कोटा से मुरैना पहुंचे छात्रों ने मामा को कहा धन्यवाद

कलेक्टर की पहल को सभी पालकों ने खूब सराहा...

कोटा से मुरैना पहुंचे छात्रों ने मामा को कहा धन्यवाद 


मुरैना।  लॉकडाउन की वजह से कोटा में फंसे मुरैना के 97 छात्रों का जत्था गुरूवार को श्योपुर के रास्ते से मुरैना पहुंचा। बस से उतरते ही बच्चे खुशी से झूम उठे और पालकों के बच्चों को देखते ही खुशी के आंसू झलक आयें। कोविड-19 के कारण बनी विषम परिस्थिति से निकालकर मुरैना पहुंचने के लिए विशेष बसों का इंतजाम कराने के लिए छात्रों ने चहकते चेहरों और खिली मुस्कान के साथ अपने मुख्यमंत्री मामा शिवराज सिंह चैहान को थैंक्यू मामा कहा। छात्रों ने इस नेक पहल के लिए कलेक्टर श्रीमती प्रियंका दास की भी जमकर प्रशंसा की। जिन्होंने छात्रों को कोटा से सकुशल यहां लाने के लिए शासन और प्रशासन स्तर के शीर्षस्थ अधिकारियों से लगातार संवाद करतीं रहीं। उन्होंने संयुक्त कलेक्टर एलके माण्डे व उनके टीम के साथ 5 बसों से सकुश बच्चों को मुरैना लाया गया।

कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर कोटा से लाये गये सभी बच्चों की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी। उन्हें सेनेटाइज किया गया। बच्चों को 14 दिन के लिए होम क्वारेंटाइन किया गया है। बच्चों के मोबाइल में सार्थक एप डाउनलोड करवा दिया गया है। सभी बच्चों का डाटा रिकार्ड कर लिया गया है।  कोटा से मुरैना आए छात्रा कु. नेहा अग्रवाल पुत्री रामअवतार अग्रवाल निवासी नैनागढ़ रोड़ मुरैना ने कहा कि शासन द्वारा अच्छी फेसेलिटी दी है। हम अपने परिवार में सकुशल आ चुके है। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान जी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया।

कोटा से घर वापस आने पर वे सभी बहुत खुश हैं। छात्रों ने कहा कि कोटा से मुरैना तक बस से आने के दौरान भी प्रशासन ने उनके खाने-पीने का अच्छा प्रबंध किया था। उल्लेखनीय है कि, कोरोना वायरस के संक्रमण की इन विषम परिस्थितियों में हजारों की संख्या में ऐसे विद्यार्थी जो कोटा में पढ़ाई कर रहे थे, वे लॉक डाउन के आदेश के उपरांत अपने घर नहीं पहुंच पाए।

छात्र आकाश उपाध्याय सुभाष नगर मुरैना ने बताया कि कोटा में रहकर टेस्ट की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि कोटा में खाने-पीने की भी बहुत दिक्कत हो रही थी। ऐसे में यहां पहुंचकर उन्हें और उनकी साथी राधिका पुत्री विनोद गुप्ता दत्तपुरा को भी बेहद खुशी हो रही है। राज्य सरकार से प्राप्त निर्देश के अनुसार एक कार्य योजना बनाई गई। जिसके बाद विद्यार्थियों को पूर्ण सावधानी बरतकर मुरैना लाया गया।

घर वापस आई छात्रा पलक पुत्री प्रदीप गर्ग ने बताया कि दूसरे लॉकडाउन के बाद वे ना केवल मानसिक रूप से परेशान थीं, बल्कि उनकी पढ़ाई भी नहीं हो रही थी। राज्य सरकार द्वारा उन्हें सुरक्षित घर वापस लाया गया, जिसका वे तहे दिल से आभार व्यक्त करते हैं। मुरैना पहुंचकर उन्हें विभिन्न दिशा-निर्देश दिए गए कि, किस प्रकार से उन्हें अपना एवं अपने सामान को सैनिटाइज करना है और कैसे सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखना है।   

जिला प्रशासन द्वारा छात्रों को कोरोना वायरस के चलते रखी जाने वाली विभिन्न सावधानियों से अवगत कराया गया। उन्हें घर में भी मास्क पहनने की समझाइश दी गई। बार-बार हाथ धोना, सैनिटाइजर का उपयोग करना, किसी भी प्रकार की भीड़भाड़ वाली जगह ना जाना एवं यात्रा ना करने के निर्देश दिए गए। साथ ही अनुशासन में रहने की समझाइश दी गई। इसके अतिरिक्त उन्हें बच्चों एवं बुजुर्गों से ना मिलने एवं सोशल डिस्टेंस बनाए रखने के निर्देश दिए गए। बच्चे सकुशल घर आये तो पालक प्रदीप गर्ग और आलोक अग्रवाल ने जिला प्रशासन की पहल को सभी ने खूब सराहा।

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