G News 24: ये है दुनिया के 10 सबसे बड़े राजनीतिक दलों में बीजेपी का स्थान

  जानिए भाजपा के बारे में सबकुछ...

 ये है दुनिया के 10 सबसे बड़े राजनीतिक दलों में बीजेपी का स्थान 

नई दिल्ली l 1980 में शुरु हुई भाजपा आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा का दावा है कि 18 करोड़ से ज्यादा लोग पार्टी के सदस्य बन चुके हैं। इस लिहाज से देश की आबादी के करीब 13% लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं। मौजूदा समय भाजपा के 11 राज्यों में मुख्यमंत्री हैं। 

भाजपा यानी भारतीय जनता पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करती है। लोग सवाल करते हैं कि महज 43 साल पहले बनी पार्टी कैसे दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी बन गई? आइए हम आपको बताते हैं कि दुनिया के टॉप-10 राजनीतिक दल कौन से हैं? इनमें भाजपा, कांग्रेस और भारत की अन्य पार्टियां किस नंबर पर हैं !

संख्या के आधार पर ये हैं टॉप-10 राजनीतिक दल

1. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) : 1980 में शुरु हुई भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा का दावा है कि 18 करोड़ से ज्यादा लोग पार्टी के सदस्य बन चुके हैं। इस लिहाज से देश की आबादी के करीब 13% लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं। मौजूदा समय भाजपा के 11 राज्यों में मुख्यमंत्री हैं। वहीं पांच राज्यों में सहयोगी दलों के साथ भाजपा सरकार में है। ऐसा नहीं है कि भाजपा शुरू से सबसे बड़ी पार्टी रही है। 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक भाजपा सदस्यों की संख्या करीब छह करोड़ थी। पिछले नौ सालों में 12 करोड़ से ज्यादा सदस्य बढ़े।   

2. चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) : 23 जुलाई 1921 को पार्टी की स्थापना चीन में हुई। अब 100 साल में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है। सीसीपी ने नौ करोड़ से ज्यादा पार्टी सदस्य होने का दावा किया है।  

3. डेमोक्रेटिक पार्टी (डीईएम) : आठ जनवरी 1828 में अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थापना हुई। मतलब अब तक इस पार्टी को शुरू हुए 195 साल हो चुके हैं। पार्टी का दावा है कि उनके पास 4.80 करोड़ कार्यकर्ता हैं। 

4. रिपब्लिकन पार्टी (आरईपी) 20 मार्च 1854 : अमेरिका की चर्चित रिपब्लिकन पार्टी दुनिया की चौथी सबसे बड़ी पार्टी है। इसकी स्थापना 20 मार्च 1854 को हुई थी। पार्टी के पास अब 3.57 करोड़ कार्यकर्ता हैं। 

5. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी)1885 : भारत की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस है। इसकी स्थापना 1885 में हुई थी। कांग्रेस के अभी 1.80 करोड़ कार्यकर्ता हैं। अगर आबादी के लिहाज से देखें तो देश की 1.60% लोग कांग्रेस के सदस्य हैं। 

6. पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई)25 अप्रैल 1996  : पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर रहे इमरान खान ने पीटीआई की स्थापना 25 अप्रैल 1996 को की थी। पीटीआई के अभी 1.69 करोड़ सदस्य हैं। पार्टी का चुनाव चिन्ह बल्ला (बैट) है। 

7. जस्टिस एंड डेवलपमेंट पार्टी (जेडीपी) : 14 अगस्त 2001 में स्थापित हुई इस पार्टी के 1.10 करोड़ सदस्य हैं। तुर्की की ये सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी मानी जाती है। तुर्की के मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन इसी पार्टी से हैं। इससे पहले वह प्रधानमंत्री भी थे। 

8. ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) 17 अक्टूबर 1972  : भारत की तीसरी पार्टी जो दुनिया की दस सबसे बड़ी पार्टियों में शुमार है। एआईएडीएमके का गठन 49 साल पहले 17 अक्टूबर 1972 को हुआ था। इसके संस्थापक एमजी रामचंद्रन थे। 

9. आम आदमी पार्टी (आप) : 26 नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी का गठन हुआ था। महज नौ साल के अंदर इस पार्टी से जुड़ने वालों की संख्या एक करोड़ हो चुकी है। पार्टी के संस्थापक अरविंद केजरीवाल हैं। अब दिल्ली और पंजाब में आप की सरकार है। 

10. चामा चा मपिनदुजी (चाचाम)पांच फरवरी 1977 : तंजानिया की चामा चा मपिनदुजी दुनिया की दसवीं सबसे बड़ी पार्टी है। इसके 80 लाख सदस्य हैं। पार्टी की स्थापना पांच फरवरी 1977 को जुलीयूस और एबॉड जुबे ने की थी।

सपा-बसपा का है ये हाल 

भारत की कई पार्टियों ने अपने सदस्यों की संख्या को लेकर कोई स्पष्ट दावा नहीं किया है। इसके चलते उन्हें इस सूची में शामिल नहीं किया जा सका। भारत की जिन पार्टियों ने अपने सदस्यों की संख्या नहीं जारी की है, उनमें समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, शिवसेना, डीएमके, एआईएमआईएम जैसी बड़ी पार्टियां भी शामिल हैं।

G News 24 :आतंकियों की पनाहगाह 'पाकिस्तान में भीषण बम धमाका

 पाकिस्तान के क्वेटा कंधारी में धमाका, 4 लोगों की मौत, 11 घायल !

आतंकियों की पनाहगाह 'पाकिस्तान में भीषण बम धमाका

इस्लामाबाद l  आतंकियों के पनाहगाह माने जाने वाले पाकिस्तान में भीषण बम धमाका हुआ है। ये धमाका क्वेटा के कंधारी बाजार में हुआ है। खबर लिखे जाने तक इस धमाके में 4 लोगों की मौत की खबर सामने आई है।  पाक मीडिया के मुताबिक, क्वेटा के कंधारी बाजार में घातक विस्फोट में अब तक 4 की मौत हुई है और 11 लोग घायल हुए हैं। ये धमाका क्वेटा के कंधारी बाजार में एक पुलिस वाहन को निशाना बनाकर किया गया है। पुलिस को शुरुआती जांच में पता लगा है कि हमले में कई लोग घायल हुए हैं।

शनिवार को भी हुआ था धमाका

इससे पहले शनिवार को खैबर कबायली जिले की बारा तहसील में एक धमाका हुआ था, जिसमें कम से कम 2 सैनिकों की मौत हो गई थी। न्यूज एजेंसी डॉन ने पाकिस्तानी सेना के हवाले से ये जानकारी दी थी। इस धमाके में नायब सूबेदार हजरत गुल (37) और सिपाही नजीर उल्लाह महसूद (34) की मौत हो गई थी। ये एक इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट था। 

शुक्रवार को भी आतंकियों ने की थी हरकत

डॉन के मुताबिक, शुक्रवार शाम को स्वाबी जिले में भी आतंकियों ने हथगोले से सुरक्षाकर्मियों के वाहन पर हमला किया था, जिसमें एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई थी और 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

G.NEWS 24 : 15 किलोमीटर में बिखरा है सोने का खजाना

अंतरिक्ष से ऐसे दिखाई देता है नजारा…

15 किलोमीटर में बिखरा है सोने का खजाना 

लीमा l  पेरू के अमेजन जंगलों की हाल ही में अंतरिक्ष से फोटो ली गयी है। फोटो जब डवलप की गयी तो पता चला यहां तो सोने का जंगल है। चारों ओर सोना ही सोना है। तस्वीर धरती की निचली कक्षा में चक्कर लगा रहे अंर्तराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में मौजूद एक एस्ट्रोनॉट ने ली है। दरअसल में यह सोने के जंगल की तस्वीर नहीं है। यह अमेजन के जंगल और सोने की अवैध खनन की मुसीबत को दिखाता है।

सोने के जंगल की यह तस्वीर पेरू के माद्र-दे-दियोस प्रांत की है। यह अमेजन की वर्षावनों में स्थित राज्य है। यह पूरा इलाका पानी से भरी हुई घाटियों, तालाबों, नदियों और स्त्रोतों से भरा पड़ा है। यहां पर तस्वीर में बाये ओर इनाम बारी नदी दिखाई दे रही है। इसके अलावा जंगल के बीच दिख रही है। सोने के रंग के गड्डे अवैध खनन को बताते हैं। इन्हें स्वतंत्र लोग बनाते हैं। इससे मिट्टी खिसकती है। जंगल कट जाते हैं। सोने का यह जंगल लगभग 15 किलो मीटर लम्बा है।

G News 24:IPL के 16 साल के इतिहास में पहली बार हुए ये 5 कारनामे

 रिंकू सिंह ने लगा दी रिकॉर्ड्स की झड़ी...

