G.News 24 : तेज बारिश ओले गिरे, बिजली गिरने से 8 की मौत

बेमौसम बारिश का दौरा जारी...

तेज बारिश ओले गिरे, बिजली गिरने से 8 की मौत

मध्यप्रदेश में लगातार दूसरे दिन बेमौसम बारिश का दौरा जारी है। शुक्रवार को प्रदेश के मालवा-निमाड़ और बुंदेलखंड के कई इलाकों में तेज बारिश और ओले गिरे। इससे फसलों को भारी नुकसान हुआ है। ग्वालियर के घाटीगांव, आरोन पाटई में भी ओले गिरे हैं। नर्मदापुरम, सागर, बैतूल, रायसेन, अशोकनगर और धार जिले में आकाशीय बिजली गिरने से 8 लोगों की मौत हो गई है। दरअसल, मध्यप्रदेश में 16 मार्च से बारिश का सिस्टम एक्टिव है। जिसके तहत सागर, अशोकनगर और खरगोन समेत कई जिलों में ओले गिरे। उज्जैन, दमोह के पथरिया, देवास, रायसेन, आगर-मालवा में तेज बारिश हुई। जबलपुर और नर्मदापुरम में बूंदाबांदी हुई। वहीं, भोपाल, ग्वालियर और गुना में बादल छाए रहे। निवाड़ी जिले में शुक्रवार शाम तेज गरज के साथ बारिश हुई। इससे खेतों में पानी भर गया। कई गांव में ओले भी गिरे।

तीन लोगों की मौत, पांच घायल

रायसेन जिले की तहसील गैरतंगज में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की मौत हो गई। वहीं 5 लोग घायल हो गए। रजपुरा गांव में पप्पू साहू (22) खेत में काम कर रहा था। इसी दौरान बिजली की चपेट में आ गया। वहीं सोडरपुर में किसान इंद्रजीत विश्वकर्मा फसल निकालने के लिए थ्रेसिंग कर रहा था। उसी दौरान वह घायल हो गया। अस्पताल में उसकी मौत हो गई। 5 अन्य घायलों का सिविल अस्पताल में इलाज किया जा रहा है। वहीं औबेदुल्लागंज में भी एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई है।

एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि, एक की मौत

अशोकनगर के मुंगावली में करीब एक दर्जन गांवों में ओलावृष्टि हुई। इससे किसानों की फसल बर्बाद हो गई। वहीं आकाशीय बिजली गिरने से बरखाना गांव में इंद्रपाल यादव (30) की मौत हो गई। वह खेत से अपने घर लौट रहा था। पानी तेज होने पर पेड़ के नीचे खड़ा था। इसी दौरान पेड़ पर बिजली गिर गई। बारिश बंद होने पर लोगों ने उसे देखा और अस्पताल पहुंचाया।

20 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे

सागर जिले के जैसीनगर, बीना, देवरी और केसली के भी एक दर्जन से ज्यादा गांवों में करीब 20 मिनट तक बेर के आकार के ओले गिरे हैं। बीना क्षेत्र के सेमरखेड़ी, निवोदा, रुसल्ला, बेरखेरी माफी, बिलाखना, हिन्नौद, हड़कल जैन, गिरोल, देहरी, बेथनी, पट्टी, जोध समेत कई गांवों में ओले गिरे।धार के बदनावर में भी बरसे बदरा

धार जिले के बदनावर क्षेत्र में शुक्रवार शाम को तेज बारिश हुई। कोद गांव और इसके आसपास बारिश के साथ ओले भी गिरे। यहां करीब 5 मिनट तक मक्का के आकार के ओले गिरे। इससे खेतों में खड़ी गेहूं और अन्य फसल को नुकसान होने का अनुमान है। हालांकि क्षेत्र में करीब 75% फसलों की कटाई हो चुकी है। बदनावर शहर में बिजली की चमक, बादलों की गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश हुई। बारिश के कारण सड़कों पर पानी बह निकला। जिले में आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत भी हो गई है।

