गणेश चतुर्थी आज, दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत

गणेश चतुर्थी पर ना करें ये 5 गलतियां…

गणेश चतुर्थी आज, दस दिवसीय गणेश उत्सव की शुरुआत 

गणेश उत्सव के पहले दिन श्री गणेश जी की घर में स्थापना की जाती है और पूरे दस दिनों तक उनकी विधि-विधान से पूजा करके आखिरी दिन गणेश विसर्जन किया जाता है।  कई लोग एक दिन, तीन दिन, पांच दिन या सात दिनों के लिये भी गणपति जी को घर पर लाते हैं और उसके बाद उनका विसर्जन करते हैं। श्री गणेश भगवान की कृपा से इन दस दिनों के दौरान आपकी मनचाही सभी इच्छाएं पूरी हो सकती हैं। गणपति जी आपकी हर समस्या का समाधान निकालने के लिये आपके साथ ही मौजूद होंगे।

गणेश चतुर्थी का  शुभ मुहूर्त

चतुर्थी तिथि प्रारंभ- 21 अगस्त  को 11 बजकर 4 मिनट से।

चतुर्थी तिथि समाप्त- 22 अगस्त को शाम 7 बजकर 58 मिनट। 

मध्यान्ह पूजन मुहूर्त –  सुबह 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 1 बजकर 57  मिनट तक

वर्जित चंद्रदर्शन का समय – रात 8 बजकर 47 मिनट से 9 बजकर 22 मिनट तक।

ऐसे करें भगवान गणेश की स्थापना

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों ने निवृत्त होकर स्नान करें। गणपति का स्मरण करते हुए पूजा की पूरी तैयारी कर लें। इस दिन लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक कोरे कलश में जल भरकर उसमें सुपारी डालें और उसे कोरे कपड़े से बांधना चाहिए। इसके बाद सही दिशा में चौकी स्थापित करके उसमें लाल रंग का कपड़ा बिछा दें। स्थापना से पहले गणपति को पंचामृत से स्नान कराएं। इसके बाद गंगाजल से स्नान कराकर चौकी में जयकारे लगाते हुए स्थापित करें। इसके साथ रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रख दें। 

पूजा विधि

स्थापना के बाद गणपति को फूल की मदद से जल अर्पण करें। इसके बाद रोली, अक्षत और चांदी की वर्क लगाए। इसके बाद लाल रंग का पुष्प, जनेऊ, दूब, पान में सुपारी, लौंग,त इलायची और कोई मिठाई रखकर चढ़ाए। इसके बाद नारियल और भोग में मोदक अर्पित करें। षोडशोपचार के साथ उनका पूजन करे। गणेश जी को दक्षिणा अर्पित कर उन्हें 21 लड्डूओं का भोग लगाएं।  सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान  गणेश की आरती करें। इसके बाद इस मंत्र का जाप करें। 

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।

निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥


आइए आपको बताते हैं कि गणेश चतुर्थी पर क्या करना अशुभ माना जाता है -

1. हिंदू धर्म के अनुसार गणेश चतुर्थी के दिन चंद्रमा के दर्शन नहीं करने चाहिए. यदि आप भूलवश चंद्रमा का दर्शन कर भी लें तो जमीन से एक पत्थर का टुकड़ा उठाकर पीछे की तरफ फेंक दें.

2. गणेश चतुर्थी की पूजा में किसी भी व्यक्ति को नीले और काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए. ऐसे में लाल और पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ होता है.

4. गणपति की पूजा करते वक्त कभी तुलसी के पत्ते नहीं चढ़ाने चाहिए. मान्यता है कि तुलसी ने भगवान गणेश को लम्बोदर और गजमुख कहकर शादी का प्रस्ताव दिया था. गणेश भगवान ने नाराज होकर उन्हें श्राप दिया था.

4. गणपति की पूजा में नई मूर्ति का इस्तेमाल करें. पुरानी मूर्ति को विसर्जित कर दें. घर में गणेश की दो मूर्तियां भी नहीं रखनी चाहिए.

5. भगवान गणेश की मूर्ति के पास अगर अंधेरा हो तो ऐसे में उनके दर्शन नहीं करने चाहिए. अंधेरे में भगवान की मूर्ति के दर्शन करना अशुभ माना जाता है.

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