IPL के 16 साल के इतिहास में पहली बार हुए ये 5 कारनामे

पिछले 12 घंटों में पूरी दुनिया जान गई कि भारत का ये युवा खिलाड़ी कौन है। रिंकू ने किया ही कुछ ऐसा कि वो इस सब के हकदार हैं। भारत में खेले जा रहे आईपीएल 2023 के 13वें मुकाबले में गुजरात टाइटंस के सामने कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम थी। गुजरात के स्टार स्पिनर राशिद खान ने इस मैच में हैट्रिक ली और 205 रन के बड़े टारगेट का पीछा कर रही केकेआर की टीम लगभग हार के दरवाजे पर ही खड़ी थी। आखिरी ओवर में केकेआर को जीतने के लिए 29 रनों की जरूरत थी।

यानी कि ओवर की कम से कम 5 गेंदों पर छक्के मारने ही थे। फिर क्या था रिंकू ने एक के बाद एक ओवर की आखिरी 5 गेंदों को बाउंड्री पार भेजकर वो काम कर दिया जिसकी किसी को उम्मीद ना थी। ये मैच तो रिंकू के दम पर केकेआर ने जीता ही, इसी के साथ इस घातक बल्लेबाज ने कुछ ऐसे रिकॉर्ड्स को भी अपने नाम कर लिया जोकि आईपीएल इतिहास में पहले कभी नहीं बने थे। बस उन्हीं रिकॉर्ड्स का जिक्र हम अपनी इस रिपोर्ट में करने जा रहे हैं।

1. आईपीएल के आखिरी ओवर में सबसे ज्यादा छक्के

आईपीएल के 16 सालों के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था कि किसी मुकाबले के आखिरी ओवर में एक के बाद एक पांच छक्के लगे हों। रिंकू सिंह ने यश दयाल के ओवर में ऐसा कर दिखाया और अब एक अनोखा इतिहास उनके नाम हो चुका है।

2. सिर्फ 7 गेंदों में 40 रन

ये बात तो पूरी दुनिया जानती है कि रिंकू ने आखिरी 5 गेंदों पर 30 रन बटोर लिए। लेकिन हम आपको बता दें कि इस बल्लेबाज ने अपनी पारी की आखिरी 7 गेंदों पर 40 रन लूटे थे। इनमें से 6 तो छक्के थे और 1 चौका। लगातार 7 गेंदों में 40 रन किसी भी बल्लेबाज ने नहीं बनाए हैं।

3. चेज करते हुए सबसे बड़ा ओवर

आईपीएल इतिहास में कभी भी चेज करते हुए 29 रन किसी टीम ने नहीं बनाए थे। लेकिन रिंकू सिंह और उमेश यादव की जोड़ी ने ये भी कर दिखाया। यश दयाल के आखिरी ओवर में केकेआर को 29 रन चाहिए थे। पहली गेंद पर उमेश ने रिंकू को सिंगल दिया और इसके बाद की कहानी तो आप सभी जानते ही हैं।

4. आखिरी ओवर में चेज करते हुए 30 रन 

रिंकू सिंह इसके अलावा आईपीएल इतिहास के पहले बल्लेबाज बन गए हैं जिन्होंने चेज करते हुए आखिरी ओवर में 30 रन ठोके। ऐसा भी पहले आईपीएल में कभी नहीं हुआ था।

5. केकेआर की ओर से ऐसा करने वाले पहले बल्लेबाज

रिंकू के रिकॉर्ड्स की लिस्ट यहीं खत्म नहीं होती। केकेआर की टीम की ओर से रिंकु एक ओवर में लगातार 5 छक्के लगाने वाले पहले बल्लेबाज बन गए हैं। इस टीम के लिए आंद्रे रसल और यूसुफ पठान जैसे बल्लेबाजों ने बहुत सी तेज पारियां खेली हैं, लेकिन ऐसा कोई नहीं कर पाया है।

G.News 24 : कांगो में IS के आतंकियों ने 44 की हत्या की, खंभे से बाँध गला काटा

80 महिला-बच्चों का अपहरण...

कांगो में IS के आतंकियों ने 44 की हत्या की, खंभे से बाँध गला काटा

अफ्रीका l मुस्लिमों के लिए पाक रमजान के महीने में इस्लामी आतंकियों ने अफ्रीकी देशों में एक बार फिर नरसंहार को अंजाम दिया है। बुर्किना फासो में आतंकियों ने 44 लोगों की हत्या कर दी है। वहीं, नाइजीरिया में हुए हमले में कम-से-कम 80 और कांगो गणराज्य में करीब 20 लोगों को मार दिया गया है।पूर्वी कांगो गणराज्य में आतंकियों ने बड़ा हमला किया है। इस हमले में कम-से-कम 20 लोग मारे गए हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हथियारों से लैस बड़ी संख्या में आतंकी एक गाँव घुस गए और लोगों का कत्ल कर दिया। लोगों की हत्या के लिए आतंकियों ने चाकू का इस्तेमाल किया। इस हमले की जिम्मेदारी कुख्यात आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (IS) ने ली है।

इलाके के सैन्य प्रशासक चार्ल्स ओमेगा ने कहा कि मुसंदबा गाँव से 20 लोगों के शव शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) को बरामद किए गए। वहीं, एक स्थानीय कार्यकर्ता ने कहा कि अस्पताल में 22 शव लाए गए। शनिवार (8 अप्रैल 2023) को इस्लामी स्टेट ने इसकी जिम्मेदारी ली।मारे गए लोगों में पुरुष और महिलाएँ हैं। ये सभी लोग किसान हैं। आतंकियों ने इन लोगों की गला काटकर हत्या की है। सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो में भीड़ लकड़ी के फ्रेम से बँधे एक व्यक्ति को घेर लेती है और फिर उसका गला काट दिया जाता है। इस तरह 20 लोगों के साथ यही अंजाम दिया गया था। ADF अब तक हजारों लोगों की हत्या कर चुका है।

हालाँकि, सेना और स्थानीय अधिकारियों ने पूर्वी कांगो में स्थित एक युगांडाई समूह एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्सेस (ADF) पर हत्या का आरोप लगाया है। ADF एक इस्लामी समूह है, जिसे यूगांडा और कांगो ने आतंकियों की सूची में डाला है। कांगो और यूगांडा में नरसंहार के लिए ADF कुख्यात है। साल 2019 में ADF इस्लामिक स्टेट का हिस्सा बन गया।इसी सप्ताह ADF ने इदुरी प्रांत में 30 लोगों की निर्मम तरीके से हत्या कर दी थी। पिछले महीने एक गाँव में आग लगाकर 39 लोगों को इस आतंकी संगठन ने मार दिया था। पिछले महीने संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) ने ADF के सरगना सेका मूसा बालुकु के बारे में सूचना देने वाले को 5 मिलियन डॉलर (लगभग 41 करोड़ रुपए) इनाम की घोषणा की थी।

बुर्किना फासो में जिहादियों ने 44 लोगों की हत्या की

आतंकियों द्वारा हमेशा नरसंहार झेलने के लिए अभिशप्त बने पश्चिमी अफ्रीकी देश बुर्किना फासो के उत्तरी इलाके में जिहादियों ने दो गाँवों में हमले किए। इन हमलों में कम-से-कम 44 लोगों के मारे जाने की खबर है। बुर्किना फासो की सरकार ने बताया कि कोराकौ में 31 और तोंडोबी में 13 लोगों की हत्या की गई है।साहेल क्षेत्र के गवर्नर लेफ्टिनेंट कर्नल पीएफ रोडोल्फ सोरगो ने कहा कि आतंकियों ने सेनो प्रांत के कूराकू और तोंदोबी गाँवों पर हमला किया। इन हमलों को ‘घृणित तथा बर्बर‘ बताया और कहा कि सरकार इलाके में शांति सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि गुरुवार (6 अप्रैल 2023) की शाम को हथियारों से लैस बड़ी संख्या में इस्लामी आतंकी गाँवों में घुस आए और लोगों पर अंधाधुन फायरिंग करने लगे। 

