ईमानदार व्यापारी को प्रताड़ित नहीं होने देंगे : डॉ. चौधरी

कैट के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात में कहा...

ईमानदार व्यापारी को प्रताड़ित नहीं होने देंगे : डॉ. चौधरी

ग्वालियर। मध्यप्रदेश शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि किसी भी ईमानदार व्यापारी को अधिकारी प्रताड़ित ना करें। हमने इस बात का ध्यान रखा है कि मिलावट के खिलाफ चल रहे अभियान में नागरिकों की जान की सुरक्षा शासन का दायित्व है। किन्तु ईमानदार व्यापारी भयमुक्त वातावरण में व्यापार करे, इसकी जिम्मेदारी भी अधिकारियों की ही है। उन्होंने व्यापारियों से कहा है कि चलित मोबाइल के माध्यम से अपने सेम्पल की जांच करा सकते हैं अथवा जो सामग्री आप क्रय कर रहे हैं उस सामग्री की भी जांच करा सकते हैं। उन्होंने नीमच के खाद्य सुरक्षा अधिकारी को अविलम्ब स्थानान्तरण करके उसे रिलीव किया और प्रदेश के सभी लोगों को यह संदेश देने की कोशिश की है कि व्यापारियों के साथ अन्याय ना किया जाये। 

आज उनके निवास पर कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) मध्यप्रदेश के प्रतिनिधिमंडल ने चर्चा की। कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन, संयुक्त अध्यक्ष सुनील अग्रवाल, उपाध्यक्ष सुनील जैन 501, भोपाल संभाग अध्यक्ष मुरली हरवानी (मनोहर डेयरी), ग्वालियर दाल बाजार संयोजक दिलीप पंजवानी, भोपाल कैट अध्यक्ष रामबाबू शर्मा, कैट नीमच के अध्यक्ष दीपक असनानी, प्रदीप पाराशर, मनीष भार्गव, अविचल जैन आदि ने मध्यप्रदेश में व्यापारियों के साथ की जा रही चार सौ बीसी, रासुका जैसी कडी कार्यवाहियों की जानकारी दी और बताया कि खाद्य कानून की भावना के अनुसार जो अवसर हमें मिलना चाहिए था, वो प्राप्त नहीं हो रहा है। 

और सेम्पल की जांच रिपोर्ट आने से पहले ही व्यापारी को अपराधी बनाकर उसके खिलाफ कार्यवाही प्रस्तावित कर दी जाती है और चार सौ बीसी का मुकदमा दर्ज कर दिया जाता है जो कि प्राकृतिक न्याय के विरुद्ध है एवं कानून की भावना के खिलाफ है। इस अवसर पर व्यापारियों ने अनेक ऐसे प्रकरण स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी को बताये जिनमें मनमानी कार्यवाही की गयी है। शीघ्र ही भोपाल में राज्य स्तरीय जागरूकता सम्मेलन आयोजित किया जायेगा, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री को आमंत्रित किया गया है। कैट मध्यप्रदेश अध्यक्ष भूपेन्द्र जैन ने सभी व्यापारियों से अनुरोध किया है कि वे मानव जीवन के लिए खतरनाक किसी भी प्रकार की ऐसी वस्तुओं का क्रय-विक्रय ना करें जो जनहित के लिए हानिकारक हों।

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