हर जरूरतमंद को भोजन, पानी उपलब्ध करा रहे हैं “इंसानियत के सिपाही”

शहर से निकलने वाले…
हर जरूरतमंद को भोजन, पानी उपलब्ध करा रहे हैं “इंसानियत के सिपाही” 

ग्वालियर। भारतीय संस्कृति में अतिथि को भगवान का दर्जा दिया गया है। अतिथि को संतुष्ट करना हमारा ध्येय भी होता है। नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के दौर में देशभर में अनेक समाजसेवी तन-मन-धन से सेवा कार्य कर रहे हैं। ग्वालियर में भी अनेक समाजसेवी संस्थायें शासन-प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर समाजसेवा के कार्य में लगे हैं। लॉकडाउन के दौरान देशभर में अपने कार्य के कारण फँसे हुए लोगों को उनके घर तक पहुँचाने के लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विशेष पहल की है। देशभर के कौने-कौने से मध्यप्रदेश के लोग अपने घरों के लिये वापस लौट रहे हैं। इसके साथ ही प्रदेश भर से अनेक लोग देश के अनेक प्रदेशों में अपने घर के लिये रवाना हो रहे हैं। 

ग्वालियर से गुजरने वाले हर व्यक्ति को भोजन, पानी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी शासन-प्रशासन के साथ समाजसेवियों ने भी उठा रखी है। ग्वालियर के गोपाल सिंह गुर्जर ने भी समाजसेवा के लिये अपना निजी ढाबा न केवल समाजसेवियों को सौंप दिया है, बल्कि स्वयं भी दिन-भर जरूरतमंदों को भोजन उपलब्ध कराने के लिये कार्य कर रहे हैं। गोपाल सिंह गुर्जर बाईपास रोड़ पर स्थित अपने ढाबे पर सुबह से ही लोगों को भोजन, पानी उपलब्ध कराने के लिये लगे रहते हैं। “इंसानियत के सिपाही” बैनर तले समाजसेवियों के साथ-साथ गोपाल सिंह गुर्जर भी अपने नैतिक दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं। 

गोपाल सिंह गुर्जर ने व्यवसाय के लिये बाइपास रोड पर एक ढाबे का निर्माण किया है। इस ढाबे का शुभारंभ भी नहीं हो पाया था। नोवेल कोरोना वायरस के कारण पूरे देश भर में लॉकडाउन की घोषणा हो गई। लॉकडाउन के कारण अपने ढाबे का शुभारंभ न कर पाए। परंतु सामाजिक संस्थाओं द्वारा सड़क मार्ग से गुजर रहे श्रमिकों और जरूरतमंदों को भोजन की उपलब्धता कराते देख उन्होंने अपना ढाबा स्वयं ही बिना शुभारंभ के प्रारंभ कर दिया है। उनका कहना है कि प्रतिदिन एक हजार से अधिक लोग ढाबे पर आकर रूकते हैं और भोजन, पानी करने के साथ ही विश्राम कर अपने गंतव्य के लिये रवाना हो रहे हैं। लोगों को भोजन, पानी उपलब्ध कराने से जो सुख मिल रहा है उसकी कीमत उनके अनुसार अनमोल है। 

ग्वालियर के ही वरिष्ठ पत्रकार एवं समाजसेवी डॉ. राकेश पाठक भी इस पुनीत कार्य में सहभागी बने हैं। “इंसानियत के सिपाही” संस्थान के माध्यम से शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक, समाजसेवी, उद्योगपति एवं प्रशासनिक अधिकारियों के सहयोग से ग्वालियर शहर से गुजरने वाले श्रमिकों एवं जरूरतमंदों को भोजन, पानी की व्यवस्थाओं का जिम्मा उठाए हुए हैं। 

ग्वालियर से निकलने वाले बायपास रोड से ग्वालियर से दिल्ली और ग्वालियर से झाँसी उत्तरप्रदेश की ओर जाने वाले अनेकों श्रमिक एवं जरूरतमंद इस ढाबे पर रूककर नि:शुल्क भोजन, पानी की व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं। इसके साथ ही समाजसेवियों द्वारा यहां पर जरूरतमंदों के लिये जूते-चप्पल भी नि:शुल्क उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। कई श्रमिक एवं जरूरतमंद पैदल-पैदल चलकर भी अपने गाँव की ओर पहुँचने के लिये निकल पड़े हैं। ऐसे लोगों के लिये भी ढाबे पर नहाने, धोने की व्यवस्था के साथ-साथ भोजन, पानी और उनके साथ चल रहे बच्चो के लिये बिस्किट एवं टॉफी की व्यवस्था भी की गई है। 

नगर निगम आयुक्त संदीप माकिन ने भी शनिवार को समाजसेवियों द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और अपने हाथों से जरूरतमंदों को भोजन प्रदान किया। इसके साथ ही जरूरतमंद लोगों को टॉफी, बिस्किट, फल और जूते-चप्पल भी प्रदान किए। नगर निगम प्रशासन द्वारा भी ऐसे समाजसेवियों को हर संभव मदद की जा रही है।
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