इसमें कम से कम 44 लोग मारे गए। मृतकों के शव अगले दिन मिला। स्थानीय लोगों कहना है कि कुछ दिन पहले मवेशी चुराने की कोशिश करने वाले दो जिहादियों को गाँव वालों ने मार दिया था। इसके प्रतिशोध में इस गाँव को निशाना बनाया गया था। बता दें कि फरवरी 2023 में देस के उत्तरी इलाके देउ पर हमला कर आतंकियों ने 51 सैनिकों को मार दिया था। साल 2015 से अब तक आतंकियों ने 10,000 से अधिक लोगों की हत्या कर दी है।

नाइजीरिया में 80 हत्या और 80 का अपहरण

अफ्रीकी देश नाइजीरिया में आतंकियों ने शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) को वसूली के लिए 80 लोगों का अपहरण कर लिया। इनमें अधिकतर महिलाएँ और बच्चे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना जमफारा के त्सफे क्षेत्र के वानजमाई गाँव में हुआ। यह वह इलाका है कि जहाँ आतंकी अपहरण की घटना को सबसे अधिक अंजाम देते हैं।दूसरी तरफ देश के एक अन्य हिस्से में अंधाधुन फायरिंग कर बंदूकधारियों ने कम-से-कम 30 लोगों को मौत के घाट उतार दिया है। 

स्थानीय अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार (7 अप्रैल 2023) की देर शाम को उत्तर-मध्य नाइजीरिया में स्थित विस्थापित लोगों के एक शिविर पर हमला कर दिया गया है।पुलिस अधिकारी सेवेसी एनेने ने कहा कि बंदूकधारियों ने बेन्यू राज्य के मगबान गांव में नागरिकों पर हमला किया। यह भी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि हमला किसने किया है, लेकिन माना जाता है कि चरमपंथी इस्लामी ग्रुप फुलानी द्वारा इसे अंजाम दिया गया है। इसके एक दिन पहले उमाजिदी गाँव में हमला कर 50 लोगों की हत्या कर दी गई थी।

G News 24 : अपने ही बेटे के बच्चे की 'मां बनी महिला

 उसकी 'आखिरी ख्वाहिश की ख़ातिर ...

अपने ही बेटे के बच्चे की 'मां बनी महिला


एक महिला ने यह कहकर सबको हैरान कर दिया है कि उसने एक हफ्ते पहले जिस बच्ची को गोद लिया है, उसे उसके ही बेटे ने जन्म दिया है. महिला का कहना है कि यह उसके बेटे की आखिरी इच्छी थी.सोशल मीडिया के जरिए पिछले कई दिनों से अजीबो गरीब रिश्तों के बारे में काफी कुछ सुनने और पढ़ने को मिल रहा है. किसी ने सौतेले पिता से ही शादी रचा ली, तो किसी को छह साल बाद पता चला कि जिससे उसकी शादी हुई और दो बच्चे हुए, वो उसकी सगी बहन है. लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसने अपने ही बेटे के बच्चे को गोद लिया है. यानी, अब ये महिला बच्ची की केवल दादी ही नहीं, बल्कि उसकी मां भी कहलाएगी. l

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एना ओब्रेगॉन नाम की एक 68 वर्षीय स्पेनिश टीवी एक्ट्रेस ने यह कहकर सबको चौंका दिया कि उन्होंने सरोगेसी से जिस बच्ची को गोद लिया है, वो उनके ही बेटे ने जन्म दिया है. लेकिन आपको बता दें कि मां-बेटे के बीच कुछ भी गलत नहीं था. महिला के मुताबिक, यह उनके बेटे की आखिरी ख्वाहिश थी, जो कि अब दुनिया में नहीं है.एना के बेटे की 27 साल की उम्र में कैंसर से मौत हो गई थी. तब उसने अंतिम इच्छा जताई थी कि मरने से पहले वह अपने बच्चे को दुनिया में लाना चाहता है. 2020 में एलेस लेक्विओ की मौत से पहले उनके स्पर्म को न्यूयॉर्क में फ्रीज कर प्रिजर्व कर लिया गया था. जिस महिला ने बच्ची को सरोगेसी के जरिए जन्म दिया है, वो फ्लोरिडा में रहने वाली क्यूबा मूल की बताई जा रही है. हालांकि, एक्ट्रेस के खुलासे के साथ ही स्पेन में सरेगेसी की बायोएथिक्स और बच्चों के निजता के अधिकार को लेकर एक नई बहस छिड़ गई है.l

स्पेन सरकार ने क्या कहा ?

स्पेन में सरोगेसी गौरकानूनी है, लेकिन विदेश में पैदा हुए बच्चे को गोद लिया जा सकता है. हालांकि, इस मामले पर स्पेन सरकार की राय थोड़ी अलग है. इक्वलिटी मिनिस्टर आइरीन मोंटेरो ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए इस प्रथा को महिलाओं के खिलाफ हिंसा का रूप बताया है. वहीं, गठबंधन की सोशलिस्ट पार्टी का कहना है कि अन्य देशों में सरोगेट का उपयोग करने से रोकने के लिए कानून को बदलने की जरूरत है l

G News 24:अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम बदलकर चीन ने उन पर जताया अपना हक

 चीन भारत के खिलाफ अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है...

अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नाम बदलकर चीन ने उन पर जताया अपना हक

बीजिंग। चीन भारत के खिलाफ अपनी चालबाजियों से बाज नहीं आ रहा है। बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे पर फिर से जोर देने के मकसद से इस भारतीय राज्य के लिए ‘चीनी, तिब्बती और पिनयिन’ अक्षरों में नामों की तीसरी लिस्ट जारी की है। भारत द्वारा अरुणाचल में G20 बैठक आयोजित करने के ठीक एक हफ्ते बाद चीन ने यह कदम उठाया है। जी20 की इस बैठक में भी चीन शामिल नहीं हुआ था। चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश के लिए 11 स्थानों के मानकीकृत नाम जारी किए, जिसे वह स्टेट काउंसिल, चीन की कैबिनेट द्वारा जारी भौगोलिक नामों पर नियमों के अनुसार ‘तिब्बत का दक्षिणी भाग ज़ंगनान’ बताता है। चीन ने इसके साथ ही एक नक्शा भी जारी किया, जिसमें अरुणाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों को दक्षिणी तिब्बती क्षेत्र के अंदर दिखाया गया है। इसमें अरुणाचल की राजधानी ईटानगर के करीब एक शहर भी शामिल है। एक मी‎डिया रिपोर्ट में कहा कि मंत्रालय ने रविवार को 11 स्थानों के आधिकारिक नाम जारी किए, जिनमें 2 भूमि क्षेत्रों, 2 आवासीय क्षेत्रों, 5 पर्वत चोटियों और 2 नदियों सहित सटीक निर्देशांक भी दिए गए हैं। इसके अलावा, स्थानों के नाम और उनके अधीनस्थ प्रशासनिक जिलों की श्रेणी सूचीबद्ध की गई है। 

मी‎डिया ‎रिपोर्ट में चीनी विशेषज्ञों के हवाले से कहा कि नामों की घोषणा एक वैध कदम है और भौगोलिक नामों को मानकीकृत करना चीन का संप्रभु अधिकार है। चीनी मंत्रालय द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लिए जारी मानकीकृत भौगोलिक नामों की यह तीसरी सूची है। अरुणाचल में छह स्थानों के मानकीकृत नामों की पहली सूची 2017 में जारी की गई थी और फिर 15 स्थानों की दूसरी सूची 2021 में जारी की गई थी। भारत पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों के नाम बदलने के चीनी कदम को खारिज कर चुका है और वह (भारत) यह कहता रहा है कि राज्य (अरुणाचल प्रदेश) ‘सदैव’ भारत का अभिन्न अंग रहा है और ‘हमेशा’ रहेगा और ‘गढ़े गए’ नामों से यह तथ्य नहीं बदलता।

जानकारी के अनुसार तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा के बाद 2017 में चीन द्वारा नामों की पहली सूची की घोषणा की गई थी। चीन ने उनकी यात्रा की काफी आलोचना की थी। दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश के तवांग के रास्ते तिब्बत से भाग आए थे और उन्होंने 1950 में तिब्बत पर चीन के सैन्य नियंत्रण के बाद 1959 में भारत में शरण ली थी।

G News 24:सऊदी अरब और भारत की खुफिया एजेंसी RAW में बड़ी डील

‘रॉ‘ और सऊदी के बीच एक एतिहासिक समझौता से पाक टेंसन में ...

सऊदी अरब और भारत की खुफिया एजेंसी RAW में बड़ी डील !

