्चों को किसी प्रकार की चोट ना लगे। इस प्रकार पुलिस प्रशिक्षण स्कूल में एक अनुभवी पहल के तौर पर इस प्रशिक्षण को प्रारंभ किया है ।ज्ञातव्य है कि आर्मी व पैरा मिलिट्री द्वारा देसी प्रजाति के श्वानों का विभिन्न प्रकार से उपयोग किया जाता रहा है। लेकिन पुलिस के तौर पर अब मध्य प्रदेश पुलिस ऐसा करने वाली पहली पुलिस इकाई बन गई है।


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