चुनावों में कांग्रेस ने पानी के बिलों माफ़ी का किया था वादा...
महापौर का पानी बिल माफी वाला वादा रहा अधूरा,अब निगम बिल की वसूली का बना रहा है दबाब !
ग्वालियर। विगत महापौर के चुनावों में कांग्रेस द्वारा पानी के बिलों को माफ तीन साल का बिल देकर पूरा पैसा माफ करने का वादा किया था। इसी वादे पर महापौर डा शोभा सतीश सिकरवार जीत भी गई, लेकिन भाजपा की राज्य सरकार के चलते अब महापौर का वादा ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। वहीं अब निगम ने पानी के बिलों की वसूली तेज कर दी है। इसे देख अब लोग वसूली को परेशानी मानने लगे है। वहीं महापौर ने अपने वादे के अनुसार बिल को कम कर समाप्त करने का प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेज दिया है लेकिन राज्य शासन ने उक्त प्रस्ताव को कांग्रेस की महापौर होने के कारण ठंडे बस्ते में डाल दिया है।
ग्वालियर महानगर में कई वर्षो से लोगों ने पानी के बिल किन्ही कारणों से जमा नहीं किये है। ऐसा करने के बाद उनके बिल भारी भरकम हो गये। यह स्थिति गली मोहल्लों से लेकर कालोनियों की है। पहले भी कभी कभी निगम द्वारा वसूली का प्रयास किया गया था। लेकिन कोई हल नहीं निकला। महापौर के कार्यकाल को भी अब लगभग तीन साल पूरे होने जा रहे है। इस बीच महापौर डा शोभा सिकरवार द्वारा अपने वादे के मुताबिक प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन की ओर भेजा था, लेकिन राज्य सरकार ने प्रस्ताव को ठंडे बस्ते में डाल दिया। अब राज्य सरकार के कानों पर पानी बिलों को लेकर जूं तक नहीं रेंग रही है।
उधर निगम की आय कम होने पर अब निगम ने भी पानी के भारी भरकम बिलों की वसूली शुरू कर दी है। इसे देखते हुये लोग अब परेशान होने लगे है और अपने बिलों को लेकर निगम के चक्कर काट रहे है या फिर वह मंत्री विधायकों के यहां जाकर अपने बिल को लेकर गुहार लगा रहे है। लेकिन मंत्री और बिधायक भी पानी बिलों को लेकर कोई स्पष्ट बात नहीं कह पा रहे है। और लोग बिलों को लेकर अब मानसिक रूप से परेशान है। क्योंकि निगम के अधिकारियों को पानी बिल की वसूली का टारगेट दिया गया है। वह भी अपना टारगेट ऐन केन प्रकारेण पूरा करने में लगे है।










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