सऊदी अरब कभी पाकिस्तान का दोस्त हुआ करता था, अब उसी के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। दरअसल, भारत की खुफिया एजेंसी रॉ और सऊदी अरब के बीच एक बड़ी डील हुई है। इस डील से पाकिस्तान काफी टेंशन में आ गया है। पाकिस्तान को यह गवारा नहीं है कि उसका दोस्त देश सऊदी अरब भारत के साथ ऐसी डील करे। लेकिन भारत की बढ़ती ताकत और पाकिस्तान की कंगाल हालत ने दोस्ती की चाल और चेहरा बदल दिया है। अब सऊदी अरब पाकिस्तान को कर्ज मांगने पर ठेंगा दिखा देता है और शर्त थोप देता है। वहीं भारत के साथ ऐसी बड़ी डील करने में भी नहीं हिचकता, जिससे पाकिस्तान टेंशन में आए।

मुसीबत के वक्त पाकिस्तान की मदद करते आया है सऊदी अरब। लेकिन अब वह भारत की खुफिया एजेंसी रॉ के साथ बड़ी डील कर चुका है। भारत की इंटेलीजेंस एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग ‘रॉ‘ और सऊदी के बीच एक एतिहासिक समझौता हुआ है। इस समझौते के बाद रॉ को आतंकवाद के खिलाफ बड़ी मदद मिलेगी। इसे एक महत्‍वूपर्ण घटनाक्रम करार दिया जा रहा है। कुछ ही दिनों पहले इस समझौते को सऊदी कैबिनेट की मंजूरी मिली है। इस समझौते के बाद सऊदी अरब आतंकवाद की लड़ाई में खाड़ी देशों में भारत का सबसे बड़ा साथी बन जाएगा।

जारी हुआ आधिकारिक बयान

सऊदी अरब की कैबिनेट ने इस समझौते को अपनी मंजूरी भी प्रदान कर दी है। साथ ही इससे जुड़ा एक आधिकारिक बयान भी जारी हो चुका है। इस बयान के अनुसार सऊदी अरब सुरक्षा एजेंसी भारत की रॉ के साथ मिलकर आतंकवादी घटनाओं और आतंकवाद को मिलने वाली राशि पर लगाम कसने की दिशा में अहम रोल अदा करेगी। सऊदी गजट की तरफ से इस पूरे समझौते के बारे में आधिकारिक तौर पर जानकारी दी गई है। इस गजट के मुताबिक देश की कैबिनेट जिसकी हाल ही में अध्‍यक्षता किंग सलमान ने की थी, उसमें ही इस समझौते को मंजूरी मिली है। 

रॉ के साथ डील को मंजूरी

गजट में जो जानकारी दी गई है, उसके मुताबिक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए सऊदी अरब की मुख्‍य सुरक्षा एजेंसी और भारत की ‘रॉ‘ के बीचअपराध और इसका वित्तपोषण रोकने से जुड़े सहयोग समझौते को मंजूरी दी। इस पूरे मामले पर पाकिस्तान की नजर थी, लेकिन वह खामोश है। वहीं दूसरी ओर पाकिस्तान के विशेषज्ञ सऊदी अरब और भारत की खुफिया एजेंसी की इस डील को ऐतिहासिक करार दे रहे हैं। इन विशेषज्ञों का कहना है कि यह डील पाकिस्तान के लिए झटका है। क्योंकि भारत हमेशा से ही आतंकी संगठनों पर सख्त रूख अख्तियार करता है। पाक विशेषज्ञों का कहना है कि भारत हमेशा से ही कश्मीर में आतंकवाद के लिए पाकिस्तान को कसूरवार ठहराता है।  पाकिस्‍तान के रक्षा विशेषज्ञ मान रहे हैं कि ऐसे में भारत और सऊदी अरब के बीच हुई यह डील काफी महत्‍वपूर्ण है। इससे यही साबित होता है कि अब सऊदी अरब और भारत आतंकवाद पर एक ही दिशा में सोच रहे हैं। पाकिस्‍तान के रक्षा विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि सऊदी अरब और भारत की इस डील से यह समझा जा सकता है कि अंतरराष्ट्रीय जगत में और खासकर मुस्लिम देशों के बीच पाकिस्तान की कोई हैसियत नहीं रह गई है।

अनुच्छेद 370 के विरोध पर भी सऊदी अरब ने पाक को नहीं दी थी तवज्जो

पाकिस्तान के विशेषज्ञों का कहना है कि 2019 में भारत ने जम्‍मू कश्‍मीर से अनुच्‍छेद 370 को हटाकर इसका विशेष दर्जा खत्‍म कर दिया था। उस समय भी सऊदी अरब समेत मुसलमान देशों ने पाकिस्‍तान को तवज्‍जो नहीं दी थी। वो मानते हैं कि कश्‍मीर के मामले पर अब खाड़ी देशों की तरफ से पाकिस्‍तान को ज्‍यादा समर्थन नहीं मिलेगा। 

G News 24: अमेरिका में भगवंत मान की बेटी से की गाली-गलौज

 खालिस्तान समर्थकों का बच्चों को परेशान करने का प्लान...

अमेरिका में भगवंत मान की बेटी से की गाली-गलौज

अमेरिका में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के बच्चों का घेराव करने और उन्हें परेशान करने की योजना बना रहे हैं। यह भी खुलासा हुआ है कि खालिस्तान समर्थक अब शर्मनाक हरकतों पर उतर आए हैं। इन्होंने पंजाब सीएम भगवंत मान की बेटी सीरत कौर को फोन पर न सिर्फ धमकी दी बल्कि गाली-गलौज भी की है। यह खुलासा भगवंत मान की पूर्व पत्नी इंदरप्रीत कौर ने फेसबुक के जरिये किया है।

पटियाला के एक वकील ने अपने फेसबुक अकाउंट पर सीरत कौर को खालिस्तान समर्थकों द्वारा धमकाने और अपशब्द कहे जाने संबंधी पोस्ट शेयर की। भगवंत मान की पूर्व पत्नी ने खुलासा किया कि अमेरिका के एक गुरुद्वारे में इस संबंध में प्रस्ताव भी पारित किया गया है। प्रस्ताव में भगवंत मान के दोनों बच्चों का घेराव करने को कहा गया है।

G News 24 :नेपाल सरकार ने निगरानी सूची में डाला अमृतपाल सिंह का नाम

 नेपाल सरकार अमृतपाल को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दे  :भारत 

          नेपाल सरकार ने निगरानी सूची में डाला अमृतपाल सिंह का नाम !

काठमांडू l नेपाल ने अमृतपाल सिंह को  निगरानी सूची में डाला दिया है। भगोड़े कट्टरपंथी अलगाववादी अमृतपाल सिंह को कहीं अन्यत्र भागने से रोकने के भारत सरकार के अनुरोध पर नेपाल ने अमृतपाल को निगरानी सूची में डाल दिया है। भारत सरकार ने नेपाल सरकार से अनुरोध किया है कि वह अमृतपाल को किसी तीसरे देश में भागने की अनुमति न दे और यदि  अमृतपाल भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके भागने का प्रयास करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाये।

ऐसा माना जा रहा है कि अमृतपाल नेपाल में छिपा है। अधिकारियों ने बताया कि आव्रजन विभाग ने भारत सरकार के अनुरोध पर अमृतपाल को अपनी निगरानी सूची में रखा है। विभाग के सूचना अधिकारी कमल प्रसाद पांडेय ने कहा, ‘हमें भारतीय दूतावास से एक लिखित नोट प्राप्त हुआ है और अमृतपाल के पासपोर्ट की एक प्रति भी मिली है। भारत ने आशंका व्यक्त की है अमृतपाल संभवत नेपाल में प्रवेश कर चुका है। पांडेय ने कहा ‘भारतीय दूतावास ने एक नोट लिखकर विभाग से अनुरोध किया है कि अलगाववादी अमृतपाल को निगरानी सूची में रखा जाए।‘ काठमांडू पोस्ट अखबार ने खबर दी है कि काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास ने शनिवार को वाणिज्य सेवा विभाग को भेजे पत्र में यहां की विभिन्न सरकारी एजेंसी से अनुरोध किया है कि यदि अमृतपाल नेपाल से भागने की कोशिश करता है, तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए। 

अखबार ने एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि ‘अमृतपाल सिंह फिलहाल नेपाल में छिपा हुआ है।‘ अखबार ने संबंधित पत्र की एक प्रति उसके पास होने का दावा किया है। समाचार.पत्र ने कहा है, ‘सम्मानित मंत्रालय से अनुरोध किया जाता है कि वह आव्रजन विभाग को सूचित करे कि अमृतपाल सिंह को नेपाल के माध्यम से किसी तीसरे देश की यात्रा करने की अनुमति न दी जाये और यदि वह इस मिशन की सूचना के तहत भारतीय पासपोर्ट या किसी अन्य फर्जी पासपोर्ट का इस्तेमाल करके नेपाल से भागने का प्रयास करता है तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाए।अखबार ने कई स्रोतों का हवाला देते हुए कहा कि पत्र और सिंह के व्यक्तिगत विवरण को होटल से लेकर एयरलाइंस तक सभी संबंधित एजेंसी को भेज दिया गया है। माना जाता है कि सिंह के पास अलग अलग पहचान वाले कई पासपोर्ट हैं। 

G News 24 :मंगोलियाई बच्चे को बनाया बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु

 दलाई लामा ने चीन को आईना दिखाया !