आकाशीय बिजली गिरने से शख्स की मौत

नर्मदापुरम के केसला ब्लॉक में आकाशीय बिजली गिरने से एक आदिवासी की मौत हो गई। झुनकर पंचायत के चनागढ़ गांव में खेत में काम कर रहे छन्नूलाल उईके (55) की मौत होने की खबर है। घटना के वक्त वह तरबूज के खेत में काम कर रहा था। घटना दोपहर 3 से 4 बजे के बीच की बताई जा रही है।

19 मार्च तक बारिश, ओलावृष्टि और तेज आंधी के आसार

17 मार्च को भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, चंबल, नर्मदापुरम, रीवा, शहडोल, सागर और जबलपुर संभाग में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश हो सकती है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि भी होने के आसार हैं। यानी प्रदेशभर में मौसम बदला सा रहेगा।18 और 19 मार्च को भोपाल, इंदौर, उज्जैन और चंबल संभाग में मौसम बदला सा रहेगा। तेज आंधी और बिजली चमकने-गरजने की संभावना भी है।

शुक्रवार को बेमिजाज मौसम ने प्रदेश के कई जिलो में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दीं। मुंगावली में अचानक तेज बारिश के साथ ओले गिरने से किसानों की खड़ी फसल तबाह हो गई है। इस बात की खबर जैसे ही केंद्रीय मंत्री सिंधिया तक पहुंची। वैसे ही उन्होंने जिला कलेक्टर को फोन पर चर्चा की। उन्होंने स्पष्ट तौर पर निर्देश दिया कि ओलावृष्टि से तबाह हुई फसल का तत्काल सर्वे किया जाए। सर्वे रिर्पोट को शीघ्र ही शासन को भेजा जाए और पीड़ित किसानों को उचित मुआवजा दिलाया जाए। इस कार्य में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने किसानों से आग्रह किया है कि यह प्राकृतिक प्रकोप है। इसे टाला नहीं जा सकता था लेकिन वे परेशान न हों हम आपकी हर संभव मदद करेंगे।

G.News 24 : आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की अनिश्चितकालीन हड़ताल

आंगनबाड़ी केंद्रों पर लटके ताले...

आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका की अनिश्चितकालीन हड़ताल

ग्वालियर। प्रदेश के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक संयुक्त मोर्चा सहित आँगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका यूनियन संगठन सीटू लंबित मांगें पूरी न होने से 15 मार्च से सामूहिक अवकाश पर चले जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लटके है एवं लाड़ली लक्ष्मी और प्रधानमंत्री मातृ वंदना जैसी जन हितैषी विभागीय योजनाएं ठप्प हो गयी हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों पर दी जाने वाली शालापूरव शिक्षा एवं पोषण आहार वितरण सेवा भी ठप्प हो गयी है। 

शासन की महत्वपूर्ण मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना अधर में लटक गई है। संयुक्त मोर्चे के समर्थन एवं अपनी लबित वाजिब मांगों के चलते सीटू भी अनिश्चितकालीन अवकाश में शामिल होने से लाड़ली बहना योजना खटाई में पड़ती जा रही है। माना जा रहा है ये योजना सरकार के लिए आगामी निर्वाचन को प्रभावित करने में निर्णायक हो सकती है किंतु विभागीय अमले की लंबे समय से लबित जायज मांगों को पूरा न करने से विभागीय अमले ने आरपार की लड़ाई का सीधा मन बना लिया है।

महिला एवं बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक विगत 30 वर्षों से अपनी लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत हैं। विभिन्न मांगों के लिए संघर्षरत रहते हुए शासन को शांतिपूर्ण ढंग से विभिन्न अवसरों पर लिखित अवगत कराया। उक्त मांगों के संबंध में अनेकों वार ज्ञापन दिये गये, विभागीय अधिकारियों को बैठक के माध्यम से लिखित एवं मौखिक रूप से अनेकों बार अवगत कराया गया, किन्तु विभाग द्वारा लगातार उपेक्षा किये जाने से बहुत ज्यादा असंतोष है।

