प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी

भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत...

प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू को लेकर सतर्कता बरतने के निर्देश जारी

ग्वालियर। प्रदेश के कुछ हिस्सों में हुई कौओं की मृत्यु को ध्यान में रखकर प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं। पशुपालन विभाग द्वारा जारी निर्देशों में उल्लेख किया गया है कि  किसी भी कारण से कौओं और पक्षियों की मृत्यु की सूचना मिलने पर रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों के तहत कार्यवाही सुनिश्चित की जाए। ज्ञात हो प्रदेश में 23 दिसम्बर से 3 जनवरी, 2021 तक इंदौर में 142, मंदसौर में 100, आगर-मालवा में 112, खरगोन जिले में 13, सीहोर में 9 कौओं की मृत्यु हुई है। मृत कौओं के सैम्पल भोपाल स्थित स्टेट डी.आई. लैब तत्काल भेजे जा रहे हैं। इंदौर में कंट्रोल-रूम की स्थापना कर रेपिड रिस्पांस टीम द्वारा कार्यवाही की जा रही है। जिलों में पदस्थ पशुपालन विभाग के अधिकारियों से कहा गया है कि कौओं की मृत्यु की सूचना प्राप्त होते ही जिला कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्थानीय प्रशासन और अन्य विभागों के समन्वय से तत्काल नियंत्रण एवं शमन की कार्यवाही कर रिपोर्ट संचालनालय भेजें। 

तत्काल संबंधित स्थल का भ्रमण कर आसपास के क्षेत्रों में भी रोग उदभेद नियंत्रण एवं शमन की कार्यवाही सुनिश्चित करें। पोल्ट्री एवं पोल्ट्री उत्पाद बाजार, फार्म, जलाशयों एवं प्रवासी पक्षियों पर विशेष निगरानी रखते हुए प्रवासी पक्षियों के नमूने एकत्र कर भोपाल लैब को भेजें। रोग नियंत्रण कार्य में लगे हुए अमले को स्वास्थ्य विभाग द्वारा पीपीई किट, एंटी वायरल ड्रग, मृत पक्षियों, संक्रमित सामग्री एवं आहार का डिस्पोजल और डिसइन्फेक्शन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं। पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल ने बताया कि कौओं में पाया जाने वाला वायरस H5N8 अभी तक मुर्गियों में नहीं मिला है। मुर्गियों में पाया जाने वाला वायरस सामान्यत: H5N1 होता है। श्री पटेल ने लोगों से अपील की है कि पक्षियों पर नजर रखें। 

यदि पक्षियों की आँख, गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, आँखों से रिसाव हो रहा है, कलगी और टांगों में नीलापन आ रहा है, अचानक कमजोरी, पंख गिरना, पक्षियों की फुर्ती, आहार और अंडे देने में कमी दिखाई देने के साथ असामान्य मृत्यु दर बढ़े, तो सतर्क हो जायें। इसे कदापि छुपाएँ नहीं, वरना यह परिवार के स्वास्थ्य के लिये नुकसानदायक हो सकता है। पक्षियों की मृत्यु की सूचना तत्काल स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था या पशु चिकित्सा अधिकारी को दें। श्री पटेल ने बताया कि प्रदेश के सभी जिलों में बर्ड फ्लू सर्विलांस का काम जारी है। प्रदेश के कुक्कुट फार्म, कुक्कुट बाजार, जलाशयों आदि की सतत निगरानी की जा रही है। कौओं और पक्षियों के नमूने एकत्र कर स्टेट डी.आई. लैब, भोपाल के माध्यम से भारतीय उच्च सुरक्षा, पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (NIHSAD) भोपाल को नियमित भेजे जा रहे हैं। जिलों में जिला प्रशासन, पशुपालन, वन, स्वास्थ्य विभाग आदि के समन्वय से रोग नियंत्रण की कार्यवाही जारी है।

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