मंगोलियाई बच्चे को बनाया बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु

ल्हासा। बौद्ध धर्म के सर्वोच्च नेता दलाई लामा ने अमेरिका में पैदा हुए मंगोलियाई बच्चे को तिब्बती बौद्ध धर्म में तीसरे सबसे महत्वपूर्ण आध्यात्मिक नेता का दर्जा दिया है। यह बच्चा दलाई लामा और पंचेन लामा के बाद बौद्ध धर्म का तीसरा सबसे बड़ा धर्मगुरु बना है। इस बच्चे की उम्र 8 साल बताई जा रही है। बौद्ध धर्म में धर्मगुरुओं के पुनर्जन्म का खास महत्व है। दलाई लामा ने इस बच्चे को 10वें खलखा जेटसन धम्पा रिनपोछे का पुनर्जन्म के रूप में मान्यता दी है। इस बच्चे को तिब्बती धर्मगुरू के रूप में मान्यता देने का समारोह हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला में आयोजित किया गया था।

 यह वही जगह है, जहां 87 साल के दलाई लामा निर्वासन में रहते हैं। तिब्बत की निर्वासित सरकार भी इसी जगह से काम करती है। मंगोलियाई रिपोर्ट्स के अनुसार यह बच्चा जुड़वां लड़कों में से एक है। इन दोनों के नाम अगुइदाई और अचिल्टाई अल्टानार है। इनके माता-पिता का नाम अलतनार चिंचुलुन और मोनखनासन नर्मंदख है। बच्चे के पिता अलतनार चिंचुलुन एक विश्वविद्यालय के गणित के प्रोफेसर और एक राष्ट्रीय संसाधन समूह के कार्यकारी हैं। लड़के की दादी मंगोलिया की गरमजाव सेडेन पूर्व सांसद रही हैं। मंगोलिया में जन्मे बच्चे को बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता के पुनर्जन्म के रूप में मान्यता देने के कदमों से चीन नाराज हो सकता है। 

चीन ने पहले ही जोर देकर कहा है कि वह केवल उन बौद्ध नेताओं को मान्यता देगा, जिन्हें चीनी सरकार से अनुमोदित स्पेशल टीम ने चुना हो। दलाई लामा के इस कदम से मंगोलिया में खुशी और डर दोनों देखा जा रहा है। मंगोलियाई लोगों को डर है कि दलाई लामा के इस फैसले से नाराज चीन उनके देश के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई कर सकता है। मंगोलिया पहले से ही चीनी आक्रामकता का शिकार रहा है, जिसने इनर मंगोलिया के नाम से एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमा रखा है।1995 में जब दलाई लामा ने एक नए पंचेन लामा का नाम लिया, तब चीनी अधिकारियों ने उसे गिरफ्तार कर गायब कर दिया। उसकी जगह चीन ने अपने द्वारा चुने गए एक बौद्ध को पंचेन लामा के तौर पर प्रस्तुत किया। 

ऐसे में आशंका है कि चीन कहीं इस बच्चे के खिलाफ भी कोई आक्रामक कार्रवाई न कर दे। दलाई लामा ने खुद बताया है कि उनके निधन के बाद अगला दलाई लामा चीन या चीन नियंत्रित क्षेत्र से नहीं होगा। इससे संकेत मिलता है कि उनका उत्तराधिकारी भारत, नेपाल, भूटान या मंगोलिया जैसे किसी तिब्बती बौद्ध धर्म मानने वाले देशों से हो सकता है। दलाई लामा ने 2016 में मंगोलिया का दौरा किया था और घोषणा की थी कि जेटसन धम्पा का एक नया अवतार पैदा हुआ है और उसकी खोज चल रही है। इस यात्रा के बाद चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए गुस्से का इजहार किया था। चीन ने मंगोलिया को राजनयिक प्रतिक्रिया की धमकी भी दी थी। दलाई लामा को 1937 में पिछले नेता के पुनर्जन्म के रूप में पहचाना गया था, जब वह सिर्फ दो साल के थे।

G News 24 :अमृतपाल की खालिस्तान बनाने की तैयारी पूरी थी !

 फौज के साथ झंडा, करेंसी और नक्शे का मिला खाका...

अमृतपाल की  खालिस्तान बनाने की तैयारी पूरी थी !

चंडीगढ़। खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे का चीफ अमृतपाल सिंह खालिस्तान बनाने की पूरी प्लानिंग कर चुका था। उसने इसके लिए प्राइवेट आर्मी आनंदपुर खालसा फौज के अलावा एक क्लोज प्रोटेक्शन टीम भी बनाई थी। उसने खालिस्तान का नया झंडा और अलग करेंसी भी बना ली थी। वहीं सिख रियासतों तक के झंडे उसने बना लिए थे। यह सारे खुलासे अमृतपाल के गनर तजिंदर सिंह उर्फ गोरखा बाबा ने किए हैं, जिसे पुलिस ने लुधियाना में गिरफ्तार किया है।

 जांच में ये भी सामने आया है कि आनंदपुर खालसा फौज के हर व्यक्ति को अमृतपाल सिंह ने स्पेशल नंबर भी अलॉट किया हुआ था। खन्ना पुलिस की एसएसपी अमनीत कौंडल ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि तेजिंदर उर्फ गोरखा बाबा से कई अहम खुलासे हुए हैं।अमृतपाल टाइगर फोर्स व ट्रेनिंग के लिए शूटिंग रेंज बना ली थी अमृतपाल ने आनंदपुर खालसा फौज के नाम से एक वॉट्सऐप ग्रुप बनाया था। इसके 10 सदस्य थे। इसके अलावा उसने अपना एक और ग्रुप बना रखा था, जिसका नाम अमृतपाल टाइगर फोर्स था। अमृतपाल के करीबी ही इसमें शामिल थे। अमृतपाल खालिस्तान की प्लानिंग कर चुका था। 

उसने युवाओं की ट्रेनिंग के लिए शूटिंग रेंज बना रखी थी। उसने एकेएप के सदस्यों को बुलेटप्रूफ जैकेट और हथियार मुहैया कराए थे। इसके अलावा अमृतपाल की आनंदपुर खालसा फौज में जो लोग शामिल थे उनको सैलरी भी दी जाती थी। तजिंदर उर्फ गोरखा बाबा के फोन से प्रस्तावित खालिस्तान राज्य का लोगो और राज्य प्रतीक के फोटो और वीडियो भी मिले हैं। अमृतपाल ने प्रस्तावित खालिस्तानी डॉलर की कॉपी भी तैयार कराई थी। अमृतपाल खालिस्तान में डॉलर चलाना चाहता था। उसने अपनी करेंसी भी तैयार की है। इसके अलावा आनंदपुर खालसा फौज का होलोग्राम लोगो, हथियारों के साथ एकेएफ के सदस्य और पाकिस्तानी नागरिक का ड्राइविंग लाइंसेस भी फोन पर मिला। 

खालिस्तान का नक्शा भी बनाया, नक्शे में लाहौर व पेशावर भी शामिल l अमृतपाल के गनमैन के मोबाइल से फायरिंग रेंज के वीडियो मिले हैं। अमृतपाल अपने समर्थकों न केवल हथियार चलाने की ट्रेनिंग दे रहा था बल्कि उन्हें हथियार असेंबल करना भी सिखा रहा था। इसके अलावा एकेएफ के सदस्यों को बुलेटप्रूफ जैकेट भी मुहैया कराई गई थी। अमृतपाल ने आनंदपुर साहिब फोर्स की बेल्ट भी तैयार करवा ली थी। इसके अलावा एकेएफ के टैटू और खालिस्तान का झंडा भी तैयार करवा चुका था। गनमैन के मोबाइल से गुरभेज नाम के व्यक्ति के हाथ पर बना एकेएफ का टैटू भी मिला है। पुलिस के अनुसार, तजिंदर ने पूछताछ में माना कि उन्हें बुलेटप्रूफ जैकेट इसी गुरभेज ने लाकर दी थी। अमृतपाल के इरादे इतने बुलंद थे कि उसने खालिस्तान का नक्शा भी तैयार कर लिया था। इन नक्शे में लाहौर और पेशावर भी है।

G News 24 : पाकिस्तानियों को मिर्ची लगी तो वाशिंगटन डीसी में किया हंगामा !

