योग दिवस पर ऑनलाईन योगाभ्यास संपन्न

कोरोना संक्रमण के दौर में विश्व भर में…
योग दिवस पर ऑनलाईन योगाभ्यास संपन्न

ग्वालियर। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन पूरे विश्व भर में हमारे ऋषि मुनियों द्वारा सिखाये गये प्राचीन योग को सभी के द्वारा सामूहिक योगाभ्यास के माध्यम से किया जाता है । अतः सभी के द्वारा इस योग प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल होने का प्रण भी किया जाता है। आज ऐसे समय में जहाँ चारो ओर महामारी फैली हुई तो लोग एकत्रित तो नहीं हो सकते लेकिन सभी अपने अपने घरों में रहकर योग अवश्य कर सकते है | इसी बात को ध्यान में रखकर सभी को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा लश्कर ग्वालियर द्वारा आज के दिन संस्थान से जुड़े हुए सभी भाई बहनों के लिए ऑनलाईन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने अपने अपने घरों पर रहकर ऑनलाइन एक साथ योगाभ्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत पिता परमात्मा कि याद से की गई । 

तत्पश्चात बी.के. ज्योति बहन ने परमात्मा के महावाक्य के आधार पर योग का जीवन में महत्त्व बताया और निरंतर योगी जीवन जीवन जीने की बात कही| इसके बाद बी के डॉ गुरचरन भाई जी ने सभी का शब्दों के द्वारा स्वागत किया और कहा कि जहाँ एक ओर हम शारीरिक स्वस्थ्य की ओर ध्यान देते है वही साथ साथ हमें अपने आध्यात्मिक स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान देना चाहिये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज के दिन सभी को संकल्प लेना चाहिए कि योग, प्राणायाम, ध्यान को हम अपने जीवन का हिस्सा बनायेंगे | कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवाकेंद्र संचालिका बी के आदर्श दीदी जी ने सभी को योग दिवस कि शुभकामनाएँ दी और कहा कि पिछले 84 वर्षों से पिता परमात्मा शिव हमे योगी जीवन जीने की शिक्षाएं प्रदान कर रहे है, आवश्यकता है हमे जीवन में इन्हें आत्मसात करने की जिससे हम अपने जीवन को सशक्त और खुशहाल बना सकेंगें | 

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि हमें स्वस्थ्य रहना है तो योगा करें, एक्सरसाइज करें या सुबह शाम वॉक करें| इसके साथ ही उन्होंने परमात्मा से सभी के स्वस्थ्य रहने कि मंगल कामना भी की | इसके तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में मुख्यालय माउंट आबू से ऑनलाइन जुड़े बी के गंगाधर भाई जी, जो कि ओम शांति मीडिया के मुख्य संपादक है | उन्होंने आज के दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग हमारी आतंरिक समरसता का ही दूसरा नाम है । पिता परमात्मा द्वारा सिखाये जा रहे योग में हम अपने आप को स्व स्थिति में स्थित कर पिता परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ते है। क्योकि योग का शाब्दिक अर्थ सम्बन्ध जोड़ या कनेक्शन भी होता है अर्थात् हम आत्माओं का सम्बन्ध उस सर्वोच्च सत्ता के साथ जोड़ना जिसके आधार पर हम अपने आप को स्वस्थ्य और शक्तिशाली बना सकते हैं जिसे हम राजयोग भी कहते हैं  ।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अगर हम विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के साथ ही पिता परमात्मा की याद का भी समावेश कर लें तो हमें संपूर्ण स्वास्थ लाभ प्राप्त हो सकता है । क्योंकि ज्यादातर बीमारियां आज तनाव के कारण हो रही हैं तो स्वयं को अनेक बीमारियों से बचाने के लिए परमात्मा की याद को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना अति आवश्यक है । तो हम तन से और मन से स्वस्थ्य रह सकते है | इसके साथ ही आपने कहा कि योग के द्वारा हमारे कर्मों में भी कुशलता आती है | हर व्यक्ति को थोडा समय प्रितिदिन अपनी दिनचर्या में से योगाभ्यास और ध्यान के लिए समय निकलना ही चाहिए | ऐसे करने पर वह अपने जीवन का सही रीति से आनंद ले सकता है | कार्यक्रम के अंत में बी के प्रह्लाद भाई ने सभी को 45 मिनट तक योग क्रियाओं का अभ्यास कराया । जिसका लाभ अनेकानेक लोंगो ने लिया | इसके साथ ही कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी को धन्यवाद भी दिया |

Comments