संयुक्त मोर्चे को सीटू द्वारा समर्थन देते हुए बताया कि हमारी मांगे है कि आंगनबाड़ी कर्मियों को शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। उनके सेवा निवृत्ति पर एक मुश्त 5 लाख राशि दी जाए, मृत्यु की दशा में & लाख रुपये दिए जाएं। मानदेय और अन्य भो समानजनक जीवन निर्वाह्योग्य स्तर तक बढ़ाये जाये। संयुक्त मोर्चे एवं सीटू संगठन की बैठक में जिले के सभी परियोजना अधिकारी, सभी पर्यवेक्षक एवं सीटू अध्यक्ष कमलेश शर्मा उपस्थित रहीं।

G.News 24 : जहाँ जरूरी हो, वहाँ तुरंत बदलें केबल : ऊर्जा मंत्री

ऊर्जा विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक सम्पन्न...

जहाँ जरूरी हो, वहाँ तुरंत बदलें केबल : ऊर्जा मंत्री

ग्वालियर | ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर की अध्यक्षता में ऊर्जा विभाग की परामर्शदात्री समिति की बैठक शुक्रवार को विधानसभा में हुई। ऊर्जा मंत्री ने समिति सदस्यों को विभाग द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जहाँ जरूरी हो, वहाँ तुरंत केबल बदलें। प्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को सतत विद्युत आपूर्ति की जा रही है।

विद्युत लाइनों का सतत मेंटीनेंस किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की समस्याओं का त्वरित निराकरण किया जा रहा है।विधायक ठाकुर दास नागवंशी ने वोल्टेज की समस्या से अवगत कराया। उन्होंने बिजली क्षेत्र में आवश्यक सुधारों संबंधी महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये। प्रमुख सचिव ऊर्जा संजय दुबे, एमडी मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी गणेश शंकर मिश्रा, एमडी पश्चिम क्षेत्रीय विद्युत वितरण कंपनी अमित तोमर एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

G.News 24 : कोर्ट ने ट्रस्ट के पंजीयन व संपत्तियों का विवरण पेश करने का दिया आदेश

सिंधिया के ट्रस्ट कमलाराजे ने मांगा मुआवजा...

कोर्ट ने ट्रस्ट के पंजीयन व संपत्तियों का विवरण पेश करने का दिया आदेश

केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्रस्ट कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने AG ऑफिस पुल की जमीन को अपना बताते हुए सरकार से मुआवजा मांगा है। ट्रस्ट की ओर से किए गए दावे में AG ऑफिस पुल जिस जमीन पर है उस जमीन को ट्रस्ट की बताते हुए 7 करोड़ से ज्यादा का दावा किया है।दावे में ट्रस्ट के पंजीयन नहीं पेश किए जाने को लेकर कोर्ट ने आपत्ति की है। 25 मार्च तक ट्रस्ट के पंजीयन व संपत्तियों का विवरण पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सवाल किया कि क्या एजी आफिस पुल की संपत्ति ट्रस्ट की संपत्ति में शामिल है। ट्रस्ट के दावे पर अब अगली सुनवाई 25 मार्च को होगी।

ग्वालियर के मेधावी प्रोजेक्ट में से एक AG ऑफिस पुल जो सिटी सेंटर को हरिशंकरपुरम इलाके से सीध जोड़ता है। यह AG ऑफिस पुल अपनी शुरुआत से ही विवादों में रहा है। तभी इसके नक्शे मंे बदलाव को लेकर तो कभी उस पर होने वाले हादसों को लेकर। अब AG ऑफिस पुल की जमीन को अपना बताने के कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट के दावे के बाद यह चर्चा में है। कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट ने AG ऑफिस पुल की जमीन के मुआवजे का दावा 04 जून 2018 को जिला न्यायालय में पेश किया था। दावे में तर्क दिया है कि ट्रस्ट की भूमि पर शासन ने रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण कर दिया है। ट्रस्ट की भूमि पर अतिक्रमण कर शासन द्वारा निर्माण कराया गया है। लोक निर्माण विभाग ने जो सड़क का निर्माण किया है, उसमें निजी भूमि भी चली गई है, इसलिए इस जमीन का अधिग्रहण प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिससे जमीन का सही मुआवजा मिल सके।