 कश्मीर पर चर्चा से...

पाकिस्तानियों को मिर्ची लगी  तो वाशिंगटन डीसी में किया हंगामा !

पाकिस्तान ने अपनी हरकत से एक बार फिर खुद को शर्मसार किया है. दरअसल, अमेरिका में वॉशिंगटन डीसी के नेशनल प्रेस क्लब में कश्मीर में बदलाव पर चर्चा हो रही थी, तभी कुछ पाकिस्तानी समर्थक वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे. पाकिस्तान को नया कश्मीर पसंद नहीं है. पाकिस्तान को कश्मीर में बदलाव मंजूर नहीं है. और तो और पाकिस्तान को कश्मीर में बदलाव पर चर्चा करना भी गंवारा नहीं है. ये तस्वीर वॉशिंगटन की है. नेशनल प्रेस क्लब में कश्मीर में बदलाव पर चर्चा हो रही थी. लेकिन तभी नापाक मंसूबे लिए कुछ पाकिस्तानी समर्थक वहां पहुंच गए और हंगामा करने लगे. हालांकि, आयोजकों ने फिर हंगामा कर रहे पाकिस्तानियों को बाहर निकाल दिया.

दरअसल पाकिस्तान तिलमिलाया हुआ है. वो कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद से वहां हुए बदलाव को पचा नहीं पाया है  जिस घाटी में आतंक था आज वहां विकास हो रहा है. शांति है. यही पाकिस्तान से बर्दाश्त नहीं हो रहा है. तभी वह अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी हो-हल्ला मचाने पहुंच जाता है। पाकिस्तानी समर्थकों के हंगामा करते समय भी भारत ने बेहद शांत तरीके से जवाब दिया. लेकिन हर जगह मुंह की खाने पर आमादा पाकिस्तान फिर भी बाज नहीं आया. इसके बाद आयोजक ने पाकिस्तानियों को कहा कि थैंक यू! थैंक यू! ईश्वर आपका भला करे. आज यहां बैठे हर इंसान ने आपका असली चेहरा देख लिया है.

गौरतलब है कि पाकिस्तान अक्सर कश्मीर को मुद्दा बनाकर भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है. कश्मीर में विकास हो रहा है. आतंकियों को सफाया हो चुका है. कश्मीर का युवा एजुकेशन हासिल कर रहा है. वहीं, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर तो क्या पूरे पाकिस्तान में हालात बदतर हैं. पूरा पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकट से परेशान है, फिर भी वह अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है.

G.NEWS 24 : नेपाल अकेला ऐसा देश, जो विक्रम संवत से चलता है

ग्रेगोरियन कैलेंडर से विक्रम संवत करीब 57 वर्ष आगे चलता है...

नेपाल अकेला ऐसा देश, जो विक्रम संवत से चलता है

हिंदू नववर्ष यानी विक्रम संवत 2080 की शुरुआत चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि के साथ ही  हो गई है। ऐतिहासिक दृष्टि से भी देखा जाए तो ग्रेगोरियन कैलेंडर से विक्रम संवत करीब 57 वर्ष आगे चलता है। आज दुनिया के अधिकांश देशों में भले ही ग्रेगोरियन कैलेंडर चलन में आ गया है लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में नेपाल ही ऐसा एकमात्र देश में हैं, दो विक्रम संवत के हिसाब से देश को चलाता है। नेपाल की सरकार के साथ-साथ आम जनता ही हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा को ही साल का पहला दिन मानती है और इसी के हिसाब के पूरे कार्यक्रम निर्धारित करती है।

1901 से नेपाल में विक्रम संवत कैलेंडर लागू

नेपाल में आधिकारिक तौर पर विक्रम संवत कैलेंडर का उपयोग 1901 ईस्वी में शुरू किया गया। नेपाल में राणा वंश के राजाओं ने विक्रम संवत को आधिकारिक हिंदू कैलेंडर घोषित किया था। नेपाल में नया साल वैशाख महीने के पहले दिन से शुरू होता है। नेपाल में नए साल के पहले दिन सार्वजनिक अवकाश भी घोषित होता है।

राजा विक्रमादित्य के नाम पर विक्रम संवत कैलेंडर

गौरतलब है कि राजा विक्रमादित्य के नाम पर विक्रम संवत कैलेंडर की शुरुआत की गई थी। संस्कृत में संवत शब्द का अर्थ वर्ष होता है। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर यह माना जाता है कि राजा विक्रमादित्य का जन्म 102 ईसा पूर्व में हुआ था और उनका निधन 15 ईस्वी में हुआ था। भारतीय इतिहास में राजा विक्रमादित्य को यशस्वी राजा के रूप में याद किया जाता है और उन्होंने कई परोपकारी कार्य किए थे। न्यायप्रिय राजा विक्रमादित्य ने देशवासियों को शकों के अत्याचारी शासन से मुक्त किया था। 

विक्रम संवत से पहले चलता था सप्तर्षि संवत

ऐसा माना जाता है कि विक्रम संवत से पहले भारतवर्ष में सप्तर्षि संवत चलन में था। करीब 5000 साल पहले द्वापर युग भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ। इसके बाद श्रीकृष्ण के नाम से संवत प्रचलित हुआ। धार्मिक मान्यता भी है कि द्वापर युग में राजा परीक्षित के निधन के बाद कलयुग की शुरुआत हो गई है। श्रीकृष्ण संवत या सप्तर्षि संवत के करीब 3000 साल बाद विक्रम संवत की शुरुआत हुई, जो आज तक प्रचलित है। सप्तर्षि संवत भारत का प्राचीन संवत माना जाता है, जो करीब 3076 ईसा पूर्व शुरू हुआ था। महाभारत काल तक सप्तर्षि संवत का ही प्रयोग हुआ था। पुराण, महाभारत, राजतरंगिणी, श्रीलंका का प्रसिद्ध ग्रंथ महावंश आदि में सप्तर्षि संवत का जिक्र मिलता है।

नेहरू ने ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया

 1947 में देश जब आजाद हुआ तो शुरुआत में कुछ साल देश में विक्रम संवत ही चलन में था लेकिन साल 1954 में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने विक्रम संवत के स्थान पर ग्रेगोरियन को प्राथमिकता दी। देश में सभी सरकारी कामकाज विक्रम कैलेंडर के स्थान पर ग्रेगोरियन कैलेंडर के हिसाब से होने लगे लेकिन नेपाल ने विक्रम कैलेंडर को अपनाए रखा और आज भी देश में इसी के अनुरूप कामकाज निर्धारित होते हैं।

G News 24 : देश को 14000 करोड़ का चूना लगाने वाले के खाते में अब सिर्फ 236 रुपये

 कंगाल नीरव मोदी पर अब नहीं बचे पिज्जा के भी पैसे ! 

