विभागीय अधिकारियों की बैठक में योजनाओं की समीक्षा...
बाल संरक्षण के मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ निराकृत किया जाए : श्री शर्मा
ग्वालियर। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव डॉ. संजीव कुमार शर्मा ने बाल संरक्षण के संबंध में समीक्षा के दौरान कहा कि बालकों से संबंधित मुद्दों को संवेदनशीलता के साथ समाधान किया जाना चाहिए। उन्होंने बाल अधिकारों के क्षेत्र में संचालित विभिन्न कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा भी की। इसके साथ ही संबंधित विभागीय अधिकारियों को बाल संरक्षण आयोग द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों का संवेदनशीलता के साथ निराकरण करने की बात भी कही। कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण के संबंध में आयोजित बैठक में कलेक्टर रुचिका चौहान, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह, सीईओ जिला पंचायत सोजान सिंह रावत सहित कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास उपासना राय, जिला शिक्षा अधिकारी श्री चतुर्वेदी सहित बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र से जुड़े विभागीय अधिकारी एवं बाल संरक्षण आयोग के पदाधिकारी उपस्थित थे।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण के सदस्य सचिव डॉ. संजीव शर्मा ने ग्वालियर जिले में बाल अधिकारों के क्षेत्र में किए गए नवाचार की सराहना की। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण के लिये अनुकूल प्रशासनिक तंत्र, त्वरित सहायता प्रणाली और विभागीय समन्वय को सुदृढ़ किया जाना चाहिए। उन्होंने बाल संरक्षण के क्षेत्र में ग्वालियर जिले में किए गए नवचारों की प्रशंसा करते हुए ग्वालियर की तर्ज पर ही आयोग के माध्यम से अन्य जिलों में लागू करने की इच्छा जाहिर की। इसके साथ ही प्रदेश भर में पुलिस विभाग के माध्यम से संचालित मुस्कान अभियान के तहत पुलिस विभाग द्वारा घर-घर जाकर लोगों को महिला संरक्षण एवं बाल संरक्षण के संबंध में जागरूक करने के लिये किए जा रहे कार्यों की भी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण के लिये जन जागरूकता सबसे महत्वपूर्ण पहलू है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने ग्वालियर जिले में महिला संरक्षण एवं बाल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ग्वालियर जिले में बाल मित्र कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों को काउंसलिंग का कार्य किया जा रहा है। पॉस्को एक्ट के बारे में भी जन जागरूकता के लिये जिले में निरंतर स्कूलों में कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने आयोग से आग्रह किया कि बच्चों को गोद लेने की जो प्रक्रिया है उसका सरलीकरण किया जाना चाहिए ताकि अधिक से अधिक बच्चों को गोद लेने की प्रक्रिया की जा सके। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक धर्मवीर सिंह ने मुस्कान अभियान के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत जिले भर में पुलिस अधिकारियों के माध्यम से महिला संरक्षण एवं बाल संरक्षण के संबंध में जनजागरूकता लाने का कार्य किया जा रहा है। बैठक में आयोग के माध्यम से किए गए प्रयासों के संबंध में भी जानकारी दी गई। पिछले 6 माह में आयोग द्वारा 26 हजार से अधिक शिकायतों का निराकरण, 2800 से अधिक बच्चों को बाल श्रम से मुक्ति, 2400 से अधिक बच्चों का पुनर्वास करने के साथ-साथ लगभग 2000 बच्चों को उनके गृह जिलों में सुरक्षित वापस भेजा गया है। आयोग ने शिकायतों के प्रभावी निराकरण के लिये एआई आधारित तकनीक, उन्नत शिकायत प्रबंधन मंच तथा पॉस्को अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम, आईटीआई एवं बाल स्वास्थ्य से संबंधित विषयों पर व्यापक जागरूकता कार्यक्रम लागू किए हैं।
बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष सोमेश महंत द्वारा जिले में नशा मुक्ति केन्द्र न होने के कारण नशे में लिप्त बालकों की समस्याओं के निराकरण में दिक्कतों का सामन करना पड़ रहा है। आयोग के माध्यम से जिले में नशा मुक्ति केन्द्र भी स्थापित किया जाना चाहिए। बैठक के प्रारंभ में कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास उपासना राय ने महिला एवं बाल विकास विभाग व शिक्षा विभाग के माध्यम से बाल संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की प्रजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्य सचिव डॉ. संजीव शर्मा एवं उनकी टीम ने ग्वालियर भ्रमण के दौरान जिले में संचालित बाल देखरेख संस्था, प्रगति मंडल, महिला मंडल, विशेष दत्तक ग्रहण अभिकरण का भ्रमण कर बालकों के हितार्थ उपलब्ध कराई जा रहीं सेवाओं का भी अवलोकन किया।










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