7 करोड़ 55 हजार रुपए का मुआवजा मांगा

ट्रस्ट ने वादग्रस्त भूमि का 7 करोड़ 55 हजार रुपए का मुआवजा 12 प्रतिशत ब्याज के साथ दिलाया जाए। वाद में तर्क दिया है कि 31 दिसंबर 1971 को विजयाराजे सिंधिया ने कमलाराजे चैरिटेबल ट्रस्ट का गठन किया था। विजयाराजे सिंधिया ने वादग्रस्त भूमि ट्रस्ट को दी थी। इस ट्रस्ट की चेयरमैन माधवीराजे सिंधिया हैं। ट्रस्टी के पद पर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रियदर्शनी राजे सिंधिया हैं। प्रशासन को इस मूल दावे का जवाब देना है। कोर्ट ने 10 मार्च को ट्रस्ट के स्थगन आवेदन को खारिज कर दिया था। अब दावे पर सुनवाई की जा रही है। प्रशासन की ओर से कहा गया कि दावे में ट्रस्ट के पंजीयन के दस्तावेज नहीं हैं, इसलिए यह सुनवाई योग्य नहीं है। प्रशासन की ओर से पैरवी अतिरिक्त शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा व जगदीश शाक्यवार ने की। इस मामले में अब अगली सुनवाई मार्च को होगी।

G News 24 : SDM रैंक के अफसर के साथ LOC का दौरा करने वाला ठग गिरफ्तार !

 खुद को PMO का अधिकारी बताकर ली पुलिस सुरक्षा...

SDM रैंक के अफसर के साथ LOC का दौरा करने वाला ठग गिरफ्तार !

जम्मू कश्मीर पुलिस ने एक बड़े ठग को दबोचा है। ये शख्स खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय का बड़ा अधिकारी बताता था। इतना ही नहीं कई महीनों तक इस ठग ने पुलिस सुरक्षा में LOC का दौरा भी किया। रिपोर्ट्स की मानें तो एक गुजराती व्यक्ति ने जिसका नाम किरण भाई पटेल बताया जा रहा है, फर्जी तरीके से जम्मू-कश्मीर पुलिस से सुरक्षा प्राप्त कर ली और होटल ललित के कमरा नंबर 1107 में रह रहा था।

हैरानी की बात तो ये है कि ये ठग जो खुद को PMO का अतिरिक्त निदेशक बताता था, वह कई महीनों तक मध्य कश्मीर के बडगाम जिले में दूध्पथ्री सहित कश्मीर में कई स्थानों का दौरा किया करता रहा। ये ठग इतना शातिर है कि दूध्पथ्री में दौरे के वक्त उसके साथ एसडीएम रैंक का एक अधिकारी भी रहा। लेकिन अब जालसाज का खुलासा होने के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। प्राथमिकी के अनुसार जालसाज के खिलाफ निशात पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 419, 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले में आगे की जांच जारी है। बताया जा रहा है कि  गुजरात पुलिस की एक टीम भी इस जांच में शामिल हुई है।

रिपोर्ट्स  की मानें तो किरण भाई पटेल ने खुद को PMO का अतिरिक्त निदेशक बताकर जम्मू कश्नमीर में टॉप अधिकारियों के साथ बैठकें भी कीं। पुलिस की प्राथमिकी के मुताबिक निशात पुलिस थाना क्षेत्र और कश्मीर घाटी में कई गतिविधियां की। वह पिछले साल अक्टूबर से घाटी में है और सरकारी महमान के तौर पर सुविधाएं उठा रहा था। पीएमओ का टॉप अधिकरी बताने की वजह से उसे एक निजी सुरक्षा अधिकारी और लग्जरी होटल मिला था। सूत्रों की मानें तो जम्मू कश्मीर या केंद्रीय एजेंसी इस ठगी का पता लगता उससे पहले ही CID ने इस जालसाज का पर्दाफाश कर दिया। 

G News 24:'प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के लिए बहुत कुछ किया है', पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह

ईएसआई अमृतपाल सिंह को औजार की तरह इस्तेमाल कर रही है  !