देश को 14000 करोड़ का चूना लगाने वाले के खाते में अब सिर्फ 236 रुपये

पंजाब नेशनल बैंक को 14000 करोड़ का चूना लगाकर लंदन भागने वाला हीरा कारोबारी नीरव मोदी  कंगाल हो गया हैं ! ये भगोड़ा कारोबार इस समय ब्रिटेन की जेल में है। ताजा खबरों के अनुसार कभी यॉट, हीरे और हवाईजहाज का शौख पालने वाले नीरव मोदी के खातों में अब मात्र 236 रुपये ही बचे हैं। नीरव जेल में कर्ज लेकर अपना खर्च चला रहा ह। बताया जा रहा है कि नीरव को करीब 1.47 करोड़ रुपये का जुर्माना भरने के लिए भी रकम उधार लेनी पड़ी थी। करोड़ों रुपये का घोटाला करने वाले नीरव मोदी के दिन इतने बुरे चल रहे है, कि उसके फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड (FIDPL) के एक बैंक खाते में कथित तौर पर सिर्फ 236 रुपये ही बचे हैं। 

कोटक महिंद्रा बैंक ने इस खाते से 2.46 करोड़ रुपये की रकम बकाया आयकर के रूप में एसबीआई को ट्रांसफर की है। साथ ही यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को भी कुल बकाया के एक हिस्से का भुगतान किया है। इन पेमेंट्स के बाद कंपनी के खाते में सिर्फ 236 रुपये रह गए हैं।अब एफआईडीपीएल के लिए नियुक्त लिक्विडेटर ने एक बार फिर विशेष अदालत से पैसा रिलीज करने की मांग की है। लिक्विडेटर ने अदालत को बताया कि उसने यूनियन ऑफ बैंक ऑफ इंडिया को कंपनी के खाते में पड़ी राशि को स्थानांतरित करने के लिए सूचित किया था। अगस्त, 2021 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत कार्रवाई में कोर्ट ने दावाकर्ता पंजाब नेशनल बैंक को FIDPL के लिए नियुक्त लिक्विडेटर के माध्यम से पैसा जारी करने का निर्देश दिया था।

लिक्विडेटर की याचिका के जवाब में विशेष अदालत ने बीते हफ्ते यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र को तीन महीने के भीतर पुराने आदेश का पालन करने और लिक्विडेटर के खाते में पैसा ट्रांसफर करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा कि यह स्पष्ट है कि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने मनमानी की और कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया। को 

150,000 पाउंड से अधिक का उधार

पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट आई थी जिसमें नीरव मोदी ने दावा किया कि उसके पास कोई धन नहीं है और वह अदालत द्वारा आदेशित कानूनी लागत का भुगतान करने के लिए 150,000 पाउंड से अधिक की राशि उधार लेने का सहारा ले रहा है। मोदी की फर्म के बैंक खातों में से केवल 236 शेष है. कोटक महिंद्रा बैंक द्वारा आयकर बकाया के लिए एसबीआई को 2.46 करोड़ हस्तांतरित करने के बाद, दो अन्य बैंकों – यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने देय राशि की कुल राशि का केवल एक हिस्सा स्थानांतरित किया है।

G News 24 : लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों ने किया हमला !

 भारत की फटकार के बाद जागे ब्रिटेन के अफसर...

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग पर खालिस्तानी समर्थकों ने किया हमला !


अमृतपाल पर भारत में हुई कार्यवाही के कारण लंदन में स्थित भारतीय उच्चायोग पर तिरंगा का अपमान करने और तोड़फोड़ की घटना को अंजाम दिया गया था l इसके बाद भारत ने ब्रिटेन को फटकार लगाई है इसके चलते अब ब्रिटेन के अधिकारियों ने घटना पर खेद जताते हुए इसकी निंदा की है। भारत सरकार की तरफ से कड़ी आपत्ति जताए जाने के बाद ब्रिटेन के अधिकारी सतर्क हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को गंभीरता से लिया जाएगा। मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। 

बता दें कि भारत में खाालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई चल रही है। इससे खालिस्तान समर्थक तमतमाए हुए हैं और उनके द्वारा विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है। लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुए विरोध प्रदर्शन भी इन्हीं विरोध प्रदर्शनों का हिस्सा था। यहां खालिस्तानी समर्थकों ने उच्चायोग पर लगे तिरंगा को उतार दिया। खालिस्तानी झंडा फहराने लगे। हालांकि, तुरंत उच्चायोग के एक भारतीय अधिकारी ने खालिस्तानी समर्थकों को ऐसा करने से रोक दिया। बताया जाता है कि खालिस्तानी समर्थकों ने इस दौरान तोड़फोड़ भी की। इस मामले में ब्रिटिश पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है। 

इस घटना के बाद शीर्ष ब्रिटिश अधिकारियों ने कहा है कि ब्रिटेन सरकार यहां भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को 'गंभीरता' से लेगी। अधिकारियों ने उच्चायोग में तोड़फोड़ को अपमानजनक और पूरी तरह से अस्वीकार्य करार दिया। मेट्रोपॉलिटन पुलिस ने कहा कि सुरक्षा कर्मचारियों के दो सदस्यों को मामूली चोटें आईं, जिन्हें अस्पताल में इलाज की आवश्यकता नहीं है। मामले की जांच शुरू हो गई है। उधर, लंदन के मेयर सादिक खान ने इस पूरे घटना की निंदा की। उन्होंने ट्वीट किया, 'इस तरह के व्यवहार के लिए हमारे शहर में कोई जगह नहीं है। भारत में ब्रिटिश उच्चायुक्त एलेक्स एलिस ने भी इस घटना को 'अपमानजनक' बताया। विंबलडन के विदेश कार्यालय मंत्री लॉर्ड तारिक अहमद ने कहा कि वह हैरान हैं और सरकार भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा को "गंभीरता से" लेगी। उन्होंने ट्वीट किया, 'यह उच्चायोग और उसके कर्मचारियों की अखंडता के खिलाफ पूरी तरह से अस्वीकार्य कार्रवाई है।

लंदन में हुई घटना के बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन की उच्चायुक्त को तलब किया है और लंदन में हुई घटना पर नाराजगी जाहिर की है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया कि जिस वक्त भारतीय उच्चायोग परिसर में यह घटना हुई, उस वक्त वहां से सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से नदारद थे। इसे लेकर ब्रिटिश उच्चायुक्त से स्पष्टीकरण मांगा गया है। सरकार ने कहा है कि यह विएना कन्वेंशन का भी उल्लंघन है। सरकार ने ब्रिटिश उच्चायुक्त से घटना के दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। 

खालिस्तानी समर्थकों को भारतीय उच्चायोग के ने ऐसे दिया जवाब

लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग ने खालिस्तानियों को कड़ा जवाब देते हुए एक विशाल तिरंगा उच्चायोग पर लहरा दिया है। बता दें कि रविवार को कुछ खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की कोशिश की और खालिस्तान के समर्थन में नारेबाजी की। हालांकि भारतीय उच्चायोग के एक अधिकारी ने गजब की हिम्मत दिखाते हुए खालिस्तानियों का विरोध किया और खालिस्तानी झंडे को फहराने की कोशिश कर रहे युवक से खालिस्तानी झंडा लेकर फेंक दिया। घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर खूब देखा जा रहा है और लोग भारतीय उच्चायोग के अधिकारी की हिम्मत की तारीफ कर रहे हैं। वहीं घटना के बाद खालिस्तानियों को कड़ा जवाब देते हुए भारतीय उच्चायोग पर एक विशाल तिरंगा झंडा फहराया गया है। 


G News 24 : ग्लोबल वार्मिंग बनेगा अगले सामूहिक विनाश का कारण !

 शोध में हुआ डरावना खुलासा…

ग्लोबल वार्मिंग बनेगा अगले सामूहिक विनाश का कारण !

नई दिल्ली। समुद्र के बारे में पढ़ना और जानना हमेशा से रोचक रहा है। यह भी सवाल उठता रहता है कि क्या समुद्र पृथ्वी पर विनाश ला सकता है। क्या समुद्री जानवर या जीव-जंतु समुद्र से निकलकर इंसानी बस्ती पर कब्जा कर सकते हैं। इन तमाम सवालों का जवाब शोधकर्ता खोजने की कोशिश में लगे रहते हैं। शोधकर्ताओं की एक टीम ने उत्तरी डकोटा और कनाडा के बीच मौजूद 5.18 लाख वर्ग किलोमीटर के बेकेन फॉर्मेशन नाम के इलाके की जांच की।  इस जगह पर उन्हें एक ब्लैक शेल मिला। दरअसल बेकेन फॉर्मेशन अमेरिका का सबसे बड़ा नेचुरल गैस और तेल का खजाना है। लेकिन शोधकर्ताओं के ब्लैक शेल पर किए गए शोध में डरावना खुलासा हुआ है। 

शोध में पता चला है कि समुद्र में बढ़ते जलस्तर में कई बार ऑक्सीजन के स्तर में कमी आई है। इसके साथ ही हाइड्रोजन सल्फाइड के फैलाव में वृद्धि देखी गई। शोधकर्ताओं ने बताया कि इसी वजह से डेवोनियन काल में यानी 41.9 करोड़ साल से 35.89 करोड़ साल तक सामूहिक विनाश की प्रक्रिया दुनिया के अलग-अलग कोनों में चली। रिपोर्ट में बताया गया है कि हाइड्रोजन सल्फाइड तब बनता है जब काई समुद्र तल पर सड़ना शुरू करती है। इस कारण समुद्र में ऑक्सीजन के स्तर में तेजी से बदलाव होता है और इसमें तेजी से कमी आती है। इस शोध के सहलेखक ने बताया कि पहले कई बार हाइड्रोजन सल्फाइड के फैलने से सामूहिक विनाश हो चुका है। 

लेकिन अभी तक इसके प्रभावों पर शोध नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि डेवोनियन काल के दौरान ऐसी मछलियां होती थीं, जिनमें जबड़े नहीं होते थे। इन्हें प्लैकोडर्म्स कहते थे। ये मछलियां विशेष रूप से गोंडवाना और यूरामेरिका में फैली थीं। उस दौरान समुद्र में ट्रिलोबाइट्स और अमोनाइट्स भी काफी मात्रा में थे। जमीन पर फर्न जैसे पौधे भी थे। यही डेवोनियन काल पांच बड़े सामूहिक विनाश का गवाह बना था, जिसका कारण यही था। शोधकर्ताओं ने अपने शोध में डरावने खुलासे करते हुए चेतावनी दी है कि जिस तरह से ग्लोबल वार्मिंग हो रही है। उस हिसाब से अगला महाविनाश समुद्र से ही आएगा।

G.News 24 : जल्द ही अब दो नर भी दे सकेंगे बच्चे को जन्म !

