तीनों कृषि कानूनों से बदलेगी देश के किसानों की तकदीर : श्री तोमर

केन्द्र सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिये संकल्पित…

तीनों कृषि कानूनों से बदलेगी देश के किसानों की तकदीर : श्री तोमर

देश के केन्द्रीय पंचायतीराज, ग्रामीण विकास और कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा है कि नए कृषि बिल से देश के किसानों की तकदीर और तस्वीर बदलेगी। यह कानून किसानों के हित संरक्षण और उनकी माँगों के अनुरूप बनाया गया है। इस कृषि कानून में समर्थन मूल्य को खत्म नहीं किया जायेगा। कृषि उपज मंडियों को भी बंद नहीं किया जायेगा। किसान अपनी फसलों को देश के अन्य राज्यों जहां उसे उचित मूल्य मिलेगा बेच सकेंगे। किसान फसल उगाने से पहले ही उपज दाम तय कर सकेंगे। कृषि कानूनों के तहत खरीददारों को समय पर किसानों को भुगतान करना होगा, वरना कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। कानून के तहत किसान अपनी इच्छानुसार कभी भी समझौते को समाप्त करके जहाँ उसे उचित मूल्य मिलेगा वहाँ अपनी फसल बेच सकेगा। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर बुधवार को फूलबाग में आयोजित भव्य किसान सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। 

इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की सरकार किसानों के हित संरक्षण के लिये संकल्पित है। उन्होंने कहा कि अन्नदाता देश, प्रदेश का ही नहीं पूरे विश्व के लोगों का पेट भरता है। फसल बोते समय खाद-बीज डालने के साथ-साथ अपना पसीना बहाकर एक वटवृक्ष तैयार करके हम तक फसल पहुँचाता है। आज चंद लोग किसानों के हित संरक्षण के लिये बनाए कानून में रोड़ा अटका रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आतिथ्य में रीवा में आयोजित कार्यक्रम का एलईडी पर सीधा प्रसारण किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पूरे प्रदेश में 35 लाख 50 हजार किसानों के खातों में अंतरित राशि 1600 करोड़ रूपए आगामी 18 दिसम्बर 2020 से जमा कराई जायेगी। इसमें पूर्व की बकाया राशि के अलावा इस वर्ष सोयाबीन फसलों के नुकसान और अन्य फसल क्षति की राहत राशि भी शामिल रहेगी। 

सम्मेलन में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, सहकारिता मंत्री ओ पी एस भदौरिया, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह, सांसद विवेक नारायण शेजवलकर, संध्या राय, के पी यादव, अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष लाल सिंह आर्य, पूर्व राज्य मंत्री गिर्राजराज दण्डौतिया, ग्वालियर-चंबल संभाग की विधानसभा क्षेत्रों के विधायक, पूर्व विधायक, जिला भाजपा अध्यक्ष सहित दोनों संभागों के जिलों के किसान बड़ी संख्या में उपस्थित थे। किसान सम्मेलन को संबोधित करते हुए केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायतीराज एवं कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि दक्षिण भारत सहित अन्य राज्यों के किसानों ने केन्द्र सरकार द्वारा पारित किसान हितैषी अध्यादेश का तहेदिल से स्वागत किया है। वहीं पंजाब, हरियाणा के किसानों को विपक्षी राजनैतिक दलों द्वारा भड़काया जा रहा है ताकि वे किसानों की आड़ में राजनैतिक रोटियां सेक सकें। उन्होंने कहा कि नए कृषि कानून में किसानों के हितों को पूरी तरह सुरक्षित रखकर ही बनाया है। 

यह कानून पूरी तरह किसान हितैषी है जिसे किसानों को समझना होगा। उन्होंने देश के सभी किसानों से अपील की है कि वे किसी भी राजनैतिक दल के बहकावे में न आएँ। केन्द्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 2014 से लगातार किसानों के कल्याण के लिये प्रयास कर रहे है। उन्होंने कहा कि किसानों की फसलों से आमदनी का धंधा तभी बन सकेगा, जब परंपरागत खेती को छोड़कर किसान आधुनिक तकनीकी को अपनाकर विभिन्न आयामों से जुड़ें, ताकि किसान आमदनी मुनाफे की श्रेणी में आ जाये। इसके लिये केन्द्र सरकार के साथ प्रदेश सरकारों को आगे कदम बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पहले समर्थन मूल्य लमसम तय होता था, लेकिन अब केन्द्र सरकार पहले किसानों द्वारा लगाई लागत को पूछेगी, जितनी किसानों ने लागत लगाई है उसमें 50 प्रतिशत लाभ जोड़कर अब समर्थन मूल्य घोषित किया जायेगा।

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