'प्रधानमंत्री मोदी ने सिखों के लिए बहुत कुछ किया है', पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह 

नई दिल्ली l  खालसा संगठन के संस्थापक और पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ठेकेदार का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सिख समुदाय के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सिख समुदाय का काफी सम्मान करते हैं और इसके लोगों के लिए उन्होंने कई काम किए हैं। उन्होंने करतारपुर कॉरिडोर खुलवाया, छोटे साहिबजादों के बारे में लोगों को जागरुक किया और लोगों को ब्लैकलिस्ट करने पर रोक लगाई। सूत्रों से मिले इनपुट और मीडिया के अनुसार  जसवंत सिंह ठेकेदार ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा कि मोदी सरकार ने कई बड़ी मांगें मान ली हैं और कुछ और मानी जाने वाली हैं। पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ने वारिस पंजाब दे संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह की भी आलोचना की। बता दें कि अमृतपाल सिंह बीते दिनों पंजाब के अजनाला में पुलिस के साथ झड़प के मामले को लेकर चर्चा में आया था। ठेकेदार ने कहा कि अमृतपाल सिंह खालिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानता। उन्होंने कहा कि अमृतपाल खालिस्तानी नहीं है और वह इसके बारे में कुछ नहीं जानता  लेकिन वह खालिस्तान के नाम पर काफी पैसा कमा लेगा। 

जसवंत सिंह ने पाकिस्तानी खूफिया एजेंसी आईएसआई पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि आईएसआई अमृतपाल सिंह को औजार की तरह इस्तेमाल कर रही है लेकिन वह हमेशा इसका इस्तेमाल नहीं करेगी और जब अमृतपाल उनके लिए मददगार नहीं रहेगा तो उसकी   जगह किसी और को पकड़ लेगी। पूर्व खालिस्तानी नेता ने कहा कि पाकिस्तान जानता है कि अगर खालिस्तान बना तो खालिस्तानियों का अगला टारगेट लाहौर होगा। इसलिए पाकिस्तान भी ऐसा नहीं होने देगा। उन्होंने कहा कि खालिस्तान का असल दुश्मन भारत नहीं बल्कि पाकिस्तान है। जसवंत सिंह ने आम आदमी पार्टी पर खालिस्तान समर्थकों पर नरमी बरतने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भगवंत मान की सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई ना कर खालिस्तान मूवमेंट को फिर से  सक्रिय होने में मदद कर रही है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार खालिस्तानियों से निपटने में सक्षम नहीं है।

जसवंत सिंह ने बताया कि अगर सरकार खालिस्तान नेताओं की मांगें मान लेती है तो यह मूवमेंट खत्म हो जाएगी। जसवंत सिंह ने कहा कि सिख राजनैतिक कैदियों की रिहाई, सिखों को धारा 25बी-2 से हटाना जैसी मांगें मानने से खालिस्तान मूवमेंट अपने आप कमजोर हो जाएगा। साथ ही अगर सरकार मांगें मानती है तो इससे देश को भी कोई नुकसान नहीं होगा। प्रतिनिधिमंडल ने सिख समुदाय के कल्याण के लिए किए जा रहे कामों के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। खासकर 26 दिसंबर को वीर बाल दिवस के रूप में  मनाने के फैसले की तारीफ की। प्रधानमंत्री ने सिख नेताओं से कहा कि देश के कई लोग आज भी चार साहिबजादों के बारे में नहीं जानते हैं। इससे लोग उनके बारे में जानेंगे। 

पूर्व खालिस्तानी नेता ने कहा कि अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को पूरे सम्मान के साथ वापस लाने के लिए भी सरकार ने विशेष इंतजाम किए। सिखों के तीर्थस्थान करतारपुर साहिब कॉरिडोर को खोलने के लिए विभिन्न चैनल्स से सरकार के स्तर पर बातचीत की। जसंवत सिंह ने सीएए कानून के फायदों पर भी बात की और कहा कि इससे सिख समुदाय को फायदा होगा और उन्हें सरकार से मदद मिल सकेगी। 