वैज्ञानिकों के हाथ लगी बड़ी सफलता...

जल्द ही अब दो नर भी दे सकेंगे बच्चे को जन्म !

जापान। जापान में पुरुष कोशिकाओं से अंडे पैदा  करके दो जैविक पिताओं की मदद से चूहों को पैदा करके एक बड़ी वैज्ञानिक सफलता हासिल की है। क्यूशू विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने मानव प्रजनन  के लिए नई संभावनाएं खोज रहे वैज्ञानिकों ने एक ताजा रिपोर्ट में कहा है कि, ‘यह बांझपन के गंभीर रूपों और भविष्य में बच्चे पैदा करने में सक्षम होने वाले समलैंगिक जोड़ों के इलाज का मार्ग भी प्रशस्त कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक  क्यूशू विश्वविद्यालय में अग्रणी कार्य का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर कात्सुहिको हयाशी ने कहा कि पुरुष कोशिकाओं से मजबूत स्तनपायी अंडाणु बनाने का यह पहला मामला है। प्रोफेसर हयाशी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयोगशाला में विकसित अंडे और शुक्राणु के क्षेत्र में प्रसिद्ध हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने लंदन में फ्रांसिस क्रिक संस्थान में मानव जीनोम संपादन पर अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में अपने निष्कर्ष प्रस्तुत किए।प्रोफेसर हयाशी ने दावा किया कि एक दशक के भीतर एक पुरुष त्वचा कोशिका से एक मानव अंडा बनाना संभव होगा।

वैज्ञानिकों ने तकनीकों का उपयोग करके 600 प्रत्यारोपण बनाए, लेकिन केवल सात पिल्ले पैदा हुए और स्वस्थ जीवन जीते रहे और उनकी खुद की संतानें हुईं। हालांकि, यह पहली बार नहीं है जब इस तरह की कोशिश की गई है।एक रिपोर्ट में कहा है कि एक पुरुष माउस की त्वचा कोशिका से एक स्टेम सेल बनाना और फिर वाई क्रोमोसोम को हटाना और एक्स क्रोमोसोम को डुप्लीकेट करना, जिससे यह एक अंडे में बदल जाता है।

G News 24 :25 हजार रुपये प्रतिघंटा कमाती है करोड़पति नौकरानी

 बुकिंग के लिए वेटिंग लिस्ट में रहते हैं लोग…

25 हजार रुपये प्रतिघंटा कमाती है करोड़पति नौकरानी

फ्लोरिडा। एक लड़की सिर्फ झाड़ू पोछा लगाकर ही करोड़ों कमा लेती है। अमेरिका के फ्लोरिडा में रहने वाली 22 साल की लडकी सम्मी इन दिनों काफी चर्चा में है। ये लड़की एक घंटे की सफाई करने के बदले करीब 25 हजार रुपये चार्ज करती है। सबसे हैरानी की बात तो ये है कि इतनी महंगी फीस होने के बाद भी लोग सम्मी की बुकिंग के लिए वेटिंग लिस्ट में रहते हैं। अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर क्यों इस नौकरानी को इतनी महंगी सैलरी दी जाती है? दरअसल, सम्मी की सफाई के पीछे एक ख़ास तरीका है। दरअसल, ये नौकरानी घर की साफ़-सफाई टॉपलेस होकर करती है। 

जी हां, सम्मी को टॉपलेस मेड के नाम से बुलाया जाता है। इसकी एक दिन की कमाई करीब दो हजार डॉलर यानी भारतीय करेंसी के मुताबिक, डेढ़ लाख रुपये के ऊपर है। जबकि एक घंटे के लिए सम्मी लोगों से तीन सौ डॉलर यानी करीब पच्चीस हजार चार्ज करती है। बुकिंग के बाद सम्मी किसी आम नौकरानी की ही तरह घर की सफाई, झाड़ू और पोछा लगाती है। लेकिन सिर्फ बिना टॉप पहने।अपनी इस कमाई की जानकारी खुद सम्मी ने दी। उसने बताया कि टॉपलेस मेड की काफी डिमांड है। वो बिना कपड़ों के सफाई करती है।

एल्कीन इसका मतलब ये नहीं है कि वो कोई वल्गर काम कर रही है। लोगों को उसे बिना कपड़ों में सफाई करते देखना पसंद है और वो इसी के जरिये पैसे कमाती है। कई बार उसके काम से खुश होकर लोग उसे अच्छी खासी टिप भी दे देते हैं। मालूम हो कि आज के समय में कई लोग बेरोजगार घूम रहे हैं। पढ़े-लिखे लोग कम पैसे में ही काम करने को तैयार हो जाते हैं। वजह है दुनिया में काम की कमी। कई कंपनियां अब अपने कर्मचारियों को ले ऑफ कर रही है। लेकिन इस बीच कई लोगों ने अपने लिए नए जॉब के अवसर भी खोल लिए हैं।

G News 24 : पाकिस्तान को आईएमएफ ने बंधक बना रखा है : शहबाज शरीफ

 छलका पाकिस्तान का दर्द…

पाकिस्तान को आईएमएफ ने बंधक बना रखा है : शहबाज शरीफ

इस्लामाबाद। कई महीनों से पाकिस्तान आईएमएफ से मनुहार कर रहा है, पर लोन नहीं मिल रहा हैं। इस साल की शुरुआत में आईएमएफ की टीम करीब दो सप्ताह तक इस्लामाबाद में डेरा डाले रही और पाकिस्तान के तमाम विभागों की फाइलें तक चेक कर डाली। लेकिन इसके बाद भी लोन देने का वादा नहीं किया और देश से वापस लौट गईं। वहीं पाकिस्तान पर आर्थिक संकट इतना बढ़ता जा रहा है कि आईएमएफ का लोन नहीं मिला, तब वह कर्ज की किस्तें भी नहीं चुका सकेगा। 

इस बीच पाकिस्तान की सत्ताधारी पार्टी की नेता और पीएम शहबाज शरीफ की भतीजी मरियम नवाज ने भी आईएमएफ पर गुस्सा जाहिर किया है।उन्होंने कहा कि आज पाकिस्तान को आईएमएफ ने बंधक बना रखा है। मरियम ने कहा, आईएमएफ हम पर भरोसा नहीं कर रहा है। पाकिस्तान आईएमएफ का बंधक बन गया है और वह हमसे एक कॉलोनी की तरह ट्रीट कर रहा है। हम उसके चंगुल से बाहर निकलना भी चाहें, तब मौजूदा हालात में ऐसा नहीं कर सकते। हालांकि मरियम ने इस हालात के लिए पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया। मरियम ने कहा कि इमरान के चलते आज हम एक अरब रुपये की भीख तक मांग रहे हैं। 

उन्होंने अपने पिता और पूर्व पीएम नवाज शरीफ की सरकार से इमरान की तुलना कर कहा कि उन्होंने देश को बर्बादी की राह पर खड़ा कर दिया है। मरियम ने कहा कि इमरान को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए। पूर्व पीएम की बेटी ने कहा, इमरान कार्यकर्ताओं के पीछे क्यों छिप रहे हैं? वह फिर से पीएम बनना चाहते हैं। मैं उनसे पूछना चाहती हूं कि आखिर उन्होंने ऐसा किया क्या है, कि लोग उन्हें फिर से प्रधानमंत्री बना दें। इमरान खान ने पहले कुछ जनरलों से समर्थन की कोशिश की थी। अब वह न्यायपालिका के सहारे की कोशिश में हैं।