जनता को प्रणाम करना भाजपा की संस्कृति : शिवराज

बागचीनी में आयोजित मंडल सम्मेलनों में बोले मुख्यमंत्री…

जनता को प्रणाम करना भाजपा की संस्कृति : शिवराज

ग्वालियर। परसों मैंने सुवासरा विधानसभा में जनता को घुटने टेककर प्रणाम किया, तो कांग्रेसी नाराज हो गए। कहने लगे शिवराज ने तो घुटने टेक दिये। कांग्रेस के लोग जनता को कुचलने का काम करते हैं, तबाह करने का काम करते हैं। जनता को कुचलना इनके संस्कार हैं और इन्होंने आपातकाल में भी यही किया था। लेकिन मेरे लिए पूरा प्रदेश मंदिर है, उसमें रहने वाली जनता मेरी भगवान है। इसलिए मैं तो जनता को प्रणाम करूंगा, क्योंकि ये भारतीय जनता पार्टी के संस्कार हैं। मैं एक बार नहीं सत्रह बार जनता को प्रणाम करूंगा और जिसे जलना है, वो जलता रहे। यह बात मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चैहान ने रविवार को भांडेर विधानसभा के उनाव और सुमावली विधानसभा के बागचीनी में आयोजित मंडल सम्मेलनों को संबोधित करते हुए कही। श्री चैहान ने कहा कि 15 साल बाद जब कांग्रेस की सरकार आई, तो हमने सोचा था कि ये सरकार कुछ अच्छा करेगी, वादे पूरे करेगी। लेकिन कांग्रेस की सरकार ने जिस कर्जमाफी के धोखे से जनता को बरगलाया था, वो कर्जमाफी भी पहाड़ नहीं, बल्कि मरी हुई चुहिया निकली। 55 हजार की कर्जमाफी को कमलनाथ सरकार शर्तें जोड़-जोड़कर 6000 करोड़ तक ले आई और इसमें से भी आधी रकम बैंकों के सिर मढ़ दी। उन्होंने कहा कि पार्टी के कार्यकर्ता जनता को बताएं कि कर्जमाफी के नाम पर कमलनाथ सरकार ने किस तरह किसानों को धोखा दिया है। 

श्री चैहान ने कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी ने घोषणा की थी कि हमारी सरकार बनने पर सभी किसानों का दो लाख तक का कर्ज माफ होगा। लेकिन जब सरकार बनी, तो कहने लगे सिर्फ अल्पकालीन फसली ऋण ही माफ होगा। लाखों किसान कर्जमाफी से बाहर हो गए। फिर कहने लगे 31 मार्च 2018 तक का कर्ज माफ करेंगे, कई किसान बाहर हो गए। फिर बोले सिर्फ कालातीत ऋण ही माफ करेगे, चालू खातों का नहीं। फिर कहने लगे जिनका एक ही बैंक में खाता है, उनका कर्जमाफ होगा। श्री चैहान ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने कर्जमाफी के नाम पर जो धोखा दिया है, उससे लाखों किसान मुसीबत में आ गए हैं। उनके सिर पर ब्याज की गठरी चढ़ गई है। लेकिन किसान भाइयो, चिंता मत करना ब्याज की गठरी मामा उतरवाएगा। मुख्यमंत्री श्री चैहान ने कहा कि 23 मार्च को हमारी सरकार बनी तब पता चला कि कमलनाथ सरकार ने फसल बीमा की प्रीमियम के 2200 सौ करोड़ रुपए नहीं भरे। हमने प्रीमियम भरी, जिसके बाद किसानों को 3100 करोड़ की राशि मिली। हमने वर्ष 2019 के रबी और खरीफ सीजन के बीमे के 4688 करोड रुपए 22 लाख किसानों के खाते में डलवाए।  

कमलनाथ सरकार ने 0ः ब्याज पर कर्ज की योजना बंद कर दी थी,  हमने 800 करोड़ रुपए उसके भरे। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के 5340 करोड़ रुपए किसानों के खाते में डलवाए। इससे भी संतोष नहीं हुआ तो हमने 4000 रुपये प्रदेश सरकार की ओर से किसान सम्मान निधि में देने का निर्णय लिया और 3564 करोड रुपए किसानों के खाते में डालेंगे। इस तरह बीते 6 महीनों में हमारी सरकार 17500 करोड़ रुपये किसानों के लिए दे चुकी है। इसके अलावा कमलनाथ सरकार के समय सोयाबीन की फसल खराब हुई थी, जिसकी राहत राशि उन्होंने अभी तक नहीं दी। इसके भी 4000 करोड़ रुपए हम किसानों के खाते में डालेंगे। इसे मिलाकर हमारी सरकार अब तक किसानों पर 21640 करोड़ रुपए खर्च कर चुकी है या करेगी। उन्होंने उपस्थित कार्यकर्ताओं से पूछा कि अब बताइये किस सरकार की योजनाएं ज्यादा अच्छी हैं, कमलनाथ सरकार की या भाजपा सरकार की? श्री चैहान ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने आते ही प्रदेश का विकास ठप्प कर दिया, गरीबों के हित की योजनाएं बंद कर दीं। 

हम बच्चों की फीस भरते थे, कमलनाथ सरकार ने बंद कर दी। हम बहनों को लड्डू के 16000 देते थे, बंद कर दिए। कन्यादान योजना की राशि नहीं दी, मुखिया की मौत पर गरीब परिवारों को मिलने वाली सहायता राशि बंद कर दी। कमलनाथ, तुमने तो गरीबों को अंतिम संस्कार के लिए मिलने वाले 5000 रुपये भी छीन लिए। बुजुर्गों का तीर्थदर्शन बंद करा दिया, बच्चों के लेपटॉप, स्मार्टफोन छीन लिए। श्री चैहान ने उपस्थित कार्यकर्ताओं से पूछा कि ये प्रदेश की जनता के साथ धोखा था कि नहीं था? श्री चैहान ने कहा कि सिंधिया जी ने कमलनाथ को चेताया कि जनता से किए गए वादे पूरे करो। लेकिन उन्होंने सिंधिया जी को सड़क पर उतरने की चुनौती दे दी। सिंधिया जी ने सरकार को सड़क पर ला दिया। श्री चैहान ने कहा कि सिंधिया जी ने आपके लिए,  प्रदेश की जनता के लिए उस बेईमान सरकार को गिरा दिया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ ने वल्लभभवन को लूट का अड्डा बना दिया था। प्रदेश को दलाली का अड्डा बना दिया और उसे बेचने की साजिश कर रहे थे। इसलिए सिंधिया जी ने सरकार गिराई।

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