खालिस्तान जनमत को बताया साजिश

जसवंत सिंह ने खालिस्तान के लिए हो रहे जनमत को साजिश बताया और कहा कि कुछ देशों में प्रतिबंधित संगठन ये पाखंड कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'जिस जनमत की बात कर रहे हैं उसकी मांग पंजाब ने नहीं की है। एक संगठन आईएसआई के निर्देश पर ऐसा कर रहा है। अगर भारतीय पासपोर्ट धारक या भारतीय नागरिक इसकी मांग करते हैं तो समझ आता है लेकिन जो कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन के नागरिक हैं और वो वोट कर रहे हैं तो उन्हें इसका कोई अधिकार नहीं है।


G.News 24 : 3 दिन बाद यमुना डूब क्षेत्र की झुग्गियां गिरा दें : हाईकोर्ट

डीडीए को दिल्ली हाईकोर्ट का आदेश...

3 दिन बाद यमुना डूब क्षेत्र की झुग्गियां गिरा दें : हाईकोर्ट 

नई दिल्ली। देश की राजधानी में यमुना के डूब क्षेत्र में झुग्गियों में रहने वालों को दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को तीन दिनों के भीतर अपनी झुग्गियां खाली करने का निर्देश दिया है, नहीं तो उन्हें जुर्माना या प्रत्येक को 50 हजार रुपये का भुगतान करना होगा। दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डीयूएसआईबी) और डीडीए विध्वंस के साथ आगे बढ़ेंगे। दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने अदालत को बताया कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने यमुना के प्रदूषण स्तर पर ध्यान दिया था और 9 जनवरी को एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया था, जिसके बाद न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने आदेश पारित किया।

समिति का गठन करते समय एनजीटी ने दिल्ली के उपराज्यपाल, जो संविधान के अनुच्छेद-239 के तहत डीडीए के अध्यक्ष और दिल्ली के प्रशासक हैं, उनसे समिति का नेतृत्व करने का अनुरोध किया था। 27 जनवरी को उच्चस्तरीय समिति ने नदी के प्रदूषण को नियंत्रित करने और यमुना बाढ़ के मैदानों पर अतिक्रमण हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने के निर्देश पारित किए। कोर्ट ने रेजिडेंट्स की याचिका को खारिज करते हुए पुलिस को सख्त कार्रवाई करने की इजाजत दी। अदालत ने निर्देश दिया कि क्षेत्र के संबंधित पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) उक्त कार्रवाई के दौरान सभी सहायता प्रदान करेंगे।डीडीए की वकील प्रभसहाय कौर ने कहा कि दो बार अतिक्रमण हटाया जा चुका है, लेकिन निवासी फिर से उसी स्थान पर आ जाते हैं।

पीठ ने राजघाट के बेला एस्टेट में यमुना बाढ़ के मैदानों पर स्थित मूलचंद बस्ती के निवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील से पूछा, क्या आप जानते हैं कि यमुना को कितना नुकसान हो रहा है, आप इस पर कब्जा कर रहे हैं? निवासियों ने एक याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अगस्त 2022 में दिल्ली पुलिस और डीडीए के अधिकारियों ने उन्हें अपनी झुग्गियों को खाली करने की धमकी दी, अन्यथा उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा।

डीयूएसआईबी ने अपने हलफनामे में कहा है कि चूंकि बस्ती उसकी अधिसूचित सूची में नहीं है, निवासी पुनर्वास के हकदार नहीं थे, अदालत ने डीडीए को तीन दिनों के बाद विध्वंस के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया। अदालत ने यह कहते हुए अवमानना याचिका का भी निस्तारण कर दिया कि वे अधिकारियों को धमकाने के लिए अवमानना की कार्यवाही का उपयोग नहीं कर सकते हैं और कोई अवमानना नहीं है।